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Congratulations!!!" 1857 की क्रांति "
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Question 1 of 46
1. Question
1 points
मार्च 1858 में निम्नलिखित में से किसने 1857 के विद्रोह का संदर्भ लेते हुए झाँसी की घेराबन्दी की?
Correct
व्याख्या-
झांसी में विद्रोह का नेतृत्व गंगाधर राव की विधवा लक्ष्मीबाई ने किया ।
लक्ष्मीबाई अपने दत्तक पुत्र दामोदार राव को गद्दी न दिये जाने से नाराज थीं
23 मार्च, 1858 ई.को सर ह्यूरोज ने झांसी को घेर लिया।
रानी वहां से निकलकर पहले काल्पी और फिर ग्वालियर पहुंची।
लक्ष्मीबाई ग्वालियर में ह्यूरोज से युद्ध करती हुई 17 जून, 1858 ई. को वीरगति को प्राप्त हुई।
ह्यूरोज का कथन – कि भारतीय क्रान्तिकारियों में लक्ष्मीबाई अकेली मर्द है।
झांसी के विद्रोह को ह्यूरोज ने दबाया।
Incorrect
व्याख्या-
झांसी में विद्रोह का नेतृत्व गंगाधर राव की विधवा लक्ष्मीबाई ने किया ।
लक्ष्मीबाई अपने दत्तक पुत्र दामोदार राव को गद्दी न दिये जाने से नाराज थीं
23 मार्च, 1858 ई.को सर ह्यूरोज ने झांसी को घेर लिया।
रानी वहां से निकलकर पहले काल्पी और फिर ग्वालियर पहुंची।
लक्ष्मीबाई ग्वालियर में ह्यूरोज से युद्ध करती हुई 17 जून, 1858 ई. को वीरगति को प्राप्त हुई।
ह्यूरोज का कथन – कि भारतीय क्रान्तिकारियों में लक्ष्मीबाई अकेली मर्द है।
झांसी के विद्रोह को ह्यूरोज ने दबाया।
Unattempted
व्याख्या-
झांसी में विद्रोह का नेतृत्व गंगाधर राव की विधवा लक्ष्मीबाई ने किया ।
लक्ष्मीबाई अपने दत्तक पुत्र दामोदार राव को गद्दी न दिये जाने से नाराज थीं
23 मार्च, 1858 ई.को सर ह्यूरोज ने झांसी को घेर लिया।
रानी वहां से निकलकर पहले काल्पी और फिर ग्वालियर पहुंची।
लक्ष्मीबाई ग्वालियर में ह्यूरोज से युद्ध करती हुई 17 जून, 1858 ई. को वीरगति को प्राप्त हुई।
ह्यूरोज का कथन – कि भारतीय क्रान्तिकारियों में लक्ष्मीबाई अकेली मर्द है।
झांसी के विद्रोह को ह्यूरोज ने दबाया।
Question 2 of 46
2. Question
1 points
1857 के विद्रोह के उपरान्त इलाहाबाद में एक दरबार में किसने भारत की सरकार को ग्रेट ब्रिटेन की सर्वोच्च सत्ता द्वारा अधिगृहीत किए जाने की घोषणा की
Correct
व्याख्या-
1857 ई. के विद्रोह के समय भारत का वायसराय लार्ड कैनिंग था
1857 ई. का विद्रोह असफल रहा।
1857 ई. के विद्रोह के बाद मुगल साम्राज्य सदा-सदा के लिए समाप्त हो गया
महारानी विक्टोरियां ने कम्पनी का शासन अपने हाथ में ले लिया।
लार्ड कैनिंग ने 1 नवम्बर, 1858 ई. को इलाहाबाद के मिण्टो-पार्क में अपना दरबार लगाया और महारानी विक्टोरिया का घोषणा-पत्र पढ़ा।
Incorrect
व्याख्या-
1857 ई. के विद्रोह के समय भारत का वायसराय लार्ड कैनिंग था
1857 ई. का विद्रोह असफल रहा।
1857 ई. के विद्रोह के बाद मुगल साम्राज्य सदा-सदा के लिए समाप्त हो गया
महारानी विक्टोरियां ने कम्पनी का शासन अपने हाथ में ले लिया।
लार्ड कैनिंग ने 1 नवम्बर, 1858 ई. को इलाहाबाद के मिण्टो-पार्क में अपना दरबार लगाया और महारानी विक्टोरिया का घोषणा-पत्र पढ़ा।
Unattempted
व्याख्या-
1857 ई. के विद्रोह के समय भारत का वायसराय लार्ड कैनिंग था
1857 ई. का विद्रोह असफल रहा।
1857 ई. के विद्रोह के बाद मुगल साम्राज्य सदा-सदा के लिए समाप्त हो गया
महारानी विक्टोरियां ने कम्पनी का शासन अपने हाथ में ले लिया।
लार्ड कैनिंग ने 1 नवम्बर, 1858 ई. को इलाहाबाद के मिण्टो-पार्क में अपना दरबार लगाया और महारानी विक्टोरिया का घोषणा-पत्र पढ़ा।
Question 3 of 46
3. Question
1 points
1857 के विप्लव के संदर्भ में सिपाही विद्रोह के कारण थे
ब्रिटिश भारतीय सेना में यूरोपीय तथा भारतीय दलों की संख्या में असमानता
जनरल सर्विस एनालिस्टमेंट एक्ट के अंतर्गत बंगाल आर्मी के सभी रंगरुटों को भारत के भीतर अथवा बाहर सेवा के लिए तत्पर रहने का आदेश
एनफील्ड राइफल का समाविष्ट करना
उपरोक्त में से कौन से सहीं हैं
Correct
व्याख्या-
1857 ई के सिपाही विद्रोह के अनेक कारण थे।
तात्कालिक कारणइसकी शुरूआत पुरानी ब्राउन बैस बन्दूक के स्थान पर नई इनफील्ड राइफल को समाविष्ट करने से हुई।
इनफील्ड राइफलों में चर्बी वाले कारतूसों का प्रयोग किया गया।
जनरल सर्विस एनालिस्टमेंट एक्ट के अन्तर्गत बंगाल आर्मी के सभी रंगरूटों का भारत के भीतर अथवा बाहर सेवा के लिए तत्पर रहना पड़ता था।
जबकि प्राचीन मान्यता थी कि समुद्र पार यात्रा करने से धर्म भ्रष्ट हो जाता था।
इसी कारण भारतीय सैनिकों के एक बटालियन ने वर्मा जाने से इनकार कर दिया था।
Incorrect
व्याख्या-
1857 ई के सिपाही विद्रोह के अनेक कारण थे।
तात्कालिक कारणइसकी शुरूआत पुरानी ब्राउन बैस बन्दूक के स्थान पर नई इनफील्ड राइफल को समाविष्ट करने से हुई।
इनफील्ड राइफलों में चर्बी वाले कारतूसों का प्रयोग किया गया।
जनरल सर्विस एनालिस्टमेंट एक्ट के अन्तर्गत बंगाल आर्मी के सभी रंगरूटों का भारत के भीतर अथवा बाहर सेवा के लिए तत्पर रहना पड़ता था।
जबकि प्राचीन मान्यता थी कि समुद्र पार यात्रा करने से धर्म भ्रष्ट हो जाता था।
इसी कारण भारतीय सैनिकों के एक बटालियन ने वर्मा जाने से इनकार कर दिया था।
Unattempted
व्याख्या-
1857 ई के सिपाही विद्रोह के अनेक कारण थे।
तात्कालिक कारणइसकी शुरूआत पुरानी ब्राउन बैस बन्दूक के स्थान पर नई इनफील्ड राइफल को समाविष्ट करने से हुई।
इनफील्ड राइफलों में चर्बी वाले कारतूसों का प्रयोग किया गया।
जनरल सर्विस एनालिस्टमेंट एक्ट के अन्तर्गत बंगाल आर्मी के सभी रंगरूटों का भारत के भीतर अथवा बाहर सेवा के लिए तत्पर रहना पड़ता था।
जबकि प्राचीन मान्यता थी कि समुद्र पार यात्रा करने से धर्म भ्रष्ट हो जाता था।
इसी कारण भारतीय सैनिकों के एक बटालियन ने वर्मा जाने से इनकार कर दिया था।
Question 4 of 46
4. Question
1 points
सूची । (1857 का विद्रोह-ब्रिटिश सेनापति) को सूची ॥ (युद्ध स्थल) के साथ सुमेलित कीजिए और सूचियों के नीचे दिये गये कूटों का प्रयोग करते हुए सही उत्तर चुनिए
सूची। सूची ॥
A जॉन निकलसन 1. लखनऊ
B कॉलिन कैम्पबेल .2. झांसी
C हैवलॉक 3. दिल्ली
D ह्यूरोज 4. कानपुर
Correct
व्याख्या-
******1857 के विद्रोह का प्रारम्भ मेरठ से हुआ।
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
बैरकपुर (29 मार्च 1857)
मंगल पाण्डेय
–
मेरठ (10 मई 1857)
–
–
दिल्ली (11/12 मई 1857)
बहादुर जफ़र(रंगून को निर्वासित) , नवाब हमीद अलीखान ,बख्त खां ,जीनत महल
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी (4/5 जून 1857)
रानी लक्ष्मीबाई(17 जून, 1858०) को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।)
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद (6 जून 1857)
लियाकत अली
कर्नल नील
ग्वालियर (4/5 जून 1857)
तात्या टोपे(गिरफ्तार हुआ, फांसी पर लटका)
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर (12 जून 1857)
कुंवर सिंह –एक मात्र ऐसे विद्रेही थे जिन्होंने अंग्रेजों को पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक हुई।
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड(31 मई 1857)
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ(4 जून 1857)
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर (5 जून 1857)
नाना साहब(नेपाल पालायित ) –पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक था
कैंपबेल 16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुन अधिकार हो गया।
अवध
मौलवी अहमदुल्लाह
–
फैजाबाद (30 जून 1857)
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
असम
मनीराम दीवान
–
Incorrect
व्याख्या-
******1857 के विद्रोह का प्रारम्भ मेरठ से हुआ।
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
बैरकपुर (29 मार्च 1857)
मंगल पाण्डेय
–
मेरठ (10 मई 1857)
–
–
दिल्ली (11/12 मई 1857)
बहादुर जफ़र(रंगून को निर्वासित) , नवाब हमीद अलीखान ,बख्त खां ,जीनत महल
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी (4/5 जून 1857)
रानी लक्ष्मीबाई(17 जून, 1858०) को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।)
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद (6 जून 1857)
लियाकत अली
कर्नल नील
ग्वालियर (4/5 जून 1857)
तात्या टोपे(गिरफ्तार हुआ, फांसी पर लटका)
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर (12 जून 1857)
कुंवर सिंह –एक मात्र ऐसे विद्रेही थे जिन्होंने अंग्रेजों को पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक हुई।
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड(31 मई 1857)
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ(4 जून 1857)
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर (5 जून 1857)
नाना साहब(नेपाल पालायित ) –पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक था
कैंपबेल 16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुन अधिकार हो गया।
अवध
मौलवी अहमदुल्लाह
–
फैजाबाद (30 जून 1857)
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
असम
मनीराम दीवान
–
Unattempted
व्याख्या-
******1857 के विद्रोह का प्रारम्भ मेरठ से हुआ।
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
बैरकपुर (29 मार्च 1857)
मंगल पाण्डेय
–
मेरठ (10 मई 1857)
–
–
दिल्ली (11/12 मई 1857)
बहादुर जफ़र(रंगून को निर्वासित) , नवाब हमीद अलीखान ,बख्त खां ,जीनत महल
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी (4/5 जून 1857)
रानी लक्ष्मीबाई(17 जून, 1858०) को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।)
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद (6 जून 1857)
लियाकत अली
कर्नल नील
ग्वालियर (4/5 जून 1857)
तात्या टोपे(गिरफ्तार हुआ, फांसी पर लटका)
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर (12 जून 1857)
कुंवर सिंह –एक मात्र ऐसे विद्रेही थे जिन्होंने अंग्रेजों को पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक हुई।
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड(31 मई 1857)
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ(4 जून 1857)
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर (5 जून 1857)
नाना साहब(नेपाल पालायित ) –पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक था
कैंपबेल 16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुन अधिकार हो गया।
अवध
मौलवी अहमदुल्लाह
–
फैजाबाद (30 जून 1857)
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
असम
मनीराम दीवान
–
Question 5 of 46
5. Question
1 points
निम्न में से 1857 के विद्रोह से संबंधित नहीं था
Correct
व्याख्या-
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
दिल्ली
बहादुर जफ़र
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी
रानी लक्ष्मीबाई
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद
लियाकत अली
कर्नल नील
ग्वालियर
तात्या टोपे
ह्यूरोज
बिहार
कुंवर सिंह
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर
नाना साहब
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
फैजाबाद
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
******* अशफाक उल्ला खाँ को काकोरी षड्यंत्र (1925 ई.) में फांसी दी गयी थी।
Incorrect
व्याख्या-
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
दिल्ली
बहादुर जफ़र
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी
रानी लक्ष्मीबाई
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद
लियाकत अली
कर्नल नील
ग्वालियर
तात्या टोपे
ह्यूरोज
बिहार
कुंवर सिंह
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर
नाना साहब
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
फैजाबाद
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
******* अशफाक उल्ला खाँ को काकोरी षड्यंत्र (1925 ई.) में फांसी दी गयी थी।
Unattempted
व्याख्या-
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
दिल्ली
बहादुर जफ़र
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी
रानी लक्ष्मीबाई
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद
लियाकत अली
कर्नल नील
ग्वालियर
तात्या टोपे
ह्यूरोज
बिहार
कुंवर सिंह
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर
नाना साहब
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
फैजाबाद
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
******* अशफाक उल्ला खाँ को काकोरी षड्यंत्र (1925 ई.) में फांसी दी गयी थी।
Question 6 of 46
6. Question
1 points
1857 के विद्रोह से संबंधित निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
विद्रोहियों का कोई स्वयं राजनैतिक परिप्रेक्ष्य नहीं था।
जीनत महल ने अंग्रेजों से अपनी सुरक्षा के लिए संधि वार्ता की।
विद्रोहियों को मौलवी अहमद उल्ला द्वारा नेतृत्व प्रदान किया गया।
केन्द्रीय नेतृत्व द्वारा विश्वासघात के कारण विद्रोही असफल हो गये।
इनमें से कौन से कथन सही है.
Correct
व्याख्या–
1857 ई. का विद्रोह मेरठ से शुरू होकर शीघ्र हा पूर भारत में फैल गया।
विद्रोहियों ने बहादुर शाह को अपना नेता मानते हुए विद्रोह का विगुल बजा दिया।
केन्द्रीय नेतृत्व कमजोर होने के बावजूद विश्वासघाती नहीं था
बहादुर शाह का रानी जीनत महल ने अंग्रेजों से अपनी सुरक्षा के लिए संधि वार्ता की।
फैजाबाद में मौलवी अहमद उल्ला ने विद्रोह का नेतृत्व किया।
Incorrect
व्याख्या–
1857 ई. का विद्रोह मेरठ से शुरू होकर शीघ्र हा पूर भारत में फैल गया।
विद्रोहियों ने बहादुर शाह को अपना नेता मानते हुए विद्रोह का विगुल बजा दिया।
केन्द्रीय नेतृत्व कमजोर होने के बावजूद विश्वासघाती नहीं था
बहादुर शाह का रानी जीनत महल ने अंग्रेजों से अपनी सुरक्षा के लिए संधि वार्ता की।
फैजाबाद में मौलवी अहमद उल्ला ने विद्रोह का नेतृत्व किया।
Unattempted
व्याख्या–
1857 ई. का विद्रोह मेरठ से शुरू होकर शीघ्र हा पूर भारत में फैल गया।
विद्रोहियों ने बहादुर शाह को अपना नेता मानते हुए विद्रोह का विगुल बजा दिया।
केन्द्रीय नेतृत्व कमजोर होने के बावजूद विश्वासघाती नहीं था
बहादुर शाह का रानी जीनत महल ने अंग्रेजों से अपनी सुरक्षा के लिए संधि वार्ता की।
फैजाबाद में मौलवी अहमद उल्ला ने विद्रोह का नेतृत्व किया।
Question 7 of 46
7. Question
1 points
निम्नलिखित में से किसने बरेली में 1857 के विद्रोह का नेतृत्व किया |
Correct
व्याख्या-
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
दिल्ली
बहादुर जफ़र
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी
रानी लक्ष्मीबाई
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद
लियाकत अली
कर्नल नील
ग्वालियर
तात्या टोपे
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर
कुंवर सिंह
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर
नाना साहब
कैंपबेल ,
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
फैजाबाद
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
Incorrect
व्याख्या-
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
दिल्ली
बहादुर जफ़र
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी
रानी लक्ष्मीबाई
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद
लियाकत अली
कर्नल नील
ग्वालियर
तात्या टोपे
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर
कुंवर सिंह
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर
नाना साहब
कैंपबेल ,
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
फैजाबाद
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
Unattempted
व्याख्या-
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
दिल्ली
बहादुर जफ़र
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी
रानी लक्ष्मीबाई
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद
लियाकत अली
कर्नल नील
ग्वालियर
तात्या टोपे
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर
कुंवर सिंह
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर
नाना साहब
कैंपबेल ,
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
फैजाबाद
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
Question 8 of 46
8. Question
1 points
निम्नलिखित में से कौन नाना साहब पेशवा का मंत्री तथा प्रमुख सलाहकार था?
Correct
व्याख्या-
1857 के विद्रोह में कानपुर में विद्रोह का नेतृत्व अन्तिम पेशवा बाजीराव द्वितीय-का दत्तक पुत्र नाना साहब ने किया।
नाना साहब का मंत्री तथा प्रमुख सलाहकार अजीमउल्लाह खान था।
नाना ने अपने पेंशन के सम्बन्ध में पैरवी करने के लिए अजीमउल्ला खाँ को इंग्लैण्ड भेजा था।
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
कानपुर
नाना साहब
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
Incorrect
व्याख्या-
1857 के विद्रोह में कानपुर में विद्रोह का नेतृत्व अन्तिम पेशवा बाजीराव द्वितीय-का दत्तक पुत्र नाना साहब ने किया।
नाना साहब का मंत्री तथा प्रमुख सलाहकार अजीमउल्लाह खान था।
नाना ने अपने पेंशन के सम्बन्ध में पैरवी करने के लिए अजीमउल्ला खाँ को इंग्लैण्ड भेजा था।
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
कानपुर
नाना साहब
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
Unattempted
व्याख्या-
1857 के विद्रोह में कानपुर में विद्रोह का नेतृत्व अन्तिम पेशवा बाजीराव द्वितीय-का दत्तक पुत्र नाना साहब ने किया।
नाना साहब का मंत्री तथा प्रमुख सलाहकार अजीमउल्लाह खान था।
नाना ने अपने पेंशन के सम्बन्ध में पैरवी करने के लिए अजीमउल्ला खाँ को इंग्लैण्ड भेजा था।
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
कानपुर
नाना साहब
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
Question 9 of 46
9. Question
1 points
सूची । को सूची ॥ से सुमेलित कीजिए और सूचियों के नीचे दिए गये कूट का प्रयोग करते हुए सही उत्तर चुनिए
सूची। सूची ॥
A रानी लक्ष्मी बाई 1. ग्वालियर
B मौलवी अहमदुल्लाह 2. कानपुर
C नाना साहेब 3. फैजाबाद
D कुँवर सिंह 4. जगदीशपुर
Correct
व्याख्या–
******1857 के विद्रोह का प्रारम्भ मेरठ से हुआ।
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
दिल्ली
बहादुर जफ़र
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी
रानी लक्ष्मीबाई
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद
लियाकत अली
कर्नल नील
ग्वालियर
तात्या टोपे
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर
कुंवर सिंह –एक मात्र ऐसे विद्रेही थे जिन्होंने अंग्रेजों को पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक हुई।
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर
नाना साहब –पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक था
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
फैजाबाद
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
Incorrect
व्याख्या–
******1857 के विद्रोह का प्रारम्भ मेरठ से हुआ।
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
दिल्ली
बहादुर जफ़र
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी
रानी लक्ष्मीबाई
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद
लियाकत अली
कर्नल नील
ग्वालियर
तात्या टोपे
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर
कुंवर सिंह –एक मात्र ऐसे विद्रेही थे जिन्होंने अंग्रेजों को पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक हुई।
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर
नाना साहब –पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक था
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
फैजाबाद
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
Unattempted
व्याख्या–
******1857 के विद्रोह का प्रारम्भ मेरठ से हुआ।
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
दिल्ली
बहादुर जफ़र
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी
रानी लक्ष्मीबाई
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद
लियाकत अली
कर्नल नील
ग्वालियर
तात्या टोपे
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर
कुंवर सिंह –एक मात्र ऐसे विद्रेही थे जिन्होंने अंग्रेजों को पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक हुई।
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर
नाना साहब –पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक था
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
फैजाबाद
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
Question 10 of 46
10. Question
1 points
इंडियन वार ऑफ इण्डीपेन्डेन्स, 1857 के लेखक है
Correct
व्याख्या.
लन्दन के ‘इंडिया हाउस’ में वीर सावरकर ने 1857 के विद्रोह के पचास वर्ष पूरे होने पर इसकी स्वर्ण जयन्ती मनायी।
वीर सावरकर ने 1907 में पुस्तक ‘इंडियन वार ऑफ इंडिपेन्डेस, 1857 लिखी।
इस पुस्तक में 1857 के विद्रोह को सावरकर ने भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की संज्ञा दी।
Incorrect
व्याख्या.
लन्दन के ‘इंडिया हाउस’ में वीर सावरकर ने 1857 के विद्रोह के पचास वर्ष पूरे होने पर इसकी स्वर्ण जयन्ती मनायी।
वीर सावरकर ने 1907 में पुस्तक ‘इंडियन वार ऑफ इंडिपेन्डेस, 1857 लिखी।
इस पुस्तक में 1857 के विद्रोह को सावरकर ने भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की संज्ञा दी।
Unattempted
व्याख्या.
लन्दन के ‘इंडिया हाउस’ में वीर सावरकर ने 1857 के विद्रोह के पचास वर्ष पूरे होने पर इसकी स्वर्ण जयन्ती मनायी।
वीर सावरकर ने 1907 में पुस्तक ‘इंडियन वार ऑफ इंडिपेन्डेस, 1857 लिखी।
इस पुस्तक में 1857 के विद्रोह को सावरकर ने भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की संज्ञा दी।
Question 11 of 46
11. Question
1 points
सूची । को सूची ॥ से सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिये कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए
सूची। सूची ॥
A जेम्स आउट्रम 1. दिल्ली
B जॉन निकलसन 2. लखनऊ
C कोलिन कैम्पवेल 3. झांसी
D ह्यूरोज 4. कानपुर
Correct
व्याख्या–
******1857 के विद्रोह का प्रारम्भ मेरठ से हुआ।
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
दिल्ली
बहादुर जफ़र
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी
रानी लक्ष्मीबाई
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद
लियाकत अली
कर्नल नील
ग्वालियर
तात्या टोपे
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर
कुंवर सिंह –एक मात्र ऐसे विद्रेही थे जिन्होंने अंग्रेजों को पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक हुई।
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर
नाना साहब –पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक था
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
फैजाबाद
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
Incorrect
व्याख्या–
******1857 के विद्रोह का प्रारम्भ मेरठ से हुआ।
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
दिल्ली
बहादुर जफ़र
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी
रानी लक्ष्मीबाई
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद
लियाकत अली
कर्नल नील
ग्वालियर
तात्या टोपे
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर
कुंवर सिंह –एक मात्र ऐसे विद्रेही थे जिन्होंने अंग्रेजों को पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक हुई।
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर
नाना साहब –पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक था
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
फैजाबाद
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
Unattempted
व्याख्या–
******1857 के विद्रोह का प्रारम्भ मेरठ से हुआ।
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
दिल्ली
बहादुर जफ़र
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी
रानी लक्ष्मीबाई
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद
लियाकत अली
कर्नल नील
ग्वालियर
तात्या टोपे
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर
कुंवर सिंह –एक मात्र ऐसे विद्रेही थे जिन्होंने अंग्रेजों को पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक हुई।
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर
नाना साहब –पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक था
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
फैजाबाद
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
Question 12 of 46
12. Question
1 points
सूची । को सूची ॥ से सुमेलित कीजिए तथा सूचिों के नीचे दिये गये कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए
सूची। सूची ।।
A नाना साहिब 1. दिल्ली
B नवाब हमीद अलीखान 2. कानपुर
C मौलवी अहमदुल्लाह 3. अवध
D मनीराम दीवान 4.असम
Correct
व्याख्या–
******1857 के विद्रोह का प्रारम्भ मेरठ से हुआ।
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
दिल्ली
बहादुर जफ़र , नवाब हमीद अलीखान ,बख्त खां ,जीनत महल
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी
रानी लक्ष्मीबाई
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद
लियाकत अली
कर्नल नील
ग्वालियर
तात्या टोपे
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर
कुंवर सिंह -एक मात्र ऐसे विद्रेही थे जिन्होंने अंग्रेजों को पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक हुई।
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर
नाना साहब -पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक था
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
अवध
मौलवी अहमदुल्लाह
–
फैजाबाद
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
असम
मनीराम दीवान
–
Incorrect
व्याख्या–
******1857 के विद्रोह का प्रारम्भ मेरठ से हुआ।
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
दिल्ली
बहादुर जफ़र , नवाब हमीद अलीखान ,बख्त खां ,जीनत महल
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी
रानी लक्ष्मीबाई
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद
लियाकत अली
कर्नल नील
ग्वालियर
तात्या टोपे
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर
कुंवर सिंह -एक मात्र ऐसे विद्रेही थे जिन्होंने अंग्रेजों को पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक हुई।
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर
नाना साहब -पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक था
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
अवध
मौलवी अहमदुल्लाह
–
फैजाबाद
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
असम
मनीराम दीवान
–
Unattempted
व्याख्या–
******1857 के विद्रोह का प्रारम्भ मेरठ से हुआ।
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
दिल्ली
बहादुर जफ़र , नवाब हमीद अलीखान ,बख्त खां ,जीनत महल
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी
रानी लक्ष्मीबाई
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद
लियाकत अली
कर्नल नील
ग्वालियर
तात्या टोपे
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर
कुंवर सिंह -एक मात्र ऐसे विद्रेही थे जिन्होंने अंग्रेजों को पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक हुई।
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर
नाना साहब -पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक था
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
अवध
मौलवी अहमदुल्लाह
–
फैजाबाद
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
असम
मनीराम दीवान
–
Question 13 of 46
13. Question
1 points
सूची । को सूची ॥ से .सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिये गये कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए
सूची। सूची ।।
A कुंवर सिंह 1.दिल्ली
B मौलवी अहमदुल्लाह 2. बिहार
C मंगल पाण्डेय 3. फैज़ाबाद
D जीनत महल 4. बैरकपुर
Correct
व्याख्या–
******1857 के विद्रोह का प्रारम्भ मेरठ से हुआ।
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
बैरकपुर
मंगल पाण्डेय
–
दिल्ली
बहादुर जफ़र , नवाब हमीद अलीखान ,बख्त खां ,जीनत महल
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी
रानी लक्ष्मीबाई
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद
लियाकत अली
कर्नल नील
ग्वालियर
तात्या टोपे
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर
कुंवर सिंह –एक मात्र ऐसे विद्रेही थे जिन्होंने अंग्रेजों को पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक हुई।
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर
नाना साहब –पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक था
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
अवध
मौलवी अहमदुल्लाह
–
फैजाबाद
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
असम
मनीराम दीवान
–
Incorrect
व्याख्या–
******1857 के विद्रोह का प्रारम्भ मेरठ से हुआ।
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
बैरकपुर
मंगल पाण्डेय
–
दिल्ली
बहादुर जफ़र , नवाब हमीद अलीखान ,बख्त खां ,जीनत महल
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी
रानी लक्ष्मीबाई
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद
लियाकत अली
कर्नल नील
ग्वालियर
तात्या टोपे
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर
कुंवर सिंह –एक मात्र ऐसे विद्रेही थे जिन्होंने अंग्रेजों को पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक हुई।
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर
नाना साहब –पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक था
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
अवध
मौलवी अहमदुल्लाह
–
फैजाबाद
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
असम
मनीराम दीवान
–
Unattempted
व्याख्या–
******1857 के विद्रोह का प्रारम्भ मेरठ से हुआ।
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
बैरकपुर
मंगल पाण्डेय
–
दिल्ली
बहादुर जफ़र , नवाब हमीद अलीखान ,बख्त खां ,जीनत महल
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी
रानी लक्ष्मीबाई
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद
लियाकत अली
कर्नल नील
ग्वालियर
तात्या टोपे
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर
कुंवर सिंह –एक मात्र ऐसे विद्रेही थे जिन्होंने अंग्रेजों को पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक हुई।
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर
नाना साहब –पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक था
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
अवध
मौलवी अहमदुल्लाह
–
फैजाबाद
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
असम
मनीराम दीवान
–
Question 14 of 46
14. Question
1 points
जनरल विंडहम को 1857 में विद्रोही सैनिकों ने पराजित किया था
Correct
व्याख्या-
जनरल विंडहम को 1857 में विद्रोही सैनिकों ने कानपुर के पास पराजित किया था।
1857 के विद्रोह में कानपुर में विद्रोह का नेतृत्व पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक पुत्र नाना साहब ने किया था।
नाना साहब का मंत्री तथा प्रमुख सलाहकार अजीमउल्लाह खान था।
Incorrect
व्याख्या-
जनरल विंडहम को 1857 में विद्रोही सैनिकों ने कानपुर के पास पराजित किया था।
1857 के विद्रोह में कानपुर में विद्रोह का नेतृत्व पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक पुत्र नाना साहब ने किया था।
नाना साहब का मंत्री तथा प्रमुख सलाहकार अजीमउल्लाह खान था।
Unattempted
व्याख्या-
जनरल विंडहम को 1857 में विद्रोही सैनिकों ने कानपुर के पास पराजित किया था।
1857 के विद्रोह में कानपुर में विद्रोह का नेतृत्व पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक पुत्र नाना साहब ने किया था।
नाना साहब का मंत्री तथा प्रमुख सलाहकार अजीमउल्लाह खान था।
Question 15 of 46
15. Question
1 points
वह कौन लेखक था जिसने 1857 के विद्रोह को “स्वतंत्रता का प्रथम युद्ध’ (First war of Independence) कहा
Correct
व्याख्या-
लन्दन के ‘इंडिया हाउस’ में वीर सावरकर ने 1857 के विद्रोह के पचास वर्ष पूरे होने पर इसकी स्वर्ण जयन्ती मनायी।
वीर सावरकर ने 1907 में पुस्तक ‘इंडियन वार ऑफ इंडिपेन्डेस, 1857 लिखी।
इस पुस्तक में 1857 के विद्रोह को सावरकर ने भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की संज्ञा दी।
वी0डी0 सावरकर ने 1857 के विद्रोह को भारत का प्रथम स्वतंत्रता संघर्ष माना है।
आर.सी0 मजुमदार ने इसे केवल विद्रोह माना है।
अशोक मेहता अपनी पुस्तक The Great Rebellion में इसे राष्ट्रीय विद्रोह कहा है।
एस०एन सेन इसे स्वंतत्रता संघर्ष तो मानते हैं किन्तु राष्ट्रीय नहीं।
Incorrect
व्याख्या-
लन्दन के ‘इंडिया हाउस’ में वीर सावरकर ने 1857 के विद्रोह के पचास वर्ष पूरे होने पर इसकी स्वर्ण जयन्ती मनायी।
वीर सावरकर ने 1907 में पुस्तक ‘इंडियन वार ऑफ इंडिपेन्डेस, 1857 लिखी।
इस पुस्तक में 1857 के विद्रोह को सावरकर ने भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की संज्ञा दी।
वी0डी0 सावरकर ने 1857 के विद्रोह को भारत का प्रथम स्वतंत्रता संघर्ष माना है।
आर.सी0 मजुमदार ने इसे केवल विद्रोह माना है।
अशोक मेहता अपनी पुस्तक The Great Rebellion में इसे राष्ट्रीय विद्रोह कहा है।
एस०एन सेन इसे स्वंतत्रता संघर्ष तो मानते हैं किन्तु राष्ट्रीय नहीं।
Unattempted
व्याख्या-
लन्दन के ‘इंडिया हाउस’ में वीर सावरकर ने 1857 के विद्रोह के पचास वर्ष पूरे होने पर इसकी स्वर्ण जयन्ती मनायी।
वीर सावरकर ने 1907 में पुस्तक ‘इंडियन वार ऑफ इंडिपेन्डेस, 1857 लिखी।
इस पुस्तक में 1857 के विद्रोह को सावरकर ने भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की संज्ञा दी।
वी0डी0 सावरकर ने 1857 के विद्रोह को भारत का प्रथम स्वतंत्रता संघर्ष माना है।
आर.सी0 मजुमदार ने इसे केवल विद्रोह माना है।
अशोक मेहता अपनी पुस्तक The Great Rebellion में इसे राष्ट्रीय विद्रोह कहा है।
एस०एन सेन इसे स्वंतत्रता संघर्ष तो मानते हैं किन्तु राष्ट्रीय नहीं।
Question 16 of 46
16. Question
1 points
सूची । को सूची ॥ से सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिये गये कूट का उपयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए
सूची। सूची ॥
A वी0डी0 सावरकर 1.सिपॉय म्यूटिनी एण्ड द रिवोल्ट ऑफ 1857
B अशोक मेहता 2. द इंडिया वार ऑफ इण्डिपेण्डेन्स
C एस0एन0 सेन 3. 1857 द ग्रेट रिवेलियन
D आर0सी0 मजूमदार 4. एट्टीन फिफ्टी सेवेन
Correct
व्याख्या-
लेखक
पुस्तक
वी0डी0 सावरकर
द इंडिया वार ऑफ इण्डिपेण्डेन्स-(1907 में लिखी गई )
अशोक मेहता
1857 द ग्रेट रिवेलियन
एस0एन0 सेन(सरकारी इतिहासकार )
एट्टीन फिफ्टी सेवेन
आर0सी0 मजूमदार
सिपॉय म्यूटिनी एण्ड द रिवोल्ट ऑफ 1857
Incorrect
व्याख्या-
लेखक
पुस्तक
वी0डी0 सावरकर
द इंडिया वार ऑफ इण्डिपेण्डेन्स-(1907 में लिखी गई )
अशोक मेहता
1857 द ग्रेट रिवेलियन
एस0एन0 सेन(सरकारी इतिहासकार )
एट्टीन फिफ्टी सेवेन
आर0सी0 मजूमदार
सिपॉय म्यूटिनी एण्ड द रिवोल्ट ऑफ 1857
Unattempted
व्याख्या-
लेखक
पुस्तक
वी0डी0 सावरकर
द इंडिया वार ऑफ इण्डिपेण्डेन्स-(1907 में लिखी गई )
अशोक मेहता
1857 द ग्रेट रिवेलियन
एस0एन0 सेन(सरकारी इतिहासकार )
एट्टीन फिफ्टी सेवेन
आर0सी0 मजूमदार
सिपॉय म्यूटिनी एण्ड द रिवोल्ट ऑफ 1857
Question 17 of 46
17. Question
1 points
नीचे दो वक्तव्य दिये गये है, एक को कथन (A) और दूसरे को कारण (R) कहा गया है
कथन (A) : प्रारम्भिक विजय के बावजूद सिपाही विद्रोह ब्रिटिश राज को पलटने में सफल नहीं हो सका।
कारण (R) : उदीयमान मध्यवर्ग ने राज का पक्ष लिया था।
उपर्युक्त दो वक्तव्यों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन एक सही है।
Correct
व्याख्या–
क्रांति के उदघाटित होने तथा उस क्रांति के प्रसार तथा सफलता के लिए मध्यम वर्ग का सर्वाधिक महत्वपूर्ण योगदान होता है।।
1857 ई. की क्रांति के विफलता के अनेक कारण थे।
यद्यपि विद्रोहियों को जनसाधारण की सहानुभूति मिल रही थी, लेकिन पूरा देश उनके साथ नहीं था।
व्यापारी, पढ़े-लिखे लोग और भारतीय शासक अंग्रेजों की सक्रिय मदद कर रहे थे।
यदि यही सहायता सिपाहियों को मिली होती, तो शायद परिणाम कुछ और ही होता।
इन्ही सब कारणों से 1857ई. की क्रांति असफल रही।
Incorrect
व्याख्या–
क्रांति के उदघाटित होने तथा उस क्रांति के प्रसार तथा सफलता के लिए मध्यम वर्ग का सर्वाधिक महत्वपूर्ण योगदान होता है।।
1857 ई. की क्रांति के विफलता के अनेक कारण थे।
यद्यपि विद्रोहियों को जनसाधारण की सहानुभूति मिल रही थी, लेकिन पूरा देश उनके साथ नहीं था।
व्यापारी, पढ़े-लिखे लोग और भारतीय शासक अंग्रेजों की सक्रिय मदद कर रहे थे।
यदि यही सहायता सिपाहियों को मिली होती, तो शायद परिणाम कुछ और ही होता।
इन्ही सब कारणों से 1857ई. की क्रांति असफल रही।
Unattempted
व्याख्या–
क्रांति के उदघाटित होने तथा उस क्रांति के प्रसार तथा सफलता के लिए मध्यम वर्ग का सर्वाधिक महत्वपूर्ण योगदान होता है।।
1857 ई. की क्रांति के विफलता के अनेक कारण थे।
यद्यपि विद्रोहियों को जनसाधारण की सहानुभूति मिल रही थी, लेकिन पूरा देश उनके साथ नहीं था।
व्यापारी, पढ़े-लिखे लोग और भारतीय शासक अंग्रेजों की सक्रिय मदद कर रहे थे।
यदि यही सहायता सिपाहियों को मिली होती, तो शायद परिणाम कुछ और ही होता।
इन्ही सब कारणों से 1857ई. की क्रांति असफल रही।
Question 18 of 46
18. Question
1 points
सूची । को सूची ॥ से सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिये गये कूट के प्रयोग से सही उत्तर का चयन कीजिए
सूची । सूची ॥
A लक्ष्मी बाई 1. रंगून को निर्वासित
B तात्या टोपे 2. नेपाल पालायित
C नाना साहब 3. गिरफ्तार हुआ, फांसी पर लटका
D बहादुर शाह 4. युद्ध में हत
Correct
व्याख्या-
******1857 के विद्रोह का प्रारम्भ मेरठ से हुआ।
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
बैरकपुर
मंगल पाण्डेय
–
दिल्ली
बहादुर जफ़र(रंगून को निर्वासित) , नवाब हमीद अलीखान ,बख्त खां ,जीनत महल
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी
रानी लक्ष्मीबाई(17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।)
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद
लियाकत अली
कर्नल नील
ग्वालियर
तात्या टोपे(गिरफ्तार हुआ, फांसी पर लटका)
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर
कुंवर सिंह –एक मात्र ऐसे विद्रेही थे जिन्होंने अंग्रेजों को पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक हुई।
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर
नाना साहब(नेपाल पालायित ) –पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक था
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
अवध
मौलवी अहमदुल्लाह
–
फैजाबाद
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
असम
मनीराम दीवान
–
Incorrect
व्याख्या-
******1857 के विद्रोह का प्रारम्भ मेरठ से हुआ।
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
बैरकपुर
मंगल पाण्डेय
–
दिल्ली
बहादुर जफ़र(रंगून को निर्वासित) , नवाब हमीद अलीखान ,बख्त खां ,जीनत महल
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी
रानी लक्ष्मीबाई(17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।)
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद
लियाकत अली
कर्नल नील
ग्वालियर
तात्या टोपे(गिरफ्तार हुआ, फांसी पर लटका)
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर
कुंवर सिंह –एक मात्र ऐसे विद्रेही थे जिन्होंने अंग्रेजों को पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक हुई।
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर
नाना साहब(नेपाल पालायित ) –पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक था
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
अवध
मौलवी अहमदुल्लाह
–
फैजाबाद
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
असम
मनीराम दीवान
–
Unattempted
व्याख्या-
******1857 के विद्रोह का प्रारम्भ मेरठ से हुआ।
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
बैरकपुर
मंगल पाण्डेय
–
दिल्ली
बहादुर जफ़र(रंगून को निर्वासित) , नवाब हमीद अलीखान ,बख्त खां ,जीनत महल
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी
रानी लक्ष्मीबाई(17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।)
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद
लियाकत अली
कर्नल नील
ग्वालियर
तात्या टोपे(गिरफ्तार हुआ, फांसी पर लटका)
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर
कुंवर सिंह –एक मात्र ऐसे विद्रेही थे जिन्होंने अंग्रेजों को पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक हुई।
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर
नाना साहब(नेपाल पालायित ) –पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक था
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
अवध
मौलवी अहमदुल्लाह
–
फैजाबाद
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
असम
मनीराम दीवान
–
Question 19 of 46
19. Question
1 points
बिहार में 1857 के विद्रोह का मुख्य संगठन कर्ता कौन था
Correct
व्याख्या
बिहार में विद्रोह का नेतृत्व जगदीशपुर के 80 वर्षीय जमींदार कुँवर सिंह ने किया था।
कुँवर सिंह एक मात्र ऐसे नेता थे जिन्होंने अंग्रेजों को कई बार पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक रूप से हुई
Incorrect
व्याख्या
बिहार में विद्रोह का नेतृत्व जगदीशपुर के 80 वर्षीय जमींदार कुँवर सिंह ने किया था।
कुँवर सिंह एक मात्र ऐसे नेता थे जिन्होंने अंग्रेजों को कई बार पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक रूप से हुई
Unattempted
व्याख्या
बिहार में विद्रोह का नेतृत्व जगदीशपुर के 80 वर्षीय जमींदार कुँवर सिंह ने किया था।
कुँवर सिंह एक मात्र ऐसे नेता थे जिन्होंने अंग्रेजों को कई बार पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक रूप से हुई
Question 20 of 46
20. Question
1 points
1857 के विद्रोह में निम्नलिखित घटनाओं का सही कालक्रम क्या है
एक बार दिल्ली को मुगल साम्राज्य की स्वतंत्र राजधानी घोषित करना
कानपुर के विद्रोह तथा मुगल बादशाह के अधीन नाना साहब को राजा घोषित करना
तात्या टोपे को फांसी
सिपाहियों की दिल्ली कूच और लाल किले में उनका
प्रवेश नीचे दिये गये कूटों से सही उत्तर का चयन कीजिए
Correct
व्याख्या
10 मई, 1857 ई. को मेरठ में विद्रोह शुरू हुआ
11 मई को सिपाहियों की दिल्ली कूच और लाल किले दिल्ली पहुंचे।
12 मई को दिल्ली को स्वतंत्र घोषित कर बहादुर शाह जफर को अपना नेता घोषित किया।
कानपुर में 5 जून को विद्रोह हुआ तथा मुगल बादशाह के अधीन नाना साहब को राजा घोषित किया गया।
18 अप्रैल, 1859 ई. को ग्वालियर में तात्या टोपे को फांसी दे दिया गया।
तात्या टोपे का वास्तविक नाम रामचन्द्र पाण्डुरंग था।
Incorrect
व्याख्या
10 मई, 1857 ई. को मेरठ में विद्रोह शुरू हुआ
11 मई को सिपाहियों की दिल्ली कूच और लाल किले दिल्ली पहुंचे।
12 मई को दिल्ली को स्वतंत्र घोषित कर बहादुर शाह जफर को अपना नेता घोषित किया।
कानपुर में 5 जून को विद्रोह हुआ तथा मुगल बादशाह के अधीन नाना साहब को राजा घोषित किया गया।
18 अप्रैल, 1859 ई. को ग्वालियर में तात्या टोपे को फांसी दे दिया गया।
तात्या टोपे का वास्तविक नाम रामचन्द्र पाण्डुरंग था।
Unattempted
व्याख्या
10 मई, 1857 ई. को मेरठ में विद्रोह शुरू हुआ
11 मई को सिपाहियों की दिल्ली कूच और लाल किले दिल्ली पहुंचे।
12 मई को दिल्ली को स्वतंत्र घोषित कर बहादुर शाह जफर को अपना नेता घोषित किया।
कानपुर में 5 जून को विद्रोह हुआ तथा मुगल बादशाह के अधीन नाना साहब को राजा घोषित किया गया।
18 अप्रैल, 1859 ई. को ग्वालियर में तात्या टोपे को फांसी दे दिया गया।
तात्या टोपे का वास्तविक नाम रामचन्द्र पाण्डुरंग था।
Question 21 of 46
21. Question
1 points
निम्नलिखित में से किसने 1857 के विद्रोह को स्वतंत्रता का प्रथम भारतीय युद्ध कहा है
Correct
व्याख्या-
लेखक
पुस्तक
वी0डी0 सावरकर
द इंडिया वार ऑफ इण्डिपेण्डेन्स-(1907 में लिखी गई )-इस पुस्तक में 1857 के विद्रोह को सावरकर ने भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की संज्ञा दी।
अशोक मेहता
1857 द ग्रेट रिवेलियन
एस0एन0 सेन(सरकारी इतिहासकार )
एट्टीन फिफ्टी सेवेन
आर0सी0 मजूमदार
सिपॉय म्यूटिनी एण्ड द रिवोल्ट ऑफ 1857
Incorrect
व्याख्या-
लेखक
पुस्तक
वी0डी0 सावरकर
द इंडिया वार ऑफ इण्डिपेण्डेन्स-(1907 में लिखी गई )-इस पुस्तक में 1857 के विद्रोह को सावरकर ने भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की संज्ञा दी।
अशोक मेहता
1857 द ग्रेट रिवेलियन
एस0एन0 सेन(सरकारी इतिहासकार )
एट्टीन फिफ्टी सेवेन
आर0सी0 मजूमदार
सिपॉय म्यूटिनी एण्ड द रिवोल्ट ऑफ 1857
Unattempted
व्याख्या-
लेखक
पुस्तक
वी0डी0 सावरकर
द इंडिया वार ऑफ इण्डिपेण्डेन्स-(1907 में लिखी गई )-इस पुस्तक में 1857 के विद्रोह को सावरकर ने भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की संज्ञा दी।
अशोक मेहता
1857 द ग्रेट रिवेलियन
एस0एन0 सेन(सरकारी इतिहासकार )
एट्टीन फिफ्टी सेवेन
आर0सी0 मजूमदार
सिपॉय म्यूटिनी एण्ड द रिवोल्ट ऑफ 1857
Question 22 of 46
22. Question
1 points
“अंग्रेजी सरकार के अन्याय एवं शपथ भंग के कार्य चारों ओर ऐसे भटक रहे है जैसे सूर्य की किरणें।”
Correct
व्याख्या-
अन्तिम पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक पुत्र नाना साहब की पेंशन अंग्रेजी सरकार ने बंद कर दी थी।
नाना साहब ने पेंशन के लिए अजीमुल्लाह खाँ को इंग्लैण्ड भेजा परंतु कोई परिणाम न निकला।
नाना साहब ने फ्रांस के सम्राट को लिखा था, “अंग्रेजी सरकार के अन्याय एवं शपथ भंग के कार्य चारों ओर ऐसे भटक रहे हैं जैसे सूर्य की करणे।
Incorrect
व्याख्या-
अन्तिम पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक पुत्र नाना साहब की पेंशन अंग्रेजी सरकार ने बंद कर दी थी।
नाना साहब ने पेंशन के लिए अजीमुल्लाह खाँ को इंग्लैण्ड भेजा परंतु कोई परिणाम न निकला।
नाना साहब ने फ्रांस के सम्राट को लिखा था, “अंग्रेजी सरकार के अन्याय एवं शपथ भंग के कार्य चारों ओर ऐसे भटक रहे हैं जैसे सूर्य की करणे।
Unattempted
व्याख्या-
अन्तिम पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक पुत्र नाना साहब की पेंशन अंग्रेजी सरकार ने बंद कर दी थी।
नाना साहब ने पेंशन के लिए अजीमुल्लाह खाँ को इंग्लैण्ड भेजा परंतु कोई परिणाम न निकला।
नाना साहब ने फ्रांस के सम्राट को लिखा था, “अंग्रेजी सरकार के अन्याय एवं शपथ भंग के कार्य चारों ओर ऐसे भटक रहे हैं जैसे सूर्य की करणे।
Question 23 of 46
23. Question
1 points
1857 के विद्रोह के बाद ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा भारतीय सैनिकों की भर्ती अधिकांशतः निम्नांकित से की जाती थी
Correct
व्याख्या-
1857 ई. के विद्रोह के पहले सेना में बंगाल एवं अवध के सैनिक सर्वाधिक होते थे
1857 ई. के विद्रोह के पहले सेना में 60% अवध के सैनिक थे
विद्रोह के पश्चात् अवध के सैनिको की संख्या घटा दी गई एवं पंजाबी एवं गोरखों की सैनिकों की संख्या में बढ़ोत्तरी की गई।
Incorrect
व्याख्या-
1857 ई. के विद्रोह के पहले सेना में बंगाल एवं अवध के सैनिक सर्वाधिक होते थे
1857 ई. के विद्रोह के पहले सेना में 60% अवध के सैनिक थे
विद्रोह के पश्चात् अवध के सैनिको की संख्या घटा दी गई एवं पंजाबी एवं गोरखों की सैनिकों की संख्या में बढ़ोत्तरी की गई।
Unattempted
व्याख्या-
1857 ई. के विद्रोह के पहले सेना में बंगाल एवं अवध के सैनिक सर्वाधिक होते थे
1857 ई. के विद्रोह के पहले सेना में 60% अवध के सैनिक थे
विद्रोह के पश्चात् अवध के सैनिको की संख्या घटा दी गई एवं पंजाबी एवं गोरखों की सैनिकों की संख्या में बढ़ोत्तरी की गई।
Question 24 of 46
24. Question
1 points
अहमद उल्ला फैज़ाबादी द्वारा 1857 के विद्रोह के समय किस स्थान पर समानान्तर सरकार स्थापित की गयी
Correct
व्याख्या-
फैजाबाद-
फैजाबाद के मौलवी अहमदुल्लाह 1857 ई0 के विद्रोह के प्रमुख नेता थे।
मौलवी अहमदुल्लाह मद्रास के रहने वाले थे
जनवरी 1857 ई0 में वे उत्तर भारत में फैजाबाद आ गये थे।
मई 1857 ई. के विद्रोह के समय उन्होंने अवध के फैजाबाद में एक समानान्तर सरकार स्थापित की।
Incorrect
व्याख्या-
फैजाबाद-
फैजाबाद के मौलवी अहमदुल्लाह 1857 ई0 के विद्रोह के प्रमुख नेता थे।
मौलवी अहमदुल्लाह मद्रास के रहने वाले थे
जनवरी 1857 ई0 में वे उत्तर भारत में फैजाबाद आ गये थे।
मई 1857 ई. के विद्रोह के समय उन्होंने अवध के फैजाबाद में एक समानान्तर सरकार स्थापित की।
Unattempted
व्याख्या-
फैजाबाद-
फैजाबाद के मौलवी अहमदुल्लाह 1857 ई0 के विद्रोह के प्रमुख नेता थे।
मौलवी अहमदुल्लाह मद्रास के रहने वाले थे
जनवरी 1857 ई0 में वे उत्तर भारत में फैजाबाद आ गये थे।
मई 1857 ई. के विद्रोह के समय उन्होंने अवध के फैजाबाद में एक समानान्तर सरकार स्थापित की।
Question 25 of 46
25. Question
1 points
निम्नलिखित को काल क्रमानुसार सुनियोजित कीजिए
मेरठ हत्याकांड
दिल्ली घोषणा
कानपुर पर अधिकार
मेरठ पर अधिकार
Correct
व्याख्या-
******1857 के विद्रोह का प्रारम्भ मेरठ से हुआ।
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
बैरकपुर (29 मार्च 1857)
मंगल पाण्डेय
–
मेरठ (10 मई 1857)
–
–
दिल्ली (11/12 मई 1857)
बहादुर जफ़र(रंगून को निर्वासित) , नवाब हमीद अलीखान ,बख्त खां ,जीनत महल
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी (4/5 जून 1857)
रानी लक्ष्मीबाई(17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।)
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद (6 जून 1857)
लियाकत अली
कर्नल नील
ग्वालियर (4/5 जून 1857)
तात्या टोपे(गिरफ्तार हुआ, फांसी पर लटका)
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर (12 जून 1857)
कुंवर सिंह –एक मात्र ऐसे विद्रेही थे जिन्होंने अंग्रेजों को पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक हुई।
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड(31 मई 1857)
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ(4 जून 1857)
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर (5 जून 1857)
नाना साहब(नेपाल पालायित ) –पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक था
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
अवध
मौलवी अहमदुल्लाह
–
फैजाबाद (30 जून 1857)
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
असम
मनीराम दीवान
–
Incorrect
व्याख्या-
******1857 के विद्रोह का प्रारम्भ मेरठ से हुआ।
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
बैरकपुर (29 मार्च 1857)
मंगल पाण्डेय
–
मेरठ (10 मई 1857)
–
–
दिल्ली (11/12 मई 1857)
बहादुर जफ़र(रंगून को निर्वासित) , नवाब हमीद अलीखान ,बख्त खां ,जीनत महल
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी (4/5 जून 1857)
रानी लक्ष्मीबाई(17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।)
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद (6 जून 1857)
लियाकत अली
कर्नल नील
ग्वालियर (4/5 जून 1857)
तात्या टोपे(गिरफ्तार हुआ, फांसी पर लटका)
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर (12 जून 1857)
कुंवर सिंह –एक मात्र ऐसे विद्रेही थे जिन्होंने अंग्रेजों को पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक हुई।
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड(31 मई 1857)
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ(4 जून 1857)
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर (5 जून 1857)
नाना साहब(नेपाल पालायित ) –पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक था
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
अवध
मौलवी अहमदुल्लाह
–
फैजाबाद (30 जून 1857)
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
असम
मनीराम दीवान
–
Unattempted
व्याख्या-
******1857 के विद्रोह का प्रारम्भ मेरठ से हुआ।
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
बैरकपुर (29 मार्च 1857)
मंगल पाण्डेय
–
मेरठ (10 मई 1857)
–
–
दिल्ली (11/12 मई 1857)
बहादुर जफ़र(रंगून को निर्वासित) , नवाब हमीद अलीखान ,बख्त खां ,जीनत महल
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी (4/5 जून 1857)
रानी लक्ष्मीबाई(17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।)
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद (6 जून 1857)
लियाकत अली
कर्नल नील
ग्वालियर (4/5 जून 1857)
तात्या टोपे(गिरफ्तार हुआ, फांसी पर लटका)
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर (12 जून 1857)
कुंवर सिंह –एक मात्र ऐसे विद्रेही थे जिन्होंने अंग्रेजों को पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक हुई।
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड(31 मई 1857)
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ(4 जून 1857)
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर (5 जून 1857)
नाना साहब(नेपाल पालायित ) –पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक था
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
अवध
मौलवी अहमदुल्लाह
–
फैजाबाद (30 जून 1857)
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
असम
मनीराम दीवान
–
Question 26 of 46
26. Question
1 points
1857 के विद्रोह के समय अंग्रेजी जनरल ह्यूरोज ने किसे विद्रोहियों का सर्वोत्तम और सबसे बहादुर नेता कहा –
Correct
व्याख्या-
झांसी में विद्रोह का नेतृत्व गंगाधर राव की पत्नी रानी लक्ष्मीबाई ने किया।
रानी लक्ष्मीबाई अपने दत्तक पुत्र दामोदार राव को गद्दी न दिये जाने से नाराज थीं।
ह्यूरोज ने 23 ‘मार्च, 1858 ई. को झांसी को घेर लिया।
रानी वहां से निकलकर पहले काल्पी और फिर ग्वालियर पहुंची।
ग्वालियर में ह्यूरोज की सेना से मुकाबला करते हुए 17 जून, 1858 ई. को वीरगति को प्राप्त हुई।
ह्यूरोज ने रानी लक्ष्मीबाई के बारे में कहा था कि भारतीय क्रान्तिकारियों में वे अकेली मर्द है।’
Incorrect
व्याख्या-
झांसी में विद्रोह का नेतृत्व गंगाधर राव की पत्नी रानी लक्ष्मीबाई ने किया।
रानी लक्ष्मीबाई अपने दत्तक पुत्र दामोदार राव को गद्दी न दिये जाने से नाराज थीं।
ह्यूरोज ने 23 ‘मार्च, 1858 ई. को झांसी को घेर लिया।
रानी वहां से निकलकर पहले काल्पी और फिर ग्वालियर पहुंची।
ग्वालियर में ह्यूरोज की सेना से मुकाबला करते हुए 17 जून, 1858 ई. को वीरगति को प्राप्त हुई।
ह्यूरोज ने रानी लक्ष्मीबाई के बारे में कहा था कि भारतीय क्रान्तिकारियों में वे अकेली मर्द है।’
Unattempted
व्याख्या-
झांसी में विद्रोह का नेतृत्व गंगाधर राव की पत्नी रानी लक्ष्मीबाई ने किया।
रानी लक्ष्मीबाई अपने दत्तक पुत्र दामोदार राव को गद्दी न दिये जाने से नाराज थीं।
ह्यूरोज ने 23 ‘मार्च, 1858 ई. को झांसी को घेर लिया।
रानी वहां से निकलकर पहले काल्पी और फिर ग्वालियर पहुंची।
ग्वालियर में ह्यूरोज की सेना से मुकाबला करते हुए 17 जून, 1858 ई. को वीरगति को प्राप्त हुई।
ह्यूरोज ने रानी लक्ष्मीबाई के बारे में कहा था कि भारतीय क्रान्तिकारियों में वे अकेली मर्द है।’
Question 27 of 46
27. Question
1 points
1857 के विद्रोह के स्वरूप के बारे में निष्कर्ष के रूप में कहा जा सकता है
Correct
व्याख्या-
1857 ई. के विद्रोह के बारे में इतिहासकारों के मत भिन्न-भिन्न हैं
1857 का विद्रोह मुख्यतः एक अशक्त मध्यकालीन सामन्ती व्यवस्था द्वारा अपने खोए हुए सम्मान को प्राप्त करने का अतिम प्रयास था।
सभी इतिहासकार इस बात पर सहमत हैं कि यह एक अंग्रेज विरोधी आंदोलन था।
Incorrect
व्याख्या-
1857 ई. के विद्रोह के बारे में इतिहासकारों के मत भिन्न-भिन्न हैं
1857 का विद्रोह मुख्यतः एक अशक्त मध्यकालीन सामन्ती व्यवस्था द्वारा अपने खोए हुए सम्मान को प्राप्त करने का अतिम प्रयास था।
सभी इतिहासकार इस बात पर सहमत हैं कि यह एक अंग्रेज विरोधी आंदोलन था।
Unattempted
व्याख्या-
1857 ई. के विद्रोह के बारे में इतिहासकारों के मत भिन्न-भिन्न हैं
1857 का विद्रोह मुख्यतः एक अशक्त मध्यकालीन सामन्ती व्यवस्था द्वारा अपने खोए हुए सम्मान को प्राप्त करने का अतिम प्रयास था।
सभी इतिहासकार इस बात पर सहमत हैं कि यह एक अंग्रेज विरोधी आंदोलन था।
Question 28 of 46
28. Question
1 points
1857 की क्रांति के परिणाम स्वरूप अंग्रेजी सरकार ने भारत में अनेक परिवर्तन किये। निम्न में से कौन नहीं है
Correct
व्याख्या–
1857 ई. के क्रांति के परिणाम –
सेना का पुर्नगठन किया गया एवं भारतीय सैनिकों की तुलना में अंग्रेजी सैनिकों को बढ़ा दिया गया।
भारत में सीमा विस्तार की नीति त्याग दी गयी।
ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन समाप्त कर ब्रिटिश क्राउन में इसे अपने हाथ में ले लिया।
1857 के विद्रोह के तुरंत बाद ब्रिटिश सरकार ने मुसलमानों के प्रति कठोरता की नीति अपनायी।
Incorrect
व्याख्या–
1857 ई. के क्रांति के परिणाम –
सेना का पुर्नगठन किया गया एवं भारतीय सैनिकों की तुलना में अंग्रेजी सैनिकों को बढ़ा दिया गया।
भारत में सीमा विस्तार की नीति त्याग दी गयी।
ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन समाप्त कर ब्रिटिश क्राउन में इसे अपने हाथ में ले लिया।
1857 के विद्रोह के तुरंत बाद ब्रिटिश सरकार ने मुसलमानों के प्रति कठोरता की नीति अपनायी।
Unattempted
व्याख्या–
1857 ई. के क्रांति के परिणाम –
सेना का पुर्नगठन किया गया एवं भारतीय सैनिकों की तुलना में अंग्रेजी सैनिकों को बढ़ा दिया गया।
भारत में सीमा विस्तार की नीति त्याग दी गयी।
ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन समाप्त कर ब्रिटिश क्राउन में इसे अपने हाथ में ले लिया।
1857 के विद्रोह के तुरंत बाद ब्रिटिश सरकार ने मुसलमानों के प्रति कठोरता की नीति अपनायी।
Question 29 of 46
29. Question
1 points
1857 की क्रांति से भारतीय और अंग्रेजों के मध्य सम्बन्ध कटु हो गये और जातीय घृणा उत्पन्न हुई
A हिन्दू मुसलमानों के बीच अविश्वास का न केवल जन्म हुआ अपितु उसमें वृद्धि हुई।
B उसी के तहत अंग्रेजों ने विभाजन करो और शासन करो की नीति अपनाई।
Correct
व्याख्या-
1857 ई. की क्रांति के बाद सर सैयद अहमद खाँ के नेतृत्व में मुस्लिमों को अंग्रेजी राज्य का भक्त बनाने कि कोशिश की।
1857 ई. की क्रांति के बाद हिन्दू-मुसलमानों के बीच अविश्वास का न केवल जन्म हुआ अपितु उसमें वृद्धि हुई।
उसी के तहत अंग्रेजों ने विभाजन करो और शासन करो की नीति अपनाई।
जिसका उदाहरण -बंगाल विभाजन तथा माले मिण्टो सुधार में दिखाई पड़ता है।
Incorrect
व्याख्या-
1857 ई. की क्रांति के बाद सर सैयद अहमद खाँ के नेतृत्व में मुस्लिमों को अंग्रेजी राज्य का भक्त बनाने कि कोशिश की।
1857 ई. की क्रांति के बाद हिन्दू-मुसलमानों के बीच अविश्वास का न केवल जन्म हुआ अपितु उसमें वृद्धि हुई।
उसी के तहत अंग्रेजों ने विभाजन करो और शासन करो की नीति अपनाई।
जिसका उदाहरण -बंगाल विभाजन तथा माले मिण्टो सुधार में दिखाई पड़ता है।
Unattempted
व्याख्या-
1857 ई. की क्रांति के बाद सर सैयद अहमद खाँ के नेतृत्व में मुस्लिमों को अंग्रेजी राज्य का भक्त बनाने कि कोशिश की।
1857 ई. की क्रांति के बाद हिन्दू-मुसलमानों के बीच अविश्वास का न केवल जन्म हुआ अपितु उसमें वृद्धि हुई।
उसी के तहत अंग्रेजों ने विभाजन करो और शासन करो की नीति अपनाई।
जिसका उदाहरण -बंगाल विभाजन तथा माले मिण्टो सुधार में दिखाई पड़ता है।
Question 30 of 46
30. Question
1 points
1857 के स्वतंत्रता संग्राम का कारण था
Correct
व्याख्या-
विद्रोह के कारण-
राजनीतिक कारण
1857 के विद्रोह का प्रमुख राजनीतिक कारण ब्रिटिश सरकार की ‘गोद निषेध प्रथा’ या ‘हड़प नीति’ थी।
सामाजिक एवं धार्मिक कारण
भारत में तेजी से पैर पसारती पश्चिमी सभ्यता को लेकर समाज के बड़े वर्ग में आक्रोश था। 1850 में ब्रिटिश सरकार ने हिंदुओं के उत्तराधिकार कानून में बदलाव कर दिया और अब किस्चन धर्म अपनाने वाला हिंदू हीअपने पूर्वजों की संपत्ति में हकदार बन सकता था।
आर्थिक कारण
भारी टैक्स और राजस्व संग्रहण के कड़े नियमों के कारण किसान और जमींदार वर्गों में असंतोष था।
सैन्य कारण
भारत में ब्रिटिश सेना में 87 फीसदी से ज्यादा भारतीय सैनिक थे। उनको ब्रिटिश सैनिकों की तुलना में कमतर माना जाता था। एक ही रैंक के भारतीय सिपाही को यूरोपीय सिपाही के मुकाबले कम वेतन दिया जाता था।
तात्कालिक कारण
1857 के विद्रोह के तात्कालिक कारणों में यह अफवाह थी कि 1853 की राइफल के कारतूस की खोल पर सूअर और गाय की चर्बी लगी हुई है।
Incorrect
व्याख्या-
विद्रोह के कारण-
राजनीतिक कारण
1857 के विद्रोह का प्रमुख राजनीतिक कारण ब्रिटिश सरकार की ‘गोद निषेध प्रथा’ या ‘हड़प नीति’ थी।
सामाजिक एवं धार्मिक कारण
भारत में तेजी से पैर पसारती पश्चिमी सभ्यता को लेकर समाज के बड़े वर्ग में आक्रोश था। 1850 में ब्रिटिश सरकार ने हिंदुओं के उत्तराधिकार कानून में बदलाव कर दिया और अब किस्चन धर्म अपनाने वाला हिंदू हीअपने पूर्वजों की संपत्ति में हकदार बन सकता था।
आर्थिक कारण
भारी टैक्स और राजस्व संग्रहण के कड़े नियमों के कारण किसान और जमींदार वर्गों में असंतोष था।
सैन्य कारण
भारत में ब्रिटिश सेना में 87 फीसदी से ज्यादा भारतीय सैनिक थे। उनको ब्रिटिश सैनिकों की तुलना में कमतर माना जाता था। एक ही रैंक के भारतीय सिपाही को यूरोपीय सिपाही के मुकाबले कम वेतन दिया जाता था।
तात्कालिक कारण
1857 के विद्रोह के तात्कालिक कारणों में यह अफवाह थी कि 1853 की राइफल के कारतूस की खोल पर सूअर और गाय की चर्बी लगी हुई है।
Unattempted
व्याख्या-
विद्रोह के कारण-
राजनीतिक कारण
1857 के विद्रोह का प्रमुख राजनीतिक कारण ब्रिटिश सरकार की ‘गोद निषेध प्रथा’ या ‘हड़प नीति’ थी।
सामाजिक एवं धार्मिक कारण
भारत में तेजी से पैर पसारती पश्चिमी सभ्यता को लेकर समाज के बड़े वर्ग में आक्रोश था। 1850 में ब्रिटिश सरकार ने हिंदुओं के उत्तराधिकार कानून में बदलाव कर दिया और अब किस्चन धर्म अपनाने वाला हिंदू हीअपने पूर्वजों की संपत्ति में हकदार बन सकता था।
आर्थिक कारण
भारी टैक्स और राजस्व संग्रहण के कड़े नियमों के कारण किसान और जमींदार वर्गों में असंतोष था।
सैन्य कारण
भारत में ब्रिटिश सेना में 87 फीसदी से ज्यादा भारतीय सैनिक थे। उनको ब्रिटिश सैनिकों की तुलना में कमतर माना जाता था। एक ही रैंक के भारतीय सिपाही को यूरोपीय सिपाही के मुकाबले कम वेतन दिया जाता था।
तात्कालिक कारण
1857 के विद्रोह के तात्कालिक कारणों में यह अफवाह थी कि 1853 की राइफल के कारतूस की खोल पर सूअर और गाय की चर्बी लगी हुई है।
Question 31 of 46
31. Question
1 points
मंगल पाण्डे कौन था
Correct
व्याख्या-
मंगल पाण्डेय –
मंगल पाण्डेय का जन्म उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में हुआ था।
वह बैरकपुर के दमदम सैन्य छावनी का एक सिपाही था
दमदम में पदस्थापित कम्पनी की सेना में ब्राह्मण सिपाही
मंगल पाण्डेय ने बैरकपुर में चर्बी लगे कारतूसों के प्रयोग से इन्कार करते हुए विद्रोह कर दिया
बैरकपुर छावनी के अधिकारी लेफ्टीनेंट जनरल हारसन व लेफ्टीनेंट बाग को 29 मार्च, 1857 ई. को गोली मार दी
मंगल पाण्डेय को 8 अप्रैल, 1857 ई.को फांसी दे दी गयी।
Incorrect
व्याख्या-
मंगल पाण्डेय –
मंगल पाण्डेय का जन्म उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में हुआ था।
वह बैरकपुर के दमदम सैन्य छावनी का एक सिपाही था
दमदम में पदस्थापित कम्पनी की सेना में ब्राह्मण सिपाही
मंगल पाण्डेय ने बैरकपुर में चर्बी लगे कारतूसों के प्रयोग से इन्कार करते हुए विद्रोह कर दिया
बैरकपुर छावनी के अधिकारी लेफ्टीनेंट जनरल हारसन व लेफ्टीनेंट बाग को 29 मार्च, 1857 ई. को गोली मार दी
मंगल पाण्डेय को 8 अप्रैल, 1857 ई.को फांसी दे दी गयी।
Unattempted
व्याख्या-
मंगल पाण्डेय –
मंगल पाण्डेय का जन्म उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में हुआ था।
वह बैरकपुर के दमदम सैन्य छावनी का एक सिपाही था
दमदम में पदस्थापित कम्पनी की सेना में ब्राह्मण सिपाही
मंगल पाण्डेय ने बैरकपुर में चर्बी लगे कारतूसों के प्रयोग से इन्कार करते हुए विद्रोह कर दिया
बैरकपुर छावनी के अधिकारी लेफ्टीनेंट जनरल हारसन व लेफ्टीनेंट बाग को 29 मार्च, 1857 ई. को गोली मार दी
मंगल पाण्डेय को 8 अप्रैल, 1857 ई.को फांसी दे दी गयी।
Question 32 of 46
32. Question
1 points
कौन सा जोडा सही नहीं है
Correct
व्याख्या-
******1857 के विद्रोह का प्रारम्भ मेरठ से हुआ।
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
बैरकपुर (29 मार्च 1857)
मंगल पाण्डेय
–
मेरठ (10 मई 1857)
–
कर्नल फिविक्स
दिल्ली (11/12 मई 1857)
बहादुर जफ़र(रंगून को निर्वासित
) , नवाब हमीद अलीखान ,बख्त खां ,जीनत महल
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी (4/5 जून 1857)
रानी लक्ष्मीबाई(17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।)
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद (6 जून 1857)
लियाकत अली
कर्नल नील
मध्य भारत /ग्वालियर (4/5 जून 1857)
तात्या टोपे(गिरफ्तार हुआ, फांसी पर लटका)
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर (12 जून 1857)
कुंवर सिंह –एक मात्र ऐसे विद्रेही थे जिन्होंने अंग्रेजों को पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक हुई।
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड(31 मई 1857)
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ(4 जून 1857)
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर (5 जून 1857)
नाना साहब(नेपाल पालायित ) –पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक था
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
अवध
मौलवी अहमदुल्लाह
–
फैजाबाद (30 जून 1857)
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
असम
मनीराम दीवान
–
Incorrect
व्याख्या-
******1857 के विद्रोह का प्रारम्भ मेरठ से हुआ।
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
बैरकपुर (29 मार्च 1857)
मंगल पाण्डेय
–
मेरठ (10 मई 1857)
–
कर्नल फिविक्स
दिल्ली (11/12 मई 1857)
बहादुर जफ़र(रंगून को निर्वासित
) , नवाब हमीद अलीखान ,बख्त खां ,जीनत महल
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी (4/5 जून 1857)
रानी लक्ष्मीबाई(17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।)
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद (6 जून 1857)
लियाकत अली
कर्नल नील
मध्य भारत /ग्वालियर (4/5 जून 1857)
तात्या टोपे(गिरफ्तार हुआ, फांसी पर लटका)
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर (12 जून 1857)
कुंवर सिंह –एक मात्र ऐसे विद्रेही थे जिन्होंने अंग्रेजों को पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक हुई।
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड(31 मई 1857)
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ(4 जून 1857)
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर (5 जून 1857)
नाना साहब(नेपाल पालायित ) –पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक था
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
अवध
मौलवी अहमदुल्लाह
–
फैजाबाद (30 जून 1857)
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
असम
मनीराम दीवान
–
Unattempted
व्याख्या-
******1857 के विद्रोह का प्रारम्भ मेरठ से हुआ।
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
बैरकपुर (29 मार्च 1857)
मंगल पाण्डेय
–
मेरठ (10 मई 1857)
–
कर्नल फिविक्स
दिल्ली (11/12 मई 1857)
बहादुर जफ़र(रंगून को निर्वासित
) , नवाब हमीद अलीखान ,बख्त खां ,जीनत महल
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी (4/5 जून 1857)
रानी लक्ष्मीबाई(17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।)
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद (6 जून 1857)
लियाकत अली
कर्नल नील
मध्य भारत /ग्वालियर (4/5 जून 1857)
तात्या टोपे(गिरफ्तार हुआ, फांसी पर लटका)
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर (12 जून 1857)
कुंवर सिंह –एक मात्र ऐसे विद्रेही थे जिन्होंने अंग्रेजों को पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक हुई।
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड(31 मई 1857)
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ(4 जून 1857)
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर (5 जून 1857)
नाना साहब(नेपाल पालायित ) –पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक था
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
अवध
मौलवी अहमदुल्लाह
–
फैजाबाद (30 जून 1857)
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
असम
मनीराम दीवान
–
Question 33 of 46
33. Question
1 points
कथन (A) : शुरूआती सफलता के बाद भी सिपाही विद्रोह (1857) अंग्रेजी राज को पलटने में सफल नहीं हुआ।
कारण (R) : उदीयमान मध्यमवर्ग ने राज का पक्ष लिया।
Correct
व्याख्या-
1857 ई. की क्रान्ति की असफलता में मध्यम वर्ग का महत्वपूर्ण स्थान रहता है।
1857 ई. की क्रान्ति शुरुआती सफलता के बाद भी अंग्रेजी राज्य को पलटने में सफल नहीं हो सकी।
असफलता के कारण-
उदीयमान मध्यमवर्ग ने राज का पक्ष लिया।
विद्रोह का सीमित स्वरूप
देशी नरेशों एवं सामन्तों की गद्दारी
योग्य नेतृत्व का अभाव
संगठन का अभाव
***अनेक कारण होने से ‘कारण ® सही है किन्तु व्याख्या नहीं करता
Incorrect
व्याख्या-
1857 ई. की क्रान्ति की असफलता में मध्यम वर्ग का महत्वपूर्ण स्थान रहता है।
1857 ई. की क्रान्ति शुरुआती सफलता के बाद भी अंग्रेजी राज्य को पलटने में सफल नहीं हो सकी।
असफलता के कारण-
उदीयमान मध्यमवर्ग ने राज का पक्ष लिया।
विद्रोह का सीमित स्वरूप
देशी नरेशों एवं सामन्तों की गद्दारी
योग्य नेतृत्व का अभाव
संगठन का अभाव
***अनेक कारण होने से ‘कारण ® सही है किन्तु व्याख्या नहीं करता
Unattempted
व्याख्या-
1857 ई. की क्रान्ति की असफलता में मध्यम वर्ग का महत्वपूर्ण स्थान रहता है।
1857 ई. की क्रान्ति शुरुआती सफलता के बाद भी अंग्रेजी राज्य को पलटने में सफल नहीं हो सकी।
असफलता के कारण-
उदीयमान मध्यमवर्ग ने राज का पक्ष लिया।
विद्रोह का सीमित स्वरूप
देशी नरेशों एवं सामन्तों की गद्दारी
योग्य नेतृत्व का अभाव
संगठन का अभाव
***अनेक कारण होने से ‘कारण ® सही है किन्तु व्याख्या नहीं करता
Question 34 of 46
34. Question
1 points
निम्नलिखित में से कौन 1857 के विद्रोह से सम्बन्धित नहीं था?
Correct
व्याख्या-
वी.डी. सावरकर-
वी.डी. सावरकर (1883-1966) एक महान क्रान्तिकारी नेता थे।
1899 में इन्होंने प्रथम क्रान्तिकारी सोसाइटी मित्रमेला का गठन किया
मित्रमेला 1904 में ‘अभिनव भारत’ के रूप में परिवर्तित हो गयी।
1937 से 1942 तक ये हिन्दू महासभा के अध्यक्ष थे।
लेखक
पुस्तक
वी0डी0 सावरकर
द इंडिया वार ऑफ इण्डिपेण्डेन्स-(1907 में लिखी गई )-इस पुस्तक में 1857 के विद्रोह को सावरकर ने भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की संज्ञा दी।
रानी लक्ष्मीबाई ने झाँसी में 1857 के विद्रोह का नेतृत्व किया
कुंवर सिंह ने बिहार में 1857 के विद्रोह का नेतृत्व किया।
तात्याटोपे ने कानपुर में 1857 के विद्रोह के समय नानासाहब की सहायता की।
Incorrect
व्याख्या-
वी.डी. सावरकर-
वी.डी. सावरकर (1883-1966) एक महान क्रान्तिकारी नेता थे।
1899 में इन्होंने प्रथम क्रान्तिकारी सोसाइटी मित्रमेला का गठन किया
मित्रमेला 1904 में ‘अभिनव भारत’ के रूप में परिवर्तित हो गयी।
1937 से 1942 तक ये हिन्दू महासभा के अध्यक्ष थे।
लेखक
पुस्तक
वी0डी0 सावरकर
द इंडिया वार ऑफ इण्डिपेण्डेन्स-(1907 में लिखी गई )-इस पुस्तक में 1857 के विद्रोह को सावरकर ने भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की संज्ञा दी।
रानी लक्ष्मीबाई ने झाँसी में 1857 के विद्रोह का नेतृत्व किया
कुंवर सिंह ने बिहार में 1857 के विद्रोह का नेतृत्व किया।
तात्याटोपे ने कानपुर में 1857 के विद्रोह के समय नानासाहब की सहायता की।
Unattempted
व्याख्या-
वी.डी. सावरकर-
वी.डी. सावरकर (1883-1966) एक महान क्रान्तिकारी नेता थे।
1899 में इन्होंने प्रथम क्रान्तिकारी सोसाइटी मित्रमेला का गठन किया
मित्रमेला 1904 में ‘अभिनव भारत’ के रूप में परिवर्तित हो गयी।
1937 से 1942 तक ये हिन्दू महासभा के अध्यक्ष थे।
लेखक
पुस्तक
वी0डी0 सावरकर
द इंडिया वार ऑफ इण्डिपेण्डेन्स-(1907 में लिखी गई )-इस पुस्तक में 1857 के विद्रोह को सावरकर ने भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की संज्ञा दी।
रानी लक्ष्मीबाई ने झाँसी में 1857 के विद्रोह का नेतृत्व किया
कुंवर सिंह ने बिहार में 1857 के विद्रोह का नेतृत्व किया।
तात्याटोपे ने कानपुर में 1857 के विद्रोह के समय नानासाहब की सहायता की।
Question 35 of 46
35. Question
1 points
निम्नलिखित में से कौन सा जोड़ा सुमेलित नहीं है
Correct
व्याख्या-
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
बैरकपुर (29 मार्च 1857)
मंगल पाण्डेय
–
मेरठ (10 मई 1857)
–
कर्नल फिविक्स
दिल्ली (11/12 मई 1857)
बहादुर जफ़र(रंगून को निर्वासित) , नवाब हमीद अलीखान ,बख्त खां ,जीनत महल
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी (4/5 जून 1857)
रानी लक्ष्मीबाई(17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।)
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद (6 जून 1857)
लियाकत अली
कर्नल नील
मध्य भारत /ग्वालियर (4/5 जून 1857)
तात्या टोपे(गिरफ्तार हुआ, फांसी पर लटका)
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर (12 जून 1857)
कुंवर सिंह –एक मात्र ऐसे विद्रेही थे जिन्होंने अंग्रेजों को पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक हुई।
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड(31 मई 1857)
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ(4 जून 1857)
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर (5 जून 1857)
नाना साहब(नेपाल पालायित ) –पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक था
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
अवध
मौलवी अहमदुल्लाह
–
फैजाबाद (30 जून 1857)
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
असम
मनीराम दीवान
–
****अंग्रेज अधिकारी जनरल हीयर्से ने बुहरानपुर में 1857 के विप्लव को दबाया
Incorrect
व्याख्या-
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
बैरकपुर (29 मार्च 1857)
मंगल पाण्डेय
–
मेरठ (10 मई 1857)
–
कर्नल फिविक्स
दिल्ली (11/12 मई 1857)
बहादुर जफ़र(रंगून को निर्वासित) , नवाब हमीद अलीखान ,बख्त खां ,जीनत महल
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी (4/5 जून 1857)
रानी लक्ष्मीबाई(17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।)
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद (6 जून 1857)
लियाकत अली
कर्नल नील
मध्य भारत /ग्वालियर (4/5 जून 1857)
तात्या टोपे(गिरफ्तार हुआ, फांसी पर लटका)
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर (12 जून 1857)
कुंवर सिंह –एक मात्र ऐसे विद्रेही थे जिन्होंने अंग्रेजों को पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक हुई।
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड(31 मई 1857)
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ(4 जून 1857)
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर (5 जून 1857)
नाना साहब(नेपाल पालायित ) –पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक था
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
अवध
मौलवी अहमदुल्लाह
–
फैजाबाद (30 जून 1857)
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
असम
मनीराम दीवान
–
****अंग्रेज अधिकारी जनरल हीयर्से ने बुहरानपुर में 1857 के विप्लव को दबाया
Unattempted
व्याख्या-
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
बैरकपुर (29 मार्च 1857)
मंगल पाण्डेय
–
मेरठ (10 मई 1857)
–
कर्नल फिविक्स
दिल्ली (11/12 मई 1857)
बहादुर जफ़र(रंगून को निर्वासित) , नवाब हमीद अलीखान ,बख्त खां ,जीनत महल
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी (4/5 जून 1857)
रानी लक्ष्मीबाई(17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।)
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद (6 जून 1857)
लियाकत अली
कर्नल नील
मध्य भारत /ग्वालियर (4/5 जून 1857)
तात्या टोपे(गिरफ्तार हुआ, फांसी पर लटका)
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर (12 जून 1857)
कुंवर सिंह –एक मात्र ऐसे विद्रेही थे जिन्होंने अंग्रेजों को पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक हुई।
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड(31 मई 1857)
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ(4 जून 1857)
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर (5 जून 1857)
नाना साहब(नेपाल पालायित ) –पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक था
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
अवध
मौलवी अहमदुल्लाह
–
फैजाबाद (30 जून 1857)
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
असम
मनीराम दीवान
–
****अंग्रेज अधिकारी जनरल हीयर्से ने बुहरानपुर में 1857 के विप्लव को दबाया
Question 36 of 46
36. Question
1 points
1857 के विप्लव के दौरान किसने अंग्रेजों के विरूद्ध जेहाद की घोषणा की? .
Correct
व्याख्या –
फैजाबाद (30 जून 1857)
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
मौलवी अहमद उल्लाह, दृढ़ संकल्प वाले व्यक्ति थे।
मौलवी अहमद उल्लाह ने फैजाबाद में विद्रोह का नेतृत्व किया था।
अंग्रेजों ने उन्हें विद्रोहियों में सर्वोत्तम सैनिक के रूप में स्वीकार किया था।
मौलवी अहमद उल्लाह ने 1857 के विद्रोह के समय अंग्रेजों के विरुद्ध जेहाद की घोषणा की थी।
गर्वनर जनरल ने इन्हें पकड़ने वाले व्यक्ति को 50.000 रूपया का पुरस्कार देने की घोषणा की।
फैजाबाद में कैम्पबेल ने यहां के विद्रोह को शांत किया।
Incorrect
व्याख्या –
फैजाबाद (30 जून 1857)
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
मौलवी अहमद उल्लाह, दृढ़ संकल्प वाले व्यक्ति थे।
मौलवी अहमद उल्लाह ने फैजाबाद में विद्रोह का नेतृत्व किया था।
अंग्रेजों ने उन्हें विद्रोहियों में सर्वोत्तम सैनिक के रूप में स्वीकार किया था।
मौलवी अहमद उल्लाह ने 1857 के विद्रोह के समय अंग्रेजों के विरुद्ध जेहाद की घोषणा की थी।
गर्वनर जनरल ने इन्हें पकड़ने वाले व्यक्ति को 50.000 रूपया का पुरस्कार देने की घोषणा की।
फैजाबाद में कैम्पबेल ने यहां के विद्रोह को शांत किया।
Unattempted
व्याख्या –
फैजाबाद (30 जून 1857)
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
मौलवी अहमद उल्लाह, दृढ़ संकल्प वाले व्यक्ति थे।
मौलवी अहमद उल्लाह ने फैजाबाद में विद्रोह का नेतृत्व किया था।
अंग्रेजों ने उन्हें विद्रोहियों में सर्वोत्तम सैनिक के रूप में स्वीकार किया था।
मौलवी अहमद उल्लाह ने 1857 के विद्रोह के समय अंग्रेजों के विरुद्ध जेहाद की घोषणा की थी।
गर्वनर जनरल ने इन्हें पकड़ने वाले व्यक्ति को 50.000 रूपया का पुरस्कार देने की घोषणा की।
फैजाबाद में कैम्पबेल ने यहां के विद्रोह को शांत किया।
Question 37 of 46
37. Question
1 points
1857 का भारतीय विद्रोह प्रारम्भ हुआ था
लखनऊ
कानपुर
बैरकपुर
मेरठ
विद्रोह के आरम्भ होने का सही कालानुक्रम नीचे दिये गये विकल्पों से पता करें।
Correct
व्याख्या-
1857 ई. के विद्रोह की प्रथम चिनगारी बैरकपुर में फूटी
विद्रोह की वास्तविक शुरूआत 10 मई, 1857 ई.को मेरठ में हुई।
11 मई को दिल्ली पहुँचे और बहादुर शाह जफर को विद्रोह का नेतृत्व करने को तैयार किया।
4 जून को विद्रोह लखनऊमें
5 जून को कानपुर में
6 जून को इलाहाबाद में
Incorrect
व्याख्या-
1857 ई. के विद्रोह की प्रथम चिनगारी बैरकपुर में फूटी
विद्रोह की वास्तविक शुरूआत 10 मई, 1857 ई.को मेरठ में हुई।
11 मई को दिल्ली पहुँचे और बहादुर शाह जफर को विद्रोह का नेतृत्व करने को तैयार किया।
4 जून को विद्रोह लखनऊमें
5 जून को कानपुर में
6 जून को इलाहाबाद में
Unattempted
व्याख्या-
1857 ई. के विद्रोह की प्रथम चिनगारी बैरकपुर में फूटी
विद्रोह की वास्तविक शुरूआत 10 मई, 1857 ई.को मेरठ में हुई।
11 मई को दिल्ली पहुँचे और बहादुर शाह जफर को विद्रोह का नेतृत्व करने को तैयार किया।
4 जून को विद्रोह लखनऊमें
5 जून को कानपुर में
6 जून को इलाहाबाद में
Question 38 of 46
38. Question
1 points
बिहार में 1857 के विद्रोह का प्रमुख नेता कौन था?
Correct
व्याख्या-
बिहार में विद्रोह का नेतृत्व जगदीशपुर के 80 वर्षीय कुंवर सिंह ने किया।
कुंवर सिंह एक मात्र ऐसे नेता थे जिन्होंने अंग्रेजों को कई बार पराजित किया तथा उनकी मृत्यु स्वाभाविक रूप से हुई।
Incorrect
व्याख्या-
बिहार में विद्रोह का नेतृत्व जगदीशपुर के 80 वर्षीय कुंवर सिंह ने किया।
कुंवर सिंह एक मात्र ऐसे नेता थे जिन्होंने अंग्रेजों को कई बार पराजित किया तथा उनकी मृत्यु स्वाभाविक रूप से हुई।
Unattempted
व्याख्या-
बिहार में विद्रोह का नेतृत्व जगदीशपुर के 80 वर्षीय कुंवर सिंह ने किया।
कुंवर सिंह एक मात्र ऐसे नेता थे जिन्होंने अंग्रेजों को कई बार पराजित किया तथा उनकी मृत्यु स्वाभाविक रूप से हुई।
Question 39 of 46
39. Question
1 points
1857 में बरेली में क्रान्ति का नेता कौन था?
Correct
व्याख्या-
खाँ बहादुर खाँ 1857 में बरेली में (रुहेल खण्ड) में क्रान्ति के नेता थे।
खाँ बहादुर खाँ स्वयं को बरेली का शासक घोषित कर दिया।
कम्पनी द्वारा निर्धारित पेंशन से असंतुष्ट होकर खान बहादुर ने 40.000 सैनिकों की सहायता से विद्रोह किया
Incorrect
व्याख्या-
खाँ बहादुर खाँ 1857 में बरेली में (रुहेल खण्ड) में क्रान्ति के नेता थे।
खाँ बहादुर खाँ स्वयं को बरेली का शासक घोषित कर दिया।
कम्पनी द्वारा निर्धारित पेंशन से असंतुष्ट होकर खान बहादुर ने 40.000 सैनिकों की सहायता से विद्रोह किया
Unattempted
व्याख्या-
खाँ बहादुर खाँ 1857 में बरेली में (रुहेल खण्ड) में क्रान्ति के नेता थे।
खाँ बहादुर खाँ स्वयं को बरेली का शासक घोषित कर दिया।
कम्पनी द्वारा निर्धारित पेंशन से असंतुष्ट होकर खान बहादुर ने 40.000 सैनिकों की सहायता से विद्रोह किया
Question 40 of 46
40. Question
1 points
1857 से सम्बन्धित निम्नलिखित घटनाओं का सही क्रम नीचे दिये कूट की सहायता से निर्धारित कीजिये :
बैरकपुर का विद्रोह
दिल्ली का विद्रोह
मेरठ का विद्रोह
लखनऊ का विद्रोह
Correct
व्याख्या.
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
बैरकपुर (29 मार्च 1857)
मंगल पाण्डेय
–
मेरठ (10 मई 1857)
–
कर्नल फिविक्स
दिल्ली (11/12 मई 1857)
बहादुर जफ़र(रंगून को निर्वासित) , नवाब हमीद अलीखान ,बख्त खां ,जीनत महल
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी (4/5 जून 1857)
रानी लक्ष्मीबाई(17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।)
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद (6 जून 1857)
लियाकत अली
कर्नल नील
मध्य भारत /ग्वालियर (4/5 जून 1857)
तात्या टोपे(गिरफ्तार हुआ, फांसी पर लटका दिया )
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर (12 जून 1857)
कुंवर सिंह -एक मात्र ऐसे विद्रेही थे जिन्होंने अंग्रेजों को पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक हुई।
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड(31 मई 1857)
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ(4 जून 1857)
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर (5 जून 1857)
नाना साहब(नेपाल पालायित ) -पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक था
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
अवध
मौलवी अहमदुल्लाह
–
फैजाबाद (30 जून 1857)
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
असम
मनीराम दीवान
–
Incorrect
व्याख्या.
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
बैरकपुर (29 मार्च 1857)
मंगल पाण्डेय
–
मेरठ (10 मई 1857)
–
कर्नल फिविक्स
दिल्ली (11/12 मई 1857)
बहादुर जफ़र(रंगून को निर्वासित) , नवाब हमीद अलीखान ,बख्त खां ,जीनत महल
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी (4/5 जून 1857)
रानी लक्ष्मीबाई(17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।)
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद (6 जून 1857)
लियाकत अली
कर्नल नील
मध्य भारत /ग्वालियर (4/5 जून 1857)
तात्या टोपे(गिरफ्तार हुआ, फांसी पर लटका दिया )
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर (12 जून 1857)
कुंवर सिंह -एक मात्र ऐसे विद्रेही थे जिन्होंने अंग्रेजों को पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक हुई।
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड(31 मई 1857)
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ(4 जून 1857)
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर (5 जून 1857)
नाना साहब(नेपाल पालायित ) -पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक था
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
अवध
मौलवी अहमदुल्लाह
–
फैजाबाद (30 जून 1857)
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
असम
मनीराम दीवान
–
Unattempted
व्याख्या.
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
बैरकपुर (29 मार्च 1857)
मंगल पाण्डेय
–
मेरठ (10 मई 1857)
–
कर्नल फिविक्स
दिल्ली (11/12 मई 1857)
बहादुर जफ़र(रंगून को निर्वासित) , नवाब हमीद अलीखान ,बख्त खां ,जीनत महल
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी (4/5 जून 1857)
रानी लक्ष्मीबाई(17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।)
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद (6 जून 1857)
लियाकत अली
कर्नल नील
मध्य भारत /ग्वालियर (4/5 जून 1857)
तात्या टोपे(गिरफ्तार हुआ, फांसी पर लटका दिया )
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर (12 जून 1857)
कुंवर सिंह -एक मात्र ऐसे विद्रेही थे जिन्होंने अंग्रेजों को पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक हुई।
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड(31 मई 1857)
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ(4 जून 1857)
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर (5 जून 1857)
नाना साहब(नेपाल पालायित ) -पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक था
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति
कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया।
अवध
मौलवी अहमदुल्लाह
–
फैजाबाद (30 जून 1857)
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
असम
मनीराम दीवान
–
Question 41 of 46
41. Question
1 points
निम्नलिखित में वह प्रथम भारतीय इतिहासकार कौन था जिसने 1857 के आन्दोलन को प्रथम स्वाधीनता संग्राम के रूप में नहीं स्वीकार किया?
Correct
व्याख्या-
लेखक
पुस्तक
वी0डी0 सावरकर
द इंडिया वार ऑफ इण्डिपेण्डेन्स-(1907 में लिखी गई )-इस पुस्तक में 1857 के विद्रोह को सावरकर ने भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की संज्ञा दी।
अशोक मेहता
1857 द ग्रेट रिवेलियन
एस0एन0 सेन(सरकारी इतिहासकार )
एट्टीन फिफ्टी सेवेन
आर0सी0 मजूमदार
सिपॉय म्यूटिनी एण्ड द रिवोल्ट ऑफ 1857
इतिहासकार आर0सी0 मजूमदार के मतानुसार यह न तो प्रथम, न राष्ट्रीय और न ही भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम था।
प्रसिद्ध इतिहासकार ताराचन्द्र ‘इसे प्रथम राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम मानते हैं।
सरकारी इतिहासकार एस०एन० सेन ने भी अपनी पुस्तक ‘1857’ में इसे एक सीमा तक स्वतंत्रता संग्राम माना है
वी0डी0 सावरकर
द इंडिया वार ऑफ इण्डिपेण्डेन्स-(1907 में लिखी गई )-इस पुस्तक में 1857 के विद्रोह को सावरकर ने भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की संज्ञा दी।
Incorrect
व्याख्या-
लेखक
पुस्तक
वी0डी0 सावरकर
द इंडिया वार ऑफ इण्डिपेण्डेन्स-(1907 में लिखी गई )-इस पुस्तक में 1857 के विद्रोह को सावरकर ने भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की संज्ञा दी।
अशोक मेहता
1857 द ग्रेट रिवेलियन
एस0एन0 सेन(सरकारी इतिहासकार )
एट्टीन फिफ्टी सेवेन
आर0सी0 मजूमदार
सिपॉय म्यूटिनी एण्ड द रिवोल्ट ऑफ 1857
इतिहासकार आर0सी0 मजूमदार के मतानुसार यह न तो प्रथम, न राष्ट्रीय और न ही भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम था।
प्रसिद्ध इतिहासकार ताराचन्द्र ‘इसे प्रथम राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम मानते हैं।
सरकारी इतिहासकार एस०एन० सेन ने भी अपनी पुस्तक ‘1857’ में इसे एक सीमा तक स्वतंत्रता संग्राम माना है
वी0डी0 सावरकर
द इंडिया वार ऑफ इण्डिपेण्डेन्स-(1907 में लिखी गई )-इस पुस्तक में 1857 के विद्रोह को सावरकर ने भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की संज्ञा दी।
Unattempted
व्याख्या-
लेखक
पुस्तक
वी0डी0 सावरकर
द इंडिया वार ऑफ इण्डिपेण्डेन्स-(1907 में लिखी गई )-इस पुस्तक में 1857 के विद्रोह को सावरकर ने भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की संज्ञा दी।
अशोक मेहता
1857 द ग्रेट रिवेलियन
एस0एन0 सेन(सरकारी इतिहासकार )
एट्टीन फिफ्टी सेवेन
आर0सी0 मजूमदार
सिपॉय म्यूटिनी एण्ड द रिवोल्ट ऑफ 1857
इतिहासकार आर0सी0 मजूमदार के मतानुसार यह न तो प्रथम, न राष्ट्रीय और न ही भारत का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम था।
प्रसिद्ध इतिहासकार ताराचन्द्र ‘इसे प्रथम राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम मानते हैं।
सरकारी इतिहासकार एस०एन० सेन ने भी अपनी पुस्तक ‘1857’ में इसे एक सीमा तक स्वतंत्रता संग्राम माना है
वी0डी0 सावरकर
द इंडिया वार ऑफ इण्डिपेण्डेन्स-(1907 में लिखी गई )-इस पुस्तक में 1857 के विद्रोह को सावरकर ने भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की संज्ञा दी।
Question 42 of 46
42. Question
1 points
1857 के विद्रोह का अग्रदूत कौन नहीं था
Correct
व्याख्याः
संन्यासी विद्रोह 1763-1800 ई. के बीच बंगाल
अहोम विद्रोह 1828-33 ई. के बीच असम
संथाल विद्रोह 1855-56 ई. के मध्य छोटानागपुर में हुए थे।
⇓
ये सभी विद्रोह 1857 के विद्रोह के पहले होने से विद्रोह का अग्रदूत माना जा सकता है।
उलगुलान या (मुण्डा विद्रोह बिहार में बिरसा मुंडा द्वारा 1895-1901 ई. के बीच हुआ था। अतः यह 1857 के विद्रोह का अग्रदूत नहीं था।
Incorrect
व्याख्याः
संन्यासी विद्रोह 1763-1800 ई. के बीच बंगाल
अहोम विद्रोह 1828-33 ई. के बीच असम
संथाल विद्रोह 1855-56 ई. के मध्य छोटानागपुर में हुए थे।
⇓
ये सभी विद्रोह 1857 के विद्रोह के पहले होने से विद्रोह का अग्रदूत माना जा सकता है।
उलगुलान या (मुण्डा विद्रोह बिहार में बिरसा मुंडा द्वारा 1895-1901 ई. के बीच हुआ था। अतः यह 1857 के विद्रोह का अग्रदूत नहीं था।
Unattempted
व्याख्याः
संन्यासी विद्रोह 1763-1800 ई. के बीच बंगाल
अहोम विद्रोह 1828-33 ई. के बीच असम
संथाल विद्रोह 1855-56 ई. के मध्य छोटानागपुर में हुए थे।
⇓
ये सभी विद्रोह 1857 के विद्रोह के पहले होने से विद्रोह का अग्रदूत माना जा सकता है।
उलगुलान या (मुण्डा विद्रोह बिहार में बिरसा मुंडा द्वारा 1895-1901 ई. के बीच हुआ था। अतः यह 1857 के विद्रोह का अग्रदूत नहीं था।
Question 43 of 46
43. Question
1 points
निम्नलिखित में से कौन 1857 की क्रांति में अंग्रेजों के समर्थक थे
Correct
‘व्याख्या-
*****देशी राज्य जिसने 1857 की क्रांति में अग्रेजो का साथ दिया |
राज्य
शासक
कश्मीर
गुलाब सिंह
ग्वालियर
रानोजी राव सिंधिया
हैदराबाद
सालार जंग
नेपाल
जंगबहादुर
जोधपुर
तख़्त सिंह
इंदौर
तुकोजीराव होलकर
******1857 ई. की क्रांति में ग्वालियर के सिंधिया, पटियाला, नाभा, जींद, अफगानिस्तान और नेपाल के राजाओं ने अंग्रेजों को सैनिक और आर्थिक सहायता प्रदान की थी
Incorrect
‘व्याख्या-
*****देशी राज्य जिसने 1857 की क्रांति में अग्रेजो का साथ दिया |
राज्य
शासक
कश्मीर
गुलाब सिंह
ग्वालियर
रानोजी राव सिंधिया
हैदराबाद
सालार जंग
नेपाल
जंगबहादुर
जोधपुर
तख़्त सिंह
इंदौर
तुकोजीराव होलकर
******1857 ई. की क्रांति में ग्वालियर के सिंधिया, पटियाला, नाभा, जींद, अफगानिस्तान और नेपाल के राजाओं ने अंग्रेजों को सैनिक और आर्थिक सहायता प्रदान की थी
Unattempted
‘व्याख्या-
*****देशी राज्य जिसने 1857 की क्रांति में अग्रेजो का साथ दिया |
राज्य
शासक
कश्मीर
गुलाब सिंह
ग्वालियर
रानोजी राव सिंधिया
हैदराबाद
सालार जंग
नेपाल
जंगबहादुर
जोधपुर
तख़्त सिंह
इंदौर
तुकोजीराव होलकर
******1857 ई. की क्रांति में ग्वालियर के सिंधिया, पटियाला, नाभा, जींद, अफगानिस्तान और नेपाल के राजाओं ने अंग्रेजों को सैनिक और आर्थिक सहायता प्रदान की थी
Question 44 of 46
44. Question
1 points
सूची। को सूची॥ से सुमेलित कीजिए तथा दिये हुये कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए
सूची। सूची।l
A बख्त खाँ 1. कानपुर
B नाना साहब 2. बरेली
C कुवर सिंह 3.दिल्ली
D खान बहादुर खाँ 4. बिहार
Correct
व्याख्या –
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
बैरकपुर (29 मार्च 1857)
मंगल पाण्डेय
–
मेरठ (10 मई 1857)
–
कर्नल फिविक्स
दिल्ली (11/12 मई 1857)
बहादुर जफ़र(रंगून को निर्वासित) , नवाब हमीद अलीखान ,बख्त खां ,जीनत महल
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी (4/5 जून 1857)
रानी लक्ष्मीबाई(17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।)
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद (6 जून 1857)
लियाकत अली
कर्नल नील
मध्य भारत /ग्वालियर (4/5 जून 1857)
तात्या टोपे(गिरफ्तार किया , फांसी पर लटका दिया )
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर (12 जून 1857)
कुंवर सिंह –एक मात्र ऐसे विद्रेही थे जिन्होंने अंग्रेजों को पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक हुई।
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड(31 मई 1857)
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ(4 जून 1857)
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर (5 जून 1857)
नाना साहब(नेपाल पालायित ) –पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक था
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया ।
अवध
मौलवी अहमदुल्लाह
–
फैजाबाद (30 जून 1857)
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
असम
मनीराम दीवान
–
Incorrect
व्याख्या –
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
बैरकपुर (29 मार्च 1857)
मंगल पाण्डेय
–
मेरठ (10 मई 1857)
–
कर्नल फिविक्स
दिल्ली (11/12 मई 1857)
बहादुर जफ़र(रंगून को निर्वासित) , नवाब हमीद अलीखान ,बख्त खां ,जीनत महल
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी (4/5 जून 1857)
रानी लक्ष्मीबाई(17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।)
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद (6 जून 1857)
लियाकत अली
कर्नल नील
मध्य भारत /ग्वालियर (4/5 जून 1857)
तात्या टोपे(गिरफ्तार किया , फांसी पर लटका दिया )
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर (12 जून 1857)
कुंवर सिंह –एक मात्र ऐसे विद्रेही थे जिन्होंने अंग्रेजों को पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक हुई।
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड(31 मई 1857)
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ(4 जून 1857)
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर (5 जून 1857)
नाना साहब(नेपाल पालायित ) –पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक था
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया ।
अवध
मौलवी अहमदुल्लाह
–
फैजाबाद (30 जून 1857)
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
असम
मनीराम दीवान
–
Unattempted
व्याख्या –
केंद्र
नायक
ब्रिटिश अधिकारी
बैरकपुर (29 मार्च 1857)
मंगल पाण्डेय
–
मेरठ (10 मई 1857)
–
कर्नल फिविक्स
दिल्ली (11/12 मई 1857)
बहादुर जफ़र(रंगून को निर्वासित) , नवाब हमीद अलीखान ,बख्त खां ,जीनत महल
निकल्सन , हडसन ,
20 सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर पुन: अधिकार कर लिया।
फतेहपुर
अजीमुल्ला
जनरल रेनर्ड
झांसी (4/5 जून 1857)
रानी लक्ष्मीबाई(17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।)
ह्यूरोज ,
रानी लक्ष्मीबाई 17 जून, 1858 को ग्वालियर में वीरगति को प्राप्त हुई।
इलाहाबाद (6 जून 1857)
लियाकत अली
कर्नल नील
मध्य भारत /ग्वालियर (4/5 जून 1857)
तात्या टोपे(गिरफ्तार किया , फांसी पर लटका दिया )
ह्यूरोज
बिहार /जगदीशपुर (12 जून 1857)
कुंवर सिंह –एक मात्र ऐसे विद्रेही थे जिन्होंने अंग्रेजों को पराजित किया तथा जिनकी मृत्यु स्वाभाविक हुई।
विलियम टेलर, विंसेट आयर
बरेली /रूहेलखण्ड(31 मई 1857)
खान बहादुर खां
कैंपबेल
लखनऊ(4 जून 1857)
बेगम हजरत महल
कैंपबेल
कानपुर (5 जून 1857)
नाना साहब(नेपाल पालायित ) –पेशवा बाजीराव द्वितीय के दत्तक था
कैंपबेल
16 दिसम्बर, 1857 को ब्रिटिश सेनापति कैंपबेल के नेतृत्व में कानपुर पर अंग्रेजों का पुनः अधिकार हो गया ।
अवध
मौलवी अहमदुल्लाह
–
फैजाबाद (30 जून 1857)
मौलवी अहमदुल्लाह शाह
कैंपबेल
असम
मनीराम दीवान
–
Question 45 of 46
45. Question
1 points
1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का प्रमुख राजनीतिक कारण क्या था
Correct
व्याख्या-
विद्रोह के कारण-
राजनीतिक कारण
1857 के विद्रोह का प्रमुख राजनीतिक कारण डलहौजी की की ‘गोद निषेध प्रथा’ या ‘हड़प नीति’ थी।
सामाजिक एवं धार्मिक कारण
भारत में तेजी से पैर पसारती पश्चिमी सभ्यता को लेकर समाज के बड़े वर्ग में आक्रोश था। 1850 में ब्रिटिश सरकार ने हिंदुओं के उत्तराधिकार कानून में बदलाव कर दिया और अब किस्चन धर्म अपनाने वाला हिंदू हीअपने पूर्वजों की संपत्ति में हकदार बन सकता था।
आर्थिक कारण
भारी टैक्स और राजस्व संग्रहण के कड़े नियमों के कारण किसान और जमींदार वर्गों में असंतोष था।
सैन्य कारण
भारत में ब्रिटिश सेना में 87 फीसदी से ज्यादा भारतीय सैनिक थे। उनको ब्रिटिश सैनिकों की तुलना में कमतर माना जाता था। एक ही रैंक के भारतीय सिपाही को यूरोपीय सिपाही के मुकाबले कम वेतन दिया जाता था।
तात्कालिक कारण
1857 के विद्रोह के तात्कालिक कारणों में यह अफवाह थी कि 1853 की राइफल के कारतूस की खोल पर सूअर और गाय की चर्बी लगी हुई है।
Incorrect
व्याख्या-
विद्रोह के कारण-
राजनीतिक कारण
1857 के विद्रोह का प्रमुख राजनीतिक कारण डलहौजी की की ‘गोद निषेध प्रथा’ या ‘हड़प नीति’ थी।
सामाजिक एवं धार्मिक कारण
भारत में तेजी से पैर पसारती पश्चिमी सभ्यता को लेकर समाज के बड़े वर्ग में आक्रोश था। 1850 में ब्रिटिश सरकार ने हिंदुओं के उत्तराधिकार कानून में बदलाव कर दिया और अब किस्चन धर्म अपनाने वाला हिंदू हीअपने पूर्वजों की संपत्ति में हकदार बन सकता था।
आर्थिक कारण
भारी टैक्स और राजस्व संग्रहण के कड़े नियमों के कारण किसान और जमींदार वर्गों में असंतोष था।
सैन्य कारण
भारत में ब्रिटिश सेना में 87 फीसदी से ज्यादा भारतीय सैनिक थे। उनको ब्रिटिश सैनिकों की तुलना में कमतर माना जाता था। एक ही रैंक के भारतीय सिपाही को यूरोपीय सिपाही के मुकाबले कम वेतन दिया जाता था।
तात्कालिक कारण
1857 के विद्रोह के तात्कालिक कारणों में यह अफवाह थी कि 1853 की राइफल के कारतूस की खोल पर सूअर और गाय की चर्बी लगी हुई है।
Unattempted
व्याख्या-
विद्रोह के कारण-
राजनीतिक कारण
1857 के विद्रोह का प्रमुख राजनीतिक कारण डलहौजी की की ‘गोद निषेध प्रथा’ या ‘हड़प नीति’ थी।
सामाजिक एवं धार्मिक कारण
भारत में तेजी से पैर पसारती पश्चिमी सभ्यता को लेकर समाज के बड़े वर्ग में आक्रोश था। 1850 में ब्रिटिश सरकार ने हिंदुओं के उत्तराधिकार कानून में बदलाव कर दिया और अब किस्चन धर्म अपनाने वाला हिंदू हीअपने पूर्वजों की संपत्ति में हकदार बन सकता था।
आर्थिक कारण
भारी टैक्स और राजस्व संग्रहण के कड़े नियमों के कारण किसान और जमींदार वर्गों में असंतोष था।
सैन्य कारण
भारत में ब्रिटिश सेना में 87 फीसदी से ज्यादा भारतीय सैनिक थे। उनको ब्रिटिश सैनिकों की तुलना में कमतर माना जाता था। एक ही रैंक के भारतीय सिपाही को यूरोपीय सिपाही के मुकाबले कम वेतन दिया जाता था।
तात्कालिक कारण
1857 के विद्रोह के तात्कालिक कारणों में यह अफवाह थी कि 1853 की राइफल के कारतूस की खोल पर सूअर और गाय की चर्बी लगी हुई है।
Question 46 of 46
46. Question
1 points
किस प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी को सर ह्यूम रोज ने ‘वीरतम और श्रेष्ठतम’ कहा था
Correct
व्याख्या-
झांसी में विद्रोह का नेतृत्व गंगाधर राव की पत्नी रानी लक्ष्मीबाई ने किया।
रानी लक्ष्मीबाई अपने दत्तक पुत्र दामोदार राव को गद्दी न दिये जाने से नाराज थीं।
ह्यूरोज ने 23 ‘मार्च, 1858 ई. को झांसी को घेर लिया।
रानी वहां से निकलकर पहले काल्पी और फिर ग्वालियर पहुंची।
ग्वालियर में ह्यूरोज की सेना से मुकाबला करते हुए 17 जून, 1858 ई. को वीरगति को प्राप्त हुई।
ह्यूरोज ने रानी लक्ष्मीबाई के बारे में कहा था कि भारतीय क्रान्तिकारियों में वे अकेली मर्द है।’
Incorrect
व्याख्या-
झांसी में विद्रोह का नेतृत्व गंगाधर राव की पत्नी रानी लक्ष्मीबाई ने किया।
रानी लक्ष्मीबाई अपने दत्तक पुत्र दामोदार राव को गद्दी न दिये जाने से नाराज थीं।
ह्यूरोज ने 23 ‘मार्च, 1858 ई. को झांसी को घेर लिया।
रानी वहां से निकलकर पहले काल्पी और फिर ग्वालियर पहुंची।
ग्वालियर में ह्यूरोज की सेना से मुकाबला करते हुए 17 जून, 1858 ई. को वीरगति को प्राप्त हुई।
ह्यूरोज ने रानी लक्ष्मीबाई के बारे में कहा था कि भारतीय क्रान्तिकारियों में वे अकेली मर्द है।’
Unattempted
व्याख्या-
झांसी में विद्रोह का नेतृत्व गंगाधर राव की पत्नी रानी लक्ष्मीबाई ने किया।
रानी लक्ष्मीबाई अपने दत्तक पुत्र दामोदार राव को गद्दी न दिये जाने से नाराज थीं।
ह्यूरोज ने 23 ‘मार्च, 1858 ई. को झांसी को घेर लिया।
रानी वहां से निकलकर पहले काल्पी और फिर ग्वालियर पहुंची।
ग्वालियर में ह्यूरोज की सेना से मुकाबला करते हुए 17 जून, 1858 ई. को वीरगति को प्राप्त हुई।
ह्यूरोज ने रानी लक्ष्मीबाई के बारे में कहा था कि भारतीय क्रान्तिकारियों में वे अकेली मर्द है।’