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Congratulations!!!" लोदी और सैय्यद वंश "
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Question 1 of 19
1. Question
1 points
निम्नलिखित में से किस राज्य को दिल्ली के सुल्तान बहलोल लोदी ने 1484 ई. में अधिग्रहीत कर लिया था?
Correct
व्याख्या-
बहलोल लोदी दिल्ली के प्रथम अफगान राज्य का संस्थापक था।
बहलोल लोदी का शासन काल 1451 से 1484 ई. तक था।
बहलोल लोदी ने 1484 ई. में जौनपुर के शर्की शासक हुसैन शाह को पराजित कर जौनपुर को दिल्ली सल्तनत में मिला लिया।
सुल्तान मुहम्मद शाह ने बहलोल की सेवाओं से प्रसन्न होकर उसे ‘खानेजहाँ की उपाधि प्रदान की थी।
बहलोल लोदी ने अपने अफगान अनुयायियों के साथ ऐसा व्यवहार किया कि मानो वह अफगान अमीरों में से ही एक था।
बहलोल लोदी स्वयं सिंहासन पर न बैठकर उनके सामने कालीन पर बैठता था
Incorrect
व्याख्या-
बहलोल लोदी दिल्ली के प्रथम अफगान राज्य का संस्थापक था।
बहलोल लोदी का शासन काल 1451 से 1484 ई. तक था।
बहलोल लोदी ने 1484 ई. में जौनपुर के शर्की शासक हुसैन शाह को पराजित कर जौनपुर को दिल्ली सल्तनत में मिला लिया।
सुल्तान मुहम्मद शाह ने बहलोल की सेवाओं से प्रसन्न होकर उसे ‘खानेजहाँ की उपाधि प्रदान की थी।
बहलोल लोदी ने अपने अफगान अनुयायियों के साथ ऐसा व्यवहार किया कि मानो वह अफगान अमीरों में से ही एक था।
बहलोल लोदी स्वयं सिंहासन पर न बैठकर उनके सामने कालीन पर बैठता था
Unattempted
व्याख्या-
बहलोल लोदी दिल्ली के प्रथम अफगान राज्य का संस्थापक था।
बहलोल लोदी का शासन काल 1451 से 1484 ई. तक था।
बहलोल लोदी ने 1484 ई. में जौनपुर के शर्की शासक हुसैन शाह को पराजित कर जौनपुर को दिल्ली सल्तनत में मिला लिया।
सुल्तान मुहम्मद शाह ने बहलोल की सेवाओं से प्रसन्न होकर उसे ‘खानेजहाँ की उपाधि प्रदान की थी।
बहलोल लोदी ने अपने अफगान अनुयायियों के साथ ऐसा व्यवहार किया कि मानो वह अफगान अमीरों में से ही एक था।
बहलोल लोदी स्वयं सिंहासन पर न बैठकर उनके सामने कालीन पर बैठता था
Question 2 of 19
2. Question
1 points
निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए.
सिकन्दर लोदी ने अपना आवास दिल्ली से आगरा परिवर्तित किया था।
बड़े अमीरों के व्यक्तिगत सैनिक सिकन्दर लोदी द्वारा स्वयं नियुक्त किये जाते थे।
सिकन्दर ने मक्के की फसल पर शुल्क समाप्त कर दिया।
उपरोक्त कथनों में कौन सा/से सही है/हैं
Correct
व्याख्या-
सिकन्दर लोदी का वास्तविक नाम निजामशाह था।
सिकन्दर लोदी गुलरूखी उपनाम से कविताएं भी लिखता था।
17 जुलाई 1489 ई. में निजामशाह सिकन्दर लोदी’ की उपाधि के साथ गद्दी पर बैठा
सिकन्दर लोदी ने अपने पिता बहलोल लोदी की नीति को परिवर्तित करते हुए अमीरों को सुल्तान’ का सम्मान करने तथा अपने से ऊँचा दर्जा देने हेतु विवश किया
सिकन्दर लोदी ने अमीरों द्वारा किये गये भष्टाचार की जाँच भी करवायी तथा उन्हें कठोर दण्ड भी दिये।
सिकन्दर लोदी ने गुप्तचर व्यवस्था को पुनर्संगठन करके अत्यन्त शक्तिशाली बना दिया।
1504 ई. में सिकन्दर लोदी ने आगरा शहर का निर्माण किया और राजधानी वहाँ स्थानान्तरित की
सिकन्दर लोदी ने अनाज से चुंगी हटा दी तथा व्यापारिक अड़चनों को समाप्त कर दिया था,
सिकन्दर लौदी के समय में मक्के की खेती भारत में प्रचलित ही नहीं थी।
Incorrect
व्याख्या-
सिकन्दर लोदी का वास्तविक नाम निजामशाह था।
सिकन्दर लोदी गुलरूखी उपनाम से कविताएं भी लिखता था।
17 जुलाई 1489 ई. में निजामशाह सिकन्दर लोदी’ की उपाधि के साथ गद्दी पर बैठा
सिकन्दर लोदी ने अपने पिता बहलोल लोदी की नीति को परिवर्तित करते हुए अमीरों को सुल्तान’ का सम्मान करने तथा अपने से ऊँचा दर्जा देने हेतु विवश किया
सिकन्दर लोदी ने अमीरों द्वारा किये गये भष्टाचार की जाँच भी करवायी तथा उन्हें कठोर दण्ड भी दिये।
सिकन्दर लोदी ने गुप्तचर व्यवस्था को पुनर्संगठन करके अत्यन्त शक्तिशाली बना दिया।
1504 ई. में सिकन्दर लोदी ने आगरा शहर का निर्माण किया और राजधानी वहाँ स्थानान्तरित की
सिकन्दर लोदी ने अनाज से चुंगी हटा दी तथा व्यापारिक अड़चनों को समाप्त कर दिया था,
सिकन्दर लौदी के समय में मक्के की खेती भारत में प्रचलित ही नहीं थी।
Unattempted
व्याख्या-
सिकन्दर लोदी का वास्तविक नाम निजामशाह था।
सिकन्दर लोदी गुलरूखी उपनाम से कविताएं भी लिखता था।
17 जुलाई 1489 ई. में निजामशाह सिकन्दर लोदी’ की उपाधि के साथ गद्दी पर बैठा
सिकन्दर लोदी ने अपने पिता बहलोल लोदी की नीति को परिवर्तित करते हुए अमीरों को सुल्तान’ का सम्मान करने तथा अपने से ऊँचा दर्जा देने हेतु विवश किया
सिकन्दर लोदी ने अमीरों द्वारा किये गये भष्टाचार की जाँच भी करवायी तथा उन्हें कठोर दण्ड भी दिये।
सिकन्दर लोदी ने गुप्तचर व्यवस्था को पुनर्संगठन करके अत्यन्त शक्तिशाली बना दिया।
1504 ई. में सिकन्दर लोदी ने आगरा शहर का निर्माण किया और राजधानी वहाँ स्थानान्तरित की
सिकन्दर लोदी ने अनाज से चुंगी हटा दी तथा व्यापारिक अड़चनों को समाप्त कर दिया था,
सिकन्दर लौदी के समय में मक्के की खेती भारत में प्रचलित ही नहीं थी।
Question 3 of 19
3. Question
1 points
बाबर की विजय किस वंश का पतन करने में सहायक हुई
Correct
व्याख्या-
1517 ई. में इब्राहिम लोदी उत्तराधिकार के युद्ध में विजयी होकर शासक बना।
इब्राहिम लोदी ने 1518 ई. में ग्वालियर पर विजय प्राप्त की
इब्राहिम लोदी ‘सामन्तों पर नियंत्रण प्राप्त करने में वह असफल रहा।
दौलत खाँ लोदी भारत पर आक्रमण करने के लिए मुगल संस्थापक बाबर को आमंत्रित किया।
दौलत खाँ लोदी ,इब्राहिम लोदी के समय लाहौर का गवर्नर था,
21 अप्रैल 1526 को हुए पानीपत की पहली लड़ाई में बाबर ने इब्राहिम को पराजित कर दिया।
इब्राहिम युद्ध में मारा गया साथ ही लोदी वंश एवं दिल्ली साम्राज्य का अन्त हो गया
भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना हुई।
Incorrect
व्याख्या-
1517 ई. में इब्राहिम लोदी उत्तराधिकार के युद्ध में विजयी होकर शासक बना।
इब्राहिम लोदी ने 1518 ई. में ग्वालियर पर विजय प्राप्त की
इब्राहिम लोदी ‘सामन्तों पर नियंत्रण प्राप्त करने में वह असफल रहा।
दौलत खाँ लोदी भारत पर आक्रमण करने के लिए मुगल संस्थापक बाबर को आमंत्रित किया।
दौलत खाँ लोदी ,इब्राहिम लोदी के समय लाहौर का गवर्नर था,
21 अप्रैल 1526 को हुए पानीपत की पहली लड़ाई में बाबर ने इब्राहिम को पराजित कर दिया।
इब्राहिम युद्ध में मारा गया साथ ही लोदी वंश एवं दिल्ली साम्राज्य का अन्त हो गया
भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना हुई।
Unattempted
व्याख्या-
1517 ई. में इब्राहिम लोदी उत्तराधिकार के युद्ध में विजयी होकर शासक बना।
इब्राहिम लोदी ने 1518 ई. में ग्वालियर पर विजय प्राप्त की
इब्राहिम लोदी ‘सामन्तों पर नियंत्रण प्राप्त करने में वह असफल रहा।
दौलत खाँ लोदी भारत पर आक्रमण करने के लिए मुगल संस्थापक बाबर को आमंत्रित किया।
दौलत खाँ लोदी ,इब्राहिम लोदी के समय लाहौर का गवर्नर था,
21 अप्रैल 1526 को हुए पानीपत की पहली लड़ाई में बाबर ने इब्राहिम को पराजित कर दिया।
इब्राहिम युद्ध में मारा गया साथ ही लोदी वंश एवं दिल्ली साम्राज्य का अन्त हो गया
भारत में मुगल साम्राज्य की स्थापना हुई।
Question 4 of 19
4. Question
1 points
कथन (A) : बहलोल का सिद्धान्त राजत्व ही बन्धुत्व था।
कारण (R) : बहलोल अफगान कबिलाई (जनजातीय) भावनाओं का आदर करता था।
उपर्युक्त दोनों कथनों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा सही है?
Correct
व्याख्या •
बहलोल का सिद्धान्त राजत्व ही बन्धुत्व था।
बहलोल लोदी सरदारों की समानता पर आधारित राजत्व सिद्धान्त में विश्वास करता था।
बहलोल अफगान कबीलाई भावनाओं के आदर को मानता था
कबीलाई भावनाओं के आदर के कारण उसके राजत्व सिद्धान्त में सरदारों की समानता को जगह मिली।
Incorrect
व्याख्या •
बहलोल का सिद्धान्त राजत्व ही बन्धुत्व था।
बहलोल लोदी सरदारों की समानता पर आधारित राजत्व सिद्धान्त में विश्वास करता था।
बहलोल अफगान कबीलाई भावनाओं के आदर को मानता था
कबीलाई भावनाओं के आदर के कारण उसके राजत्व सिद्धान्त में सरदारों की समानता को जगह मिली।
Unattempted
व्याख्या •
बहलोल का सिद्धान्त राजत्व ही बन्धुत्व था।
बहलोल लोदी सरदारों की समानता पर आधारित राजत्व सिद्धान्त में विश्वास करता था।
बहलोल अफगान कबीलाई भावनाओं के आदर को मानता था
कबीलाई भावनाओं के आदर के कारण उसके राजत्व सिद्धान्त में सरदारों की समानता को जगह मिली।
Question 5 of 19
5. Question
1 points
लोदियों का राजत्व सिद्धान्त (Theory of Kingship) आधारित था।
Correct
व्याख्या-
लोदी शासकों ने अफगान अमीरों का सम्मान इतना बढ़ा दिया था कि उसका सुल्तान ‘समानों में प्रधान’ की तरह रह गया।
लोदी वंश का संस्थापक बहलोल लोदी था।
बहलोल लोदी ने अपने अफगान अमीरों से ऐसा व्यवहार किया उसके सामने निचे बैठता था
इस व्यवस्था की असुविधाएं को अंतिम लोदी सुल्तानों ने क्रमश: इसे कम कर दिया था।
Incorrect
व्याख्या-
लोदी शासकों ने अफगान अमीरों का सम्मान इतना बढ़ा दिया था कि उसका सुल्तान ‘समानों में प्रधान’ की तरह रह गया।
लोदी वंश का संस्थापक बहलोल लोदी था।
बहलोल लोदी ने अपने अफगान अमीरों से ऐसा व्यवहार किया उसके सामने निचे बैठता था
इस व्यवस्था की असुविधाएं को अंतिम लोदी सुल्तानों ने क्रमश: इसे कम कर दिया था।
Unattempted
व्याख्या-
लोदी शासकों ने अफगान अमीरों का सम्मान इतना बढ़ा दिया था कि उसका सुल्तान ‘समानों में प्रधान’ की तरह रह गया।
लोदी वंश का संस्थापक बहलोल लोदी था।
बहलोल लोदी ने अपने अफगान अमीरों से ऐसा व्यवहार किया उसके सामने निचे बैठता था
इस व्यवस्था की असुविधाएं को अंतिम लोदी सुल्तानों ने क्रमश: इसे कम कर दिया था।
Question 6 of 19
6. Question
1 points
निम्नलिखित में से कौन सी नगरी लोदी सुल्तानों की राजधानी थी
Correct
व्याख्या-
दिल्ली सल्तनत के प्रथम पठान (अफगान) राज्य का संस्थापक बहलोल लोदी था।
बहलोल लोदी का शासन काल – 1451 से 1489 ई.
सर्वप्रथम सुल्तान इल्तुतमिश ने दिल्ली सल्तनत के शासकों में ‘दिल्ली’ को राजधानी बनाया था
कुतुबुद्दीन ऐबक के समय में दिल्ली सल्तनत की राजधानी ‘लौहार’ थी।
इल्तुतमिश के बाद से ‘दिल्ली’ ही सल्तनत की राजधानी के रूप में प्रतिष्ठापित रही।
1504 ई. में सिकन्दर लोदी ने आगरा नगर की स्थापना की तथा अपनी राजधानी दिल्ली से आगरा स्थानान्तरित किया।
लोदी शासकों की राजधानी आगरा ही रही।
Incorrect
व्याख्या-
दिल्ली सल्तनत के प्रथम पठान (अफगान) राज्य का संस्थापक बहलोल लोदी था।
बहलोल लोदी का शासन काल – 1451 से 1489 ई.
सर्वप्रथम सुल्तान इल्तुतमिश ने दिल्ली सल्तनत के शासकों में ‘दिल्ली’ को राजधानी बनाया था
कुतुबुद्दीन ऐबक के समय में दिल्ली सल्तनत की राजधानी ‘लौहार’ थी।
इल्तुतमिश के बाद से ‘दिल्ली’ ही सल्तनत की राजधानी के रूप में प्रतिष्ठापित रही।
1504 ई. में सिकन्दर लोदी ने आगरा नगर की स्थापना की तथा अपनी राजधानी दिल्ली से आगरा स्थानान्तरित किया।
लोदी शासकों की राजधानी आगरा ही रही।
Unattempted
व्याख्या-
दिल्ली सल्तनत के प्रथम पठान (अफगान) राज्य का संस्थापक बहलोल लोदी था।
बहलोल लोदी का शासन काल – 1451 से 1489 ई.
सर्वप्रथम सुल्तान इल्तुतमिश ने दिल्ली सल्तनत के शासकों में ‘दिल्ली’ को राजधानी बनाया था
कुतुबुद्दीन ऐबक के समय में दिल्ली सल्तनत की राजधानी ‘लौहार’ थी।
इल्तुतमिश के बाद से ‘दिल्ली’ ही सल्तनत की राजधानी के रूप में प्रतिष्ठापित रही।
1504 ई. में सिकन्दर लोदी ने आगरा नगर की स्थापना की तथा अपनी राजधानी दिल्ली से आगरा स्थानान्तरित किया।
लोदी शासकों की राजधानी आगरा ही रही।
Question 7 of 19
7. Question
1 points
आर0पी0 त्रिपाठी के अनुसार लोदी शासकों का राजस्व सिद्धान्त आधारित था
Correct
व्याख्या-
डॉ० आर०पी० त्रिपाठी के अनुसार लोदी शासकों (विशेषत: बहलोल लोदी) का राजस्व सिद्धान्त अफगान सरदारों की समानता पर आधारित था।
बहलोल लोदी ने अपने को कबाइली मलिकों के समान माना।
बहलोल लोदी दरबार में या अन्य अवसरों पर कभी भी सिंहासन पर नहीं बैठता था और न ही निरकुंश शासक की भाँति आदेश जारी करता था।
बहलोल लोदी अपने अमीरों के साथ शाही कालीन पर बैठकर विचार विमर्श करता था।
बहलोल लोदी का राजस्व सिद्धान्त अफगान अमीरों की समानता पर आधारित था।
Incorrect
व्याख्या-
डॉ० आर०पी० त्रिपाठी के अनुसार लोदी शासकों (विशेषत: बहलोल लोदी) का राजस्व सिद्धान्त अफगान सरदारों की समानता पर आधारित था।
बहलोल लोदी ने अपने को कबाइली मलिकों के समान माना।
बहलोल लोदी दरबार में या अन्य अवसरों पर कभी भी सिंहासन पर नहीं बैठता था और न ही निरकुंश शासक की भाँति आदेश जारी करता था।
बहलोल लोदी अपने अमीरों के साथ शाही कालीन पर बैठकर विचार विमर्श करता था।
बहलोल लोदी का राजस्व सिद्धान्त अफगान अमीरों की समानता पर आधारित था।
Unattempted
व्याख्या-
डॉ० आर०पी० त्रिपाठी के अनुसार लोदी शासकों (विशेषत: बहलोल लोदी) का राजस्व सिद्धान्त अफगान सरदारों की समानता पर आधारित था।
बहलोल लोदी ने अपने को कबाइली मलिकों के समान माना।
बहलोल लोदी दरबार में या अन्य अवसरों पर कभी भी सिंहासन पर नहीं बैठता था और न ही निरकुंश शासक की भाँति आदेश जारी करता था।
बहलोल लोदी अपने अमीरों के साथ शाही कालीन पर बैठकर विचार विमर्श करता था।
बहलोल लोदी का राजस्व सिद्धान्त अफगान अमीरों की समानता पर आधारित था।
Question 8 of 19
8. Question
1 points
वह सुल्तान जिसने तैमूर तथा शाहरूख का नाम अपने सिक्कों पर अंकित करवाया
Correct
व्याख्या-
खिज्र खा सैय्यद वंश का संस्थापक था
28 मई, 1414 ई को उसने दिल्ली सल्तनत की के सिहासन प्र बैठा
खिज्र खां तुगलक सुल्तानों के समय एक सेनानायक के रूप में कार्यरत रहा था।
तैमूर द्वारा खिज्र खां को पंजाब का क्षेत्र प्राप्त हुआ।
1414 ई. में दिल्ली की विजय के बाद उसका अधिकार पंजाब और दिल्ली पर फैल गया।
सैय्यद-शासकों ने 1414 ई. से 1451 ई. दिल्ली पर शासन किया।
सैय्यद-शासक–
1. खिज खां (1414-1421 ई.),
2. मुबारक शाह (1421-1433 ई.).
3. मुहम्मद शाह (1434-1443 ई.),
4. अलाउद्दीन शाह (1443-1451 ई.)
खिज्र खां ने सुल्तान की उपाधि धारण न कर ‘रयाते आला’ की उपाधि धारण की
खिज्र खां अपने को तैमूर के पुत्र तथा उत्तराधिकारी ‘शाहरूख के प्रतिनिधि के रूप में मानता था
खिज्र खां ‘शाहरूख को वार्षिक नजराना भी भेजता था।
‘खिज्र खां ने सिक्कों पर तैमूर तथा शाहरूख का नाम अंकित करवाया।
Incorrect
व्याख्या-
खिज्र खा सैय्यद वंश का संस्थापक था
28 मई, 1414 ई को उसने दिल्ली सल्तनत की के सिहासन प्र बैठा
खिज्र खां तुगलक सुल्तानों के समय एक सेनानायक के रूप में कार्यरत रहा था।
तैमूर द्वारा खिज्र खां को पंजाब का क्षेत्र प्राप्त हुआ।
1414 ई. में दिल्ली की विजय के बाद उसका अधिकार पंजाब और दिल्ली पर फैल गया।
सैय्यद-शासकों ने 1414 ई. से 1451 ई. दिल्ली पर शासन किया।
सैय्यद-शासक–
1. खिज खां (1414-1421 ई.),
2. मुबारक शाह (1421-1433 ई.).
3. मुहम्मद शाह (1434-1443 ई.),
4. अलाउद्दीन शाह (1443-1451 ई.)
खिज्र खां ने सुल्तान की उपाधि धारण न कर ‘रयाते आला’ की उपाधि धारण की
खिज्र खां अपने को तैमूर के पुत्र तथा उत्तराधिकारी ‘शाहरूख के प्रतिनिधि के रूप में मानता था
खिज्र खां ‘शाहरूख को वार्षिक नजराना भी भेजता था।
‘खिज्र खां ने सिक्कों पर तैमूर तथा शाहरूख का नाम अंकित करवाया।
Unattempted
व्याख्या-
खिज्र खा सैय्यद वंश का संस्थापक था
28 मई, 1414 ई को उसने दिल्ली सल्तनत की के सिहासन प्र बैठा
खिज्र खां तुगलक सुल्तानों के समय एक सेनानायक के रूप में कार्यरत रहा था।
तैमूर द्वारा खिज्र खां को पंजाब का क्षेत्र प्राप्त हुआ।
1414 ई. में दिल्ली की विजय के बाद उसका अधिकार पंजाब और दिल्ली पर फैल गया।
सैय्यद-शासकों ने 1414 ई. से 1451 ई. दिल्ली पर शासन किया।
सैय्यद-शासक–
1. खिज खां (1414-1421 ई.),
2. मुबारक शाह (1421-1433 ई.).
3. मुहम्मद शाह (1434-1443 ई.),
4. अलाउद्दीन शाह (1443-1451 ई.)
खिज्र खां ने सुल्तान की उपाधि धारण न कर ‘रयाते आला’ की उपाधि धारण की
खिज्र खां अपने को तैमूर के पुत्र तथा उत्तराधिकारी ‘शाहरूख के प्रतिनिधि के रूप में मानता था
खिज्र खां ‘शाहरूख को वार्षिक नजराना भी भेजता था।
‘खिज्र खां ने सिक्कों पर तैमूर तथा शाहरूख का नाम अंकित करवाया।
Question 9 of 19
9. Question
1 points
डॉ0 आ0पी0 त्रिपाठी ने अपनी पुस्तक में सिकन्दर लोदी के शासन के विषय में क्या लिखा है
Correct
व्याख्या-
निजामशाह’ सिकन्दर लोदी की उपाधि के साथ 17 जुलाई, 1489 ई. को सिंहासनासीन हुआ।
सिकन्दर लोदी धार्मिक मामलो संकीर्ण विचारधारा वाला और धर्माध व्यक्ति था।
सिकन्दर लोदी ने अपने पिता बहलोल लोदी की अमीरों के प्रति ‘समानों में प्रथम की नीति को परिवर्तित करते हुए अमीरों को सल्तान का सम्मान करने तथा अपने से ऊँचा दर्जा देने पर विवश किया।
सिकन्दर लोदी ने अमीरों द्वारा किये गये गबन की जाँच भी करवायी तथा उन्हें कठोर दण्ड भी दिया।
जिनके पास जागीरें थी, उन्हें नियमित रूप से दीवाने विजारत’ में हिसाब देना होता था।
सिकन्दर लोदी के शासन काल में भ्रष्टाचार, कुप्रबन्ध, घूसखोरी या दुर्व्यवहार के सभी मामले कठोरता से निपटाये जाते थे
Incorrect
व्याख्या-
निजामशाह’ सिकन्दर लोदी की उपाधि के साथ 17 जुलाई, 1489 ई. को सिंहासनासीन हुआ।
सिकन्दर लोदी धार्मिक मामलो संकीर्ण विचारधारा वाला और धर्माध व्यक्ति था।
सिकन्दर लोदी ने अपने पिता बहलोल लोदी की अमीरों के प्रति ‘समानों में प्रथम की नीति को परिवर्तित करते हुए अमीरों को सल्तान का सम्मान करने तथा अपने से ऊँचा दर्जा देने पर विवश किया।
सिकन्दर लोदी ने अमीरों द्वारा किये गये गबन की जाँच भी करवायी तथा उन्हें कठोर दण्ड भी दिया।
जिनके पास जागीरें थी, उन्हें नियमित रूप से दीवाने विजारत’ में हिसाब देना होता था।
सिकन्दर लोदी के शासन काल में भ्रष्टाचार, कुप्रबन्ध, घूसखोरी या दुर्व्यवहार के सभी मामले कठोरता से निपटाये जाते थे
Unattempted
व्याख्या-
निजामशाह’ सिकन्दर लोदी की उपाधि के साथ 17 जुलाई, 1489 ई. को सिंहासनासीन हुआ।
सिकन्दर लोदी धार्मिक मामलो संकीर्ण विचारधारा वाला और धर्माध व्यक्ति था।
सिकन्दर लोदी ने अपने पिता बहलोल लोदी की अमीरों के प्रति ‘समानों में प्रथम की नीति को परिवर्तित करते हुए अमीरों को सल्तान का सम्मान करने तथा अपने से ऊँचा दर्जा देने पर विवश किया।
सिकन्दर लोदी ने अमीरों द्वारा किये गये गबन की जाँच भी करवायी तथा उन्हें कठोर दण्ड भी दिया।
जिनके पास जागीरें थी, उन्हें नियमित रूप से दीवाने विजारत’ में हिसाब देना होता था।
सिकन्दर लोदी के शासन काल में भ्रष्टाचार, कुप्रबन्ध, घूसखोरी या दुर्व्यवहार के सभी मामले कठोरता से निपटाये जाते थे
Question 10 of 19
10. Question
1 points
दिल्ली के किस सुल्तान ने खाद्यान्न पर से ‘जकात’ हटाया था?
Correct
व्याख्या-
सिकन्दर लोदी ने कृषी और व्यापार की उन्नति का प्रयत्न किया।
सिकन्दर लोदी ने भूमि नाप के लिए एक पैमाना गजे सिकन्दरी चलाई
सिकन्दर लोदी ने आन्तरिक व्यापारिक करों तथा खाद्यानों पर से जकात भी समाप्त कर दिया था।
Incorrect
व्याख्या-
सिकन्दर लोदी ने कृषी और व्यापार की उन्नति का प्रयत्न किया।
सिकन्दर लोदी ने भूमि नाप के लिए एक पैमाना गजे सिकन्दरी चलाई
सिकन्दर लोदी ने आन्तरिक व्यापारिक करों तथा खाद्यानों पर से जकात भी समाप्त कर दिया था।
Unattempted
व्याख्या-
सिकन्दर लोदी ने कृषी और व्यापार की उन्नति का प्रयत्न किया।
सिकन्दर लोदी ने भूमि नाप के लिए एक पैमाना गजे सिकन्दरी चलाई
सिकन्दर लोदी ने आन्तरिक व्यापारिक करों तथा खाद्यानों पर से जकात भी समाप्त कर दिया था।
Question 11 of 19
11. Question
1 points
निम्नलिखित लोदियों में से किसकी माँ हिन्दू थी
Correct
व्याख्या-
सुल्तान सिकन्दर लोदी की माँ “जैवन्द’ एक हिन्दू स्वर्णकार की पुत्री थी।
सिकन्दर लोदी ,लोदी वंश के संस्थापक . बहलोल लोदी का उत्तराधिकारी था
सिकन्दर लोदी, लोदी वंश-का सर्वश्रेष्ठ शासक था।
सिकन्दर लोदी ने 1504 में आगरा नगर की स्थापना की
Incorrect
व्याख्या-
सुल्तान सिकन्दर लोदी की माँ “जैवन्द’ एक हिन्दू स्वर्णकार की पुत्री थी।
सिकन्दर लोदी ,लोदी वंश के संस्थापक . बहलोल लोदी का उत्तराधिकारी था
सिकन्दर लोदी, लोदी वंश-का सर्वश्रेष्ठ शासक था।
सिकन्दर लोदी ने 1504 में आगरा नगर की स्थापना की
Unattempted
व्याख्या-
सुल्तान सिकन्दर लोदी की माँ “जैवन्द’ एक हिन्दू स्वर्णकार की पुत्री थी।
सिकन्दर लोदी ,लोदी वंश के संस्थापक . बहलोल लोदी का उत्तराधिकारी था
सिकन्दर लोदी, लोदी वंश-का सर्वश्रेष्ठ शासक था।
सिकन्दर लोदी ने 1504 में आगरा नगर की स्थापना की
Question 12 of 19
12. Question
1 points
निम्नलिखित सुल्तानों में से किस एक ने सबसे दीर्घ, अवधि तक शासन किया था?
Correct
व्याख्या-
दिल्ली सल्तनत के सुल्तानों में सबसे दीर्घ अवधि तक शासन करने वाला सुल्तान बहलोल लोदी था।
बहलोल लोदी ने 1451-1489 ई० अर्थात 38 वर्षों तक शासन किया।
अन्य दिल्ली सुल्तान –
बलबन 1266-86 ई० (20 वर्ष)
अलाउद्दीन खिलजी 1296-1316 ई0(20 वर्षां)
मुहम्मद बिन तुगलक 1325-51 (26 वर्ष)
Incorrect
व्याख्या-
दिल्ली सल्तनत के सुल्तानों में सबसे दीर्घ अवधि तक शासन करने वाला सुल्तान बहलोल लोदी था।
बहलोल लोदी ने 1451-1489 ई० अर्थात 38 वर्षों तक शासन किया।
अन्य दिल्ली सुल्तान –
बलबन 1266-86 ई० (20 वर्ष)
अलाउद्दीन खिलजी 1296-1316 ई0(20 वर्षां)
मुहम्मद बिन तुगलक 1325-51 (26 वर्ष)
Unattempted
व्याख्या-
दिल्ली सल्तनत के सुल्तानों में सबसे दीर्घ अवधि तक शासन करने वाला सुल्तान बहलोल लोदी था।
बहलोल लोदी ने 1451-1489 ई० अर्थात 38 वर्षों तक शासन किया।
अन्य दिल्ली सुल्तान –
बलबन 1266-86 ई० (20 वर्ष)
अलाउद्दीन खिलजी 1296-1316 ई0(20 वर्षां)
मुहम्मद बिन तुगलक 1325-51 (26 वर्ष)
Question 13 of 19
13. Question
1 points
लोदियों का राजत्व सिद्धान्त आधारित था
Correct
व्याख्या-
डॉ० आर०पी० त्रिपाठी के अनुसार लोदी शासकों (विशेषत: बहलोल लोदी) का राजस्व सिद्धान्त अफगान सरदारों की समानता पर आधारित था।
बहलोल लोदी ने अपने को कबाइली मलिकों के समान माना।
बहलोल लोदी दरबार में या अन्य अवसरों पर कभी भी सिंहासन पर नहीं बैठता था और न ही निरकुंश शासक की भाँति आदेश जारी करता था।
बहलोल लोदी अपने अमीरों के साथ शाही कालीन पर बैठकर विचार विमर्श करता था।
बहलोल लोदी का राजस्व सिद्धान्त अफगान अमीरों की समानता पर आधारित था।
Incorrect
व्याख्या-
डॉ० आर०पी० त्रिपाठी के अनुसार लोदी शासकों (विशेषत: बहलोल लोदी) का राजस्व सिद्धान्त अफगान सरदारों की समानता पर आधारित था।
बहलोल लोदी ने अपने को कबाइली मलिकों के समान माना।
बहलोल लोदी दरबार में या अन्य अवसरों पर कभी भी सिंहासन पर नहीं बैठता था और न ही निरकुंश शासक की भाँति आदेश जारी करता था।
बहलोल लोदी अपने अमीरों के साथ शाही कालीन पर बैठकर विचार विमर्श करता था।
बहलोल लोदी का राजस्व सिद्धान्त अफगान अमीरों की समानता पर आधारित था।
Unattempted
व्याख्या-
डॉ० आर०पी० त्रिपाठी के अनुसार लोदी शासकों (विशेषत: बहलोल लोदी) का राजस्व सिद्धान्त अफगान सरदारों की समानता पर आधारित था।
बहलोल लोदी ने अपने को कबाइली मलिकों के समान माना।
बहलोल लोदी दरबार में या अन्य अवसरों पर कभी भी सिंहासन पर नहीं बैठता था और न ही निरकुंश शासक की भाँति आदेश जारी करता था।
बहलोल लोदी अपने अमीरों के साथ शाही कालीन पर बैठकर विचार विमर्श करता था।
बहलोल लोदी का राजस्व सिद्धान्त अफगान अमीरों की समानता पर आधारित था।
Question 14 of 19
14. Question
1 points
निम्नलिखित में से कौन सा युग्म सुमेलित नहीं है?
Correct
व्याख्या-
इटली का यात्री मार्को पोलो 13 वीं सदी के उत्तरार्द्ध में पाण्ड्य शासक मारवर्मन कुलरोखर के काल में मदुरा आया।
मोरक्को यात्री इब्नबतूता मुहम्मद तुगलक के काल में आया।
अलबरूनी महमूद गजनवी के काल में 12 वीं शदी में भारत आया।
फारसी यात्री अब्दुरज्जाक विजयनगर के शासक देवराय के काल में विजयनगर पर आया न कि सिकन्दर लोदी के काल में।
Incorrect
व्याख्या-
इटली का यात्री मार्को पोलो 13 वीं सदी के उत्तरार्द्ध में पाण्ड्य शासक मारवर्मन कुलरोखर के काल में मदुरा आया।
मोरक्को यात्री इब्नबतूता मुहम्मद तुगलक के काल में आया।
अलबरूनी महमूद गजनवी के काल में 12 वीं शदी में भारत आया।
फारसी यात्री अब्दुरज्जाक विजयनगर के शासक देवराय के काल में विजयनगर पर आया न कि सिकन्दर लोदी के काल में।
Unattempted
व्याख्या-
इटली का यात्री मार्को पोलो 13 वीं सदी के उत्तरार्द्ध में पाण्ड्य शासक मारवर्मन कुलरोखर के काल में मदुरा आया।
मोरक्को यात्री इब्नबतूता मुहम्मद तुगलक के काल में आया।
अलबरूनी महमूद गजनवी के काल में 12 वीं शदी में भारत आया।
फारसी यात्री अब्दुरज्जाक विजयनगर के शासक देवराय के काल में विजयनगर पर आया न कि सिकन्दर लोदी के काल में।
Question 15 of 19
15. Question
1 points
निम्नलिखित सुल्तानों में से किसने आगरा को राजधानी बनाया
Correct
व्याख्या-
सिकन्दर लोदी ने 1504 ई. में आगरा शहर की स्थापना की
आगरा यमुना नदी के किनारे है
सिकन्दर लोदी आगरा को अपनी राजधानी बनाया।
आगरा लोदियों की राजधानी रही।
Incorrect
व्याख्या-
सिकन्दर लोदी ने 1504 ई. में आगरा शहर की स्थापना की
आगरा यमुना नदी के किनारे है
सिकन्दर लोदी आगरा को अपनी राजधानी बनाया।
आगरा लोदियों की राजधानी रही।
Unattempted
व्याख्या-
सिकन्दर लोदी ने 1504 ई. में आगरा शहर की स्थापना की
आगरा यमुना नदी के किनारे है
सिकन्दर लोदी आगरा को अपनी राजधानी बनाया।
आगरा लोदियों की राजधानी रही।
Question 16 of 19
16. Question
1 points
लोदी कौन थे
Correct
व्याख्या-
लोदी वंश के शासक शुद्ध अफगान थे।
लोदी अफगानिस्तान के गिलजाई कबीले की महत्वपूर्ण शाखा शाहूजेल से सम्बन्धित थे।
1451 ई. में बहलोल लोदी ने दिल्ली सल्तनत पर अधिकार कर प्रथम अफगान साम्राज्य स्थापना की ।
बहलोल लोदी अफगानों की एक महत्वपूर्ण शाखां शाहूखेल से सम्बन्धित था।
बहलोल लोदी ने अफगानों को भारत आने के लिए आमंत्रित किया।
बहलोल लोदी का राजत्व सिद्धान्त ‘समानों में प्रथम’ के सिद्धान्त पर आधारित था।
Incorrect
व्याख्या-
लोदी वंश के शासक शुद्ध अफगान थे।
लोदी अफगानिस्तान के गिलजाई कबीले की महत्वपूर्ण शाखा शाहूजेल से सम्बन्धित थे।
1451 ई. में बहलोल लोदी ने दिल्ली सल्तनत पर अधिकार कर प्रथम अफगान साम्राज्य स्थापना की ।
बहलोल लोदी अफगानों की एक महत्वपूर्ण शाखां शाहूखेल से सम्बन्धित था।
बहलोल लोदी ने अफगानों को भारत आने के लिए आमंत्रित किया।
बहलोल लोदी का राजत्व सिद्धान्त ‘समानों में प्रथम’ के सिद्धान्त पर आधारित था।
Unattempted
व्याख्या-
लोदी वंश के शासक शुद्ध अफगान थे।
लोदी अफगानिस्तान के गिलजाई कबीले की महत्वपूर्ण शाखा शाहूजेल से सम्बन्धित थे।
1451 ई. में बहलोल लोदी ने दिल्ली सल्तनत पर अधिकार कर प्रथम अफगान साम्राज्य स्थापना की ।
बहलोल लोदी अफगानों की एक महत्वपूर्ण शाखां शाहूखेल से सम्बन्धित था।
बहलोल लोदी ने अफगानों को भारत आने के लिए आमंत्रित किया।
बहलोल लोदी का राजत्व सिद्धान्त ‘समानों में प्रथम’ के सिद्धान्त पर आधारित था।
Question 17 of 19
17. Question
1 points
लोदी वंश के शासक निम्नलिखित में से कौन थे
Correct
व्याख्या-
लोदी वंश के शासक शुद्ध अफगान थे।
लोदी अफगानिस्तान के गिलजाई कबीले की महत्वपूर्ण शाखा शाहूजेल से सम्बन्धित थे।
1451 ई. में बहलोल लोदी ने दिल्ली सल्तनत पर अधिकार कर प्रथम अफगान साम्राज्य स्थापना की ।
बहलोल लोदी अफगानों की एक महत्वपूर्ण शाखां शाहूखेल से सम्बन्धित था।
बहलोल लोदी ने अफगानों को भारत आने के लिए आमंत्रित किया।
बहलोल लोदी का राजत्व सिद्धान्त ‘समानों में प्रथम’ के सिद्धान्त पर आधारित था।
Incorrect
व्याख्या-
लोदी वंश के शासक शुद्ध अफगान थे।
लोदी अफगानिस्तान के गिलजाई कबीले की महत्वपूर्ण शाखा शाहूजेल से सम्बन्धित थे।
1451 ई. में बहलोल लोदी ने दिल्ली सल्तनत पर अधिकार कर प्रथम अफगान साम्राज्य स्थापना की ।
बहलोल लोदी अफगानों की एक महत्वपूर्ण शाखां शाहूखेल से सम्बन्धित था।
बहलोल लोदी ने अफगानों को भारत आने के लिए आमंत्रित किया।
बहलोल लोदी का राजत्व सिद्धान्त ‘समानों में प्रथम’ के सिद्धान्त पर आधारित था।
Unattempted
व्याख्या-
लोदी वंश के शासक शुद्ध अफगान थे।
लोदी अफगानिस्तान के गिलजाई कबीले की महत्वपूर्ण शाखा शाहूजेल से सम्बन्धित थे।
1451 ई. में बहलोल लोदी ने दिल्ली सल्तनत पर अधिकार कर प्रथम अफगान साम्राज्य स्थापना की ।
बहलोल लोदी अफगानों की एक महत्वपूर्ण शाखां शाहूखेल से सम्बन्धित था।
बहलोल लोदी ने अफगानों को भारत आने के लिए आमंत्रित किया।
बहलोल लोदी का राजत्व सिद्धान्त ‘समानों में प्रथम’ के सिद्धान्त पर आधारित था।
Question 18 of 19
18. Question
1 points
याहिया-बिन-अहमद सरहिंदी-सैय्यद वंश के किस शासक का समकालीन था
Correct
व्याख्या-
सैय्यद वंश के शासक मुबारकशाह (1421-34 ई) के समय याहिया बिन-अहमद-सरहिन्दी ने अपनी पुस्तक “तारीख-ए-मुबारकशाही की रचना की।
“तारीख-ए-मुबारकशाही सैय्यद वंश की जानकारी का एकमात्र स्रोत है।
Incorrect
व्याख्या-
सैय्यद वंश के शासक मुबारकशाह (1421-34 ई) के समय याहिया बिन-अहमद-सरहिन्दी ने अपनी पुस्तक “तारीख-ए-मुबारकशाही की रचना की।
“तारीख-ए-मुबारकशाही सैय्यद वंश की जानकारी का एकमात्र स्रोत है।
Unattempted
व्याख्या-
सैय्यद वंश के शासक मुबारकशाह (1421-34 ई) के समय याहिया बिन-अहमद-सरहिन्दी ने अपनी पुस्तक “तारीख-ए-मुबारकशाही की रचना की।
“तारीख-ए-मुबारकशाही सैय्यद वंश की जानकारी का एकमात्र स्रोत है।
Question 19 of 19
19. Question
1 points
लोदी स्थापत्य का सर्वश्रेष्ठ नमूना है
Correct
व्याख्या-
सिकन्दर लोदी के वजीर मियाँ भुआ द्वारा दिल्ली में निर्मित मोठ की मस्जिद लोदी स्थापत्य का सर्वश्रेष्ठ नमूना है।
मोठ की मस्जिद एक पंचमुखी मस्जिद है।
सर जॉन मार्शल के शब्दों में- लोदियों की स्थापत्य कला में जो कुछ भी सर्वश्रेष्ठ है वह मोठ की मस्जिद है।’
Incorrect
व्याख्या-
सिकन्दर लोदी के वजीर मियाँ भुआ द्वारा दिल्ली में निर्मित मोठ की मस्जिद लोदी स्थापत्य का सर्वश्रेष्ठ नमूना है।
मोठ की मस्जिद एक पंचमुखी मस्जिद है।
सर जॉन मार्शल के शब्दों में- लोदियों की स्थापत्य कला में जो कुछ भी सर्वश्रेष्ठ है वह मोठ की मस्जिद है।’
Unattempted
व्याख्या-
सिकन्दर लोदी के वजीर मियाँ भुआ द्वारा दिल्ली में निर्मित मोठ की मस्जिद लोदी स्थापत्य का सर्वश्रेष्ठ नमूना है।
मोठ की मस्जिद एक पंचमुखी मस्जिद है।
सर जॉन मार्शल के शब्दों में- लोदियों की स्थापत्य कला में जो कुछ भी सर्वश्रेष्ठ है वह मोठ की मस्जिद है।’