0 of 19 questions completed
Questions:
आभूषण एवं पहनावा
You have already completed the quiz before. Hence you can not start it again.
quiz is loading...
You must sign in or sign up to start the quiz.
You have to finish following quiz, to start this quiz:
0 of 19 questions answered correctly
Your time:
Time has elapsed
Your Final Score is : 0
You have attempted : 0
Number of Correct Questions : 0 and scored 0
Number of Incorrect Questions : 0 and Negative marks 0
Average score |
|
Your score |
|
Pos. | Name | Entered on | Points | Result |
---|---|---|---|---|
Table is loading | ||||
No data available | ||||
‘रमझोल’ आभूषण शरीर के किस भाग से संबंधित है ?
****रमझोल : यह पाँवों में पहना जाने वाला धुंघरूओं वाला आभूषण है
पैर पहने जाने वाले अन्य प्रमुख आभूषण : पायल, आंवला, लछने / लच्छे, पायजेब, छड़, कड़ा, टोड़ा, टाँका, नेवरी, झाँझर, नुपूर / घुघरू, हिरनामैन,, खडुआ
****रमझोल : यह पाँवों में पहना जाने वाला धुंघरूओं वाला आभूषण है
पैर पहने जाने वाले अन्य प्रमुख आभूषण : पायल, आंवला, लछने / लच्छे, पायजेब, छड़, कड़ा, टोड़ा, टाँका, नेवरी, झाँझर, नुपूर / घुघरू, हिरनामैन,, खडुआ
****रमझोल : यह पाँवों में पहना जाने वाला धुंघरूओं वाला आभूषण है
पैर पहने जाने वाले अन्य प्रमुख आभूषण : पायल, आंवला, लछने / लच्छे, पायजेब, छड़, कड़ा, टोड़ा, टाँका, नेवरी, झाँझर, नुपूर / घुघरू, हिरनामैन,, खडुआ
‘मेमंद’ आभूषण पहना जाता है
तिमणिया पहना जाता है
भील जनजाति में कछाबू’ कौन पहनता है?
‘बल्लया’ आभूषण कहाँ पहना जाता है ?
राजस्थान में ताराभांत की ओढनी किस वर्ग की महिलाओं में प्रचलित है?
ध्यातव्य रहे:- पर्दानशीन औरतों के सिर पर ओढ़ने का वस्त्र अवोचण तथा पर्दानशीन स्त्रियों के पर्दा करने का वस्त्र चांदणी कहलाता है, तो भील जनजाति में कछाबू महिलाएँ पहनती हैं।
ध्यातव्य रहे:- पर्दानशीन औरतों के सिर पर ओढ़ने का वस्त्र अवोचण तथा पर्दानशीन स्त्रियों के पर्दा करने का वस्त्र चांदणी कहलाता है, तो भील जनजाति में कछाबू महिलाएँ पहनती हैं।
ध्यातव्य रहे:- पर्दानशीन औरतों के सिर पर ओढ़ने का वस्त्र अवोचण तथा पर्दानशीन स्त्रियों के पर्दा करने का वस्त्र चांदणी कहलाता है, तो भील जनजाति में कछाबू महिलाएँ पहनती हैं।
महिलायें ‘नथ’ धारण करती हैं
आदिवासियों द्वारा पहने जाने वाला सबसे प्राचीन वस्त्र कौन-सा है?
ध्यातव्य रहे:- पर्दानशीन औरतों के सिर पर ओढ़ने का वस्त्र अवोचण तथा पर्दानशीन स्त्रियों के पर्दा करने का वस्त्र चांदणी कहलाता है, तो भील जनजाति में कछाबू महिलाएँ पहनती हैं।
ध्यातव्य रहे:- पर्दानशीन औरतों के सिर पर ओढ़ने का वस्त्र अवोचण तथा पर्दानशीन स्त्रियों के पर्दा करने का वस्त्र चांदणी कहलाता है, तो भील जनजाति में कछाबू महिलाएँ पहनती हैं।
ध्यातव्य रहे:- पर्दानशीन औरतों के सिर पर ओढ़ने का वस्त्र अवोचण तथा पर्दानशीन स्त्रियों के पर्दा करने का वस्त्र चांदणी कहलाता है, तो भील जनजाति में कछाबू महिलाएँ पहनती हैं।
निम्न में से कौनसा आभूषण सिर का नहीं है?
‘कन्दोरा’ पहना जाता है
कमर के आभूषण – कंदोरा और कर्धनी, तागडी, कणकती, मेखला, सटका – लहंगे के नेफे में अटकाकर लटकाया जाने वाला आभूषण
कमर के आभूषण – कंदोरा और कर्धनी, तागडी, कणकती, मेखला, सटका – लहंगे के नेफे में अटकाकर लटकाया जाने वाला आभूषण
कमर के आभूषण – कंदोरा और कर्धनी, तागडी, कणकती, मेखला, सटका – लहंगे के नेफे में अटकाकर लटकाया जाने वाला आभूषण
मांदलिया पहना जाता है
गले के आभूषण :-मांदलिया, हांसली, हालरा, झालरा, बजंटी, हार, चन्द्रहार, थमनयो, चम्पाकली, हमेल, कंठी, मटरमाला, चन्द्रमाला, चोकी, कण्ठाहार, पंचलड़ी, खुंगाली, कंठसरी, कंठलियों, गलबन्ध, मंगलसूत्र, बंगड़ी, हांस आदि
गले के आभूषण :-मांदलिया, हांसली, हालरा, झालरा, बजंटी, हार, चन्द्रहार, थमनयो, चम्पाकली, हमेल, कंठी, मटरमाला, चन्द्रमाला, चोकी, कण्ठाहार, पंचलड़ी, खुंगाली, कंठसरी, कंठलियों, गलबन्ध, मंगलसूत्र, बंगड़ी, हांस आदि
गले के आभूषण :-मांदलिया, हांसली, हालरा, झालरा, बजंटी, हार, चन्द्रहार, थमनयो, चम्पाकली, हमेल, कंठी, मटरमाला, चन्द्रमाला, चोकी, कण्ठाहार, पंचलड़ी, खुंगाली, कंठसरी, कंठलियों, गलबन्ध, मंगलसूत्र, बंगड़ी, हांस आदि
निम्न में से कौन सा राजस्थान में स्त्रियों द्वारा गले में पहना जाने वाला आभूषण नहीं है ?
गले के आभूषण :-मांदलिया, हांसली, हालरा, झालरा, बजंटी, हार, चन्द्रहार, थमनयो, चम्पाकली, हमेल, कंठी, मटरमाला, चन्द्रमाला, चोकी, कण्ठाहार, पंचलड़ी, खुंगाली, कंठसरी, कंठलियों, गलबन्ध, मंगलसूत्र, बंगड़ी, हांस ,आड़-तिमणियां ,तेवटा आदि
कान के आभूषण :- कुड़के, चोप, चुनी, बारी, बाली, खिंटली, छैलकड़ी, झूमर, झुमका, झेलो, लटकण, ओगनिया, कर्णफूल, फूल झुमका, टॉप्स, झुमकी, टोटी आदि।
गले के आभूषण :-मांदलिया, हांसली, हालरा, झालरा, बजंटी, हार, चन्द्रहार, थमनयो, चम्पाकली, हमेल, कंठी, मटरमाला, चन्द्रमाला, चोकी, कण्ठाहार, पंचलड़ी, खुंगाली, कंठसरी, कंठलियों, गलबन्ध, मंगलसूत्र, बंगड़ी, हांस ,आड़-तिमणियां ,तेवटा आदि
कान के आभूषण :- कुड़के, चोप, चुनी, बारी, बाली, खिंटली, छैलकड़ी, झूमर, झुमका, झेलो, लटकण, ओगनिया, कर्णफूल, फूल झुमका, टॉप्स, झुमकी, टोटी आदि।
गले के आभूषण :-मांदलिया, हांसली, हालरा, झालरा, बजंटी, हार, चन्द्रहार, थमनयो, चम्पाकली, हमेल, कंठी, मटरमाला, चन्द्रमाला, चोकी, कण्ठाहार, पंचलड़ी, खुंगाली, कंठसरी, कंठलियों, गलबन्ध, मंगलसूत्र, बंगड़ी, हांस ,आड़-तिमणियां ,तेवटा आदि
कान के आभूषण :- कुड़के, चोप, चुनी, बारी, बाली, खिंटली, छैलकड़ी, झूमर, झुमका, झेलो, लटकण, ओगनिया, कर्णफूल, फूल झुमका, टॉप्स, झुमकी, टोटी आदि।
‘खोयतू’ वस्त्र सम्बन्धित है
खोयतू :- लंगोटिया भीलों में पुरूषों द्वारा कमर पर बांधे जाने वाली लंगोटी को कहते है।
खोयतू :- लंगोटिया भीलों में पुरूषों द्वारा कमर पर बांधे जाने वाली लंगोटी को कहते है।
खोयतू :- लंगोटिया भीलों में पुरूषों द्वारा कमर पर बांधे जाने वाली लंगोटी को कहते है।
दुतई, गदर, कानो एवं मिरजाई किससे सम्बन्धित है?
मारवाड़ में ‘दामणी’ क्या है ?
ओढ़नी, लुगड़ी ( साड़ी) :-
ओढ़नी, लुगड़ी ( साड़ी) :-
ओढ़नी, लुगड़ी ( साड़ी) :-
निम्न में से कौनसा वस्त्र राजस्थान में प्रतिष्ठा का सूचक माना जाता है?
पगड़ी :-
पगड़ी :-
पगड़ी :-
शीशफूल नामक आभूषण शरीर के किस अंग पर पहना जाता है ?
झेला, जमेला, पीपलपत्रा, अगोट्या’ किस अंग के आभूषण हैं ?
कान के आभूषण :- जमेला, पीपलपत्रा, अगोट्या.कुड़के, चोप, चुनी, बारी, बाली, खिंटली, छैलकड़ी, झूमर, झुमका, झेलो, लटकण, ओगनिया, कर्णफूल, फूल झुमका, टॉप्स, झुमकी, टोटी आदि।
कान के आभूषण :- जमेला, पीपलपत्रा, अगोट्या.कुड़के, चोप, चुनी, बारी, बाली, खिंटली, छैलकड़ी, झूमर, झुमका, झेलो, लटकण, ओगनिया, कर्णफूल, फूल झुमका, टॉप्स, झुमकी, टोटी आदि।
कान के आभूषण :- जमेला, पीपलपत्रा, अगोट्या.कुड़के, चोप, चुनी, बारी, बाली, खिंटली, छैलकड़ी, झूमर, झुमका, झेलो, लटकण, ओगनिया, कर्णफूल, फूल झुमका, टॉप्स, झुमकी, टोटी आदि।
चम्पाकली आभूषण शरीर के किस अंग पर पहना जाता है ? ।
गले के आभूषण :- , हालरा, झालरा, बजंटी, हार, चन्द्रहार, थमनयो, चम्पाकली, हमेल, कंठी, मांदलिया, मटरमाला, चन्द्रमाला, चोकी, कण्ठाहार, पंचलड़ी, खुंगाली, कंठसरी, कंठलियों, गलबन्ध, मंगलसूत्र, बंगड़ी, सुरलिया, ठुस्सी, हंसली, पंचलड़ी, जेतर, तुलसी, निम्बोरी आदि
गले के आभूषण :- , हालरा, झालरा, बजंटी, हार, चन्द्रहार, थमनयो, चम्पाकली, हमेल, कंठी, मांदलिया, मटरमाला, चन्द्रमाला, चोकी, कण्ठाहार, पंचलड़ी, खुंगाली, कंठसरी, कंठलियों, गलबन्ध, मंगलसूत्र, बंगड़ी, सुरलिया, ठुस्सी, हंसली, पंचलड़ी, जेतर, तुलसी, निम्बोरी आदि
गले के आभूषण :- , हालरा, झालरा, बजंटी, हार, चन्द्रहार, थमनयो, चम्पाकली, हमेल, कंठी, मांदलिया, मटरमाला, चन्द्रमाला, चोकी, कण्ठाहार, पंचलड़ी, खुंगाली, कंठसरी, कंठलियों, गलबन्ध, मंगलसूत्र, बंगड़ी, सुरलिया, ठुस्सी, हंसली, पंचलड़ी, जेतर, तुलसी, निम्बोरी आदि