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बौद्ध साहित्य
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शाह की ढेरी के स्तुप में प्राप्त पुरावशेष धातु मंजूषा में किनके साथ बुद्ध की आसनस्थ आकृतियां हैं?
व्याख्या-
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बौद्ध मत में पातिमोक्ख से क्या अभिप्राय है?
व्याख्या-
व्याख्या-
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महायान बौद्ध मत की दो दार्शनिक शाखाएं थीं। निम्नलिखित में से किसका महायान बौद्धमत से संबंध है?
व्याख्या-
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स्तूप एवं चैत्य निर्माण के निर्देश तथा इनमें स्थापित करने के लिए बुद्ध के अवशेषों को लेकर विवाद का विवरण सर्वप्रथम मिलता है
व्याख्या-
1.मगध नरेश-आजातशत्रु. 2. कपिलवस्तु के शाक्य,
3.वैशाली के लिच्छवी, 4. वेठद्वीप के ब्राह्मण,
5.अलकप्प के बुलि, 6. पावा के मल्ल,
7.पिपलिवन के मोरिय, 8. रामग्राम के कोलिय।
व्याख्या-
1.मगध नरेश-आजातशत्रु. 2. कपिलवस्तु के शाक्य,
3.वैशाली के लिच्छवी, 4. वेठद्वीप के ब्राह्मण,
5.अलकप्प के बुलि, 6. पावा के मल्ल,
7.पिपलिवन के मोरिय, 8. रामग्राम के कोलिय।
व्याख्या-
1.मगध नरेश-आजातशत्रु. 2. कपिलवस्तु के शाक्य,
3.वैशाली के लिच्छवी, 4. वेठद्वीप के ब्राह्मण,
5.अलकप्प के बुलि, 6. पावा के मल्ल,
7.पिपलिवन के मोरिय, 8. रामग्राम के कोलिय।
बौद्ध धर्म के पवित्र ग्रन्थों पर लिखी गयी विस्तृत टीकायें, उपदेश शास्त्र तथा विभाषाशास्त्र किस प्रकार तैयार की गयी थी?
व्याख्या –
व्याख्या –
व्याख्या –
बौद्ध धर्म का सर्वास्तिवादी सम्प्रदाय किस क्षेत्र में प्रबल था?
व्याख्या-
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निम्नलिखित में से कौनसा एक गांधार शैली की बुद्ध मूर्तियों का लक्षण नहीं है? ।
व्याख्या .
व्याख्या .
व्याख्या .
निम्नलिखित में से कौनसा एक कथन सही है? वैपुल्य सूत्र,
व्याख्या –
व्याख्या –
व्याख्या –
प्राचीन भारत के अष्टसाहस्त्रिका-प्रज्ञापारमिता साहित्य की मुख्य विषय-वस्तु क्या है?
व्याख्या –
व्याख्या –
व्याख्या –
सम्राट कनिष्क ने किसकी अध्यक्षता में एक विराट बौद्ध संगीति का आयोजन किया था?
व्याख्या-
बौद्ध संगीति | वर्ष | स्थान | अध्यक्ष | संरक्षक |
प्रथम बौद्ध संगीति | 483 ईसा पूर्व | राजगृह | महाकश्यप | अजातशत्रु |
द्वितीय बौद्ध संगीति | 383 ईसा पूर्व | वैशाली | सुबुकामि | कालाशोक |
तृतीय बौद्ध संगीति | 250ईसा पूर्व | पाटलिपुत्र | मोगालिपुत्ततिस्स | अशोक |
चतुर्थ बौद्ध संगीति | 102 ई | कुण्डलवन | वसुमित्र /अश्वघोष | कनिष्क |
व्याख्या-
बौद्ध संगीति | वर्ष | स्थान | अध्यक्ष | संरक्षक |
प्रथम बौद्ध संगीति | 483 ईसा पूर्व | राजगृह | महाकश्यप | अजातशत्रु |
द्वितीय बौद्ध संगीति | 383 ईसा पूर्व | वैशाली | सुबुकामि | कालाशोक |
तृतीय बौद्ध संगीति | 250ईसा पूर्व | पाटलिपुत्र | मोगालिपुत्ततिस्स | अशोक |
चतुर्थ बौद्ध संगीति | 102 ई | कुण्डलवन | वसुमित्र /अश्वघोष | कनिष्क |
व्याख्या-
बौद्ध संगीति | वर्ष | स्थान | अध्यक्ष | संरक्षक |
प्रथम बौद्ध संगीति | 483 ईसा पूर्व | राजगृह | महाकश्यप | अजातशत्रु |
द्वितीय बौद्ध संगीति | 383 ईसा पूर्व | वैशाली | सुबुकामि | कालाशोक |
तृतीय बौद्ध संगीति | 250ईसा पूर्व | पाटलिपुत्र | मोगालिपुत्ततिस्स | अशोक |
चतुर्थ बौद्ध संगीति | 102 ई | कुण्डलवन | वसुमित्र /अश्वघोष | कनिष्क |
किसने स्वर्ण मुद्राओं पर बुद्ध की आकृति के साथ लेख ‘बोद्यो’ तथा ताम्र मुद्राओं पर लेख ‘सक्कमानो बोधो’ का चलन प्रारम्भ किया.
व्याख्या.
व्याख्या.
व्याख्या.
तिब्बती परम्परा के अनुसार किसने बौद्ध धर्म के थेरवाद मत की स्थापना की थी
व्याख्या –
बौद्ध परिषद | वर्ष | स्थान | अध्यक्ष | संरक्षक |
प्रथम बौद्ध परिषद | 483 ईसा पूर्व | राजगृह | महाकश्यप | अजातशत्रु |
द्वितीय बौद्ध परिषद | 383 ईसा पूर्व | वैशाली | सुबुकामि | कालाशोक |
तृतीय बौद्ध परिषद | 250ईसा पूर्व | पाटलिपुत्र | मोगालिपुत्ततिस्स | अशोक |
चतुर्थ बौद्ध परिषद | 102 ई | कुण्डलवन | वसुमित्र /अश्वघोष | कनिष्क |
व्याख्या –
बौद्ध परिषद | वर्ष | स्थान | अध्यक्ष | संरक्षक |
प्रथम बौद्ध परिषद | 483 ईसा पूर्व | राजगृह | महाकश्यप | अजातशत्रु |
द्वितीय बौद्ध परिषद | 383 ईसा पूर्व | वैशाली | सुबुकामि | कालाशोक |
तृतीय बौद्ध परिषद | 250ईसा पूर्व | पाटलिपुत्र | मोगालिपुत्ततिस्स | अशोक |
चतुर्थ बौद्ध परिषद | 102 ई | कुण्डलवन | वसुमित्र /अश्वघोष | कनिष्क |
व्याख्या –
बौद्ध परिषद | वर्ष | स्थान | अध्यक्ष | संरक्षक |
प्रथम बौद्ध परिषद | 483 ईसा पूर्व | राजगृह | महाकश्यप | अजातशत्रु |
द्वितीय बौद्ध परिषद | 383 ईसा पूर्व | वैशाली | सुबुकामि | कालाशोक |
तृतीय बौद्ध परिषद | 250ईसा पूर्व | पाटलिपुत्र | मोगालिपुत्ततिस्स | अशोक |
चतुर्थ बौद्ध परिषद | 102 ई | कुण्डलवन | वसुमित्र /अश्वघोष | कनिष्क |
राजगृह में होने वाली प्रथम बौद्ध संगीति का कौन अध्यक्ष था.
व्याख्या –
बौद्ध संगीति | वर्ष | स्थान | अध्यक्ष | संरक्षक |
प्रथम बौद्ध संगीति | 483 ईसा पूर्व | राजगृह | महाकश्यप | अजातशत्रु |
द्वितीय बौद्ध संगीति | 383 ईसा पूर्व | वैशाली | सुबुकामि | कालाशोक |
तृतीय बौद्ध संगीति | 250ईसा पूर्व | पाटलिपुत्र | मोगालिपुत्ततिस्स | अशोक |
चतुर्थ बौद्ध संगीति | 102 ई | कुण्डलवन | वसुमित्र /अश्वघोष | कनिष्क |
व्याख्या –
बौद्ध संगीति | वर्ष | स्थान | अध्यक्ष | संरक्षक |
प्रथम बौद्ध संगीति | 483 ईसा पूर्व | राजगृह | महाकश्यप | अजातशत्रु |
द्वितीय बौद्ध संगीति | 383 ईसा पूर्व | वैशाली | सुबुकामि | कालाशोक |
तृतीय बौद्ध संगीति | 250ईसा पूर्व | पाटलिपुत्र | मोगालिपुत्ततिस्स | अशोक |
चतुर्थ बौद्ध संगीति | 102 ई | कुण्डलवन | वसुमित्र /अश्वघोष | कनिष्क |
व्याख्या –
बौद्ध संगीति | वर्ष | स्थान | अध्यक्ष | संरक्षक |
प्रथम बौद्ध संगीति | 483 ईसा पूर्व | राजगृह | महाकश्यप | अजातशत्रु |
द्वितीय बौद्ध संगीति | 383 ईसा पूर्व | वैशाली | सुबुकामि | कालाशोक |
तृतीय बौद्ध संगीति | 250ईसा पूर्व | पाटलिपुत्र | मोगालिपुत्ततिस्स | अशोक |
चतुर्थ बौद्ध संगीति | 102 ई | कुण्डलवन | वसुमित्र /अश्वघोष | कनिष्क |
निम्न में से नालन्दा के किस विद्वत-समुदाय ने तिब्बत में बौद्ध धर्म का प्रसार किया
व्याख्या .
व्याख्या .
व्याख्या .
निम्न में से कौन सा एक प्राचीनतम स्तूप है?
व्याख्या –
व्याख्या –
व्याख्या –
कनिष्क द्वारा आयोजित बौद्धों की चतुर्थ महासभा ने बौद्ध दर्शन पर एक विश्वकोष तैयार किया था। इस विश्वकोष का क्या नाम था
व्याख्या –
चतुर्थ बौद्ध संगीति | 102 ई | स्थान कुण्डलवन | अध्यक्ष-वसुमित्र उपाअध्यक्ष-अश्वघोष | शासक कनिष्क |
व्याख्या –
चतुर्थ बौद्ध संगीति | 102 ई | स्थान कुण्डलवन | अध्यक्ष-वसुमित्र उपाअध्यक्ष-अश्वघोष | शासक कनिष्क |
व्याख्या –
चतुर्थ बौद्ध संगीति | 102 ई | स्थान कुण्डलवन | अध्यक्ष-वसुमित्र उपाअध्यक्ष-अश्वघोष | शासक कनिष्क |
ई-चिंग के अनुसार श्री गुप्त ने किस स्थान पर चीनी बौद्ध तीर्थयात्रियों के लिए एक मंदिर का निर्माण करवाया था
व्याख्या –
व्याख्या –
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निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए.
1.तिब्बत में बौद्ध धर्म का प्रवेश पाल साम्राज्य से हुआ था।
उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं.
व्याख्या –
व्याख्या –
व्याख्या –
आलार कालाम कौन थे
व्याख्या –
व्याख्या –
व्याख्या –
बौद्ध धर्म में उपावस्थ क्या था/थी
व्याख्या –
व्याख्या –
व्याख्या –
आयक स्तम्भ कहाँ लगाये गये है?
व्याख्या –
व्याख्या –
व्याख्या –
निम्न में से कौन सा एक बौद्ध केन्द्र बुद्ध के जीवनकाल में उनसे सीधे रूप से संबद्ध नहीं था
व्याख्या –
व्याख्या –
व्याख्या –
बौद्ध संघ स्थाविरवादी तथा महासंघिक जैसे दो भागों में टूटा था
व्याख्या –
व्याख्या –
व्याख्या –
बौद्धमत में उपसम्पदा पद से क्या तात्पर्य है
व्याख्या –
व्याख्या –
व्याख्या –
बौद्ध साहित्य में मिलिन्दपण्हों ऐसी प्रश्नोत्तरी के रूप में मिलती है जिसके दो प्रमुख चरित्र है, नागसेन तथा
व्याख्या •
व्याख्या •
व्याख्या •
बौद्ध संघ के नियम मूलतः किस पुस्तक में दिए गये हैं
व्याख्या –
व्याख्या –
व्याख्या –
सूची । (चरित्र) को सूची ॥ (संबधित वस्तु) के साथ सुमेलित कीजिए और सूचियों के नीचे दिये गये फूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए
सूची। सूची ॥
A गौतम बुद्ध 1. सुराही तथा जयमाला
B.जिन 2. धर्मचक्रपर्वतन मुद्रा
C.विष्णु . 3. कात्योत्सर्ग अभिमुद्रा
D.बोधिसत्व मैत्रेय 4. गरूड़ध्वज
व्याख्या –
व्याख्या –
व्याख्या –
कश्मीरी मूल के यौद्ध दार्शनिक, जिन्होंने मध्य एशिया और चीन में महायान बौद्ध मत के प्रसार में अग्रणी रुप से भाग लिया
व्याख्या-
व्याख्या-
व्याख्या-
बुद्ध के द्वारा सबसे अधिक संख्या में प्रवचन दिए गए थे
व्याख्या –
व्याख्या –
व्याख्या –
बौद्ध श्रमणों के आहार संबंधी अनुशासन में बौद्ध भिक्षुओं को अनुमति थी
3: मठ में भेजी गई भेंट ग्रहण करने की
उपर्युक्त में से कौन-कौन से कथन सही है ?
व्याख्या –
व्याख्या –
व्याख्या –
बौद्ध धर्म की निम्नलिखित विशेषताओं में से कौन सी एक, इसे जैन धर्म से भिन्न करती हैं?
व्याख्या –
व्याख्या –
व्याख्या –
सूची । तथा सूची । को सुमेलित किजिए तथा सूचियों के नीचे कूट का प्रयोग कर सही चुनिए
सूची। सूची ॥
A आचारांग सूत्र 1. वैदिक
B अंगुत्तर निकाय 2. भागवत
C पांचरात्र संहिता 3. जैन
D वाजसनेयी संहिता 4. बौद्ध
व्याख्या-
व्याख्या-
व्याख्या-
सूची । तथा सूची || को सुमेलित किजिए तथा सूचियों के नीचे कुट का प्रयोग कर सही चनिए.
सूची । सूची ॥
A श्रमण 1. दया और करूणा के लिए विख्यात
B उपासक 2. आकाशवृत्त
C दिगंबर 3. अवैदिक सन्यासी
D बोधिसत्व 4.गृहस्थ आराधक
व्याख्या-
व्याख्या-
व्याख्या-
कथन (A) : बौद्ध भिक्षुणियाँ भिक्षुओं के पर्यवेक्षण में रहती थी।
कारण (R) : भिक्षुणियों के लिए एक विशेष संहिता थी जिसे भिक्कुनीपति मोक्ख कहते थे।
उपरोक्त दो वक्तव्यों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा एक सही है
व्याख्या-
व्याख्या-
व्याख्या-
निम्नलिखित उक्तियों पर विचार करें वैशाली में हुई दूसरी बौद्ध संगीति में बौद्ध.धर्म विभक्त हो गया
इन उक्तियों में से सही कौन सी हैं।
व्याख्या –
व्याख्या –
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कथन (A) : हीनयान और महायान बौद्धमत चार परिकल्पनात्मक विचार पद्धतियों वैभाषिक, माध्यमिक, सौत्रान्तिक और योगाचार में विभाजित थे।
कारण (R) : इन चारों विचार पद्धतियों के सन्दर्भ दर्शन के ब्राह्मण ग्रंथों में मिलते हैं।
उपरोक्त दो वक्तव्यों के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन सा एक सही है
व्याख्या-
चतुर्थ बौद्ध संगीति | 102 ई | स्थान कुण्डलवन | अध्यक्ष-वसुमित्र उपाअध्यक्ष-अश्वघोष | शासक कनिष्क |
व्याख्या-
चतुर्थ बौद्ध संगीति | 102 ई | स्थान कुण्डलवन | अध्यक्ष-वसुमित्र उपाअध्यक्ष-अश्वघोष | शासक कनिष्क |
व्याख्या-
चतुर्थ बौद्ध संगीति | 102 ई | स्थान कुण्डलवन | अध्यक्ष-वसुमित्र उपाअध्यक्ष-अश्वघोष | शासक कनिष्क |
निम्नलिखित में से कौन सा एक कारक बौद्ध धर्म के उदभव के लिए प्रमुख रूप से उत्तरदायी थी?
व्याख्या-
व्याख्या-
व्याख्या-
निम्नलिखित में से कौन सा एक बौद्ध सम्प्रदाय मठवासीय जीवन की आवश्यकता, भगवान बुद्ध के स्मृति चिन्हों की पूजा, केवल स्वयं से मोक्ष की प्राप्ति तथा इसमें विश्वास कि भगवान बुद्ध फिर पैदा नहीं होंगे, जैसे विचारों पर , बल देता है?
व्याख्या –
व्याख्या –
व्याख्या –
निम्नलिखित में से कौन सा एक चैत्य (Chaitya) गोलाकार हैं?
व्याख्या –
व्याख्या –
व्याख्या –
“सभी संस्कार व्ययधर्मा है। अप्रमाद के साथ अपने मोक्ष का सम्पादन करे,” इन वचनों का श्रेय किसे दिया जाता है
व्याख्या –
व्याख्या –
व्याख्या –
बुद्ध की प्राचीनतम मूर्तियाँ लगभग एक ही समय कहाँ बनी थी?
व्याख्या –
व्याख्या –
व्याख्या –
बौद्ध शब्दावली में ‘धर्मचक्रप्रवर्तन’ से क्या निर्देश होता है
व्याख्या –
व्याख्या –
व्याख्या –
बुद्ध के अनुसार निम्नलिखित में किससे निर्वाण की प्राप्ति होती है?
व्याख्या-
व्याख्या-
व्याख्या-
सूची तथा सूची ॥ को सुमेलित किजिए तथा सूचियों के नीचे कूट का प्रयोग कर सही चुनिए.
सूची। सूची ॥
A प्रथम बौद्ध संगति 1. वैशाली
B द्वितीय बौद्ध संगति 2. राजगृह
C.तृतीय बौद्ध संगति 3. पाटलिपुत्र
D चतुर्थ बौद्ध संगति 4. कश्मीर ।
व्याख्या –
बौद्ध संगीति | वर्ष | स्थान | अध्यक्ष | संरक्षक |
प्रथम बौद्ध संगीति | 483 ईसा पूर्व | राजगृह | महाकश्यप | अजातशत्रु |
द्वितीय बौद्ध संगीति | 383 ईसा पूर्व | वैशाली | सुबुकामि | कालाशोक |
तृतीय बौद्ध संगीति | 250ईसा पूर्व | पाटलिपुत्र | मोगालिपुत्ततिस्स | अशोक |
चतुर्थ बौद्ध संगीति | 102 ई | कुण्डलवन | वसुमित्र | कनिष्क |
व्याख्या –
बौद्ध संगीति | वर्ष | स्थान | अध्यक्ष | संरक्षक |
प्रथम बौद्ध संगीति | 483 ईसा पूर्व | राजगृह | महाकश्यप | अजातशत्रु |
द्वितीय बौद्ध संगीति | 383 ईसा पूर्व | वैशाली | सुबुकामि | कालाशोक |
तृतीय बौद्ध संगीति | 250ईसा पूर्व | पाटलिपुत्र | मोगालिपुत्ततिस्स | अशोक |
चतुर्थ बौद्ध संगीति | 102 ई | कुण्डलवन | वसुमित्र | कनिष्क |
व्याख्या –
बौद्ध संगीति | वर्ष | स्थान | अध्यक्ष | संरक्षक |
प्रथम बौद्ध संगीति | 483 ईसा पूर्व | राजगृह | महाकश्यप | अजातशत्रु |
द्वितीय बौद्ध संगीति | 383 ईसा पूर्व | वैशाली | सुबुकामि | कालाशोक |
तृतीय बौद्ध संगीति | 250ईसा पूर्व | पाटलिपुत्र | मोगालिपुत्ततिस्स | अशोक |
चतुर्थ बौद्ध संगीति | 102 ई | कुण्डलवन | वसुमित्र | कनिष्क |