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चोल साम्राज्य
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प्रारम्भिक मध्यकालीन भारत में घटिका क्या थे?
व्याख्या-
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उड़ीसा के मंदिर वास्तुशिल्प के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं ?
व्याख्या-
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चोल प्रशासन में राज्य की भौगोलिक-प्रशासनिक इकाइयों का सही घटता क्रम क्या था?
व्याख्या-
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चोल शासक अनुयायी थे
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चोल राज्य में निम्नलिखित प्रशासनिक इकाइयों पर विचार कीजिए:
आकार की दृष्टि से अवरोही क्रम में इनका सही अनुक्रम कौन सा है?
व्याख्या-
प्रशासन की सुविधा हेतु चोल साम्राज्य 6 प्रान्तों. में विभाजित था।
व्याख्या-
प्रशासन की सुविधा हेतु चोल साम्राज्य 6 प्रान्तों. में विभाजित था।
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प्रशासन की सुविधा हेतु चोल साम्राज्य 6 प्रान्तों. में विभाजित था।
निम्न में से कौन सा चोल शासक राष्ट्रकूट राजा कृष्ण-तृतीय द्वारा पराजित किया गया था
व्याख्या-
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निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
उपरोक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
व्याख्या-
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सूची । (उपाधियाँ) को सूची ॥ (नाम) के साथ सुमेलित कीजिए और सूचियों के नीचे दिए गये कूटों का प्रयोग करते हुए सही उत्तर चुनिए
सूची । (उपाधियाँ) सूची ॥ (नाम)
A मदुरैकोंड 1. विप्रनारायन
B तंजाबूरकोड 2. परांतक प्रथम
C गंगैकोड . 3. कृष्ण तृतीय
D तोडर-अदिय पोडि 4. राजेन्द्र प्रथम
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निम्न में से कौन सा एक चोल साम्राज्य का बंदरगाह नहीं था
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निम्न में से किस विधि से राजराज प्रथम तथा राजेन्द्र प्रथम ने अपनी विजय का स्मरणोत्सव मनाया
व्याख्या-
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निम्न में से कौन सा कल्याणी के चालुक्यों तथा चोलों के मध्य सतत् युद्ध का कारण नहीं था
व्याख्या-
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कथन (A) : मृत राजाओं के सम्मान में मंदिरों का निर्माण चोल वंश का एक विशेष लक्षण था।
कारण (R) : राजेन्द्र प्रथम ने अपने पिता के सम्मान में गंगैकोंड-चोलपुरम में प्रसिद्ध शिव मन्दिर का निर्माण किया था।
व्याख्या-
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निम्नलिखित में से कौन सा एक चोल काल का राजस्व संबंधी शब्द नहीं हैं?
व्याख्या-
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राजेन्द्र प्रथम के विषय में निम्नलिखित वक्तव्यों पर विचार कीजिए
इनमें से कौन से सही है
व्याख्या-
*******72 व्यापारियों का बड़ा दल कुलोत्तुंग प्रथम ने चीन भेजा था
व्याख्या-
*******72 व्यापारियों का बड़ा दल कुलोत्तुंग प्रथम ने चीन भेजा था
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*******72 व्यापारियों का बड़ा दल कुलोत्तुंग प्रथम ने चीन भेजा था
सर्वप्रथम चोलकालीन स्वर्ण मुद्रा, जिसका हमें ज्ञान है, संबंधित है
व्याख्या-
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मध्यकालीन दक्षिण भारत में बोली जाने वाली ‘मणिग्रामम’ से तात्पर्य है
व्याख्या-
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प्रशासनिक प्रयोजन के लिए चोल राज्य का विभाजन निम्नलिखित हिस्सों में किया गया था।
उनके आकार का अवरोही क्रम में अनुक्रम है
व्याख्या-
प्रशासन की सुविधा हेतु चोल साम्राज्य 6 प्रान्तों. में विभाजित था।
व्याख्या-
प्रशासन की सुविधा हेतु चोल साम्राज्य 6 प्रान्तों. में विभाजित था।
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प्रशासन की सुविधा हेतु चोल साम्राज्य 6 प्रान्तों. में विभाजित था।
वृहदीश्वर मंदिर बनवाया
व्याख्या-
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निम्नलिखित में से कौन सा दक्षिण भारतीय राज्य अपनी नौ सैनिक शक्ति के लिए प्रसिद्ध था
व्याख्या-
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तक्कोलम की लड़ाई में –
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रामानुज को श्रीरंगमम छोड़ना पड़ा
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चोलों के द्वारा निर्मित मंदिरों के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
उपरोक्त कथनों में से कौन-कौन से सही है।
व्याख्या-
चोलकालीन प्रमुख मंदिरों की सूची :
मंदिर | स्थान | राजा |
विजयालय-चोलेश्वर | नरता मलाई | विजयालय |
बालासुरमान्य | कन्ननुर | आदित्य प्रथम |
नवेश्वर | कुम्ब्कुनम | आदित्य प्रथम |
मूवर कोइल | कोडम्ब्लुर/पादु कोट्टी | भूति विक्रमकेशरी
चोल के सामंत |
कोरंगनाथ | श्रीनिवास नल्लुर | परान्तक प्रथम |
तिरुवलिश्वरम/शिवमंदिर | ब्रह्मदेशम/तिरुबलीश्वर | राजराज प्रथम |
उत्तरकैलाश | तिरूवड़ी | राजराज प्रथम |
वैद्यनाथ | तिरूमालावड़ी | राजराज प्रथम |
राजराजेश्वर | तंजौर | राजराज प्रथम |
गंगैकोंडचोल-पुरम | गंगैकोंडचोल-पुरम | राजेन्द्र प्रथम |
ऐरावतेश्वर | दरासुरम | राजराज प्रथम |
कम्पहरेश्वर | त्रिभुवनम | कुलोतुंग तृतीय |
व्याख्या-
चोलकालीन प्रमुख मंदिरों की सूची :
मंदिर | स्थान | राजा |
विजयालय-चोलेश्वर | नरता मलाई | विजयालय |
बालासुरमान्य | कन्ननुर | आदित्य प्रथम |
नवेश्वर | कुम्ब्कुनम | आदित्य प्रथम |
मूवर कोइल | कोडम्ब्लुर/पादु कोट्टी | भूति विक्रमकेशरी
चोल के सामंत |
कोरंगनाथ | श्रीनिवास नल्लुर | परान्तक प्रथम |
तिरुवलिश्वरम/शिवमंदिर | ब्रह्मदेशम/तिरुबलीश्वर | राजराज प्रथम |
उत्तरकैलाश | तिरूवड़ी | राजराज प्रथम |
वैद्यनाथ | तिरूमालावड़ी | राजराज प्रथम |
राजराजेश्वर | तंजौर | राजराज प्रथम |
गंगैकोंडचोल-पुरम | गंगैकोंडचोल-पुरम | राजेन्द्र प्रथम |
ऐरावतेश्वर | दरासुरम | राजराज प्रथम |
कम्पहरेश्वर | त्रिभुवनम | कुलोतुंग तृतीय |
व्याख्या-
चोलकालीन प्रमुख मंदिरों की सूची :
मंदिर | स्थान | राजा |
विजयालय-चोलेश्वर | नरता मलाई | विजयालय |
बालासुरमान्य | कन्ननुर | आदित्य प्रथम |
नवेश्वर | कुम्ब्कुनम | आदित्य प्रथम |
मूवर कोइल | कोडम्ब्लुर/पादु कोट्टी | भूति विक्रमकेशरी
चोल के सामंत |
कोरंगनाथ | श्रीनिवास नल्लुर | परान्तक प्रथम |
तिरुवलिश्वरम/शिवमंदिर | ब्रह्मदेशम/तिरुबलीश्वर | राजराज प्रथम |
उत्तरकैलाश | तिरूवड़ी | राजराज प्रथम |
वैद्यनाथ | तिरूमालावड़ी | राजराज प्रथम |
राजराजेश्वर | तंजौर | राजराज प्रथम |
गंगैकोंडचोल-पुरम | गंगैकोंडचोल-पुरम | राजेन्द्र प्रथम |
ऐरावतेश्वर | दरासुरम | राजराज प्रथम |
कम्पहरेश्वर | त्रिभुवनम | कुलोतुंग तृतीय |
चोल अभिलेख निम्नलिखित लिपियों में मिलते हैं
योग विस्तार की दृष्टि से इनका सही अनुक्रम (अधिकतम बार प्रयुक्त को पहले और न्यूनतम बार प्रयुक्त को अंत में रखते हुए) है
व्याख्या-
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सूची । के चोल राजाओं द्वारा बनाये गये मंदिरों को सूची ॥ स्थानों से सुमेलित कीजिए
सूची। सूची ॥
A कोरंगनाथ 1. तिरुबलीश्वर
B राजराजेश्वर मंदिर 2. दारासुरम्
C ऐरावतेश्वर मंदिर 3. श्रीनिवासेनल्लुर
D शिवमंदिर 4. तंजौर
व्याख्या-
चोलकालीन प्रमुख मंदिरों की सूची :-
मंदिर | स्थान | राजा |
विजयालय-चोलेश्वर | नरता मलाई | विजयालय |
बालासुरमान्य | कन्ननुर | आदित्य प्रथम |
नवेश्वर | कुम्ब्कुनम | आदित्य प्रथम |
मूवर कोइल | कोडम्ब्लुर/पादु कोट्टी | भूति विक्रमकेशरी
चोल के सामंत |
कोरंगनाथ | श्रीनिवास नल्लुर | परान्तक प्रथम |
तिरुवलिश्वरम/शिवमंदिर | ब्रह्मदेशम/तिरुबलीश्वर | राजराज प्रथम |
उत्तरकैलाश | तिरूवड़ी | राजराज प्रथम |
वैद्यनाथ | तिरूमालावड़ी | राजराज प्रथम |
राजराजेश्वर | तंजौर | राजराज प्रथम |
गंगैकोंडचोल-पुरम | गंगैकोंडचोल-पुरम | राजेन्द्र प्रथम |
ऐरावतेश्वर | दरासुरम | राजराज प्रथम |
कम्पहरेश्वर | त्रिभुवनम | कुलोतुंग तृतीय |
व्याख्या-
चोलकालीन प्रमुख मंदिरों की सूची :-
मंदिर | स्थान | राजा |
विजयालय-चोलेश्वर | नरता मलाई | विजयालय |
बालासुरमान्य | कन्ननुर | आदित्य प्रथम |
नवेश्वर | कुम्ब्कुनम | आदित्य प्रथम |
मूवर कोइल | कोडम्ब्लुर/पादु कोट्टी | भूति विक्रमकेशरी
चोल के सामंत |
कोरंगनाथ | श्रीनिवास नल्लुर | परान्तक प्रथम |
तिरुवलिश्वरम/शिवमंदिर | ब्रह्मदेशम/तिरुबलीश्वर | राजराज प्रथम |
उत्तरकैलाश | तिरूवड़ी | राजराज प्रथम |
वैद्यनाथ | तिरूमालावड़ी | राजराज प्रथम |
राजराजेश्वर | तंजौर | राजराज प्रथम |
गंगैकोंडचोल-पुरम | गंगैकोंडचोल-पुरम | राजेन्द्र प्रथम |
ऐरावतेश्वर | दरासुरम | राजराज प्रथम |
कम्पहरेश्वर | त्रिभुवनम | कुलोतुंग तृतीय |
व्याख्या-
चोलकालीन प्रमुख मंदिरों की सूची :-
मंदिर | स्थान | राजा |
विजयालय-चोलेश्वर | नरता मलाई | विजयालय |
बालासुरमान्य | कन्ननुर | आदित्य प्रथम |
नवेश्वर | कुम्ब्कुनम | आदित्य प्रथम |
मूवर कोइल | कोडम्ब्लुर/पादु कोट्टी | भूति विक्रमकेशरी
चोल के सामंत |
कोरंगनाथ | श्रीनिवास नल्लुर | परान्तक प्रथम |
तिरुवलिश्वरम/शिवमंदिर | ब्रह्मदेशम/तिरुबलीश्वर | राजराज प्रथम |
उत्तरकैलाश | तिरूवड़ी | राजराज प्रथम |
वैद्यनाथ | तिरूमालावड़ी | राजराज प्रथम |
राजराजेश्वर | तंजौर | राजराज प्रथम |
गंगैकोंडचोल-पुरम | गंगैकोंडचोल-पुरम | राजेन्द्र प्रथम |
ऐरावतेश्वर | दरासुरम | राजराज प्रथम |
कम्पहरेश्वर | त्रिभुवनम | कुलोतुंग तृतीय |
गंगैकोण्डचोलपुरम् राजधानी की स्थापना की थी- .
व्याख्या-
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दक्षिण भारत में नगरम बस्तियों का स्वरूप क्या था ?
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निम्नलिखित में से कौन सा स्मारकीय मंदिर स्थापत्य के लिए प्रसिद्ध हैं?
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चोल काल की चित्रकला के साक्ष्य मिलते हैं
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निम्नलिखित चोल शासकों के शासन का सही कालानुक्रम क्या है?
4 विक्रमचोल
नीचे दिये गये कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए कूट :
व्याख्या-
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कथन (A): श्रीलंका के विजय के दौरान चोल शासक राजेन्द्र की नृशंसता को महावंश में प्रमुखता से दर्शाया गया है।
कारण (R): बौद्धमत के प्रति लेखक की सहानुभूति अत्यंत प्रबल थी।
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निम्नांकित किस चोल शासक के विषय में वर्णन है कि उसने अनुराधापुर को जो एक समय सीलोन की राजधानी था, नष्ट किया?
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कथन (A) : चोल मंदिर निर्माण में पल्लव परम्पराओं के दायाधिकारी एवं आगे चलाने वाले थे।
कारण (R): उन्होंने पल्लव शैलियों का अनुगमन करते ना अपने राज्य में अनेकों एकाश्मक मंदिर बनवाये।
उपर्यक्त दो वक्तव्यों के संदर्भ में निम्नलिखित में कौन एक सही है।
व्याख्या-
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पूर्वमध्यकालीन दक्षिण भारतीय राजतंत्र में उड़नकूट्टम शब्द का तात्पर्य था
व्याख्या-
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दक्षिण भारत में चोलों एवं उनके उत्तराधिकारियों के ” काल में कृषकों के संघ का अभिधान था
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दक्षिण भारतीय समाज का वेलंगै (दक्षिण हस्त) एवं इलंगै (वामहस्त) भेद सर्वप्रथम किस काल में दृष्टिगोचर होता है?
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राजेन्द्र चोल द्वारा विजित कोसलेनाडु की स्थिति किस नदी के तट पर थी?
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निम्नलिखित में से कौन सही सुमेलित नहीं है
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किस चोल शासक ने राष्ट्रकूटों से तोण्डैमण्डलम छीन लिया था
व्याख्या-
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चोल प्रशासकीय व्यवस्था में सभा –
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व्याख्या-
निम्नलिखित में से किसे मणिग्राम के रूप में ख्याति थी
व्याख्या-
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व्याख्या-
मंडलम, वलनाडु और नाडु किस राज्य से संबंधित हैं
व्याख्या-
प्रशासन की सुविधा हेतु चोल साम्राज्य 6 प्रान्तों. में विभाजित था।
व्याख्या-
प्रशासन की सुविधा हेतु चोल साम्राज्य 6 प्रान्तों. में विभाजित था।
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प्रशासन की सुविधा हेतु चोल साम्राज्य 6 प्रान्तों. में विभाजित था।
राजवंशों तथा उनके द्वारा प्रयुक्त उपनामों के युग्मों में से कौन सही सुमेलित है/हैं?
व्याख्या-
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