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Question 1 of 30
1. Question
1 points
1833 के चार्टर एक्ट के कुछ प्रावधान थे
(i) इसने कम्पनी के व्यापारिक एकाधिकार को समाप्त कर दिया।
(ii) इसने गवर्नर जनरल की परिषद् में एक विधि सदस्य सम्मिलित किया।
(iii) इसने प्रेसीडेन्सियों के कानून बनाने के अधिकार को वापस ले लिया।
(iv) इसने फोर्ट विलियम के गवर्नर जनरल का नाम बदलकर भारत का गवर्नर जनरल कर दिया।
Correct
व्याख्या –
1833 के चार्टर एक्ट के महत्वपूर्ण बिंदु –
इस एक्ट से कंपनी के चीन से चाय के व्यापार पर एकाधिकार को समाप्त कर दिया गया।
भारतीय प्रदेशों तथा राजस्व पर कंपनी के अधिकारों को 20 वर्षों के लिए और बढ़ा दिया गया। किंतु यह निश्चित किया गया कि भारतीय प्रदेशों का प्रशासन अब ब्रिटिश सम्राट के नाम से किया जायेगा, तथा भारत अब ब्रिटिश उपनिवेश बन गया।
भारतीय प्रदेशों में शासन करने के लिए सभी सैन्य, न्यायिक और नागरिक शक्तियां इसमें निहित थी।
इस एक्ट के बाद से बंगाल के गवर्नर जनरल को अब भारत का गवर्नर जनरल कहा जाने लगा।
ब्रिटिश अधिकृत भारतीय प्रदेशों पर इसका पूर्ण नियंत्रण था।
लार्ड विलियम बैंटिक भारत का पहला गवर्नर जनरल बना।
इस एक्ट के अनुसार मद्रास और बम्बई प्रेसीडेंसी के गवर्नरों की विधायी शक्तियों को समाप्त कर दिया गया।
इस एक्ट से पूर्व बने क़ानूनों को नियामक कानून और बाद में बने क़ानूनों को अधिनियम या एक्ट कहा गया।
चार्टर एक्ट 1833 के अनुसार भारत में ब्रिटिश सरकार का वित्तीय, विधायी तथा प्रशासनिक रूप से केन्द्रीकरण करने का प्रयास किया गया। इस एक्ट के पारित होने के बाद कंपनी को प्रशासनिक निकाय बना दिया गया। इससे पूर्व कंपनी एक व्यापारिक निकाय के रूप में कार्य कर रही थी।
अब अंग्रेजों को बिना अनुमति पत्र के ही भारत आने, रहने तथा भूमि खरीदने की व्यवस्था कर दी गयी।
बंगाल के साथ मद्रास, बम्बई तथा अन्य अधिकृत प्रदेशों को भी भारत के गवर्नर जनरल के नियंत्रण में कर दिया गया।
इस एक्ट के बाद से सभी कर गवर्नर जनरल की आज्ञा से लगाये जायेंगे तथा उनका व्यय भी उसी की मर्जी से होगा।
इस एक्ट के अनुसार गवर्नर जनरल की परिषद ही भारत में कानून बना पायेगी तथा मद्रास व बम्बई की कानून बनाने की शक्ति समाप्त कर दी गयी।
गवर्नर जनरल की परिषद की संख्या जो पिट्स इण्डिया एक्ट द्वारा चार से घटाकर तीन कर दी गई थी उसे पुनः चार कर दिया गया। चौथे सदस्य को कानून विशेषज्ञ के रूप में बढ़ाया गया।
पहला कानून विशेषज्ञ लार्ड मैकाले था।
भारतीय कानून को संचालित, संहिताबद्ध तथा सुधारने की भावना से एक विधि आयोग की नियुक्ति की गयी।
इस एक्ट के प्रावधानों के अनुसार सिविल सेवा की चयन प्रक्रिया को खुली प्रतियोगिता से करने का प्रावधान था।
धर्म, वंश, रंग या जन्म स्थान आदि के आधार पर किसी भारतीय को कंपनी के किसी पद से जिसके वो योग्य है वंचित नहीं रखा जायेगा।
बाद में कोर्ट ऑफ डायरेक्टर के विरोध से इस प्रावधान को समाप्त कर दिया गया।
भारत में दास प्रथा को समाप्त कर दिया गया।
1843 में दास में प्रथा लार्ड एलनबरो के समय में “दास प्रथा उन्मूलन” एक्ट लाया गया था।
Incorrect
व्याख्या –
1833 के चार्टर एक्ट के महत्वपूर्ण बिंदु –
इस एक्ट से कंपनी के चीन से चाय के व्यापार पर एकाधिकार को समाप्त कर दिया गया।
भारतीय प्रदेशों तथा राजस्व पर कंपनी के अधिकारों को 20 वर्षों के लिए और बढ़ा दिया गया। किंतु यह निश्चित किया गया कि भारतीय प्रदेशों का प्रशासन अब ब्रिटिश सम्राट के नाम से किया जायेगा, तथा भारत अब ब्रिटिश उपनिवेश बन गया।
भारतीय प्रदेशों में शासन करने के लिए सभी सैन्य, न्यायिक और नागरिक शक्तियां इसमें निहित थी।
इस एक्ट के बाद से बंगाल के गवर्नर जनरल को अब भारत का गवर्नर जनरल कहा जाने लगा।
ब्रिटिश अधिकृत भारतीय प्रदेशों पर इसका पूर्ण नियंत्रण था।
लार्ड विलियम बैंटिक भारत का पहला गवर्नर जनरल बना।
इस एक्ट के अनुसार मद्रास और बम्बई प्रेसीडेंसी के गवर्नरों की विधायी शक्तियों को समाप्त कर दिया गया।
इस एक्ट से पूर्व बने क़ानूनों को नियामक कानून और बाद में बने क़ानूनों को अधिनियम या एक्ट कहा गया।
चार्टर एक्ट 1833 के अनुसार भारत में ब्रिटिश सरकार का वित्तीय, विधायी तथा प्रशासनिक रूप से केन्द्रीकरण करने का प्रयास किया गया। इस एक्ट के पारित होने के बाद कंपनी को प्रशासनिक निकाय बना दिया गया। इससे पूर्व कंपनी एक व्यापारिक निकाय के रूप में कार्य कर रही थी।
अब अंग्रेजों को बिना अनुमति पत्र के ही भारत आने, रहने तथा भूमि खरीदने की व्यवस्था कर दी गयी।
बंगाल के साथ मद्रास, बम्बई तथा अन्य अधिकृत प्रदेशों को भी भारत के गवर्नर जनरल के नियंत्रण में कर दिया गया।
इस एक्ट के बाद से सभी कर गवर्नर जनरल की आज्ञा से लगाये जायेंगे तथा उनका व्यय भी उसी की मर्जी से होगा।
इस एक्ट के अनुसार गवर्नर जनरल की परिषद ही भारत में कानून बना पायेगी तथा मद्रास व बम्बई की कानून बनाने की शक्ति समाप्त कर दी गयी।
गवर्नर जनरल की परिषद की संख्या जो पिट्स इण्डिया एक्ट द्वारा चार से घटाकर तीन कर दी गई थी उसे पुनः चार कर दिया गया। चौथे सदस्य को कानून विशेषज्ञ के रूप में बढ़ाया गया।
पहला कानून विशेषज्ञ लार्ड मैकाले था।
भारतीय कानून को संचालित, संहिताबद्ध तथा सुधारने की भावना से एक विधि आयोग की नियुक्ति की गयी।
इस एक्ट के प्रावधानों के अनुसार सिविल सेवा की चयन प्रक्रिया को खुली प्रतियोगिता से करने का प्रावधान था।
धर्म, वंश, रंग या जन्म स्थान आदि के आधार पर किसी भारतीय को कंपनी के किसी पद से जिसके वो योग्य है वंचित नहीं रखा जायेगा।
बाद में कोर्ट ऑफ डायरेक्टर के विरोध से इस प्रावधान को समाप्त कर दिया गया।
भारत में दास प्रथा को समाप्त कर दिया गया।
1843 में दास में प्रथा लार्ड एलनबरो के समय में “दास प्रथा उन्मूलन” एक्ट लाया गया था।
Unattempted
व्याख्या –
1833 के चार्टर एक्ट के महत्वपूर्ण बिंदु –
इस एक्ट से कंपनी के चीन से चाय के व्यापार पर एकाधिकार को समाप्त कर दिया गया।
भारतीय प्रदेशों तथा राजस्व पर कंपनी के अधिकारों को 20 वर्षों के लिए और बढ़ा दिया गया। किंतु यह निश्चित किया गया कि भारतीय प्रदेशों का प्रशासन अब ब्रिटिश सम्राट के नाम से किया जायेगा, तथा भारत अब ब्रिटिश उपनिवेश बन गया।
भारतीय प्रदेशों में शासन करने के लिए सभी सैन्य, न्यायिक और नागरिक शक्तियां इसमें निहित थी।
इस एक्ट के बाद से बंगाल के गवर्नर जनरल को अब भारत का गवर्नर जनरल कहा जाने लगा।
ब्रिटिश अधिकृत भारतीय प्रदेशों पर इसका पूर्ण नियंत्रण था।
लार्ड विलियम बैंटिक भारत का पहला गवर्नर जनरल बना।
इस एक्ट के अनुसार मद्रास और बम्बई प्रेसीडेंसी के गवर्नरों की विधायी शक्तियों को समाप्त कर दिया गया।
इस एक्ट से पूर्व बने क़ानूनों को नियामक कानून और बाद में बने क़ानूनों को अधिनियम या एक्ट कहा गया।
चार्टर एक्ट 1833 के अनुसार भारत में ब्रिटिश सरकार का वित्तीय, विधायी तथा प्रशासनिक रूप से केन्द्रीकरण करने का प्रयास किया गया। इस एक्ट के पारित होने के बाद कंपनी को प्रशासनिक निकाय बना दिया गया। इससे पूर्व कंपनी एक व्यापारिक निकाय के रूप में कार्य कर रही थी।
अब अंग्रेजों को बिना अनुमति पत्र के ही भारत आने, रहने तथा भूमि खरीदने की व्यवस्था कर दी गयी।
बंगाल के साथ मद्रास, बम्बई तथा अन्य अधिकृत प्रदेशों को भी भारत के गवर्नर जनरल के नियंत्रण में कर दिया गया।
इस एक्ट के बाद से सभी कर गवर्नर जनरल की आज्ञा से लगाये जायेंगे तथा उनका व्यय भी उसी की मर्जी से होगा।
इस एक्ट के अनुसार गवर्नर जनरल की परिषद ही भारत में कानून बना पायेगी तथा मद्रास व बम्बई की कानून बनाने की शक्ति समाप्त कर दी गयी।
गवर्नर जनरल की परिषद की संख्या जो पिट्स इण्डिया एक्ट द्वारा चार से घटाकर तीन कर दी गई थी उसे पुनः चार कर दिया गया। चौथे सदस्य को कानून विशेषज्ञ के रूप में बढ़ाया गया।
पहला कानून विशेषज्ञ लार्ड मैकाले था।
भारतीय कानून को संचालित, संहिताबद्ध तथा सुधारने की भावना से एक विधि आयोग की नियुक्ति की गयी।
इस एक्ट के प्रावधानों के अनुसार सिविल सेवा की चयन प्रक्रिया को खुली प्रतियोगिता से करने का प्रावधान था।
धर्म, वंश, रंग या जन्म स्थान आदि के आधार पर किसी भारतीय को कंपनी के किसी पद से जिसके वो योग्य है वंचित नहीं रखा जायेगा।
बाद में कोर्ट ऑफ डायरेक्टर के विरोध से इस प्रावधान को समाप्त कर दिया गया।
भारत में दास प्रथा को समाप्त कर दिया गया।
1843 में दास में प्रथा लार्ड एलनबरो के समय में “दास प्रथा उन्मूलन” एक्ट लाया गया था।
Question 2 of 30
2. Question
1 points
निम्नलिखित में से भारतीय सरकार के किस एक्ट में मुसलमानों के लिये पृथक मतदान की व्यवस्था को स्वीकृति दी गई?
Correct
व्याख्या –
**** भारतीय संविधान के ऐतिहासिक विकास का काल 1699 से शुरू होता है
1909 का मार्लेमिन्टो सुधार अधिनियम-
जान मार्ले भारत सचिव और लार्ड मिन्टो वायसराय थे।
इन्होंने सुधार कानून दिया जिनके प्रावधान निम्न है।
मुसलमानों को साम्प्रदायिक निर्वाचन क्षेत्र दिए गए।
एस. पी. सिन्हा को वायसराय या गर्वनर-जनरल की कार्यकारिणी में शामिल किया गया।
मांटेग्यू चेम्स फोर्ड के काल (1916-1921) में माण्टेग्यू चेम्सफोर्ड सुधार अधिनियम 1919 पारित किया गया।
1919 का भारत शासन अधिनियम के अंतर्गत प्रान्तों के वैध शासन प्रणाली की स्थापना की गई।
3.भारत सरकार अधिनियम 1935 लार्ड विलिंगटन (1931-1936) के कार्यकाल में पारित हुआ।
1935 का भारत शासन अधिनियम की मुख्य विशेषता द्वैध शासन को केन्द्रीय स्तर पर लागू कर अखिल भारतीय संघ की व्यवस्था करना था।
Incorrect
व्याख्या –
**** भारतीय संविधान के ऐतिहासिक विकास का काल 1699 से शुरू होता है
1909 का मार्लेमिन्टो सुधार अधिनियम-
जान मार्ले भारत सचिव और लार्ड मिन्टो वायसराय थे।
इन्होंने सुधार कानून दिया जिनके प्रावधान निम्न है।
मुसलमानों को साम्प्रदायिक निर्वाचन क्षेत्र दिए गए।
एस. पी. सिन्हा को वायसराय या गर्वनर-जनरल की कार्यकारिणी में शामिल किया गया।
मांटेग्यू चेम्स फोर्ड के काल (1916-1921) में माण्टेग्यू चेम्सफोर्ड सुधार अधिनियम 1919 पारित किया गया।
1919 का भारत शासन अधिनियम के अंतर्गत प्रान्तों के वैध शासन प्रणाली की स्थापना की गई।
3.भारत सरकार अधिनियम 1935 लार्ड विलिंगटन (1931-1936) के कार्यकाल में पारित हुआ।
1935 का भारत शासन अधिनियम की मुख्य विशेषता द्वैध शासन को केन्द्रीय स्तर पर लागू कर अखिल भारतीय संघ की व्यवस्था करना था।
Unattempted
व्याख्या –
**** भारतीय संविधान के ऐतिहासिक विकास का काल 1699 से शुरू होता है
1909 का मार्लेमिन्टो सुधार अधिनियम-
जान मार्ले भारत सचिव और लार्ड मिन्टो वायसराय थे।
इन्होंने सुधार कानून दिया जिनके प्रावधान निम्न है।
मुसलमानों को साम्प्रदायिक निर्वाचन क्षेत्र दिए गए।
एस. पी. सिन्हा को वायसराय या गर्वनर-जनरल की कार्यकारिणी में शामिल किया गया।
मांटेग्यू चेम्स फोर्ड के काल (1916-1921) में माण्टेग्यू चेम्सफोर्ड सुधार अधिनियम 1919 पारित किया गया।
1919 का भारत शासन अधिनियम के अंतर्गत प्रान्तों के वैध शासन प्रणाली की स्थापना की गई।
3.भारत सरकार अधिनियम 1935 लार्ड विलिंगटन (1931-1936) के कार्यकाल में पारित हुआ।
1935 का भारत शासन अधिनियम की मुख्य विशेषता द्वैध शासन को केन्द्रीय स्तर पर लागू कर अखिल भारतीय संघ की व्यवस्था करना था।
Question 3 of 30
3. Question
1 points
किस अधिनियम के द्वारा बंगाल में सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की गई थी?
Correct
व्याख्या –
1773 का रेग्यूलेटिंग एक्ट-
ब्रिटीश क्राउन का कम्पनी पर नियन्त्रण लाया गया।
केन्द्रीय शासन की नींव डाली गई।
बंगाल के गर्वनर वारेन-हेस्टिंग्स को गर्वनर जनरल बना दिया गया।
मद्रास व बम्बई के गर्वनर इसके अधीन रखे गए।
गर्वनर जनरल 4 सदस्यीय कार्यकारिणी बनाई गई। जिसके सारे निर्णय बहुमत से लिए जाते थे।
1773 के विनियमन अधिनियम ने फोर्ट विलियम, कलकत्ता में एक सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की।
इस सुप्रीम कोर्ट में एक मुख्य न्यायाधीश और तीन अन्य नियमित न्यायाधीश या अवर न्यायाधीश शामिल थे।
सर एलीजा इम्पे इस सुप्रीम कोर्ट के पहले मुख्य न्यायाधीश थे।
तीन अन्य न्यायधिशो में स्टीफनम, चैम्बर और जान हाइड थे
शासन चलाने हेतु बोर्ड ऑफ़ कन्ट्रोल और बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर बनाए गए।
व्यापार की सभी सूचनाएं क्राउन को देना सुनिश्चित किया।
Incorrect
व्याख्या –
1773 का रेग्यूलेटिंग एक्ट-
ब्रिटीश क्राउन का कम्पनी पर नियन्त्रण लाया गया।
केन्द्रीय शासन की नींव डाली गई।
बंगाल के गर्वनर वारेन-हेस्टिंग्स को गर्वनर जनरल बना दिया गया।
मद्रास व बम्बई के गर्वनर इसके अधीन रखे गए।
गर्वनर जनरल 4 सदस्यीय कार्यकारिणी बनाई गई। जिसके सारे निर्णय बहुमत से लिए जाते थे।
1773 के विनियमन अधिनियम ने फोर्ट विलियम, कलकत्ता में एक सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की।
इस सुप्रीम कोर्ट में एक मुख्य न्यायाधीश और तीन अन्य नियमित न्यायाधीश या अवर न्यायाधीश शामिल थे।
सर एलीजा इम्पे इस सुप्रीम कोर्ट के पहले मुख्य न्यायाधीश थे।
तीन अन्य न्यायधिशो में स्टीफनम, चैम्बर और जान हाइड थे
शासन चलाने हेतु बोर्ड ऑफ़ कन्ट्रोल और बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर बनाए गए।
व्यापार की सभी सूचनाएं क्राउन को देना सुनिश्चित किया।
Unattempted
व्याख्या –
1773 का रेग्यूलेटिंग एक्ट-
ब्रिटीश क्राउन का कम्पनी पर नियन्त्रण लाया गया।
केन्द्रीय शासन की नींव डाली गई।
बंगाल के गर्वनर वारेन-हेस्टिंग्स को गर्वनर जनरल बना दिया गया।
मद्रास व बम्बई के गर्वनर इसके अधीन रखे गए।
गर्वनर जनरल 4 सदस्यीय कार्यकारिणी बनाई गई। जिसके सारे निर्णय बहुमत से लिए जाते थे।
1773 के विनियमन अधिनियम ने फोर्ट विलियम, कलकत्ता में एक सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की।
इस सुप्रीम कोर्ट में एक मुख्य न्यायाधीश और तीन अन्य नियमित न्यायाधीश या अवर न्यायाधीश शामिल थे।
सर एलीजा इम्पे इस सुप्रीम कोर्ट के पहले मुख्य न्यायाधीश थे।
तीन अन्य न्यायधिशो में स्टीफनम, चैम्बर और जान हाइड थे
शासन चलाने हेतु बोर्ड ऑफ़ कन्ट्रोल और बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर बनाए गए।
व्यापार की सभी सूचनाएं क्राउन को देना सुनिश्चित किया।
Question 4 of 30
4. Question
1 points
निम्नलिखित में से कौन रेगुलेटिंग अधिनियम में दिये गये गवर्नर जनरल की कौंसिल का सदस्य नहीं था? .
Correct
व्याख्या –
1773 का रेग्यूलेटिंग एक्ट-
ब्रिटीश क्राउन का कम्पनी पर नियन्त्रण लाया गया।
केन्द्रीय शासन की नींव डाली गई।
बंगाल के गर्वनर वारेन-हेस्टिंग्स को गर्वनर जनरल बना दिया गया।
बंगाल का प्रथम गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स को बनाया गया
गर्वनर जनरल 4 सदस्यीय कार्यकारिणी बनाई गई। जिसके सारे निर्णय बहुमत से लिए जाते थे।
कार्यकारिणी सदस्य– फ्रांसिस, मानसन, क्लेवरिंग, बारवैल। इन सभी का कार्यकाल 5 वर्ष था
कार्यकारिणी सदस्यो को कोर्ट ऑफ डाइरेक्टर्स की संस्तुति पर केवल इंग्लैण्ड का सम्राट ही इन्हें हटा सकता था।
मद्रास व बम्बई के गर्वनर इसके अधीन रखे गए।
गर्वनर जनरल 4 सदस्यीय कार्यकारिणी बनाई गई। जिसके सारे निर्णय बहुमत से लिए जाते थे।
1773 के विनियमन अधिनियम ने फोर्ट विलियम, कलकत्ता में एक सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की।
इस सुप्रीम कोर्ट में एक मुख्य न्यायाधीश और तीन अन्य नियमित न्यायाधीश या अवर न्यायाधीश शामिल थे।
सर एलीजा इम्पे इस सुप्रीम कोर्ट के पहले मुख्य न्यायाधीश थे।
तीन अन्य न्यायधिशो में स्टीफनम, चैम्बर और जान हाइड थे
शासन चलाने हेतु बोर्ड ऑफ़ कन्ट्रोल और बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर बनाए गए।
व्यापार की सभी सूचनाएं क्राउन को देना सुनिश्चित किया।
Incorrect
व्याख्या –
1773 का रेग्यूलेटिंग एक्ट-
ब्रिटीश क्राउन का कम्पनी पर नियन्त्रण लाया गया।
केन्द्रीय शासन की नींव डाली गई।
बंगाल के गर्वनर वारेन-हेस्टिंग्स को गर्वनर जनरल बना दिया गया।
बंगाल का प्रथम गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स को बनाया गया
गर्वनर जनरल 4 सदस्यीय कार्यकारिणी बनाई गई। जिसके सारे निर्णय बहुमत से लिए जाते थे।
कार्यकारिणी सदस्य– फ्रांसिस, मानसन, क्लेवरिंग, बारवैल। इन सभी का कार्यकाल 5 वर्ष था
कार्यकारिणी सदस्यो को कोर्ट ऑफ डाइरेक्टर्स की संस्तुति पर केवल इंग्लैण्ड का सम्राट ही इन्हें हटा सकता था।
मद्रास व बम्बई के गर्वनर इसके अधीन रखे गए।
गर्वनर जनरल 4 सदस्यीय कार्यकारिणी बनाई गई। जिसके सारे निर्णय बहुमत से लिए जाते थे।
1773 के विनियमन अधिनियम ने फोर्ट विलियम, कलकत्ता में एक सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की।
इस सुप्रीम कोर्ट में एक मुख्य न्यायाधीश और तीन अन्य नियमित न्यायाधीश या अवर न्यायाधीश शामिल थे।
सर एलीजा इम्पे इस सुप्रीम कोर्ट के पहले मुख्य न्यायाधीश थे।
तीन अन्य न्यायधिशो में स्टीफनम, चैम्बर और जान हाइड थे
शासन चलाने हेतु बोर्ड ऑफ़ कन्ट्रोल और बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर बनाए गए।
व्यापार की सभी सूचनाएं क्राउन को देना सुनिश्चित किया।
Unattempted
व्याख्या –
1773 का रेग्यूलेटिंग एक्ट-
ब्रिटीश क्राउन का कम्पनी पर नियन्त्रण लाया गया।
केन्द्रीय शासन की नींव डाली गई।
बंगाल के गर्वनर वारेन-हेस्टिंग्स को गर्वनर जनरल बना दिया गया।
बंगाल का प्रथम गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स को बनाया गया
गर्वनर जनरल 4 सदस्यीय कार्यकारिणी बनाई गई। जिसके सारे निर्णय बहुमत से लिए जाते थे।
कार्यकारिणी सदस्य– फ्रांसिस, मानसन, क्लेवरिंग, बारवैल। इन सभी का कार्यकाल 5 वर्ष था
कार्यकारिणी सदस्यो को कोर्ट ऑफ डाइरेक्टर्स की संस्तुति पर केवल इंग्लैण्ड का सम्राट ही इन्हें हटा सकता था।
मद्रास व बम्बई के गर्वनर इसके अधीन रखे गए।
गर्वनर जनरल 4 सदस्यीय कार्यकारिणी बनाई गई। जिसके सारे निर्णय बहुमत से लिए जाते थे।
1773 के विनियमन अधिनियम ने फोर्ट विलियम, कलकत्ता में एक सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की।
इस सुप्रीम कोर्ट में एक मुख्य न्यायाधीश और तीन अन्य नियमित न्यायाधीश या अवर न्यायाधीश शामिल थे।
सर एलीजा इम्पे इस सुप्रीम कोर्ट के पहले मुख्य न्यायाधीश थे।
तीन अन्य न्यायधिशो में स्टीफनम, चैम्बर और जान हाइड थे
शासन चलाने हेतु बोर्ड ऑफ़ कन्ट्रोल और बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर बनाए गए।
व्यापार की सभी सूचनाएं क्राउन को देना सुनिश्चित किया।
Question 5 of 30
5. Question
1 points
कलकत्ता के सुप्रीम कोर्ट का प्रथम मुख्य न्यायाधीश कौन था?
Correct
1773 का रेग्यूलेटिंग एक्ट-
ब्रिटीश क्राउन का कम्पनी पर नियन्त्रण लाया गया।
केन्द्रीय शासन की नींव डाली गई।
बंगाल के गर्वनर वारेन-हेस्टिंग्स को गर्वनर जनरल बना दिया गया।
बंगाल का प्रथम गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स को बनाया गया
गर्वनर जनरल 4 सदस्यीय कार्यकारिणी बनाई गई। जिसके सारे निर्णय बहुमत से लिए जाते थे।
कार्यकारिणी सदस्य– फ्रांसिस, मानसन, क्लेवरिंग, बारवैल। इन सभी का कार्यकाल 5 वर्ष था
कार्यकारिणी सदस्यो को कोर्ट ऑफ डाइरेक्टर्स की संस्तुति पर केवल इंग्लैण्ड का सम्राट ही इन्हें हटा सकता था।
मद्रास व बम्बई के गर्वनर इसके अधीन रखे गए।
गर्वनर जनरल 4 सदस्यीय कार्यकारिणी बनाई गई। जिसके सारे निर्णय बहुमत से लिए जाते थे।
1773 के विनियमन अधिनियम ने 1774 में फोर्ट विलियम, कलकत्ता में एक सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की।
इस सुप्रीम कोर्ट में एक मुख्य न्यायाधीश और तीन अन्य नियमित न्यायाधीश या अवर न्यायाधीश शामिल थे।
सर एलीजा इम्पे इस सुप्रीम कोर्ट के पहले मुख्य न्यायाधीश थे।
तीन अन्य न्यायधिशो में स्टीफनम, चैम्बर और जान हाइड थे
शासन चलाने हेतु बोर्ड ऑफ़ कन्ट्रोल और बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर बनाए गए।
व्यापार की सभी सूचनाएं क्राउन को देना सुनिश्चित किया।
Incorrect
1773 का रेग्यूलेटिंग एक्ट-
ब्रिटीश क्राउन का कम्पनी पर नियन्त्रण लाया गया।
केन्द्रीय शासन की नींव डाली गई।
बंगाल के गर्वनर वारेन-हेस्टिंग्स को गर्वनर जनरल बना दिया गया।
बंगाल का प्रथम गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स को बनाया गया
गर्वनर जनरल 4 सदस्यीय कार्यकारिणी बनाई गई। जिसके सारे निर्णय बहुमत से लिए जाते थे।
कार्यकारिणी सदस्य– फ्रांसिस, मानसन, क्लेवरिंग, बारवैल। इन सभी का कार्यकाल 5 वर्ष था
कार्यकारिणी सदस्यो को कोर्ट ऑफ डाइरेक्टर्स की संस्तुति पर केवल इंग्लैण्ड का सम्राट ही इन्हें हटा सकता था।
मद्रास व बम्बई के गर्वनर इसके अधीन रखे गए।
गर्वनर जनरल 4 सदस्यीय कार्यकारिणी बनाई गई। जिसके सारे निर्णय बहुमत से लिए जाते थे।
1773 के विनियमन अधिनियम ने 1774 में फोर्ट विलियम, कलकत्ता में एक सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की।
इस सुप्रीम कोर्ट में एक मुख्य न्यायाधीश और तीन अन्य नियमित न्यायाधीश या अवर न्यायाधीश शामिल थे।
सर एलीजा इम्पे इस सुप्रीम कोर्ट के पहले मुख्य न्यायाधीश थे।
तीन अन्य न्यायधिशो में स्टीफनम, चैम्बर और जान हाइड थे
शासन चलाने हेतु बोर्ड ऑफ़ कन्ट्रोल और बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर बनाए गए।
व्यापार की सभी सूचनाएं क्राउन को देना सुनिश्चित किया।
Unattempted
1773 का रेग्यूलेटिंग एक्ट-
ब्रिटीश क्राउन का कम्पनी पर नियन्त्रण लाया गया।
केन्द्रीय शासन की नींव डाली गई।
बंगाल के गर्वनर वारेन-हेस्टिंग्स को गर्वनर जनरल बना दिया गया।
बंगाल का प्रथम गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स को बनाया गया
गर्वनर जनरल 4 सदस्यीय कार्यकारिणी बनाई गई। जिसके सारे निर्णय बहुमत से लिए जाते थे।
कार्यकारिणी सदस्य– फ्रांसिस, मानसन, क्लेवरिंग, बारवैल। इन सभी का कार्यकाल 5 वर्ष था
कार्यकारिणी सदस्यो को कोर्ट ऑफ डाइरेक्टर्स की संस्तुति पर केवल इंग्लैण्ड का सम्राट ही इन्हें हटा सकता था।
मद्रास व बम्बई के गर्वनर इसके अधीन रखे गए।
गर्वनर जनरल 4 सदस्यीय कार्यकारिणी बनाई गई। जिसके सारे निर्णय बहुमत से लिए जाते थे।
1773 के विनियमन अधिनियम ने 1774 में फोर्ट विलियम, कलकत्ता में एक सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की।
इस सुप्रीम कोर्ट में एक मुख्य न्यायाधीश और तीन अन्य नियमित न्यायाधीश या अवर न्यायाधीश शामिल थे।
सर एलीजा इम्पे इस सुप्रीम कोर्ट के पहले मुख्य न्यायाधीश थे।
तीन अन्य न्यायधिशो में स्टीफनम, चैम्बर और जान हाइड थे
शासन चलाने हेतु बोर्ड ऑफ़ कन्ट्रोल और बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर बनाए गए।
व्यापार की सभी सूचनाएं क्राउन को देना सुनिश्चित किया।
Question 6 of 30
6. Question
1 points
ईस्ट इण्डिया कम्पनी के शासन की समाप्ति के पश्चात् 1861 में स्वतंत्र उच्च न्यायालयों की स्थापना की गई
(1) इलाहाबाद में
(2) बम्बई में
(3) कलकत्ता में
(4) मद्रास में
नीचे के कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए
Correct
व्याख्या-
1861 का भारत शासन अधिनियम-
भारत की राजधानी कलकत्ता में केन्द्रीय विधान परिषद बनाई गई और वायसराय या गवर्नर जनरल की कार्यकारिणी में अतिरिक्त सदस्यों की संख्या 6 से 12 के मध्य रखी गई।
बम्बई, मद्रास, और कलकत्ता में हाईकोर्ट की स्थापना की गई।
वायसराय को अध्यादेश जारी करने का अधिकार दिया गया। जो 6 माह से अधिक लागू नहीं रह सकता था।
विभागीय वितरण प्रणाली लागू की गई।(लार्ड कैनिंग के द्वारा)
आगरा में उच्च न्यायालय 1866 ई0 में स्थापित किया गया, जिसे बाद में इलाहाबाद स्थानान्तरित कर दिया गया।
1935 ई0 के अधिनियम द्वारा संघीय न्यायालय की स्थापना की गयी।
1853 ई0 के चार्टर एक्ट के तहत दूसरे विधि आयोग का गठन किया गया
Incorrect
व्याख्या-
1861 का भारत शासन अधिनियम-
भारत की राजधानी कलकत्ता में केन्द्रीय विधान परिषद बनाई गई और वायसराय या गवर्नर जनरल की कार्यकारिणी में अतिरिक्त सदस्यों की संख्या 6 से 12 के मध्य रखी गई।
बम्बई, मद्रास, और कलकत्ता में हाईकोर्ट की स्थापना की गई।
वायसराय को अध्यादेश जारी करने का अधिकार दिया गया। जो 6 माह से अधिक लागू नहीं रह सकता था।
विभागीय वितरण प्रणाली लागू की गई।(लार्ड कैनिंग के द्वारा)
आगरा में उच्च न्यायालय 1866 ई0 में स्थापित किया गया, जिसे बाद में इलाहाबाद स्थानान्तरित कर दिया गया।
1935 ई0 के अधिनियम द्वारा संघीय न्यायालय की स्थापना की गयी।
1853 ई0 के चार्टर एक्ट के तहत दूसरे विधि आयोग का गठन किया गया
Unattempted
व्याख्या-
1861 का भारत शासन अधिनियम-
भारत की राजधानी कलकत्ता में केन्द्रीय विधान परिषद बनाई गई और वायसराय या गवर्नर जनरल की कार्यकारिणी में अतिरिक्त सदस्यों की संख्या 6 से 12 के मध्य रखी गई।
बम्बई, मद्रास, और कलकत्ता में हाईकोर्ट की स्थापना की गई।
वायसराय को अध्यादेश जारी करने का अधिकार दिया गया। जो 6 माह से अधिक लागू नहीं रह सकता था।
विभागीय वितरण प्रणाली लागू की गई।(लार्ड कैनिंग के द्वारा)
आगरा में उच्च न्यायालय 1866 ई0 में स्थापित किया गया, जिसे बाद में इलाहाबाद स्थानान्तरित कर दिया गया।
1935 ई0 के अधिनियम द्वारा संघीय न्यायालय की स्थापना की गयी।
1853 ई0 के चार्टर एक्ट के तहत दूसरे विधि आयोग का गठन किया गया
Question 7 of 30
7. Question
1 points
ईस्ट इंडिया कम्पनी के व्यापारिक अधिकारों की समाप्ति निम्नलिखित में से किस अधिनियम द्वारा की गयी थी?
Correct
व्याख्या-
1813 चार्टर एक्ट (अधिनियम)-
1793 के चार्टर एक्ट के 20 वर्ष बाद की 1813 में पुनः कंपनी के व्यापार और शासन के नवीनीकरण के लिए चार्टर एक्ट 1813 पारित किया गया
ईसाई धर्म के प्रचार के लिए मिशनरियों को अनुमति प्रदान की गयी। इसी अनुमति के अनुसार वर्तमान में भी भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 में धर्म के प्रचार की स्वतंत्रता प्राप्त है।
ईस्ट इंडिया कंपनी का व्यापारिक एकाधिकार समाप्त (चाय एवं अफीम के व्यापार एवं चीन के साथ व्यापार को छोड़कर) कर दिया गया।
भारतीय व्यक्तियों की शिक्षा के लिए प्रतिवर्ष मात्र 1 लाख रुपये खर्च करने का प्रावधान किया गया।
****1833 के चार्टर एक्ट द्वारा कम्पनी का चीन के साथ तथा चाय एवं अफीम के व्यापार को भी समाप्त कर दिया गया।
Incorrect
व्याख्या-
1813 चार्टर एक्ट (अधिनियम)-
1793 के चार्टर एक्ट के 20 वर्ष बाद की 1813 में पुनः कंपनी के व्यापार और शासन के नवीनीकरण के लिए चार्टर एक्ट 1813 पारित किया गया
ईसाई धर्म के प्रचार के लिए मिशनरियों को अनुमति प्रदान की गयी। इसी अनुमति के अनुसार वर्तमान में भी भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 में धर्म के प्रचार की स्वतंत्रता प्राप्त है।
ईस्ट इंडिया कंपनी का व्यापारिक एकाधिकार समाप्त (चाय एवं अफीम के व्यापार एवं चीन के साथ व्यापार को छोड़कर) कर दिया गया।
भारतीय व्यक्तियों की शिक्षा के लिए प्रतिवर्ष मात्र 1 लाख रुपये खर्च करने का प्रावधान किया गया।
****1833 के चार्टर एक्ट द्वारा कम्पनी का चीन के साथ तथा चाय एवं अफीम के व्यापार को भी समाप्त कर दिया गया।
Unattempted
व्याख्या-
1813 चार्टर एक्ट (अधिनियम)-
1793 के चार्टर एक्ट के 20 वर्ष बाद की 1813 में पुनः कंपनी के व्यापार और शासन के नवीनीकरण के लिए चार्टर एक्ट 1813 पारित किया गया
ईसाई धर्म के प्रचार के लिए मिशनरियों को अनुमति प्रदान की गयी। इसी अनुमति के अनुसार वर्तमान में भी भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 में धर्म के प्रचार की स्वतंत्रता प्राप्त है।
ईस्ट इंडिया कंपनी का व्यापारिक एकाधिकार समाप्त (चाय एवं अफीम के व्यापार एवं चीन के साथ व्यापार को छोड़कर) कर दिया गया।
भारतीय व्यक्तियों की शिक्षा के लिए प्रतिवर्ष मात्र 1 लाख रुपये खर्च करने का प्रावधान किया गया।
****1833 के चार्टर एक्ट द्वारा कम्पनी का चीन के साथ तथा चाय एवं अफीम के व्यापार को भी समाप्त कर दिया गया।
Question 8 of 30
8. Question
1 points
ईस्ट इण्डिया कम्पनी पर संसदीय नियन्त्रण कब स्थापित किया गया ?
Correct
1773 का रेग्यूलेटिंग एक्ट-
रेग्यूलेटिंग एक्ट, 1773 द्वारा पहली बार ईस्ट इण्डिया कम्पनी पर संसदीय नियंत्रण स्थापित किया गया।
केन्द्रीय शासन की नींव डाली गई।
बंगाल के गर्वनर वारेन-हेस्टिंग्स को गर्वनर जनरल बना दिया गया।
बंगाल का प्रथम गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स को बनाया गया
गर्वनर जनरल 4 सदस्यीय कार्यकारिणी बनाई गई। जिसके सारे निर्णय बहुमत से लिए जाते थे।
कार्यकारिणी सदस्य– फ्रांसिस, मानसन, क्लेवरिंग, बारवैल। इन सभी का कार्यकाल 5 वर्ष था
कार्यकारिणी सदस्यो को कोर्ट ऑफ डाइरेक्टर्स की संस्तुति पर केवल इंग्लैण्ड का सम्राट ही इन्हें हटा सकता था।
मद्रास व बम्बई के गर्वनर इसके अधीन रखे गए।
गर्वनर जनरल 4 सदस्यीय कार्यकारिणी बनाई गई। जिसके सारे निर्णय बहुमत से लिए जाते थे।
1773 के विनियमन अधिनियम ने फोर्ट विलियम, कलकत्ता में एक सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की।
इस सुप्रीम कोर्ट में एक मुख्य न्यायाधीश और तीन अन्य नियमित न्यायाधीश या अवर न्यायाधीश शामिल थे।
सर एलीजा इम्पे इस सुप्रीम कोर्ट के पहले मुख्य न्यायाधीश थे।
तीन अन्य न्यायधिशो में स्टीफनम, चैम्बर और जान हाइड थे
शासन चलाने हेतु बोर्ड ऑफ़ कन्ट्रोल और बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर बनाए गए।
व्यापार की सभी सूचनाएं क्राउन को देना सुनिश्चित किया।
Incorrect
1773 का रेग्यूलेटिंग एक्ट-
रेग्यूलेटिंग एक्ट, 1773 द्वारा पहली बार ईस्ट इण्डिया कम्पनी पर संसदीय नियंत्रण स्थापित किया गया।
केन्द्रीय शासन की नींव डाली गई।
बंगाल के गर्वनर वारेन-हेस्टिंग्स को गर्वनर जनरल बना दिया गया।
बंगाल का प्रथम गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स को बनाया गया
गर्वनर जनरल 4 सदस्यीय कार्यकारिणी बनाई गई। जिसके सारे निर्णय बहुमत से लिए जाते थे।
कार्यकारिणी सदस्य– फ्रांसिस, मानसन, क्लेवरिंग, बारवैल। इन सभी का कार्यकाल 5 वर्ष था
कार्यकारिणी सदस्यो को कोर्ट ऑफ डाइरेक्टर्स की संस्तुति पर केवल इंग्लैण्ड का सम्राट ही इन्हें हटा सकता था।
मद्रास व बम्बई के गर्वनर इसके अधीन रखे गए।
गर्वनर जनरल 4 सदस्यीय कार्यकारिणी बनाई गई। जिसके सारे निर्णय बहुमत से लिए जाते थे।
1773 के विनियमन अधिनियम ने फोर्ट विलियम, कलकत्ता में एक सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की।
इस सुप्रीम कोर्ट में एक मुख्य न्यायाधीश और तीन अन्य नियमित न्यायाधीश या अवर न्यायाधीश शामिल थे।
सर एलीजा इम्पे इस सुप्रीम कोर्ट के पहले मुख्य न्यायाधीश थे।
तीन अन्य न्यायधिशो में स्टीफनम, चैम्बर और जान हाइड थे
शासन चलाने हेतु बोर्ड ऑफ़ कन्ट्रोल और बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर बनाए गए।
व्यापार की सभी सूचनाएं क्राउन को देना सुनिश्चित किया।
Unattempted
1773 का रेग्यूलेटिंग एक्ट-
रेग्यूलेटिंग एक्ट, 1773 द्वारा पहली बार ईस्ट इण्डिया कम्पनी पर संसदीय नियंत्रण स्थापित किया गया।
केन्द्रीय शासन की नींव डाली गई।
बंगाल के गर्वनर वारेन-हेस्टिंग्स को गर्वनर जनरल बना दिया गया।
बंगाल का प्रथम गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स को बनाया गया
गर्वनर जनरल 4 सदस्यीय कार्यकारिणी बनाई गई। जिसके सारे निर्णय बहुमत से लिए जाते थे।
कार्यकारिणी सदस्य– फ्रांसिस, मानसन, क्लेवरिंग, बारवैल। इन सभी का कार्यकाल 5 वर्ष था
कार्यकारिणी सदस्यो को कोर्ट ऑफ डाइरेक्टर्स की संस्तुति पर केवल इंग्लैण्ड का सम्राट ही इन्हें हटा सकता था।
मद्रास व बम्बई के गर्वनर इसके अधीन रखे गए।
गर्वनर जनरल 4 सदस्यीय कार्यकारिणी बनाई गई। जिसके सारे निर्णय बहुमत से लिए जाते थे।
1773 के विनियमन अधिनियम ने फोर्ट विलियम, कलकत्ता में एक सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की।
इस सुप्रीम कोर्ट में एक मुख्य न्यायाधीश और तीन अन्य नियमित न्यायाधीश या अवर न्यायाधीश शामिल थे।
सर एलीजा इम्पे इस सुप्रीम कोर्ट के पहले मुख्य न्यायाधीश थे।
तीन अन्य न्यायधिशो में स्टीफनम, चैम्बर और जान हाइड थे
शासन चलाने हेतु बोर्ड ऑफ़ कन्ट्रोल और बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर बनाए गए।
व्यापार की सभी सूचनाएं क्राउन को देना सुनिश्चित किया।
Question 9 of 30
9. Question
1 points
किस अधिनियम ने ईस्ट इण्डिया कम्पनी की कब्र पर मृत्युलेख लिखा था?
Correct
व्याख्या-
1858 का अधिनियम-
भारत सरकार अधिनियम 1858 ने ईस्ट इण्डिया कम्पनी की कब्र पर मृत्युलेख लिखा था
1857 की क्रांति के बाद ईस्ट इण्डिया कम्पनी का शासन समाप्त कर भारत का शासन सीधे ब्रिटीश ताज के अधीन किया गया।
इस अधिनियम को- “1858-एक्ट फार दी बेटर गवर्नमेन्ट ऑफ इण्डिया” की संज्ञा से नामित किया गया।
गर्वनर जनरल ऑफ इण्डिया को वायसराय की पद्वी दी गई।
लार्ड कैनिन पहले वायसराय बने।
एक भारत-सचित का पद सृजित किया गया। जिसकी कार्यकारिणी में 15 सदस्य रखे गए। 7 मनोनित और 8 निर्वाचित।
बोर्ड ऑफ डाॅयरेक्टर्स एवं बोर्ड ऑफ कन्ट्रोल को समाप्त कर दिया गया।
भारत सचिव चाल्र्स वुड को बनाया गया।
बम्बई, कलकत्ता और मद्रास में विश्व विद्यालयों की स्थापना की गई।
1784 के पिट्स इण्डिया एक्ट द्वारा लागू द्वैध शासन प्रणाली समाप्त कर दी गयी।
Incorrect
व्याख्या-
1858 का अधिनियम-
भारत सरकार अधिनियम 1858 ने ईस्ट इण्डिया कम्पनी की कब्र पर मृत्युलेख लिखा था
1857 की क्रांति के बाद ईस्ट इण्डिया कम्पनी का शासन समाप्त कर भारत का शासन सीधे ब्रिटीश ताज के अधीन किया गया।
इस अधिनियम को- “1858-एक्ट फार दी बेटर गवर्नमेन्ट ऑफ इण्डिया” की संज्ञा से नामित किया गया।
गर्वनर जनरल ऑफ इण्डिया को वायसराय की पद्वी दी गई।
लार्ड कैनिन पहले वायसराय बने।
एक भारत-सचित का पद सृजित किया गया। जिसकी कार्यकारिणी में 15 सदस्य रखे गए। 7 मनोनित और 8 निर्वाचित।
बोर्ड ऑफ डाॅयरेक्टर्स एवं बोर्ड ऑफ कन्ट्रोल को समाप्त कर दिया गया।
भारत सचिव चाल्र्स वुड को बनाया गया।
बम्बई, कलकत्ता और मद्रास में विश्व विद्यालयों की स्थापना की गई।
1784 के पिट्स इण्डिया एक्ट द्वारा लागू द्वैध शासन प्रणाली समाप्त कर दी गयी।
Unattempted
व्याख्या-
1858 का अधिनियम-
भारत सरकार अधिनियम 1858 ने ईस्ट इण्डिया कम्पनी की कब्र पर मृत्युलेख लिखा था
1857 की क्रांति के बाद ईस्ट इण्डिया कम्पनी का शासन समाप्त कर भारत का शासन सीधे ब्रिटीश ताज के अधीन किया गया।
इस अधिनियम को- “1858-एक्ट फार दी बेटर गवर्नमेन्ट ऑफ इण्डिया” की संज्ञा से नामित किया गया।
गर्वनर जनरल ऑफ इण्डिया को वायसराय की पद्वी दी गई।
लार्ड कैनिन पहले वायसराय बने।
एक भारत-सचित का पद सृजित किया गया। जिसकी कार्यकारिणी में 15 सदस्य रखे गए। 7 मनोनित और 8 निर्वाचित।
बोर्ड ऑफ डाॅयरेक्टर्स एवं बोर्ड ऑफ कन्ट्रोल को समाप्त कर दिया गया।
भारत सचिव चाल्र्स वुड को बनाया गया।
बम्बई, कलकत्ता और मद्रास में विश्व विद्यालयों की स्थापना की गई।
1784 के पिट्स इण्डिया एक्ट द्वारा लागू द्वैध शासन प्रणाली समाप्त कर दी गयी।
Question 10 of 30
10. Question
1 points
निम्नलिखित में से कौन रेग्यूलेटिंग अधिनियम में उल्लिखित गवर्नर जनरल की परिषद का सदस्य नहीं था?
Correct
व्याख्या.
****हाइड न्यायाधीश था न कि गवर्नर जनरल की परिषद का सदस्य
1773 का रेग्यूलेटिंग एक्ट-
ब्रिटीश क्राउन का कम्पनी पर नियन्त्रण लाया गया।
केन्द्रीय शासन की नींव डाली गई।
बंगाल के गर्वनर वारेन-हेस्टिंग्स को गर्वनर जनरल बना दिया गया।
बंगाल का प्रथम गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स को बनाया गया
गर्वनर जनरल 4 सदस्यीय कार्यकारिणी बनाई गई। जिसके सारे निर्णय बहुमत से लिए जाते थे।
कार्यकारिणी सदस्य– फ्रांसिस, मानसन, क्लेवरिंग, बारवैल। इन सभी का कार्यकाल 5 वर्ष था
कार्यकारिणी सदस्यो को कोर्ट ऑफ डाइरेक्टर्स की संस्तुति पर केवल इंग्लैण्ड का सम्राट ही इन्हें हटा सकता था।
मद्रास व बम्बई के गर्वनर इसके अधीन रखे गए।
गर्वनर जनरल 4 सदस्यीय कार्यकारिणी बनाई गई। जिसके सारे निर्णय बहुमत से लिए जाते थे।
1773 के विनियमन अधिनियम ने फोर्ट विलियम, कलकत्ता में एक सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की।
इस सुप्रीम कोर्ट में एक मुख्य न्यायाधीश और तीन अन्य नियमित न्यायाधीश या अवर न्यायाधीश शामिल थे।
सर एलीजा इम्पे इस सुप्रीम कोर्ट के पहले मुख्य न्यायाधीश थे।
तीन अन्य न्यायधिशो में स्टीफनम, चैम्बर और जान हाइड थे
शासन चलाने हेतु बोर्ड ऑफ़ कन्ट्रोल और बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर बनाए गए।
व्यापार की सभी सूचनाएं क्राउन को देना सुनिश्चित किया।
Incorrect
व्याख्या.
****हाइड न्यायाधीश था न कि गवर्नर जनरल की परिषद का सदस्य
1773 का रेग्यूलेटिंग एक्ट-
ब्रिटीश क्राउन का कम्पनी पर नियन्त्रण लाया गया।
केन्द्रीय शासन की नींव डाली गई।
बंगाल के गर्वनर वारेन-हेस्टिंग्स को गर्वनर जनरल बना दिया गया।
बंगाल का प्रथम गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स को बनाया गया
गर्वनर जनरल 4 सदस्यीय कार्यकारिणी बनाई गई। जिसके सारे निर्णय बहुमत से लिए जाते थे।
कार्यकारिणी सदस्य– फ्रांसिस, मानसन, क्लेवरिंग, बारवैल। इन सभी का कार्यकाल 5 वर्ष था
कार्यकारिणी सदस्यो को कोर्ट ऑफ डाइरेक्टर्स की संस्तुति पर केवल इंग्लैण्ड का सम्राट ही इन्हें हटा सकता था।
मद्रास व बम्बई के गर्वनर इसके अधीन रखे गए।
गर्वनर जनरल 4 सदस्यीय कार्यकारिणी बनाई गई। जिसके सारे निर्णय बहुमत से लिए जाते थे।
1773 के विनियमन अधिनियम ने फोर्ट विलियम, कलकत्ता में एक सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की।
इस सुप्रीम कोर्ट में एक मुख्य न्यायाधीश और तीन अन्य नियमित न्यायाधीश या अवर न्यायाधीश शामिल थे।
सर एलीजा इम्पे इस सुप्रीम कोर्ट के पहले मुख्य न्यायाधीश थे।
तीन अन्य न्यायधिशो में स्टीफनम, चैम्बर और जान हाइड थे
शासन चलाने हेतु बोर्ड ऑफ़ कन्ट्रोल और बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर बनाए गए।
व्यापार की सभी सूचनाएं क्राउन को देना सुनिश्चित किया।
Unattempted
व्याख्या.
****हाइड न्यायाधीश था न कि गवर्नर जनरल की परिषद का सदस्य
1773 का रेग्यूलेटिंग एक्ट-
ब्रिटीश क्राउन का कम्पनी पर नियन्त्रण लाया गया।
केन्द्रीय शासन की नींव डाली गई।
बंगाल के गर्वनर वारेन-हेस्टिंग्स को गर्वनर जनरल बना दिया गया।
बंगाल का प्रथम गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स को बनाया गया
गर्वनर जनरल 4 सदस्यीय कार्यकारिणी बनाई गई। जिसके सारे निर्णय बहुमत से लिए जाते थे।
कार्यकारिणी सदस्य– फ्रांसिस, मानसन, क्लेवरिंग, बारवैल। इन सभी का कार्यकाल 5 वर्ष था
कार्यकारिणी सदस्यो को कोर्ट ऑफ डाइरेक्टर्स की संस्तुति पर केवल इंग्लैण्ड का सम्राट ही इन्हें हटा सकता था।
मद्रास व बम्बई के गर्वनर इसके अधीन रखे गए।
गर्वनर जनरल 4 सदस्यीय कार्यकारिणी बनाई गई। जिसके सारे निर्णय बहुमत से लिए जाते थे।
1773 के विनियमन अधिनियम ने फोर्ट विलियम, कलकत्ता में एक सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की।
इस सुप्रीम कोर्ट में एक मुख्य न्यायाधीश और तीन अन्य नियमित न्यायाधीश या अवर न्यायाधीश शामिल थे।
सर एलीजा इम्पे इस सुप्रीम कोर्ट के पहले मुख्य न्यायाधीश थे।
तीन अन्य न्यायधिशो में स्टीफनम, चैम्बर और जान हाइड थे
शासन चलाने हेतु बोर्ड ऑफ़ कन्ट्रोल और बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर बनाए गए।
व्यापार की सभी सूचनाएं क्राउन को देना सुनिश्चित किया।
Question 11 of 30
11. Question
1 points
पिट्स के भारत अधिनियम में निम्नलिखित में से कौन सा प्रावधान नहीं था?
Correct
व्याख्या-
1784 का पिट्स इण्डिया एक्ट-
गर्वनर जनरल की र्काकारिणी में सदस्यो की संख्या 4 से घटाकर 3 कर दी गयी। ।
कम्पनी के व्यापारिक व राजनैतिक कार्य अलग-2 किये गए।
व्यापारिक कार्य बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के तथा राजनैतिक कार्य बोर्ड ऑफ कन्ट्रोल के अधीन रखे गए।
लंदन में एक नियंत्रण मंडल की स्थापना की गयी जिसमें छ: सदस्य थे।
नियंत्रण मंडल को कम्पनी के राजनीतिक, प्रशासनिक और व्यापारिक कार्यों का प्रबन्ध करना था।
Incorrect
व्याख्या-
1784 का पिट्स इण्डिया एक्ट-
गर्वनर जनरल की र्काकारिणी में सदस्यो की संख्या 4 से घटाकर 3 कर दी गयी। ।
कम्पनी के व्यापारिक व राजनैतिक कार्य अलग-2 किये गए।
व्यापारिक कार्य बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के तथा राजनैतिक कार्य बोर्ड ऑफ कन्ट्रोल के अधीन रखे गए।
लंदन में एक नियंत्रण मंडल की स्थापना की गयी जिसमें छ: सदस्य थे।
नियंत्रण मंडल को कम्पनी के राजनीतिक, प्रशासनिक और व्यापारिक कार्यों का प्रबन्ध करना था।
Unattempted
व्याख्या-
1784 का पिट्स इण्डिया एक्ट-
गर्वनर जनरल की र्काकारिणी में सदस्यो की संख्या 4 से घटाकर 3 कर दी गयी। ।
कम्पनी के व्यापारिक व राजनैतिक कार्य अलग-2 किये गए।
व्यापारिक कार्य बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के तथा राजनैतिक कार्य बोर्ड ऑफ कन्ट्रोल के अधीन रखे गए।
लंदन में एक नियंत्रण मंडल की स्थापना की गयी जिसमें छ: सदस्य थे।
नियंत्रण मंडल को कम्पनी के राजनीतिक, प्रशासनिक और व्यापारिक कार्यों का प्रबन्ध करना था।
Question 12 of 30
12. Question
1 points
निम्नलिखित में से किस संसदीय अधिनियम ने बंगाल के गवर्नर जनरल को मद्रास एवं बम्बई के ऊपर पर्यवेक्षी प्राधिकार प्रदान किया?
Correct
व्याख्या-
1773 का रेग्यूलेटिंग एक्ट-
ब्रिटीश क्राउन का कम्पनी पर नियन्त्रण लाया गया।
केन्द्रीय शासन की नींव डाली गई।
बंगाल के गर्वनर वारेन-हेस्टिंग्स को गर्वनर जनरल बना दिया गया।
बंगाल का प्रथम गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स को बनाया गया
गर्वनर जनरल 4 सदस्यीय कार्यकारिणी बनाई गई। जिसके सारे निर्णय बहुमत से लिए जाते थे।
कार्यकारिणी सदस्य– फ्रांसिस, मानसन, क्लेवरिंग, बारवैल। इन सभी का कार्यकाल 5 वर्ष था
कार्यकारिणी सदस्यो को कोर्ट ऑफ डाइरेक्टर्स की संस्तुति पर केवल इंग्लैण्ड का सम्राट ही इन्हें हटा सकता था।
मद्रास व बम्बई के गर्वनर इसके अधीन रखे गए।
गर्वनर जनरल 4 सदस्यीय कार्यकारिणी बनाई गई। जिसके सारे निर्णय बहुमत से लिए जाते थे।
1773 के विनियमन अधिनियम ने फोर्ट विलियम, कलकत्ता में एक सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की।
इस सुप्रीम कोर्ट में एक मुख्य न्यायाधीश और तीन अन्य नियमित न्यायाधीश या अवर न्यायाधीश शामिल थे।
सर एलीजा इम्पे इस सुप्रीम कोर्ट के पहले मुख्य न्यायाधीश थे।
तीन अन्य न्यायधिशो में स्टीफनम, चैम्बर और जान हाइड थे
शासन चलाने हेतु बोर्ड ऑफ़ कन्ट्रोल और बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर बनाए गए।
व्यापार की सभी सूचनाएं क्राउन को देना सुनिश्चित किया।
Incorrect
व्याख्या-
1773 का रेग्यूलेटिंग एक्ट-
ब्रिटीश क्राउन का कम्पनी पर नियन्त्रण लाया गया।
केन्द्रीय शासन की नींव डाली गई।
बंगाल के गर्वनर वारेन-हेस्टिंग्स को गर्वनर जनरल बना दिया गया।
बंगाल का प्रथम गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स को बनाया गया
गर्वनर जनरल 4 सदस्यीय कार्यकारिणी बनाई गई। जिसके सारे निर्णय बहुमत से लिए जाते थे।
कार्यकारिणी सदस्य– फ्रांसिस, मानसन, क्लेवरिंग, बारवैल। इन सभी का कार्यकाल 5 वर्ष था
कार्यकारिणी सदस्यो को कोर्ट ऑफ डाइरेक्टर्स की संस्तुति पर केवल इंग्लैण्ड का सम्राट ही इन्हें हटा सकता था।
मद्रास व बम्बई के गर्वनर इसके अधीन रखे गए।
गर्वनर जनरल 4 सदस्यीय कार्यकारिणी बनाई गई। जिसके सारे निर्णय बहुमत से लिए जाते थे।
1773 के विनियमन अधिनियम ने फोर्ट विलियम, कलकत्ता में एक सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की।
इस सुप्रीम कोर्ट में एक मुख्य न्यायाधीश और तीन अन्य नियमित न्यायाधीश या अवर न्यायाधीश शामिल थे।
सर एलीजा इम्पे इस सुप्रीम कोर्ट के पहले मुख्य न्यायाधीश थे।
तीन अन्य न्यायधिशो में स्टीफनम, चैम्बर और जान हाइड थे
शासन चलाने हेतु बोर्ड ऑफ़ कन्ट्रोल और बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर बनाए गए।
व्यापार की सभी सूचनाएं क्राउन को देना सुनिश्चित किया।
Unattempted
व्याख्या-
1773 का रेग्यूलेटिंग एक्ट-
ब्रिटीश क्राउन का कम्पनी पर नियन्त्रण लाया गया।
केन्द्रीय शासन की नींव डाली गई।
बंगाल के गर्वनर वारेन-हेस्टिंग्स को गर्वनर जनरल बना दिया गया।
बंगाल का प्रथम गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स को बनाया गया
गर्वनर जनरल 4 सदस्यीय कार्यकारिणी बनाई गई। जिसके सारे निर्णय बहुमत से लिए जाते थे।
कार्यकारिणी सदस्य– फ्रांसिस, मानसन, क्लेवरिंग, बारवैल। इन सभी का कार्यकाल 5 वर्ष था
कार्यकारिणी सदस्यो को कोर्ट ऑफ डाइरेक्टर्स की संस्तुति पर केवल इंग्लैण्ड का सम्राट ही इन्हें हटा सकता था।
मद्रास व बम्बई के गर्वनर इसके अधीन रखे गए।
गर्वनर जनरल 4 सदस्यीय कार्यकारिणी बनाई गई। जिसके सारे निर्णय बहुमत से लिए जाते थे।
1773 के विनियमन अधिनियम ने फोर्ट विलियम, कलकत्ता में एक सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की।
इस सुप्रीम कोर्ट में एक मुख्य न्यायाधीश और तीन अन्य नियमित न्यायाधीश या अवर न्यायाधीश शामिल थे।
सर एलीजा इम्पे इस सुप्रीम कोर्ट के पहले मुख्य न्यायाधीश थे।
तीन अन्य न्यायधिशो में स्टीफनम, चैम्बर और जान हाइड थे
शासन चलाने हेतु बोर्ड ऑफ़ कन्ट्रोल और बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर बनाए गए।
व्यापार की सभी सूचनाएं क्राउन को देना सुनिश्चित किया।
Question 13 of 30
13. Question
1 points
मार्ले -मिण्टो सुधारों का अधिक गहरा प्रयोजन था
Correct
व्याख्या-
***भारतीय संविधान के ऐतिहासिक विकास का काल 1699 से शुरू होता है
1909 का मार्लेमिन्टो सुधार अधिनियम-
जान मार्ले भारत सचिव और लार्ड मिन्टो वायसराय थे।
इन्होंने सुधार कानून दिया जिनके प्रावधान निम्न है।
मुसलमानों को साम्प्रदायिक निर्वाचन क्षेत्र दिए गए। और एस. पी. सिन्हा को वायसराय या गर्वनर-जनरल की कार्यकारिणी में शामिल किया गया।
माले-मिण्टो सुधारों का अधिक गहरा प्रयोजन भारत में एक वर्ग को दूसरे वर्ग के विरुद्ध लड़ाना था
मांटेग्यू चेम्स फोर्ड के काल (1916-1921) में माण्टेग्यू चेम्सफोर्ड सुधार अधिनियम 1919 पारित किया गया।
1919 का भारत शासन अधिनियम के अंतर्गत प्रान्तों के वैध शासन प्रणाली की स्थापना की गई।
3.भारत सरकार अधिनियम 1935 लार्ड विलिंगटन (1931-1936) के कार्यकाल में पारित हुआ।
1935 का भारत शासन अधिनियम की मुख्य विशेषता द्वैध शासन को केन्द्रीय स्तर पर लागू कर अखिल भारतीय संघ की व्यवस्था करना था।
Incorrect
व्याख्या-
***भारतीय संविधान के ऐतिहासिक विकास का काल 1699 से शुरू होता है
1909 का मार्लेमिन्टो सुधार अधिनियम-
जान मार्ले भारत सचिव और लार्ड मिन्टो वायसराय थे।
इन्होंने सुधार कानून दिया जिनके प्रावधान निम्न है।
मुसलमानों को साम्प्रदायिक निर्वाचन क्षेत्र दिए गए। और एस. पी. सिन्हा को वायसराय या गर्वनर-जनरल की कार्यकारिणी में शामिल किया गया।
माले-मिण्टो सुधारों का अधिक गहरा प्रयोजन भारत में एक वर्ग को दूसरे वर्ग के विरुद्ध लड़ाना था
मांटेग्यू चेम्स फोर्ड के काल (1916-1921) में माण्टेग्यू चेम्सफोर्ड सुधार अधिनियम 1919 पारित किया गया।
1919 का भारत शासन अधिनियम के अंतर्गत प्रान्तों के वैध शासन प्रणाली की स्थापना की गई।
3.भारत सरकार अधिनियम 1935 लार्ड विलिंगटन (1931-1936) के कार्यकाल में पारित हुआ।
1935 का भारत शासन अधिनियम की मुख्य विशेषता द्वैध शासन को केन्द्रीय स्तर पर लागू कर अखिल भारतीय संघ की व्यवस्था करना था।
Unattempted
व्याख्या-
***भारतीय संविधान के ऐतिहासिक विकास का काल 1699 से शुरू होता है
1909 का मार्लेमिन्टो सुधार अधिनियम-
जान मार्ले भारत सचिव और लार्ड मिन्टो वायसराय थे।
इन्होंने सुधार कानून दिया जिनके प्रावधान निम्न है।
मुसलमानों को साम्प्रदायिक निर्वाचन क्षेत्र दिए गए। और एस. पी. सिन्हा को वायसराय या गर्वनर-जनरल की कार्यकारिणी में शामिल किया गया।
माले-मिण्टो सुधारों का अधिक गहरा प्रयोजन भारत में एक वर्ग को दूसरे वर्ग के विरुद्ध लड़ाना था
मांटेग्यू चेम्स फोर्ड के काल (1916-1921) में माण्टेग्यू चेम्सफोर्ड सुधार अधिनियम 1919 पारित किया गया।
1919 का भारत शासन अधिनियम के अंतर्गत प्रान्तों के वैध शासन प्रणाली की स्थापना की गई।
3.भारत सरकार अधिनियम 1935 लार्ड विलिंगटन (1931-1936) के कार्यकाल में पारित हुआ।
1935 का भारत शासन अधिनियम की मुख्य विशेषता द्वैध शासन को केन्द्रीय स्तर पर लागू कर अखिल भारतीय संघ की व्यवस्था करना था।
Question 14 of 30
14. Question
1 points
1813 के चार्टर एक्ट से भारत में अंग्रेजी नीति में निम्नलिखित में से किस क्षेत्र में मौलिक परिवर्तन आया?
Correct
व्याख्या-
1813 चार्टर एक्ट (अधिनियम)
1793 के चार्टर एक्ट के 20 वर्ष बाद यानि की 1813 में पुनः कंपनी के व्यापार और शासन के नवीनीकरण के लिए चार्टर एक्ट 1813 पारित किया गया. इस एक्ट के द्वारा कंपनी के एकाधिकार को कुछ हद तक ख़त्म किया गया था. इस एक्ट में निम्नलिखित 4 प्रमुख प्रावधान किये गये-
ईसाई धर्म के प्रचार के लिए मिशनरियों को अनुमति प्रदान की गयी। इसी अनुमति के अनुसार वर्तमान में भी भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 में धर्म के प्रचार की स्वतंत्रता प्राप्त है।
ईस्ट इंडिया कंपनी का व्यापारिक एकाधिकार समाप्त (चाय एवं अफीम के व्यापार एवं चीन के साथ व्यापार को छोड़कर) कर दिया गया।
भारतीय व्यक्तियों की शिक्षा के लिए प्रतिवर्ष मात्र 1 लाख रुपये खर्च करने का प्रावधान किया गया।
1813 के चार्टर एक्ट से कम्पनी ने पहली बार शिक्षा के प्रति सरकारी उत्तरदायित्व को समझा गया
1813 का चार्टर एक्ट शिक्षा के विकास में मील का पत्थर साबित हुआ।
*****1833 के चार्टर एक्ट द्वारा कम्पनी का चीन के साथ तथा चाय एवं अफीम के व्यापार को भी समाप्त कर दिया गया।
Incorrect
व्याख्या-
1813 चार्टर एक्ट (अधिनियम)
1793 के चार्टर एक्ट के 20 वर्ष बाद यानि की 1813 में पुनः कंपनी के व्यापार और शासन के नवीनीकरण के लिए चार्टर एक्ट 1813 पारित किया गया. इस एक्ट के द्वारा कंपनी के एकाधिकार को कुछ हद तक ख़त्म किया गया था. इस एक्ट में निम्नलिखित 4 प्रमुख प्रावधान किये गये-
ईसाई धर्म के प्रचार के लिए मिशनरियों को अनुमति प्रदान की गयी। इसी अनुमति के अनुसार वर्तमान में भी भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 में धर्म के प्रचार की स्वतंत्रता प्राप्त है।
ईस्ट इंडिया कंपनी का व्यापारिक एकाधिकार समाप्त (चाय एवं अफीम के व्यापार एवं चीन के साथ व्यापार को छोड़कर) कर दिया गया।
भारतीय व्यक्तियों की शिक्षा के लिए प्रतिवर्ष मात्र 1 लाख रुपये खर्च करने का प्रावधान किया गया।
1813 के चार्टर एक्ट से कम्पनी ने पहली बार शिक्षा के प्रति सरकारी उत्तरदायित्व को समझा गया
1813 का चार्टर एक्ट शिक्षा के विकास में मील का पत्थर साबित हुआ।
*****1833 के चार्टर एक्ट द्वारा कम्पनी का चीन के साथ तथा चाय एवं अफीम के व्यापार को भी समाप्त कर दिया गया।
Unattempted
व्याख्या-
1813 चार्टर एक्ट (अधिनियम)
1793 के चार्टर एक्ट के 20 वर्ष बाद यानि की 1813 में पुनः कंपनी के व्यापार और शासन के नवीनीकरण के लिए चार्टर एक्ट 1813 पारित किया गया. इस एक्ट के द्वारा कंपनी के एकाधिकार को कुछ हद तक ख़त्म किया गया था. इस एक्ट में निम्नलिखित 4 प्रमुख प्रावधान किये गये-
ईसाई धर्म के प्रचार के लिए मिशनरियों को अनुमति प्रदान की गयी। इसी अनुमति के अनुसार वर्तमान में भी भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 में धर्म के प्रचार की स्वतंत्रता प्राप्त है।
ईस्ट इंडिया कंपनी का व्यापारिक एकाधिकार समाप्त (चाय एवं अफीम के व्यापार एवं चीन के साथ व्यापार को छोड़कर) कर दिया गया।
भारतीय व्यक्तियों की शिक्षा के लिए प्रतिवर्ष मात्र 1 लाख रुपये खर्च करने का प्रावधान किया गया।
1813 के चार्टर एक्ट से कम्पनी ने पहली बार शिक्षा के प्रति सरकारी उत्तरदायित्व को समझा गया
1813 का चार्टर एक्ट शिक्षा के विकास में मील का पत्थर साबित हुआ।
*****1833 के चार्टर एक्ट द्वारा कम्पनी का चीन के साथ तथा चाय एवं अफीम के व्यापार को भी समाप्त कर दिया गया।
Question 15 of 30
15. Question
1 points
मार्ले-मिण्टो सुधारों का भीतरी लक्ष्य था
Correct
व्याख्या-
1909 का मार्लेमिन्टो सुधार अधिनियम-
जोन मार्ले भारत सचिव और लार्ड मिन्टो वायसराय थे।
इन्होंने सुधार कानून दिया जिनके प्रावधान निम्न है।
मुसलमानों को साम्प्रदायिक निर्वाचन क्षेत्र दिए गए। a एस. पी. सिन्हा को वायसराय या गर्वनर-जनरल की कार्यकारिणी में शामिल किया गया
माले-मिण्टो सुधारों का अधिक गहरा प्रयोजन भारत में एक वर्ग को दूसरे वर्ग के विरुद्ध लड़ाना था
मांटेग्यू चेम्स फोर्ड के काल (1916-1921) में माण्टेग्यू चेम्सफोर्ड सुधार अधिनियम 1919 पारित किया गया।
1919 का भारत शासन अधिनियम के अंतर्गत प्रान्तों के वैध शासन प्रणाली की स्थापना की गई।
भारत सरकार अधिनियम 1935 लार्ड विलिंगटन (1931-1936) के कार्यकाल में पारित हुआ।
1935 का भारत शासन अधिनियम की मुख्य विशेषता द्वैध शासन को केन्द्रीय स्तर पर लागू कर अखिल भारतीय संघ की व्यवस्था करना था।
Incorrect
व्याख्या-
1909 का मार्लेमिन्टो सुधार अधिनियम-
जोन मार्ले भारत सचिव और लार्ड मिन्टो वायसराय थे।
इन्होंने सुधार कानून दिया जिनके प्रावधान निम्न है।
मुसलमानों को साम्प्रदायिक निर्वाचन क्षेत्र दिए गए। a एस. पी. सिन्हा को वायसराय या गर्वनर-जनरल की कार्यकारिणी में शामिल किया गया
माले-मिण्टो सुधारों का अधिक गहरा प्रयोजन भारत में एक वर्ग को दूसरे वर्ग के विरुद्ध लड़ाना था
मांटेग्यू चेम्स फोर्ड के काल (1916-1921) में माण्टेग्यू चेम्सफोर्ड सुधार अधिनियम 1919 पारित किया गया।
1919 का भारत शासन अधिनियम के अंतर्गत प्रान्तों के वैध शासन प्रणाली की स्थापना की गई।
भारत सरकार अधिनियम 1935 लार्ड विलिंगटन (1931-1936) के कार्यकाल में पारित हुआ।
1935 का भारत शासन अधिनियम की मुख्य विशेषता द्वैध शासन को केन्द्रीय स्तर पर लागू कर अखिल भारतीय संघ की व्यवस्था करना था।
Unattempted
व्याख्या-
1909 का मार्लेमिन्टो सुधार अधिनियम-
जोन मार्ले भारत सचिव और लार्ड मिन्टो वायसराय थे।
इन्होंने सुधार कानून दिया जिनके प्रावधान निम्न है।
मुसलमानों को साम्प्रदायिक निर्वाचन क्षेत्र दिए गए। a एस. पी. सिन्हा को वायसराय या गर्वनर-जनरल की कार्यकारिणी में शामिल किया गया
माले-मिण्टो सुधारों का अधिक गहरा प्रयोजन भारत में एक वर्ग को दूसरे वर्ग के विरुद्ध लड़ाना था
मांटेग्यू चेम्स फोर्ड के काल (1916-1921) में माण्टेग्यू चेम्सफोर्ड सुधार अधिनियम 1919 पारित किया गया।
1919 का भारत शासन अधिनियम के अंतर्गत प्रान्तों के वैध शासन प्रणाली की स्थापना की गई।
भारत सरकार अधिनियम 1935 लार्ड विलिंगटन (1931-1936) के कार्यकाल में पारित हुआ।
1935 का भारत शासन अधिनियम की मुख्य विशेषता द्वैध शासन को केन्द्रीय स्तर पर लागू कर अखिल भारतीय संघ की व्यवस्था करना था।
Question 16 of 30
16. Question
1 points
मार्ले-मिण्टो सुधार का प्रमुख उद्देश्य था
Correct
व्याख्या-
1909 का मार्लेमिन्टो सुधार अधिनियम-
जोन मार्ले भारत सचिव और लार्ड मिन्टो वायसराय थे।
इन्होंने सुधार कानून दिया जिनके प्रावधान निम्न है।
**** मुस्लिमों के लिए पृथक निर्वाचक मण्डल का गठन।
एस. पी. सिन्हा को वायसराय या गर्वनर-जनरल की कार्यकारिणी में शामिल किया गया
माले-मिण्टो सुधारों का अधिक गहरा प्रयोजन भारत में एक वर्ग को दूसरे वर्ग के विरुद्ध लड़ाना था
मांटेग्यू चेम्स फोर्ड के काल (1916-1921) में माण्टेग्यू चेम्सफोर्ड सुधार अधिनियम 1919 पारित किया गया।
1919 का भारत शासन अधिनियम के अंतर्गत प्रान्तों के वैध शासन प्रणाली की स्थापना की गई।
भारत सरकार अधिनियम 1935 लार्ड विलिंगटन (1931-1936) के कार्यकाल में पारित हुआ।
1935 का भारत शासन अधिनियम की मुख्य विशेषता द्वैध शासन को केन्द्रीय स्तर पर लागू कर अखिल भारतीय संघ की व्यवस्था करना था।
Incorrect
व्याख्या-
1909 का मार्लेमिन्टो सुधार अधिनियम-
जोन मार्ले भारत सचिव और लार्ड मिन्टो वायसराय थे।
इन्होंने सुधार कानून दिया जिनके प्रावधान निम्न है।
**** मुस्लिमों के लिए पृथक निर्वाचक मण्डल का गठन।
एस. पी. सिन्हा को वायसराय या गर्वनर-जनरल की कार्यकारिणी में शामिल किया गया
माले-मिण्टो सुधारों का अधिक गहरा प्रयोजन भारत में एक वर्ग को दूसरे वर्ग के विरुद्ध लड़ाना था
मांटेग्यू चेम्स फोर्ड के काल (1916-1921) में माण्टेग्यू चेम्सफोर्ड सुधार अधिनियम 1919 पारित किया गया।
1919 का भारत शासन अधिनियम के अंतर्गत प्रान्तों के वैध शासन प्रणाली की स्थापना की गई।
भारत सरकार अधिनियम 1935 लार्ड विलिंगटन (1931-1936) के कार्यकाल में पारित हुआ।
1935 का भारत शासन अधिनियम की मुख्य विशेषता द्वैध शासन को केन्द्रीय स्तर पर लागू कर अखिल भारतीय संघ की व्यवस्था करना था।
Unattempted
व्याख्या-
1909 का मार्लेमिन्टो सुधार अधिनियम-
जोन मार्ले भारत सचिव और लार्ड मिन्टो वायसराय थे।
इन्होंने सुधार कानून दिया जिनके प्रावधान निम्न है।
**** मुस्लिमों के लिए पृथक निर्वाचक मण्डल का गठन।
एस. पी. सिन्हा को वायसराय या गर्वनर-जनरल की कार्यकारिणी में शामिल किया गया
माले-मिण्टो सुधारों का अधिक गहरा प्रयोजन भारत में एक वर्ग को दूसरे वर्ग के विरुद्ध लड़ाना था
मांटेग्यू चेम्स फोर्ड के काल (1916-1921) में माण्टेग्यू चेम्सफोर्ड सुधार अधिनियम 1919 पारित किया गया।
1919 का भारत शासन अधिनियम के अंतर्गत प्रान्तों के वैध शासन प्रणाली की स्थापना की गई।
भारत सरकार अधिनियम 1935 लार्ड विलिंगटन (1931-1936) के कार्यकाल में पारित हुआ।
1935 का भारत शासन अधिनियम की मुख्य विशेषता द्वैध शासन को केन्द्रीय स्तर पर लागू कर अखिल भारतीय संघ की व्यवस्था करना था।
Question 17 of 30
17. Question
1 points
मांन्टेग्यू चेम्सफोर्ड सुधार का मुख्य उद्देश्य था
Correct
व्याख्या-
1919 का भारत शासन अधिनियम-
इसे मान्टेस्क्यू चेम्सफोर्ड सुधार कानून भी कहा गया।
इसकी घोषणा 20 अगस्त 1917 से प्रारम्भ की गई।
प्रान्तों में द्वेध शासन प्रारम्भ:– जनक – लियोनिल कार्टिस
प्रांतों में द्वैध शासन की व्यवस्था की गई
विषयों का प्रारूप 2 भागों में बांटा गया।
1.आरक्षित 2. हस्तांनान्तरित
आरक्षित विषयों पर गवर्नर जनरल और उसकी कार्यकारीणी का शासन था। जो किसी के प्रति उत्तरदायी नहीं थी। इसमें प्रमुख विषय – रक्षा, वित, जेल, पुलिस, विदेशी संबंध , ईसाईयों के कानून, अंग्रेजी शिक्षा, सिंचाई आदि रखे गये।
हस्तांनान्तरित विषय- स्थानीय शासन, मनोरंजन, कृषि, सहकारिता और पर्यटन।
भारत में द्विसदनीय विधायिका बनाई गई –
एक सदन केन्द्रीय विघानसभा जिसमें 104 निर्वाचित 41 मनोनित सदस्य थे।
दुसरा सदन राज्य परिषद रखा गया।जिसकी सदस्या संख्या 60 रखी गई। इसमें भी मनोनित 27 एवं निर्वाचित 33 सदस्य थे।
ब्रिटेन में एक हाईकमिश्नर का पर सृजित किया गया।
फेडरल लोक सेवा आयोग का गठन किया गया।
महिलाओं को सिमित क्षेत्रों में मतदान डालनें का अधिकार दिया गया।
साम्प्रदायिक निर्वाचन का विस्तार किया गया।
यह अधिनियम 1 अप्रैल 1921 से प्रारम्भ हुआ और 1 अप्रैल 1937 तक रहा।
बालगंगाधर तिलक ने इसे “एक बिना सूरज का अंधेरा” कहा।
इसकी समीक्षा के लिए 10 साल बाद एक राॅयल कमीशन के गठन का प्रावधान किया गया।
Incorrect
व्याख्या-
1919 का भारत शासन अधिनियम-
इसे मान्टेस्क्यू चेम्सफोर्ड सुधार कानून भी कहा गया।
इसकी घोषणा 20 अगस्त 1917 से प्रारम्भ की गई।
प्रान्तों में द्वेध शासन प्रारम्भ:– जनक – लियोनिल कार्टिस
प्रांतों में द्वैध शासन की व्यवस्था की गई
विषयों का प्रारूप 2 भागों में बांटा गया।
1.आरक्षित 2. हस्तांनान्तरित
आरक्षित विषयों पर गवर्नर जनरल और उसकी कार्यकारीणी का शासन था। जो किसी के प्रति उत्तरदायी नहीं थी। इसमें प्रमुख विषय – रक्षा, वित, जेल, पुलिस, विदेशी संबंध , ईसाईयों के कानून, अंग्रेजी शिक्षा, सिंचाई आदि रखे गये।
हस्तांनान्तरित विषय- स्थानीय शासन, मनोरंजन, कृषि, सहकारिता और पर्यटन।
भारत में द्विसदनीय विधायिका बनाई गई –
एक सदन केन्द्रीय विघानसभा जिसमें 104 निर्वाचित 41 मनोनित सदस्य थे।
दुसरा सदन राज्य परिषद रखा गया।जिसकी सदस्या संख्या 60 रखी गई। इसमें भी मनोनित 27 एवं निर्वाचित 33 सदस्य थे।
ब्रिटेन में एक हाईकमिश्नर का पर सृजित किया गया।
फेडरल लोक सेवा आयोग का गठन किया गया।
महिलाओं को सिमित क्षेत्रों में मतदान डालनें का अधिकार दिया गया।
साम्प्रदायिक निर्वाचन का विस्तार किया गया।
यह अधिनियम 1 अप्रैल 1921 से प्रारम्भ हुआ और 1 अप्रैल 1937 तक रहा।
बालगंगाधर तिलक ने इसे “एक बिना सूरज का अंधेरा” कहा।
इसकी समीक्षा के लिए 10 साल बाद एक राॅयल कमीशन के गठन का प्रावधान किया गया।
Unattempted
व्याख्या-
1919 का भारत शासन अधिनियम-
इसे मान्टेस्क्यू चेम्सफोर्ड सुधार कानून भी कहा गया।
इसकी घोषणा 20 अगस्त 1917 से प्रारम्भ की गई।
प्रान्तों में द्वेध शासन प्रारम्भ:– जनक – लियोनिल कार्टिस
प्रांतों में द्वैध शासन की व्यवस्था की गई
विषयों का प्रारूप 2 भागों में बांटा गया।
1.आरक्षित 2. हस्तांनान्तरित
आरक्षित विषयों पर गवर्नर जनरल और उसकी कार्यकारीणी का शासन था। जो किसी के प्रति उत्तरदायी नहीं थी। इसमें प्रमुख विषय – रक्षा, वित, जेल, पुलिस, विदेशी संबंध , ईसाईयों के कानून, अंग्रेजी शिक्षा, सिंचाई आदि रखे गये।
हस्तांनान्तरित विषय- स्थानीय शासन, मनोरंजन, कृषि, सहकारिता और पर्यटन।
भारत में द्विसदनीय विधायिका बनाई गई –
एक सदन केन्द्रीय विघानसभा जिसमें 104 निर्वाचित 41 मनोनित सदस्य थे।
दुसरा सदन राज्य परिषद रखा गया।जिसकी सदस्या संख्या 60 रखी गई। इसमें भी मनोनित 27 एवं निर्वाचित 33 सदस्य थे।
ब्रिटेन में एक हाईकमिश्नर का पर सृजित किया गया।
फेडरल लोक सेवा आयोग का गठन किया गया।
महिलाओं को सिमित क्षेत्रों में मतदान डालनें का अधिकार दिया गया।
साम्प्रदायिक निर्वाचन का विस्तार किया गया।
यह अधिनियम 1 अप्रैल 1921 से प्रारम्भ हुआ और 1 अप्रैल 1937 तक रहा।
बालगंगाधर तिलक ने इसे “एक बिना सूरज का अंधेरा” कहा।
इसकी समीक्षा के लिए 10 साल बाद एक राॅयल कमीशन के गठन का प्रावधान किया गया।
Question 18 of 30
18. Question
1 points
1909 के मार्ले मिण्टो सुधार का क्या प्रभाव पड़ा-
Correct
1909 का मार्लेमिन्टो सुधार अधिनियम-
जोन मार्ले भारत सचिव और लार्ड मिन्टो वायसराय थे।
इन्होंने सुधार कानून दिया जिनके प्रावधान निम्न है।
**** मुस्लिमों के लिए पृथक निर्वाचक मण्डल का गठन।/ साम्प्रदायिकता का प्रादुर्भाव हुआ
एस. पी. सिन्हा को वायसराय या गर्वनर-जनरल की कार्यकारिणी में शामिल किया गया
माले-मिण्टो सुधारों का अधिक गहरा प्रयोजन भारत में एक वर्ग को दूसरे वर्ग के विरुद्ध लड़ाना था
Incorrect
1909 का मार्लेमिन्टो सुधार अधिनियम-
जोन मार्ले भारत सचिव और लार्ड मिन्टो वायसराय थे।
इन्होंने सुधार कानून दिया जिनके प्रावधान निम्न है।
**** मुस्लिमों के लिए पृथक निर्वाचक मण्डल का गठन।/ साम्प्रदायिकता का प्रादुर्भाव हुआ
एस. पी. सिन्हा को वायसराय या गर्वनर-जनरल की कार्यकारिणी में शामिल किया गया
माले-मिण्टो सुधारों का अधिक गहरा प्रयोजन भारत में एक वर्ग को दूसरे वर्ग के विरुद्ध लड़ाना था
Unattempted
1909 का मार्लेमिन्टो सुधार अधिनियम-
जोन मार्ले भारत सचिव और लार्ड मिन्टो वायसराय थे।
इन्होंने सुधार कानून दिया जिनके प्रावधान निम्न है।
**** मुस्लिमों के लिए पृथक निर्वाचक मण्डल का गठन।/ साम्प्रदायिकता का प्रादुर्भाव हुआ
एस. पी. सिन्हा को वायसराय या गर्वनर-जनरल की कार्यकारिणी में शामिल किया गया
माले-मिण्टो सुधारों का अधिक गहरा प्रयोजन भारत में एक वर्ग को दूसरे वर्ग के विरुद्ध लड़ाना था
Question 19 of 30
19. Question
1 points
गवर्नर जनरल की समिति के मत के विरूद्ध निर्णय लेने का अधिकार दिया गया
Correct
व्याख्या-
1784 का पिट्स इण्डिया एक्ट-
कम्पनी के व्यापारिक व राजनैतिक कार्य अलग-2 किये गए।
व्यापारिक कार्य बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के तथा राजनैतिक कार्य बोर्ड ऑफ कन्ट्रोल के अधीन रखे गए।
लंदन में एक नियंत्रण मंडल की स्थापना की गयी जिसमें छ: सदस्य थे।
गवर्नर जनरल की परिषद के सदस्यों की संख्या चार से घटाकर तीन कर दी गयी।
गवर्नर जनरल की समिति के मत के विरूद्ध निर्णय लेने का अधिकार दिया गया
नियंत्रण मंडल को कम्पनी के राजनीतिक, प्रशासनिक और व्यापारिक कार्यों का प्रबन्ध करना था।
Incorrect
व्याख्या-
1784 का पिट्स इण्डिया एक्ट-
कम्पनी के व्यापारिक व राजनैतिक कार्य अलग-2 किये गए।
व्यापारिक कार्य बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के तथा राजनैतिक कार्य बोर्ड ऑफ कन्ट्रोल के अधीन रखे गए।
लंदन में एक नियंत्रण मंडल की स्थापना की गयी जिसमें छ: सदस्य थे।
गवर्नर जनरल की परिषद के सदस्यों की संख्या चार से घटाकर तीन कर दी गयी।
गवर्नर जनरल की समिति के मत के विरूद्ध निर्णय लेने का अधिकार दिया गया
नियंत्रण मंडल को कम्पनी के राजनीतिक, प्रशासनिक और व्यापारिक कार्यों का प्रबन्ध करना था।
Unattempted
व्याख्या-
1784 का पिट्स इण्डिया एक्ट-
कम्पनी के व्यापारिक व राजनैतिक कार्य अलग-2 किये गए।
व्यापारिक कार्य बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के तथा राजनैतिक कार्य बोर्ड ऑफ कन्ट्रोल के अधीन रखे गए।
लंदन में एक नियंत्रण मंडल की स्थापना की गयी जिसमें छ: सदस्य थे।
गवर्नर जनरल की परिषद के सदस्यों की संख्या चार से घटाकर तीन कर दी गयी।
गवर्नर जनरल की समिति के मत के विरूद्ध निर्णय लेने का अधिकार दिया गया
नियंत्रण मंडल को कम्पनी के राजनीतिक, प्रशासनिक और व्यापारिक कार्यों का प्रबन्ध करना था।
Question 20 of 30
20. Question
1 points
ईस्ट इंडिया कम्पनी का अंतिम रूप से व्यापारिक एकाधिकार किस एक्ट के अन्तर्गत समाप्त किया गया?
Correct
1813 के चार्टर एक्ट के द्वारा ईस्ट इंडिया कम्पनी का व्यापारिक एकाधिकार समाप्त कर दिया गया।यद्यपि चाय और चीन के साथ व्यापार का विशेषाधिकार बना रहा।
1833 का चार्टर अधिनियम-
गवर्नर जनरल को गर्वनर जनरल ऑफ इण्डिया बना दिया गया।
पहले गर्वनर जनरल ऑफ इण्डिया विलियम बैटिंग बने।
टी. बी. मैकाले को विधि सदस्य के रूप में जोड़ा गया। जिसे कार्यकारिणी में मत देने का अधिकार नहीं था।
मैकाले कमीशन की सिफारिशों के आधार पर भारत में शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी बनाया गया तथा सरकारी नौकरीयों में भेदभाव निसेधित किया गया।
टी. बी. मैकाले ने शिक्षा का “अद्योविष्पन्धन सिद्धान्त” या छन – छन के सिद्धान्त या ड्रेन थ्योरी दी। जिसमें समाज के अन्य वर्ग को भी शिक्षा देना तय किया गया ।
इसमें सती प्रथा, दास प्रथा और कन्यावध को अवैध घोषित किया गया।
1833 के चार्टर एक्ट द्वारा ईस्ट इंडिया कम्पनी का अंतिम रूप से व्यापारिक एकाधिकार समाप्त किया गया
Incorrect
1813 के चार्टर एक्ट के द्वारा ईस्ट इंडिया कम्पनी का व्यापारिक एकाधिकार समाप्त कर दिया गया।यद्यपि चाय और चीन के साथ व्यापार का विशेषाधिकार बना रहा।
1833 का चार्टर अधिनियम-
गवर्नर जनरल को गर्वनर जनरल ऑफ इण्डिया बना दिया गया।
पहले गर्वनर जनरल ऑफ इण्डिया विलियम बैटिंग बने।
टी. बी. मैकाले को विधि सदस्य के रूप में जोड़ा गया। जिसे कार्यकारिणी में मत देने का अधिकार नहीं था।
मैकाले कमीशन की सिफारिशों के आधार पर भारत में शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी बनाया गया तथा सरकारी नौकरीयों में भेदभाव निसेधित किया गया।
टी. बी. मैकाले ने शिक्षा का “अद्योविष्पन्धन सिद्धान्त” या छन – छन के सिद्धान्त या ड्रेन थ्योरी दी। जिसमें समाज के अन्य वर्ग को भी शिक्षा देना तय किया गया ।
इसमें सती प्रथा, दास प्रथा और कन्यावध को अवैध घोषित किया गया।
1833 के चार्टर एक्ट द्वारा ईस्ट इंडिया कम्पनी का अंतिम रूप से व्यापारिक एकाधिकार समाप्त किया गया
Unattempted
1813 के चार्टर एक्ट के द्वारा ईस्ट इंडिया कम्पनी का व्यापारिक एकाधिकार समाप्त कर दिया गया।यद्यपि चाय और चीन के साथ व्यापार का विशेषाधिकार बना रहा।
1833 का चार्टर अधिनियम-
गवर्नर जनरल को गर्वनर जनरल ऑफ इण्डिया बना दिया गया।
पहले गर्वनर जनरल ऑफ इण्डिया विलियम बैटिंग बने।
टी. बी. मैकाले को विधि सदस्य के रूप में जोड़ा गया। जिसे कार्यकारिणी में मत देने का अधिकार नहीं था।
मैकाले कमीशन की सिफारिशों के आधार पर भारत में शिक्षा का माध्यम अंग्रेजी बनाया गया तथा सरकारी नौकरीयों में भेदभाव निसेधित किया गया।
टी. बी. मैकाले ने शिक्षा का “अद्योविष्पन्धन सिद्धान्त” या छन – छन के सिद्धान्त या ड्रेन थ्योरी दी। जिसमें समाज के अन्य वर्ग को भी शिक्षा देना तय किया गया ।
इसमें सती प्रथा, दास प्रथा और कन्यावध को अवैध घोषित किया गया।
1833 के चार्टर एक्ट द्वारा ईस्ट इंडिया कम्पनी का अंतिम रूप से व्यापारिक एकाधिकार समाप्त किया गया
Question 21 of 30
21. Question
1 points
सांप्रदायिक चुनाव प्रक्रिया कय प्रारम्भ हुई?
Correct
1909 का मार्लेमिन्टो सुधार अधिनियम–
जोन मार्ले भारत सचिव और लार्ड मिन्टो वायसराय थे।
इन्होंने सुधार कानून दिया जिनके प्रावधान निम्न है।
**** मुस्लिमों के लिए पृथक निर्वाचक मण्डल का गठन ।/ साम्प्रदायिकता का प्रादुर्भाव हुआ
एस. पी. सिन्हा को वायसराय या गर्वनर-जनरल की कार्यकारिणी में शामिल किया गया
माले-मिण्टो सुधारों का अधिक गहरा प्रयोजन भारत में एक वर्ग को दूसरे वर्ग के विरुद्ध लड़ाना था
1909 में मार्ले-मिण्टो सुधार अधिनियम के द्वारा पहली बार मुस्लिमों के लिए सानंदायिक निर्वाचन पद्धति की शुरुआत हुई।
लार्ड मार्ले को लिखा था-“हम नाग के दांत (Dragon’s Tecth) यो रहे है और इसका फल भीषण होगा।
Incorrect
1909 का मार्लेमिन्टो सुधार अधिनियम–
जोन मार्ले भारत सचिव और लार्ड मिन्टो वायसराय थे।
इन्होंने सुधार कानून दिया जिनके प्रावधान निम्न है।
**** मुस्लिमों के लिए पृथक निर्वाचक मण्डल का गठन ।/ साम्प्रदायिकता का प्रादुर्भाव हुआ
एस. पी. सिन्हा को वायसराय या गर्वनर-जनरल की कार्यकारिणी में शामिल किया गया
माले-मिण्टो सुधारों का अधिक गहरा प्रयोजन भारत में एक वर्ग को दूसरे वर्ग के विरुद्ध लड़ाना था
1909 में मार्ले-मिण्टो सुधार अधिनियम के द्वारा पहली बार मुस्लिमों के लिए सानंदायिक निर्वाचन पद्धति की शुरुआत हुई।
लार्ड मार्ले को लिखा था-“हम नाग के दांत (Dragon’s Tecth) यो रहे है और इसका फल भीषण होगा।
Unattempted
1909 का मार्लेमिन्टो सुधार अधिनियम–
जोन मार्ले भारत सचिव और लार्ड मिन्टो वायसराय थे।
इन्होंने सुधार कानून दिया जिनके प्रावधान निम्न है।
**** मुस्लिमों के लिए पृथक निर्वाचक मण्डल का गठन ।/ साम्प्रदायिकता का प्रादुर्भाव हुआ
एस. पी. सिन्हा को वायसराय या गर्वनर-जनरल की कार्यकारिणी में शामिल किया गया
माले-मिण्टो सुधारों का अधिक गहरा प्रयोजन भारत में एक वर्ग को दूसरे वर्ग के विरुद्ध लड़ाना था
1909 में मार्ले-मिण्टो सुधार अधिनियम के द्वारा पहली बार मुस्लिमों के लिए सानंदायिक निर्वाचन पद्धति की शुरुआत हुई।
लार्ड मार्ले को लिखा था-“हम नाग के दांत (Dragon’s Tecth) यो रहे है और इसका फल भीषण होगा।
Question 22 of 30
22. Question
1 points
किस अधिनियम द्वारा प्रांतों में सर्वप्रथम आंशिक उत्तरदायी शासन की स्थापना की गयी?
Correct
व्याख्या-
1919 का भारत शासन अधिनियम-
इसे मान्टेस्क्यू चेम्सफोर्ड सुधार कानून भी कहा गया।
इसकी घोषणा 20 अगस्त 1917 से प्रारम्भ की गई।
प्रान्तों में द्वेध शासन प्रारम्भ:– जनक – लियोनिल कार्टिस
****प्रांतों में द्वैध शासन की व्यवस्था की गई
विषयों का प्रारूप 2 भागों में बांटा गया।
1.आरक्षित 2. हस्तांनान्तरित
आरक्षित विषयों पर गवर्नर जनरल और उसकी कार्यकारीणी का शासन था। जो किसी के प्रति उत्तरदायी नहीं थी। इसमें प्रमुख विषय – रक्षा, वित, जेल, पुलिस, विदेशी संबंध , ईसाईयों के कानून, अंग्रेजी शिक्षा, सिंचाई आदि रखे गये।
हस्तांनान्तरित विषय- स्थानीय शासन, मनोरंजन, कृषि, सहकारिता और पर्यटन।
भारत में द्विसदनीय विधायिका बनाई गई –
एक सदन केन्द्रीय विघानसभा जिसमें 104 निर्वाचित 41 मनोनित सदस्य थे।
दुसरा सदन राज्य परिषद रखा गया।जिसकी सदस्या संख्या 60 रखी गई। इसमें भी मनोनित 27 एवं निर्वाचित 33 सदस्य थे।
ब्रिटेन में एक हाईकमिश्नर का पर सृजित किया गया।
फेडरल लोक सेवा आयोग का गठन किया गया।
महिलाओं को सिमित क्षेत्रों में मतदान डालनें का अधिकार दिया गया।
साम्प्रदायिक निर्वाचन का विस्तार किया गया।
यह अधिनियम 1 अप्रैल 1921 से प्रारम्भ हुआ और 1 अप्रैल 1937 तक रहा।
बालगंगाधर तिलक ने इसे “एक बिना सूरज का अंधेरा” कहा।
इसकी समीक्षा के लिए 10 साल बाद एक राॅयल कमीशन के गठन का प्रावधान किया गया।
Incorrect
व्याख्या-
1919 का भारत शासन अधिनियम-
इसे मान्टेस्क्यू चेम्सफोर्ड सुधार कानून भी कहा गया।
इसकी घोषणा 20 अगस्त 1917 से प्रारम्भ की गई।
प्रान्तों में द्वेध शासन प्रारम्भ:– जनक – लियोनिल कार्टिस
****प्रांतों में द्वैध शासन की व्यवस्था की गई
विषयों का प्रारूप 2 भागों में बांटा गया।
1.आरक्षित 2. हस्तांनान्तरित
आरक्षित विषयों पर गवर्नर जनरल और उसकी कार्यकारीणी का शासन था। जो किसी के प्रति उत्तरदायी नहीं थी। इसमें प्रमुख विषय – रक्षा, वित, जेल, पुलिस, विदेशी संबंध , ईसाईयों के कानून, अंग्रेजी शिक्षा, सिंचाई आदि रखे गये।
हस्तांनान्तरित विषय- स्थानीय शासन, मनोरंजन, कृषि, सहकारिता और पर्यटन।
भारत में द्विसदनीय विधायिका बनाई गई –
एक सदन केन्द्रीय विघानसभा जिसमें 104 निर्वाचित 41 मनोनित सदस्य थे।
दुसरा सदन राज्य परिषद रखा गया।जिसकी सदस्या संख्या 60 रखी गई। इसमें भी मनोनित 27 एवं निर्वाचित 33 सदस्य थे।
ब्रिटेन में एक हाईकमिश्नर का पर सृजित किया गया।
फेडरल लोक सेवा आयोग का गठन किया गया।
महिलाओं को सिमित क्षेत्रों में मतदान डालनें का अधिकार दिया गया।
साम्प्रदायिक निर्वाचन का विस्तार किया गया।
यह अधिनियम 1 अप्रैल 1921 से प्रारम्भ हुआ और 1 अप्रैल 1937 तक रहा।
बालगंगाधर तिलक ने इसे “एक बिना सूरज का अंधेरा” कहा।
इसकी समीक्षा के लिए 10 साल बाद एक राॅयल कमीशन के गठन का प्रावधान किया गया।
Unattempted
व्याख्या-
1919 का भारत शासन अधिनियम-
इसे मान्टेस्क्यू चेम्सफोर्ड सुधार कानून भी कहा गया।
इसकी घोषणा 20 अगस्त 1917 से प्रारम्भ की गई।
प्रान्तों में द्वेध शासन प्रारम्भ:– जनक – लियोनिल कार्टिस
****प्रांतों में द्वैध शासन की व्यवस्था की गई
विषयों का प्रारूप 2 भागों में बांटा गया।
1.आरक्षित 2. हस्तांनान्तरित
आरक्षित विषयों पर गवर्नर जनरल और उसकी कार्यकारीणी का शासन था। जो किसी के प्रति उत्तरदायी नहीं थी। इसमें प्रमुख विषय – रक्षा, वित, जेल, पुलिस, विदेशी संबंध , ईसाईयों के कानून, अंग्रेजी शिक्षा, सिंचाई आदि रखे गये।
हस्तांनान्तरित विषय- स्थानीय शासन, मनोरंजन, कृषि, सहकारिता और पर्यटन।
भारत में द्विसदनीय विधायिका बनाई गई –
एक सदन केन्द्रीय विघानसभा जिसमें 104 निर्वाचित 41 मनोनित सदस्य थे।
दुसरा सदन राज्य परिषद रखा गया।जिसकी सदस्या संख्या 60 रखी गई। इसमें भी मनोनित 27 एवं निर्वाचित 33 सदस्य थे।
ब्रिटेन में एक हाईकमिश्नर का पर सृजित किया गया।
फेडरल लोक सेवा आयोग का गठन किया गया।
महिलाओं को सिमित क्षेत्रों में मतदान डालनें का अधिकार दिया गया।
साम्प्रदायिक निर्वाचन का विस्तार किया गया।
यह अधिनियम 1 अप्रैल 1921 से प्रारम्भ हुआ और 1 अप्रैल 1937 तक रहा।
बालगंगाधर तिलक ने इसे “एक बिना सूरज का अंधेरा” कहा।
इसकी समीक्षा के लिए 10 साल बाद एक राॅयल कमीशन के गठन का प्रावधान किया गया।
Question 23 of 30
23. Question
1 points
निम्नलिखित में से किस कानून ने भारत सरकार को ईस्ट इण्डिया कम्पनी से ब्रिटिश ताज के प्रति स्थानान्तरित किया?
Correct
व्याख्या-
1858 का अधिनियम-
भारत सरकार अधिनियम 1858 ने ईस्ट इण्डिया कम्पनी की कब्र पर मृत्युलेख लिखा था
1857 की क्रांति के बाद ईस्ट इण्डिया कम्पनी का शासन समाप्त कर भारत का शासन सीधे ब्रिटीश ताज के अधीन किया गया।
इस अधिनियम को- “1858-एक्ट फार दी बेटर गवर्नमेन्ट ऑफ इण्डिया” की संज्ञा से नामित किया गया।
गर्वनर जनरल ऑफ इण्डिया को वायसराय की पद्वी दी गई।
लार्ड कैनिन पहले वायसराय बने।
एक भारत-सचित का पद सृजित किया गया। जिसकी कार्यकारिणी में 15 सदस्य रखे गए। 7 मनोनित और 8 निर्वाचित।
बोर्ड ऑफ डाॅयरेक्टर्स एवं बोर्ड ऑफ कन्ट्रोल को समाप्त कर दिया गया।
भारत सचिव चाल्र्स वुड को बनाया गया।
बम्बई, कलकत्ता और मद्रास में विश्व विद्यालयों की स्थापना की गई।
1784 के पिट्स इण्डिया एक्ट द्वारा लागू द्वैध शासन प्रणाली समाप्त कर दी गयी।
Incorrect
व्याख्या-
1858 का अधिनियम-
भारत सरकार अधिनियम 1858 ने ईस्ट इण्डिया कम्पनी की कब्र पर मृत्युलेख लिखा था
1857 की क्रांति के बाद ईस्ट इण्डिया कम्पनी का शासन समाप्त कर भारत का शासन सीधे ब्रिटीश ताज के अधीन किया गया।
इस अधिनियम को- “1858-एक्ट फार दी बेटर गवर्नमेन्ट ऑफ इण्डिया” की संज्ञा से नामित किया गया।
गर्वनर जनरल ऑफ इण्डिया को वायसराय की पद्वी दी गई।
लार्ड कैनिन पहले वायसराय बने।
एक भारत-सचित का पद सृजित किया गया। जिसकी कार्यकारिणी में 15 सदस्य रखे गए। 7 मनोनित और 8 निर्वाचित।
बोर्ड ऑफ डाॅयरेक्टर्स एवं बोर्ड ऑफ कन्ट्रोल को समाप्त कर दिया गया।
भारत सचिव चाल्र्स वुड को बनाया गया।
बम्बई, कलकत्ता और मद्रास में विश्व विद्यालयों की स्थापना की गई।
1784 के पिट्स इण्डिया एक्ट द्वारा लागू द्वैध शासन प्रणाली समाप्त कर दी गयी।
Unattempted
व्याख्या-
1858 का अधिनियम-
भारत सरकार अधिनियम 1858 ने ईस्ट इण्डिया कम्पनी की कब्र पर मृत्युलेख लिखा था
1857 की क्रांति के बाद ईस्ट इण्डिया कम्पनी का शासन समाप्त कर भारत का शासन सीधे ब्रिटीश ताज के अधीन किया गया।
इस अधिनियम को- “1858-एक्ट फार दी बेटर गवर्नमेन्ट ऑफ इण्डिया” की संज्ञा से नामित किया गया।
गर्वनर जनरल ऑफ इण्डिया को वायसराय की पद्वी दी गई।
लार्ड कैनिन पहले वायसराय बने।
एक भारत-सचित का पद सृजित किया गया। जिसकी कार्यकारिणी में 15 सदस्य रखे गए। 7 मनोनित और 8 निर्वाचित।
बोर्ड ऑफ डाॅयरेक्टर्स एवं बोर्ड ऑफ कन्ट्रोल को समाप्त कर दिया गया।
भारत सचिव चाल्र्स वुड को बनाया गया।
बम्बई, कलकत्ता और मद्रास में विश्व विद्यालयों की स्थापना की गई।
1784 के पिट्स इण्डिया एक्ट द्वारा लागू द्वैध शासन प्रणाली समाप्त कर दी गयी।
Question 24 of 30
24. Question
1 points
ईस्ट इण्डिया कम्पनी पर संसदीय नियंत्रण कय स्थापित हुआ?
Correct
व्याख्या-
1773 का रेग्यूलेटिंग एक्ट-
रेगुलेटिंग एक्ट 1773 द्वारा ईस्ट इण्डिया कम्पनी पर संसदीय नियंत्रण स्थापित किया गया
केन्द्रीय शासन की नींव डाली गई।
बंगाल के गर्वनर वारेन-हेस्टिंग्स को गर्वनर जनरल बना दिया गया।
बंगाल का प्रथम गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स को बनाया गया
गर्वनर जनरल 4 सदस्यीय कार्यकारिणी बनाई गई। जिसके सारे निर्णय बहुमत से लिए जाते थे।
कार्यकारिणी सदस्य– फ्रांसिस, मानसन, क्लेवरिंग, बारवैल। इन सभी का कार्यकाल 5 वर्ष था
कार्यकारिणी सदस्यो को कोर्ट ऑफ डाइरेक्टर्स की संस्तुति पर केवल इंग्लैण्ड का सम्राट ही इन्हें हटा सकता था।
मद्रास व बम्बई के गर्वनर इसके अधीन रखे गए।
गर्वनर जनरल 4 सदस्यीय कार्यकारिणी बनाई गई। जिसके सारे निर्णय बहुमत से लिए जाते थे।
1773 के विनियमन अधिनियम द्वारा 1774 में फोर्ट विलियम, कलकत्ता में एक सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की।
इस सुप्रीम कोर्ट में एक मुख्य न्यायाधीश और तीन अन्य नियमित न्यायाधीश या अवर न्यायाधीश शामिल थे।
सर एलीजा इम्पे इस सुप्रीम कोर्ट के पहले मुख्य न्यायाधीश थे।
तीन अन्य न्यायधिशो में स्टीफनम, चैम्बर और जान हाइड थे
शासन चलाने हेतु बोर्ड ऑफ़ कन्ट्रोल और बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर बनाए गए।
व्यापार की सभी सूचनाएं क्राउन को देना सुनिश्चित किया।
Incorrect
व्याख्या-
1773 का रेग्यूलेटिंग एक्ट-
रेगुलेटिंग एक्ट 1773 द्वारा ईस्ट इण्डिया कम्पनी पर संसदीय नियंत्रण स्थापित किया गया
केन्द्रीय शासन की नींव डाली गई।
बंगाल के गर्वनर वारेन-हेस्टिंग्स को गर्वनर जनरल बना दिया गया।
बंगाल का प्रथम गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स को बनाया गया
गर्वनर जनरल 4 सदस्यीय कार्यकारिणी बनाई गई। जिसके सारे निर्णय बहुमत से लिए जाते थे।
कार्यकारिणी सदस्य– फ्रांसिस, मानसन, क्लेवरिंग, बारवैल। इन सभी का कार्यकाल 5 वर्ष था
कार्यकारिणी सदस्यो को कोर्ट ऑफ डाइरेक्टर्स की संस्तुति पर केवल इंग्लैण्ड का सम्राट ही इन्हें हटा सकता था।
मद्रास व बम्बई के गर्वनर इसके अधीन रखे गए।
गर्वनर जनरल 4 सदस्यीय कार्यकारिणी बनाई गई। जिसके सारे निर्णय बहुमत से लिए जाते थे।
1773 के विनियमन अधिनियम द्वारा 1774 में फोर्ट विलियम, कलकत्ता में एक सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की।
इस सुप्रीम कोर्ट में एक मुख्य न्यायाधीश और तीन अन्य नियमित न्यायाधीश या अवर न्यायाधीश शामिल थे।
सर एलीजा इम्पे इस सुप्रीम कोर्ट के पहले मुख्य न्यायाधीश थे।
तीन अन्य न्यायधिशो में स्टीफनम, चैम्बर और जान हाइड थे
शासन चलाने हेतु बोर्ड ऑफ़ कन्ट्रोल और बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर बनाए गए।
व्यापार की सभी सूचनाएं क्राउन को देना सुनिश्चित किया।
Unattempted
व्याख्या-
1773 का रेग्यूलेटिंग एक्ट-
रेगुलेटिंग एक्ट 1773 द्वारा ईस्ट इण्डिया कम्पनी पर संसदीय नियंत्रण स्थापित किया गया
केन्द्रीय शासन की नींव डाली गई।
बंगाल के गर्वनर वारेन-हेस्टिंग्स को गर्वनर जनरल बना दिया गया।
बंगाल का प्रथम गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स को बनाया गया
गर्वनर जनरल 4 सदस्यीय कार्यकारिणी बनाई गई। जिसके सारे निर्णय बहुमत से लिए जाते थे।
कार्यकारिणी सदस्य– फ्रांसिस, मानसन, क्लेवरिंग, बारवैल। इन सभी का कार्यकाल 5 वर्ष था
कार्यकारिणी सदस्यो को कोर्ट ऑफ डाइरेक्टर्स की संस्तुति पर केवल इंग्लैण्ड का सम्राट ही इन्हें हटा सकता था।
मद्रास व बम्बई के गर्वनर इसके अधीन रखे गए।
गर्वनर जनरल 4 सदस्यीय कार्यकारिणी बनाई गई। जिसके सारे निर्णय बहुमत से लिए जाते थे।
1773 के विनियमन अधिनियम द्वारा 1774 में फोर्ट विलियम, कलकत्ता में एक सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की।
इस सुप्रीम कोर्ट में एक मुख्य न्यायाधीश और तीन अन्य नियमित न्यायाधीश या अवर न्यायाधीश शामिल थे।
सर एलीजा इम्पे इस सुप्रीम कोर्ट के पहले मुख्य न्यायाधीश थे।
तीन अन्य न्यायधिशो में स्टीफनम, चैम्बर और जान हाइड थे
शासन चलाने हेतु बोर्ड ऑफ़ कन्ट्रोल और बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर बनाए गए।
व्यापार की सभी सूचनाएं क्राउन को देना सुनिश्चित किया।
Question 25 of 30
25. Question
1 points
निम्नलिखित में से किस अधिनियिम ने बोर्ड ऑफ कन्ट्रोल का निर्माण किया?
Correct
व्याख्या-
1784 का पिट्स इण्डिया एक्ट-
पिट्स का भारत अधिनियम 1784 द्वारा 6 कमिश्नरों का बोर्ड गठित किया गया, जिसे बोर्ड ऑफ कन्ट्रोल कहा गया।
कम्पनी के व्यापारिक व राजनैतिक कार्य अलग-2 किये गए।
व्यापारिक कार्य बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के तथा राजनैतिक कार्य बोर्ड ऑफ कन्ट्रोल के अधीन रखे गए।
लंदन में एक नियंत्रण मंडल की स्थापना की गयी जिसमें छ: सदस्य थे।
गवर्नर जनरल की परिषद के सदस्यों की संख्या चार से घटाकर तीन कर दी गयी।
गवर्नर जनरल की समिति के मत के विरूद्ध निर्णय लेने का अधिकार दिया गया
नियंत्रण मंडल को कम्पनी के राजनीतिक, प्रशासनिक और व्यापारिक कार्यों का प्रबन्ध करना था।
Incorrect
व्याख्या-
1784 का पिट्स इण्डिया एक्ट-
पिट्स का भारत अधिनियम 1784 द्वारा 6 कमिश्नरों का बोर्ड गठित किया गया, जिसे बोर्ड ऑफ कन्ट्रोल कहा गया।
कम्पनी के व्यापारिक व राजनैतिक कार्य अलग-2 किये गए।
व्यापारिक कार्य बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के तथा राजनैतिक कार्य बोर्ड ऑफ कन्ट्रोल के अधीन रखे गए।
लंदन में एक नियंत्रण मंडल की स्थापना की गयी जिसमें छ: सदस्य थे।
गवर्नर जनरल की परिषद के सदस्यों की संख्या चार से घटाकर तीन कर दी गयी।
गवर्नर जनरल की समिति के मत के विरूद्ध निर्णय लेने का अधिकार दिया गया
नियंत्रण मंडल को कम्पनी के राजनीतिक, प्रशासनिक और व्यापारिक कार्यों का प्रबन्ध करना था।
Unattempted
व्याख्या-
1784 का पिट्स इण्डिया एक्ट-
पिट्स का भारत अधिनियम 1784 द्वारा 6 कमिश्नरों का बोर्ड गठित किया गया, जिसे बोर्ड ऑफ कन्ट्रोल कहा गया।
कम्पनी के व्यापारिक व राजनैतिक कार्य अलग-2 किये गए।
व्यापारिक कार्य बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के तथा राजनैतिक कार्य बोर्ड ऑफ कन्ट्रोल के अधीन रखे गए।
लंदन में एक नियंत्रण मंडल की स्थापना की गयी जिसमें छ: सदस्य थे।
गवर्नर जनरल की परिषद के सदस्यों की संख्या चार से घटाकर तीन कर दी गयी।
गवर्नर जनरल की समिति के मत के विरूद्ध निर्णय लेने का अधिकार दिया गया
नियंत्रण मंडल को कम्पनी के राजनीतिक, प्रशासनिक और व्यापारिक कार्यों का प्रबन्ध करना था।
Question 26 of 30
26. Question
1 points
सूची। को सूची ॥से सुमेलित कीजिए और निम्नलिखित कूटों से अपना उत्तर चुनिए
सूची। सूची।
A डेकन टैनेन्सी एक्ट 1.1885
B ट्रीटी ऑफ बनारस 2. 1809
C बंगाल टैनेन्सी एक्ट 3. 1879
D ट्रीटी ऑफ अमृतसर 4. 1773
Correct
व्याख्या-
डेकन टैनेन्सी एक्ट -1879
ट्रीटी ऑफ बनारस /बनारस की संधि वारेन हेस्टिंग्स व शुजौद्धोला के बीच -1773
बंगाल टैनेन्सी एक्ट -1885
ट्रीटी ऑफ अमृतसर /सिखों तथा अंग्रेजों के बीच अमृतसर की संधि -1809
Incorrect
व्याख्या-
डेकन टैनेन्सी एक्ट -1879
ट्रीटी ऑफ बनारस /बनारस की संधि वारेन हेस्टिंग्स व शुजौद्धोला के बीच -1773
बंगाल टैनेन्सी एक्ट -1885
ट्रीटी ऑफ अमृतसर /सिखों तथा अंग्रेजों के बीच अमृतसर की संधि -1809
Unattempted
व्याख्या-
डेकन टैनेन्सी एक्ट -1879
ट्रीटी ऑफ बनारस /बनारस की संधि वारेन हेस्टिंग्स व शुजौद्धोला के बीच -1773
बंगाल टैनेन्सी एक्ट -1885
ट्रीटी ऑफ अमृतसर /सिखों तथा अंग्रेजों के बीच अमृतसर की संधि -1809
Question 27 of 30
27. Question
1 points
1843 के इण्डिया एक्ट v ने किस बात को अवैध कर दिया
Correct
व्याख्या-
दास प्रथा को समाप्त करने का निर्णय 1833 ई० के चार्टर ऐक्ट द्वारा लिया गया
एलनबरो के समय 1843 ई० के भारत सरकार अधिनियम के 5वें नियम द्वारा दास प्रथा को समाप्त कर दिया गया।
Incorrect
व्याख्या-
दास प्रथा को समाप्त करने का निर्णय 1833 ई० के चार्टर ऐक्ट द्वारा लिया गया
एलनबरो के समय 1843 ई० के भारत सरकार अधिनियम के 5वें नियम द्वारा दास प्रथा को समाप्त कर दिया गया।
Unattempted
व्याख्या-
दास प्रथा को समाप्त करने का निर्णय 1833 ई० के चार्टर ऐक्ट द्वारा लिया गया
एलनबरो के समय 1843 ई० के भारत सरकार अधिनियम के 5वें नियम द्वारा दास प्रथा को समाप्त कर दिया गया।
Question 28 of 30
28. Question
1 points
निम्नलिखित में से किस अधिनियम ने भारत में ब्रिटिश शासन के दौरान प्रांतीय स्वायत्तता की शुरुआत की?
Correct
व्याख्या-
1928 की नेहरू रिपोर्ट
1929 लाहौर अधिवेशन (पुर्ण स्वराज्य की मांग)
1930,31,32 -तीन गोलमेज सम्मेलन
इन सभी को ध्यान में रखते हुए 1935 का भारत शासन अधिनियम लाया गया।
1935 का भारत शासन अधिनियम-
इसमें प्रस्तावना का अभाव था।
प्रांतीय स्वायत्तता की शुरुआत की
प्रान्तों में द्वैद्य शासन हटाकर केन्द्र में लगाया गया।
केन्द्र एंव राज्यों के मध्य शक्तियों का विभाजन तीन सुचियों में किया गया।
केन्द्र सूची(59)
राज्य सुची(54)
समवर्ती सूची(36)
फेडरल सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की गई। जो अपील का सर्वोच्च न्यायालय नहीं था। इसके विरूद्ध अपील लंदन की प्रिवी कांउसिल में सम्भव थी।
रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया की स्थापना का प्रावधान किया गया।
उत्तरदायी शासन का विकास किया गया।
अखिल भारतीय संद्य की स्थापना का प्रावधान था।जिसमें देशी रियासतों का मिलना ऐच्छिक रखा गया। केन्द्रीय एंव राज्य विद्यायिकाओं का विस्तार किया गया।
पं. जवाहर लाल नेहरू ने इस अधिनियम को एक ऐसी मोटर कार की सज्ञा दी “जिसमें ब्रैक अनेक है लेकिन इंजिन नहीं।”
इसका लगभग 2/3 भाग आगे चलकर संविधान में रखा गया।
यह अधिनियम अन्य की तुलना में महत्वपूर्ण रहा।
11 राज्यों में से 6 में द्विसदनीय व्यवस्था(विधान सभा और विधान परिषद) प्रारम्भ की गई। बंगाल, बम्बई, मद्रास, बिहार, संयुक्त प्रान्त और असम।
Incorrect
व्याख्या-
1928 की नेहरू रिपोर्ट
1929 लाहौर अधिवेशन (पुर्ण स्वराज्य की मांग)
1930,31,32 -तीन गोलमेज सम्मेलन
इन सभी को ध्यान में रखते हुए 1935 का भारत शासन अधिनियम लाया गया।
1935 का भारत शासन अधिनियम-
इसमें प्रस्तावना का अभाव था।
प्रांतीय स्वायत्तता की शुरुआत की
प्रान्तों में द्वैद्य शासन हटाकर केन्द्र में लगाया गया।
केन्द्र एंव राज्यों के मध्य शक्तियों का विभाजन तीन सुचियों में किया गया।
केन्द्र सूची(59)
राज्य सुची(54)
समवर्ती सूची(36)
फेडरल सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की गई। जो अपील का सर्वोच्च न्यायालय नहीं था। इसके विरूद्ध अपील लंदन की प्रिवी कांउसिल में सम्भव थी।
रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया की स्थापना का प्रावधान किया गया।
उत्तरदायी शासन का विकास किया गया।
अखिल भारतीय संद्य की स्थापना का प्रावधान था।जिसमें देशी रियासतों का मिलना ऐच्छिक रखा गया। केन्द्रीय एंव राज्य विद्यायिकाओं का विस्तार किया गया।
पं. जवाहर लाल नेहरू ने इस अधिनियम को एक ऐसी मोटर कार की सज्ञा दी “जिसमें ब्रैक अनेक है लेकिन इंजिन नहीं।”
इसका लगभग 2/3 भाग आगे चलकर संविधान में रखा गया।
यह अधिनियम अन्य की तुलना में महत्वपूर्ण रहा।
11 राज्यों में से 6 में द्विसदनीय व्यवस्था(विधान सभा और विधान परिषद) प्रारम्भ की गई। बंगाल, बम्बई, मद्रास, बिहार, संयुक्त प्रान्त और असम।
Unattempted
व्याख्या-
1928 की नेहरू रिपोर्ट
1929 लाहौर अधिवेशन (पुर्ण स्वराज्य की मांग)
1930,31,32 -तीन गोलमेज सम्मेलन
इन सभी को ध्यान में रखते हुए 1935 का भारत शासन अधिनियम लाया गया।
1935 का भारत शासन अधिनियम-
इसमें प्रस्तावना का अभाव था।
प्रांतीय स्वायत्तता की शुरुआत की
प्रान्तों में द्वैद्य शासन हटाकर केन्द्र में लगाया गया।
केन्द्र एंव राज्यों के मध्य शक्तियों का विभाजन तीन सुचियों में किया गया।
केन्द्र सूची(59)
राज्य सुची(54)
समवर्ती सूची(36)
फेडरल सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना की गई। जो अपील का सर्वोच्च न्यायालय नहीं था। इसके विरूद्ध अपील लंदन की प्रिवी कांउसिल में सम्भव थी।
रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया की स्थापना का प्रावधान किया गया।
उत्तरदायी शासन का विकास किया गया।
अखिल भारतीय संद्य की स्थापना का प्रावधान था।जिसमें देशी रियासतों का मिलना ऐच्छिक रखा गया। केन्द्रीय एंव राज्य विद्यायिकाओं का विस्तार किया गया।
पं. जवाहर लाल नेहरू ने इस अधिनियम को एक ऐसी मोटर कार की सज्ञा दी “जिसमें ब्रैक अनेक है लेकिन इंजिन नहीं।”
इसका लगभग 2/3 भाग आगे चलकर संविधान में रखा गया।
यह अधिनियम अन्य की तुलना में महत्वपूर्ण रहा।
11 राज्यों में से 6 में द्विसदनीय व्यवस्था(विधान सभा और विधान परिषद) प्रारम्भ की गई। बंगाल, बम्बई, मद्रास, बिहार, संयुक्त प्रान्त और असम।
Question 29 of 30
29. Question
1 points
1935 के अधिनियम के बारे में असत्य कथन है ?
Correct
व्याख्या-
1935 के अधिनियम के बारे में कथन-
नेहरू – यह अनेक ब्रेकौ वाला इंजन रहित गाडी के समान है
जिन्ना – पूर्णतया सडा हुआ मूल रूप से बुरा
एटली – अविश्वास का प्रतीक
संघीय न्यायलय की स्थापना 1 oct 1937 में
Incorrect
व्याख्या-
1935 के अधिनियम के बारे में कथन-
नेहरू – यह अनेक ब्रेकौ वाला इंजन रहित गाडी के समान है
जिन्ना – पूर्णतया सडा हुआ मूल रूप से बुरा
एटली – अविश्वास का प्रतीक
संघीय न्यायलय की स्थापना 1 oct 1937 में
Unattempted
व्याख्या-
1935 के अधिनियम के बारे में कथन-
नेहरू – यह अनेक ब्रेकौ वाला इंजन रहित गाडी के समान है
जिन्ना – पूर्णतया सडा हुआ मूल रूप से बुरा
एटली – अविश्वास का प्रतीक
संघीय न्यायलय की स्थापना 1 oct 1937 में
Question 30 of 30
30. Question
1 points
किस एक्ट के द्वारा भारत मे ईसाई मिशनरीयों को प्रवेश करने व धर्म प्रचार की अनुमति दी गई थी ?
Correct
व्याख्या-
1813 चार्टर एक्ट (अधिनियम)-
1793 के चार्टर एक्ट के 20 वर्ष बाद की 1813 में पुनः कंपनी के व्यापार और शासन के नवीनीकरण के लिए चार्टर एक्ट 1813 पारित किया गया
ईसाई धर्म के प्रचार के लिए मिशनरियों को अनुमति प्रदान की गयी। इसी अनुमति के अनुसार वर्तमान में भी भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 में धर्म के प्रचार की स्वतंत्रता प्राप्त है।
ईस्ट इंडिया कंपनी का व्यापारिक एकाधिकार समाप्त (चाय एवं अफीम के व्यापार एवं चीन के साथ व्यापार को छोड़कर) कर दिया गया।
भारतीय व्यक्तियों की शिक्षा के लिए प्रतिवर्ष मात्र 1 लाख रुपये खर्च करने का प्रावधान किया गया।
भारत मे ईसाई मिशनरीयों को प्रवेश करने व धर्म प्रचार की अनुमति दी गई थी
1813 के चार्टर एक्ट से कम्पनी ने पहली बार शिक्षा के प्रति सरकारी उत्तरदायित्व को समझा गया
1813 का चार्टर एक्ट शिक्षा के विकास में मील का पत्थर साबित हुआ।
****1833 के चार्टर एक्ट द्वारा कम्पनी का चीन के साथ तथा चाय एवं अफीम के व्यापार को भी समाप्त कर दिया गया।
Incorrect
व्याख्या-
1813 चार्टर एक्ट (अधिनियम)-
1793 के चार्टर एक्ट के 20 वर्ष बाद की 1813 में पुनः कंपनी के व्यापार और शासन के नवीनीकरण के लिए चार्टर एक्ट 1813 पारित किया गया
ईसाई धर्म के प्रचार के लिए मिशनरियों को अनुमति प्रदान की गयी। इसी अनुमति के अनुसार वर्तमान में भी भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 में धर्म के प्रचार की स्वतंत्रता प्राप्त है।
ईस्ट इंडिया कंपनी का व्यापारिक एकाधिकार समाप्त (चाय एवं अफीम के व्यापार एवं चीन के साथ व्यापार को छोड़कर) कर दिया गया।
भारतीय व्यक्तियों की शिक्षा के लिए प्रतिवर्ष मात्र 1 लाख रुपये खर्च करने का प्रावधान किया गया।
भारत मे ईसाई मिशनरीयों को प्रवेश करने व धर्म प्रचार की अनुमति दी गई थी
1813 के चार्टर एक्ट से कम्पनी ने पहली बार शिक्षा के प्रति सरकारी उत्तरदायित्व को समझा गया
1813 का चार्टर एक्ट शिक्षा के विकास में मील का पत्थर साबित हुआ।
****1833 के चार्टर एक्ट द्वारा कम्पनी का चीन के साथ तथा चाय एवं अफीम के व्यापार को भी समाप्त कर दिया गया।
Unattempted
व्याख्या-
1813 चार्टर एक्ट (अधिनियम)-
1793 के चार्टर एक्ट के 20 वर्ष बाद की 1813 में पुनः कंपनी के व्यापार और शासन के नवीनीकरण के लिए चार्टर एक्ट 1813 पारित किया गया
ईसाई धर्म के प्रचार के लिए मिशनरियों को अनुमति प्रदान की गयी। इसी अनुमति के अनुसार वर्तमान में भी भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 में धर्म के प्रचार की स्वतंत्रता प्राप्त है।
ईस्ट इंडिया कंपनी का व्यापारिक एकाधिकार समाप्त (चाय एवं अफीम के व्यापार एवं चीन के साथ व्यापार को छोड़कर) कर दिया गया।
भारतीय व्यक्तियों की शिक्षा के लिए प्रतिवर्ष मात्र 1 लाख रुपये खर्च करने का प्रावधान किया गया।
भारत मे ईसाई मिशनरीयों को प्रवेश करने व धर्म प्रचार की अनुमति दी गई थी
1813 के चार्टर एक्ट से कम्पनी ने पहली बार शिक्षा के प्रति सरकारी उत्तरदायित्व को समझा गया
1813 का चार्टर एक्ट शिक्षा के विकास में मील का पत्थर साबित हुआ।
****1833 के चार्टर एक्ट द्वारा कम्पनी का चीन के साथ तथा चाय एवं अफीम के व्यापार को भी समाप्त कर दिया गया।