You have already completed the quiz before. Hence you can not start it again.
quiz is loading...
You must sign in or sign up to start the quiz.
You have to finish following quiz, to start this quiz:
Congratulations!!!" प्रांतीय राजवंश बंगाल "
0 of 46 questions answered correctly
Your time:
Time has elapsed
Your Final Score is : 0
You have attempted : 0
Number of Correct Questions : 0 and scored 0
Number of Incorrect Questions : 0 and Negative marks 0
Average score
Your score
प्रांतीय राजवंश बंगाल
You have attempted : 0
Number of Correct Questions : 0 and scored 0
Number of Incorrect Questions : 0 and Negative marks 0
Your result has been entered into toplist
Loading
maximum of 46 points
Pos.
Name
Entered on
Points
Result
Table is loading
No data available
1
2
3
4
5
6
7
8
9
10
11
12
13
14
15
16
17
18
19
20
21
22
23
24
25
26
27
28
29
30
31
32
33
34
35
36
37
38
39
40
41
42
43
44
45
46
Answered
Review
Question 1 of 46
1. Question
1 points
निम्नलिखित में से किसके अनुसार प्लासी की विजय विश्वासघात की विजय थी?
Correct
व्याख्या-
प्लासी का युद्ध-
प्लासी की लड़ाई वर्ष 1757 में पश्चिम बंगाल के प्लासी क्षेत्र में भागीरथी नदी के पूर्व में लड़ी गई थी।
रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के सैनिकों ने बंगाल के अंतिम स्वतंत्र नवाब सिराजुद्दौला और उनके फ्रांसीसी सहयोगियों की सेना के खिलाफ मोर्चा संभाला।
एच० एच० डाडवेल का कथन – प्लासी के युद्ध को अंग्रेजो की विश्वासघात की विजय थी |
Incorrect
व्याख्या-
प्लासी का युद्ध-
प्लासी की लड़ाई वर्ष 1757 में पश्चिम बंगाल के प्लासी क्षेत्र में भागीरथी नदी के पूर्व में लड़ी गई थी।
रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के सैनिकों ने बंगाल के अंतिम स्वतंत्र नवाब सिराजुद्दौला और उनके फ्रांसीसी सहयोगियों की सेना के खिलाफ मोर्चा संभाला।
एच० एच० डाडवेल का कथन – प्लासी के युद्ध को अंग्रेजो की विश्वासघात की विजय थी |
Unattempted
व्याख्या-
प्लासी का युद्ध-
प्लासी की लड़ाई वर्ष 1757 में पश्चिम बंगाल के प्लासी क्षेत्र में भागीरथी नदी के पूर्व में लड़ी गई थी।
रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के सैनिकों ने बंगाल के अंतिम स्वतंत्र नवाब सिराजुद्दौला और उनके फ्रांसीसी सहयोगियों की सेना के खिलाफ मोर्चा संभाला।
एच० एच० डाडवेल का कथन – प्लासी के युद्ध को अंग्रेजो की विश्वासघात की विजय थी |
Question 2 of 46
2. Question
1 points
ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी को बंगाल, बिहार और उड़ीसा की दीवानी का अधिकार किस संधि के अन्तर्गत प्राप्त हुआ?
Correct
व्याख्या-
इलाहाबाद की प्रथम संधि –
इलाहाबाद की संधि 12 अगस्त, 1765 ई० को राबर्ट क्लाइव मुगल सम्राट शाह आलम द्वितीय के मध्य हुई थी
शुजाउद्दौला को इलाहाबाद और कड़ा को शाह आलम द्वितीय को सौंपना पड़ा।
इलाहाबाद की संधि पर रॉबर्ट क्लाइव और शाह आलम- II के बीच भी हस्ताक्षर हुआ था।
शाह आलम को इलाहाबाद में निवास करने का आदेश दिया गया था, जिसे ईस्ट इंडिया कंपनी के संरक्षण के तहत शुजाउद्दौला द्वारा उन्हें सौंप दिया गया था।
बादशाह को 26 लाख रुपये के वार्षिक भुगतान के एवज में बंगाल, बिहार और उड़ीसा के दीवानी को ईआईसी को देने का फरमान जारी करना पड़ा।
शाहआलम ने नज्मुउद्दौला को बंगाल का नवाब भी स्वीकार कर लिया।
Incorrect
व्याख्या-
इलाहाबाद की प्रथम संधि –
इलाहाबाद की संधि 12 अगस्त, 1765 ई० को राबर्ट क्लाइव मुगल सम्राट शाह आलम द्वितीय के मध्य हुई थी
शुजाउद्दौला को इलाहाबाद और कड़ा को शाह आलम द्वितीय को सौंपना पड़ा।
इलाहाबाद की संधि पर रॉबर्ट क्लाइव और शाह आलम- II के बीच भी हस्ताक्षर हुआ था।
शाह आलम को इलाहाबाद में निवास करने का आदेश दिया गया था, जिसे ईस्ट इंडिया कंपनी के संरक्षण के तहत शुजाउद्दौला द्वारा उन्हें सौंप दिया गया था।
बादशाह को 26 लाख रुपये के वार्षिक भुगतान के एवज में बंगाल, बिहार और उड़ीसा के दीवानी को ईआईसी को देने का फरमान जारी करना पड़ा।
शाहआलम ने नज्मुउद्दौला को बंगाल का नवाब भी स्वीकार कर लिया।
Unattempted
व्याख्या-
इलाहाबाद की प्रथम संधि –
इलाहाबाद की संधि 12 अगस्त, 1765 ई० को राबर्ट क्लाइव मुगल सम्राट शाह आलम द्वितीय के मध्य हुई थी
शुजाउद्दौला को इलाहाबाद और कड़ा को शाह आलम द्वितीय को सौंपना पड़ा।
इलाहाबाद की संधि पर रॉबर्ट क्लाइव और शाह आलम- II के बीच भी हस्ताक्षर हुआ था।
शाह आलम को इलाहाबाद में निवास करने का आदेश दिया गया था, जिसे ईस्ट इंडिया कंपनी के संरक्षण के तहत शुजाउद्दौला द्वारा उन्हें सौंप दिया गया था।
बादशाह को 26 लाख रुपये के वार्षिक भुगतान के एवज में बंगाल, बिहार और उड़ीसा के दीवानी को ईआईसी को देने का फरमान जारी करना पड़ा।
शाहआलम ने नज्मुउद्दौला को बंगाल का नवाब भी स्वीकार कर लिया।
Question 3 of 46
3. Question
1 points
निम्नलिखित में से किस इतिहासकार ने यह कहा कि 1765-1772 के मध्य बंगाल का शासन एक डाकू राज्य था?
Correct
व्याख्या-
के. एम. पणिक्कर ने 1765 से 1772 ई० की अवधि में बंगाल की सरकार को एक डाकू राज्य की उपमा दी थी।
डाकू राज्य की उपमा का प्रमुख कारण –1765 से 1772 ई० की अवधि में बंगाल में दोहरा शासन ।
Incorrect
व्याख्या-
के. एम. पणिक्कर ने 1765 से 1772 ई० की अवधि में बंगाल की सरकार को एक डाकू राज्य की उपमा दी थी।
डाकू राज्य की उपमा का प्रमुख कारण –1765 से 1772 ई० की अवधि में बंगाल में दोहरा शासन ।
Unattempted
व्याख्या-
के. एम. पणिक्कर ने 1765 से 1772 ई० की अवधि में बंगाल की सरकार को एक डाकू राज्य की उपमा दी थी।
डाकू राज्य की उपमा का प्रमुख कारण –1765 से 1772 ई० की अवधि में बंगाल में दोहरा शासन ।
Question 4 of 46
4. Question
1 points
“भारत में ब्रिटिश सत्ता का प्रारम्भ बक्सर के युद्ध से होता है”। यह कथन किसका है?
Correct
व्याख्या-
प्लासी के युद्ध के बाद अंग्रेजो ने बंगाल में ब्रिटिश साम्राज्य की नींव डाली ।
1764 ई. बक्सर के युद्ध में सफलता से बंगाल में अंग्रेजो की प्रभुसत्ता पूरी तरह से स्थापित हो गयी।
ब्रिटिश इतिहासकार रैमजे म्यूर का कथन – भारत में ब्रिटिश सत्ता का प्रारंभ बक्सर के युद्ध से होता है।
Incorrect
व्याख्या-
प्लासी के युद्ध के बाद अंग्रेजो ने बंगाल में ब्रिटिश साम्राज्य की नींव डाली ।
1764 ई. बक्सर के युद्ध में सफलता से बंगाल में अंग्रेजो की प्रभुसत्ता पूरी तरह से स्थापित हो गयी।
ब्रिटिश इतिहासकार रैमजे म्यूर का कथन – भारत में ब्रिटिश सत्ता का प्रारंभ बक्सर के युद्ध से होता है।
Unattempted
व्याख्या-
प्लासी के युद्ध के बाद अंग्रेजो ने बंगाल में ब्रिटिश साम्राज्य की नींव डाली ।
1764 ई. बक्सर के युद्ध में सफलता से बंगाल में अंग्रेजो की प्रभुसत्ता पूरी तरह से स्थापित हो गयी।
ब्रिटिश इतिहासकार रैमजे म्यूर का कथन – भारत में ब्रिटिश सत्ता का प्रारंभ बक्सर के युद्ध से होता है।
Question 5 of 46
5. Question
1 points
1757 में शिराजुद्दौला ने किस जगह ब्रिटिश फैक्ट्री पर आक्रमण किया?
Correct
व्याख्या-
1757 में बंगाल का नवाब सिराजुददौला ने कलकत्ता में ब्रिटिश फैक्टरी पर आक्रमण किया।
कारण -क्लाइव द्वारा मानिकचन्द को रिश्वत देकर अपनी ओर मिला लेना
अलीनगर की प्रसिद्ध सन्धि-सिराजुद्दौला और क्लाइव के बीच 9 फरवरी 1757 को हुई
अलीनगर की सन्धि से कम्पनी को अपने स्थलों को दुर्गीकृत करने एवं सिक्के ढालने की अनुमति प्रदान की गयी।
Incorrect
व्याख्या-
1757 में बंगाल का नवाब सिराजुददौला ने कलकत्ता में ब्रिटिश फैक्टरी पर आक्रमण किया।
कारण -क्लाइव द्वारा मानिकचन्द को रिश्वत देकर अपनी ओर मिला लेना
अलीनगर की प्रसिद्ध सन्धि-सिराजुद्दौला और क्लाइव के बीच 9 फरवरी 1757 को हुई
अलीनगर की सन्धि से कम्पनी को अपने स्थलों को दुर्गीकृत करने एवं सिक्के ढालने की अनुमति प्रदान की गयी।
Unattempted
व्याख्या-
1757 में बंगाल का नवाब सिराजुददौला ने कलकत्ता में ब्रिटिश फैक्टरी पर आक्रमण किया।
कारण -क्लाइव द्वारा मानिकचन्द को रिश्वत देकर अपनी ओर मिला लेना
अलीनगर की प्रसिद्ध सन्धि-सिराजुद्दौला और क्लाइव के बीच 9 फरवरी 1757 को हुई
अलीनगर की सन्धि से कम्पनी को अपने स्थलों को दुर्गीकृत करने एवं सिक्के ढालने की अनुमति प्रदान की गयी।
Question 6 of 46
6. Question
1 points
बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला के खिलाफ क्लाइव द्वारा रचे गए षडयंत्र में निम्नलिखित में से कौन सम्मिलित थे
Correct
व्याख्या-
क्लाइव द्वारा रचे गए षडयंत्र -1756
नवाब सिराजुद्दौला से असन्तुष्ट अधिकारियों को लालच देकर क्लाइव ने एक षडयंत्र रचा
नवाब का प्रधान सेनापति मीरजाफर, सेना के अन्य अधिकारी यार लतीफ, दीवान राज्यदुर्लभ, बंगाल के सबसे बड़े बैंकर जगत सेठ, सबसे अमीर व्यापारी अमीचन्द्र और कासिम बाजार के प्रमुख वट्सन शामिल थे।
Incorrect
व्याख्या-
क्लाइव द्वारा रचे गए षडयंत्र -1756
नवाब सिराजुद्दौला से असन्तुष्ट अधिकारियों को लालच देकर क्लाइव ने एक षडयंत्र रचा
नवाब का प्रधान सेनापति मीरजाफर, सेना के अन्य अधिकारी यार लतीफ, दीवान राज्यदुर्लभ, बंगाल के सबसे बड़े बैंकर जगत सेठ, सबसे अमीर व्यापारी अमीचन्द्र और कासिम बाजार के प्रमुख वट्सन शामिल थे।
Unattempted
व्याख्या-
क्लाइव द्वारा रचे गए षडयंत्र -1756
नवाब सिराजुद्दौला से असन्तुष्ट अधिकारियों को लालच देकर क्लाइव ने एक षडयंत्र रचा
नवाब का प्रधान सेनापति मीरजाफर, सेना के अन्य अधिकारी यार लतीफ, दीवान राज्यदुर्लभ, बंगाल के सबसे बड़े बैंकर जगत सेठ, सबसे अमीर व्यापारी अमीचन्द्र और कासिम बाजार के प्रमुख वट्सन शामिल थे।
Question 7 of 46
7. Question
1 points
अठारहवीं शताब्दी के पूर्वार्ध में निम्नलिखित में से बंगाल के नवाबों की राजधानी कौन थी.
Correct
व्याख्या-
1700 ई० में औरंगजेब द्वारा मुर्शीद कुली जाफर खाँ को बंगाल का दीवान एवं मर्शिदाबाद का फौजदार नियुक्त किया गया था।
1713 ई० में इसे बंगाल का उपशासक व 1717 ई० में बंगाल का नवाब बना दिया गया।
मुर्शीद कुली जाफर खाँ ने बंगाल की राजधानी ढाका से बदलकर मुर्शिदाबाद स्थानान्तरित कर दी
1760 ई० में मीरकासिम ने बंगाल की राजधानी मुंगेर में स्थानान्तरित कर दी।
Incorrect
व्याख्या-
1700 ई० में औरंगजेब द्वारा मुर्शीद कुली जाफर खाँ को बंगाल का दीवान एवं मर्शिदाबाद का फौजदार नियुक्त किया गया था।
1713 ई० में इसे बंगाल का उपशासक व 1717 ई० में बंगाल का नवाब बना दिया गया।
मुर्शीद कुली जाफर खाँ ने बंगाल की राजधानी ढाका से बदलकर मुर्शिदाबाद स्थानान्तरित कर दी
1760 ई० में मीरकासिम ने बंगाल की राजधानी मुंगेर में स्थानान्तरित कर दी।
Unattempted
व्याख्या-
1700 ई० में औरंगजेब द्वारा मुर्शीद कुली जाफर खाँ को बंगाल का दीवान एवं मर्शिदाबाद का फौजदार नियुक्त किया गया था।
1713 ई० में इसे बंगाल का उपशासक व 1717 ई० में बंगाल का नवाब बना दिया गया।
मुर्शीद कुली जाफर खाँ ने बंगाल की राजधानी ढाका से बदलकर मुर्शिदाबाद स्थानान्तरित कर दी
1760 ई० में मीरकासिम ने बंगाल की राजधानी मुंगेर में स्थानान्तरित कर दी।
Question 8 of 46
8. Question
1 points
बक्सर के युद्ध में इंग्लिश ईस्ट इंडिया कंपनी की सेना का सेनापति कौन था
Correct
व्याख्या-
बक्सर का युद्ध,1764-
1764 ई. के बक्सर के युद्ध ने भारतीयों के भाग्य का अंत कर दिया | इस युद्ध में एक ओर थीं तत्कालीन भारत की 3 प्रमुख शक्तियां और दूसरी ओर थे अंग्रेज ।
बक्सर (जो बनारस के पूर्व में स्थित है) के मैदान में अवध के नवाब, मुगल सम्राट तथा मीर कासिम की संयुक्त सेना अक्टूबर 1764 ई. को पहुंची और दूसरी ओर हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ।
22/23 अक्टूबर 1764 को निर्णायक बक्सर का युद्ध प्रारंभ हुआ युद्ध प्रारंभ होने से पूर्व ही अंग्रेजों ने अवध के नवाब की सेना से असद खान, साहूमल (रोहतास का सूबेदार) और जैनुल आबदीन को धन का लालच देकर अपनी ओर कर लिया ।
शीघ्र ही हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ने बक्सर के युद्ध को जीत लिया ।
इस युद्ध के बाद अंग्रेजों ने न केवल मुगल सम्राट से बंगाल, बिहार और उड़ीसा की दीवानी प्राप्त की बल्कि इस बात का भी संकेत स्पष्ट रूप से दिया कि अब भारत की संपूर्ण सत्ता अंग्रेजों के हाथों में स्थानांतरित हो जाएगी और भारतीयों को स्वाधीन रखने की शक्ति किसी में नहीं है।
मीर कासिम का संयुक्त गठबंधन बक्सर के युद्ध में इसलिए पराजित हो गया क्योंकि उसने युद्ध के लिए पर्याप्त तैयारी नहीं की थी । शाह आलम गुप्त रूप से अंग्रेजों से मिला (कुछ इतिहासकार ऐसा मानते हैं ) था तथा भारतीय सेना में अनेक प्रकार के दोष अंतर्निहित थे ।
बक्सर के युद्ध में पराजित होने के बाद शाह आलम जहां पहले ही अंग्रेजों के शरण में आ गया था वही अवध के नवाब ने कुछ दिन तक अंग्रेजों के विरुद्ध सैनिक सहायता हेतु भटकने के बाद मई, 1765 में अंग्रेजों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया ।
5 फरवरी 1765 को मीर जाफर की मृत्यु के बाद कंपनी ने उसके पुत्र नाज्मुद्दौला को अपने संरक्षण में बंगाल का नवाब बनाया ।
Incorrect
व्याख्या-
बक्सर का युद्ध,1764-
1764 ई. के बक्सर के युद्ध ने भारतीयों के भाग्य का अंत कर दिया | इस युद्ध में एक ओर थीं तत्कालीन भारत की 3 प्रमुख शक्तियां और दूसरी ओर थे अंग्रेज ।
बक्सर (जो बनारस के पूर्व में स्थित है) के मैदान में अवध के नवाब, मुगल सम्राट तथा मीर कासिम की संयुक्त सेना अक्टूबर 1764 ई. को पहुंची और दूसरी ओर हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ।
22/23 अक्टूबर 1764 को निर्णायक बक्सर का युद्ध प्रारंभ हुआ युद्ध प्रारंभ होने से पूर्व ही अंग्रेजों ने अवध के नवाब की सेना से असद खान, साहूमल (रोहतास का सूबेदार) और जैनुल आबदीन को धन का लालच देकर अपनी ओर कर लिया ।
शीघ्र ही हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ने बक्सर के युद्ध को जीत लिया ।
इस युद्ध के बाद अंग्रेजों ने न केवल मुगल सम्राट से बंगाल, बिहार और उड़ीसा की दीवानी प्राप्त की बल्कि इस बात का भी संकेत स्पष्ट रूप से दिया कि अब भारत की संपूर्ण सत्ता अंग्रेजों के हाथों में स्थानांतरित हो जाएगी और भारतीयों को स्वाधीन रखने की शक्ति किसी में नहीं है।
मीर कासिम का संयुक्त गठबंधन बक्सर के युद्ध में इसलिए पराजित हो गया क्योंकि उसने युद्ध के लिए पर्याप्त तैयारी नहीं की थी । शाह आलम गुप्त रूप से अंग्रेजों से मिला (कुछ इतिहासकार ऐसा मानते हैं ) था तथा भारतीय सेना में अनेक प्रकार के दोष अंतर्निहित थे ।
बक्सर के युद्ध में पराजित होने के बाद शाह आलम जहां पहले ही अंग्रेजों के शरण में आ गया था वही अवध के नवाब ने कुछ दिन तक अंग्रेजों के विरुद्ध सैनिक सहायता हेतु भटकने के बाद मई, 1765 में अंग्रेजों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया ।
5 फरवरी 1765 को मीर जाफर की मृत्यु के बाद कंपनी ने उसके पुत्र नाज्मुद्दौला को अपने संरक्षण में बंगाल का नवाब बनाया ।
Unattempted
व्याख्या-
बक्सर का युद्ध,1764-
1764 ई. के बक्सर के युद्ध ने भारतीयों के भाग्य का अंत कर दिया | इस युद्ध में एक ओर थीं तत्कालीन भारत की 3 प्रमुख शक्तियां और दूसरी ओर थे अंग्रेज ।
बक्सर (जो बनारस के पूर्व में स्थित है) के मैदान में अवध के नवाब, मुगल सम्राट तथा मीर कासिम की संयुक्त सेना अक्टूबर 1764 ई. को पहुंची और दूसरी ओर हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ।
22/23 अक्टूबर 1764 को निर्णायक बक्सर का युद्ध प्रारंभ हुआ युद्ध प्रारंभ होने से पूर्व ही अंग्रेजों ने अवध के नवाब की सेना से असद खान, साहूमल (रोहतास का सूबेदार) और जैनुल आबदीन को धन का लालच देकर अपनी ओर कर लिया ।
शीघ्र ही हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ने बक्सर के युद्ध को जीत लिया ।
इस युद्ध के बाद अंग्रेजों ने न केवल मुगल सम्राट से बंगाल, बिहार और उड़ीसा की दीवानी प्राप्त की बल्कि इस बात का भी संकेत स्पष्ट रूप से दिया कि अब भारत की संपूर्ण सत्ता अंग्रेजों के हाथों में स्थानांतरित हो जाएगी और भारतीयों को स्वाधीन रखने की शक्ति किसी में नहीं है।
मीर कासिम का संयुक्त गठबंधन बक्सर के युद्ध में इसलिए पराजित हो गया क्योंकि उसने युद्ध के लिए पर्याप्त तैयारी नहीं की थी । शाह आलम गुप्त रूप से अंग्रेजों से मिला (कुछ इतिहासकार ऐसा मानते हैं ) था तथा भारतीय सेना में अनेक प्रकार के दोष अंतर्निहित थे ।
बक्सर के युद्ध में पराजित होने के बाद शाह आलम जहां पहले ही अंग्रेजों के शरण में आ गया था वही अवध के नवाब ने कुछ दिन तक अंग्रेजों के विरुद्ध सैनिक सहायता हेतु भटकने के बाद मई, 1765 में अंग्रेजों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया ।
5 फरवरी 1765 को मीर जाफर की मृत्यु के बाद कंपनी ने उसके पुत्र नाज्मुद्दौला को अपने संरक्षण में बंगाल का नवाब बनाया ।
Question 9 of 46
9. Question
1 points
इंग्लिश ईस्ट इंडिया कंपनी को बंगाल प्रान्त की दीवानी का अधिकार किस संधि के द्वारा प्राप्त हुआ
Correct
व्याख्या-
इलाहाबाद की प्रथम संधि –
इलाहाबाद की संधि 12 अगस्त, 1765 ई० को राबर्ट क्लाइव मुगल सम्राट शाह आलम द्वितीय के मध्य हुई थी
शुजाउद्दौला को इलाहाबाद और कड़ा को शाह आलम द्वितीय को सौंपना पड़ा।
इलाहाबाद की संधि पर रॉबर्ट क्लाइव और शाह आलम- II के बीच भी हस्ताक्षर हुआ था।
शाह आलम को इलाहाबाद में निवास करने का आदेश दिया गया था, जिसे ईस्ट इंडिया कंपनी के संरक्षण के तहत शुजाउद्दौला द्वारा उन्हें सौंप दिया गया था।
बादशाह को 26 लाख रुपये के वार्षिक भुगतान के एवज में बंगाल, बिहार और उड़ीसा के दीवानी को ईआईसी को देने का फरमान जारी करना पड़ा।
शाहआलम ने नज्मुउद्दौला को बंगाल का नवाब भी स्वीकार कर लिया।
Incorrect
व्याख्या-
इलाहाबाद की प्रथम संधि –
इलाहाबाद की संधि 12 अगस्त, 1765 ई० को राबर्ट क्लाइव मुगल सम्राट शाह आलम द्वितीय के मध्य हुई थी
शुजाउद्दौला को इलाहाबाद और कड़ा को शाह आलम द्वितीय को सौंपना पड़ा।
इलाहाबाद की संधि पर रॉबर्ट क्लाइव और शाह आलम- II के बीच भी हस्ताक्षर हुआ था।
शाह आलम को इलाहाबाद में निवास करने का आदेश दिया गया था, जिसे ईस्ट इंडिया कंपनी के संरक्षण के तहत शुजाउद्दौला द्वारा उन्हें सौंप दिया गया था।
बादशाह को 26 लाख रुपये के वार्षिक भुगतान के एवज में बंगाल, बिहार और उड़ीसा के दीवानी को ईआईसी को देने का फरमान जारी करना पड़ा।
शाहआलम ने नज्मुउद्दौला को बंगाल का नवाब भी स्वीकार कर लिया।
Unattempted
व्याख्या-
इलाहाबाद की प्रथम संधि –
इलाहाबाद की संधि 12 अगस्त, 1765 ई० को राबर्ट क्लाइव मुगल सम्राट शाह आलम द्वितीय के मध्य हुई थी
शुजाउद्दौला को इलाहाबाद और कड़ा को शाह आलम द्वितीय को सौंपना पड़ा।
इलाहाबाद की संधि पर रॉबर्ट क्लाइव और शाह आलम- II के बीच भी हस्ताक्षर हुआ था।
शाह आलम को इलाहाबाद में निवास करने का आदेश दिया गया था, जिसे ईस्ट इंडिया कंपनी के संरक्षण के तहत शुजाउद्दौला द्वारा उन्हें सौंप दिया गया था।
बादशाह को 26 लाख रुपये के वार्षिक भुगतान के एवज में बंगाल, बिहार और उड़ीसा के दीवानी को ईआईसी को देने का फरमान जारी करना पड़ा।
शाहआलम ने नज्मुउद्दौला को बंगाल का नवाब भी स्वीकार कर लिया।
Question 10 of 46
10. Question
1 points
निम्नलिखित मुगल बादशाहों में से किसने अंग्रेजों को करमुक्त व्यापार करने की अनुमति प्रदान की थी?
Correct
व्याख्या-
मुगल बादशाह फर्रुखशियर के दरबार ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1715 ई० में जॉन सरमन की अध्यक्षता में एक दूतमंडल में भेजा।
विलियम हैमिल्टन नामक सर्जन ने बादशाह की एक गम्भीर बीमारी छुड़ाने में मदद की
1717 ई० में सम्राट फर्रुखशियर ने एक शाही फरमान जारी कर ईस्ट इंडिया कंपनी को बंगाल में मुक्त व्यापार करने तथा अन्य व्यापारिक विशेषाधिकार प्रदान किये ।
Incorrect
व्याख्या-
मुगल बादशाह फर्रुखशियर के दरबार ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1715 ई० में जॉन सरमन की अध्यक्षता में एक दूतमंडल में भेजा।
विलियम हैमिल्टन नामक सर्जन ने बादशाह की एक गम्भीर बीमारी छुड़ाने में मदद की
1717 ई० में सम्राट फर्रुखशियर ने एक शाही फरमान जारी कर ईस्ट इंडिया कंपनी को बंगाल में मुक्त व्यापार करने तथा अन्य व्यापारिक विशेषाधिकार प्रदान किये ।
Unattempted
व्याख्या-
मुगल बादशाह फर्रुखशियर के दरबार ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1715 ई० में जॉन सरमन की अध्यक्षता में एक दूतमंडल में भेजा।
विलियम हैमिल्टन नामक सर्जन ने बादशाह की एक गम्भीर बीमारी छुड़ाने में मदद की
1717 ई० में सम्राट फर्रुखशियर ने एक शाही फरमान जारी कर ईस्ट इंडिया कंपनी को बंगाल में मुक्त व्यापार करने तथा अन्य व्यापारिक विशेषाधिकार प्रदान किये ।
Question 11 of 46
11. Question
1 points
अट्ठारहवीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध में बंगाल से निर्यात होने वाली सबसे महत्वपूर्ण वस्तुएं क्या थी? .
Correct
व्याख्या-
अट्ठारहवीं शताब्दी निर्यातित वस्तुएं –
बिहार, बंगाल और कोरोमंडल तट से शोरा
बंगाल से कच्चा रेशम
बंगाल और आगरा से चीनी
मालदा एवं गंगा घाटी से अफीम
सभी वस्तुओं का निर्यात बंगाल के बन्दरगाह से होता था।
Incorrect
व्याख्या-
अट्ठारहवीं शताब्दी निर्यातित वस्तुएं –
बिहार, बंगाल और कोरोमंडल तट से शोरा
बंगाल से कच्चा रेशम
बंगाल और आगरा से चीनी
मालदा एवं गंगा घाटी से अफीम
सभी वस्तुओं का निर्यात बंगाल के बन्दरगाह से होता था।
Unattempted
व्याख्या-
अट्ठारहवीं शताब्दी निर्यातित वस्तुएं –
बिहार, बंगाल और कोरोमंडल तट से शोरा
बंगाल से कच्चा रेशम
बंगाल और आगरा से चीनी
मालदा एवं गंगा घाटी से अफीम
सभी वस्तुओं का निर्यात बंगाल के बन्दरगाह से होता था।
Question 12 of 46
12. Question
1 points
1765 में सम्पन्न हुई इलाहाबाद की सन्धि में निम्नलिखित में से कौन भागीदार थे?
Correct
व्याख्या-
इलाहाबाद की संधि– लार्ड क्लाइव ने अवध के नवाब शुजाउद्दौला तथा मुगल सम्राट शाहआलम के साथ 1765 ई. में हुई
इलाहाबाद संधि की शर्ते –
अवध के नवाब ने कंपनी को पचास लाख रूपये युद्ध की क्षतिपूर्ति के रूप में देना स्वीकार किया।
कड़ा तथा इलाहाबाद को छोड़कर शेष भाग वहां के नवाब शुजाउद्दौला को लौटा दिया गया।
कंपनी नवाब को जो सैनिक सहायता देगी उसका संपूर्ण व्यय नवाब को उठाना पड़ेगा।
मुगल सम्राट ने कंपनी को बंगाल, बिहार तथा उड़ीसा की मालगुजारी वसूल करने का आदेश दिया।
मुगल सम्राट को अंग्रेजों ने 26 लाख रूपये वार्षिक पेंशन देना स्वीकार किया।
बादशाह को 26 लाख रुपये के वार्षिक भुगतान के एवज में बंगाल, बिहार और उड़ीसा के दीवानी को ईआईसी को देने का फरमान जारी करना पड़ा।
शाहआलम ने नज्मुउद्दौला को बंगाल का नवाब भी स्वीकार कर लिया।
Incorrect
व्याख्या-
इलाहाबाद की संधि– लार्ड क्लाइव ने अवध के नवाब शुजाउद्दौला तथा मुगल सम्राट शाहआलम के साथ 1765 ई. में हुई
इलाहाबाद संधि की शर्ते –
अवध के नवाब ने कंपनी को पचास लाख रूपये युद्ध की क्षतिपूर्ति के रूप में देना स्वीकार किया।
कड़ा तथा इलाहाबाद को छोड़कर शेष भाग वहां के नवाब शुजाउद्दौला को लौटा दिया गया।
कंपनी नवाब को जो सैनिक सहायता देगी उसका संपूर्ण व्यय नवाब को उठाना पड़ेगा।
मुगल सम्राट ने कंपनी को बंगाल, बिहार तथा उड़ीसा की मालगुजारी वसूल करने का आदेश दिया।
मुगल सम्राट को अंग्रेजों ने 26 लाख रूपये वार्षिक पेंशन देना स्वीकार किया।
बादशाह को 26 लाख रुपये के वार्षिक भुगतान के एवज में बंगाल, बिहार और उड़ीसा के दीवानी को ईआईसी को देने का फरमान जारी करना पड़ा।
शाहआलम ने नज्मुउद्दौला को बंगाल का नवाब भी स्वीकार कर लिया।
Unattempted
व्याख्या-
इलाहाबाद की संधि– लार्ड क्लाइव ने अवध के नवाब शुजाउद्दौला तथा मुगल सम्राट शाहआलम के साथ 1765 ई. में हुई
इलाहाबाद संधि की शर्ते –
अवध के नवाब ने कंपनी को पचास लाख रूपये युद्ध की क्षतिपूर्ति के रूप में देना स्वीकार किया।
कड़ा तथा इलाहाबाद को छोड़कर शेष भाग वहां के नवाब शुजाउद्दौला को लौटा दिया गया।
कंपनी नवाब को जो सैनिक सहायता देगी उसका संपूर्ण व्यय नवाब को उठाना पड़ेगा।
मुगल सम्राट ने कंपनी को बंगाल, बिहार तथा उड़ीसा की मालगुजारी वसूल करने का आदेश दिया।
मुगल सम्राट को अंग्रेजों ने 26 लाख रूपये वार्षिक पेंशन देना स्वीकार किया।
बादशाह को 26 लाख रुपये के वार्षिक भुगतान के एवज में बंगाल, बिहार और उड़ीसा के दीवानी को ईआईसी को देने का फरमान जारी करना पड़ा।
शाहआलम ने नज्मुउद्दौला को बंगाल का नवाब भी स्वीकार कर लिया।
Question 13 of 46
13. Question
1 points
निम्नलिखित में से किसने 1765 में निष्पादित इलाहाबाद की संधि में भाग लिया
Correct
व्याख्या-
इलाहाबाद की संधि– लार्ड क्लाइव ने अवध के नवाब शुजाउद्दौला तथा मुगल सम्राट शाहआलम के साथ 1765 ई. में हुई
इलाहाबाद संधि की शर्ते –
अवध के नवाब ने कंपनी को पचास लाख रूपये युद्ध की क्षतिपूर्ति के रूप में देना स्वीकार किया।
कड़ा तथा इलाहाबाद को छोड़कर शेष भाग वहां के नवाब शुजाउद्दौला को लौटा दिया गया।
कंपनी नवाब को जो सैनिक सहायता देगी उसका संपूर्ण व्यय नवाब को उठाना पड़ेगा।
मुगल सम्राट ने कंपनी को बंगाल, बिहार तथा उड़ीसा की मालगुजारी वसूल करने का आदेश दिया।
मुगल सम्राट को अंग्रेजों ने 26 लाख रूपये वार्षिक पेंशन देना स्वीकार किया।
बादशाह को 26 लाख रुपये के वार्षिक भुगतान के एवज में बंगाल, बिहार और उड़ीसा के दीवानी को ईआईसी को देने का फरमान जारी करना पड़ा।
शाहआलम ने नज्मुउद्दौला को बंगाल का नवाब भी स्वीकार कर लिया।
Incorrect
व्याख्या-
इलाहाबाद की संधि– लार्ड क्लाइव ने अवध के नवाब शुजाउद्दौला तथा मुगल सम्राट शाहआलम के साथ 1765 ई. में हुई
इलाहाबाद संधि की शर्ते –
अवध के नवाब ने कंपनी को पचास लाख रूपये युद्ध की क्षतिपूर्ति के रूप में देना स्वीकार किया।
कड़ा तथा इलाहाबाद को छोड़कर शेष भाग वहां के नवाब शुजाउद्दौला को लौटा दिया गया।
कंपनी नवाब को जो सैनिक सहायता देगी उसका संपूर्ण व्यय नवाब को उठाना पड़ेगा।
मुगल सम्राट ने कंपनी को बंगाल, बिहार तथा उड़ीसा की मालगुजारी वसूल करने का आदेश दिया।
मुगल सम्राट को अंग्रेजों ने 26 लाख रूपये वार्षिक पेंशन देना स्वीकार किया।
बादशाह को 26 लाख रुपये के वार्षिक भुगतान के एवज में बंगाल, बिहार और उड़ीसा के दीवानी को ईआईसी को देने का फरमान जारी करना पड़ा।
शाहआलम ने नज्मुउद्दौला को बंगाल का नवाब भी स्वीकार कर लिया।
Unattempted
व्याख्या-
इलाहाबाद की संधि– लार्ड क्लाइव ने अवध के नवाब शुजाउद्दौला तथा मुगल सम्राट शाहआलम के साथ 1765 ई. में हुई
इलाहाबाद संधि की शर्ते –
अवध के नवाब ने कंपनी को पचास लाख रूपये युद्ध की क्षतिपूर्ति के रूप में देना स्वीकार किया।
कड़ा तथा इलाहाबाद को छोड़कर शेष भाग वहां के नवाब शुजाउद्दौला को लौटा दिया गया।
कंपनी नवाब को जो सैनिक सहायता देगी उसका संपूर्ण व्यय नवाब को उठाना पड़ेगा।
मुगल सम्राट ने कंपनी को बंगाल, बिहार तथा उड़ीसा की मालगुजारी वसूल करने का आदेश दिया।
मुगल सम्राट को अंग्रेजों ने 26 लाख रूपये वार्षिक पेंशन देना स्वीकार किया।
बादशाह को 26 लाख रुपये के वार्षिक भुगतान के एवज में बंगाल, बिहार और उड़ीसा के दीवानी को ईआईसी को देने का फरमान जारी करना पड़ा।
शाहआलम ने नज्मुउद्दौला को बंगाल का नवाब भी स्वीकार कर लिया।
Question 14 of 46
14. Question
1 points
बंगाल में किस नदी के तट पर प्लासी स्थित है?
Correct
व्याख्या-
प्लासी का युद्ध –
23 जून 1757 ई० को प्लासी का युद्ध बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और क्लाइव के बीच हुआ।
बंगाल में भागीरथी नदी के तट पर प्लासी स्थित है।
कंपनी की सेना ने रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में नवाब सिराज़ुद्दौला को हरा दिया था।
इस युद्ध में नवाब के विश्वसनीय सहयोगी मीरमदान एवं मोहनलाल वीरगति को प्राप्त हुए ।
युद्ध से नवाब सिराजुद्दौला भागकर मुर्शिदाबाद चला गया जहां मीरजाफर के पुत्र मीरन ने मोहम्मद बेग के द्वारा उसकी हत्या करवा दी ।
अलीनगर संधि
यह संधि प्लासी युद्ध के पहले बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच फरवरी,1757 को हुई थी ।
इसमें अंग्रेजों का प्रतिनिधित्व क्लाइव और वाटसन ने किया था
Incorrect
व्याख्या-
प्लासी का युद्ध –
23 जून 1757 ई० को प्लासी का युद्ध बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और क्लाइव के बीच हुआ।
बंगाल में भागीरथी नदी के तट पर प्लासी स्थित है।
कंपनी की सेना ने रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में नवाब सिराज़ुद्दौला को हरा दिया था।
इस युद्ध में नवाब के विश्वसनीय सहयोगी मीरमदान एवं मोहनलाल वीरगति को प्राप्त हुए ।
युद्ध से नवाब सिराजुद्दौला भागकर मुर्शिदाबाद चला गया जहां मीरजाफर के पुत्र मीरन ने मोहम्मद बेग के द्वारा उसकी हत्या करवा दी ।
अलीनगर संधि
यह संधि प्लासी युद्ध के पहले बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच फरवरी,1757 को हुई थी ।
इसमें अंग्रेजों का प्रतिनिधित्व क्लाइव और वाटसन ने किया था
Unattempted
व्याख्या-
प्लासी का युद्ध –
23 जून 1757 ई० को प्लासी का युद्ध बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और क्लाइव के बीच हुआ।
बंगाल में भागीरथी नदी के तट पर प्लासी स्थित है।
कंपनी की सेना ने रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में नवाब सिराज़ुद्दौला को हरा दिया था।
इस युद्ध में नवाब के विश्वसनीय सहयोगी मीरमदान एवं मोहनलाल वीरगति को प्राप्त हुए ।
युद्ध से नवाब सिराजुद्दौला भागकर मुर्शिदाबाद चला गया जहां मीरजाफर के पुत्र मीरन ने मोहम्मद बेग के द्वारा उसकी हत्या करवा दी ।
अलीनगर संधि
यह संधि प्लासी युद्ध के पहले बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच फरवरी,1757 को हुई थी ।
इसमें अंग्रेजों का प्रतिनिधित्व क्लाइव और वाटसन ने किया था
Hint
Question 15 of 46
15. Question
1 points
निम्नलिखित में से किस एक ने 1764 के बक्सर के युद्ध में अंग्रेजों से जंग नहीं लड़ी थी?
Correct
व्याख्या-
बक्सर का युद्ध,1764-
1764 ई. के बक्सर के युद्ध ने भारतीयों के भाग्य का अंत कर दिया | इस युद्ध में एक ओर थीं तत्कालीन भारत की 3 प्रमुख शक्तियां और दूसरी ओर थे अंग्रेज ।
बक्सर (जो बनारस के पूर्व में स्थित है) के मैदान में अवध के नवाब, मुगल सम्राट तथा मीर कासिम की संयुक्त सेना अक्टूबर 1764 ई. को पहुंची और दूसरी ओर हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ।
22/23 अक्टूबर 1764 को निर्णायक बक्सर का युद्ध प्रारंभ हुआ युद्ध प्रारंभ होने से पूर्व ही अंग्रेजों ने अवध के नवाब की सेना से असद खान, साहूमल (रोहतास का सूबेदार) और जैनुल आबदीन को धन का लालच देकर अपनी ओर कर लिया ।
शीघ्र ही हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ने बक्सर के युद्ध को जीत लिया ।
इस युद्ध के बाद अंग्रेजों ने न केवल मुगल सम्राट से बंगाल, बिहार और उड़ीसा की दीवानी प्राप्त की बल्कि इस बात का भी संकेत स्पष्ट रूप से दिया कि अब भारत की संपूर्ण सत्ता अंग्रेजों के हाथों में स्थानांतरित हो जाएगी और भारतीयों को स्वाधीन रखने की शक्ति किसी में नहीं है।
मीर कासिम का संयुक्त गठबंधन बक्सर के युद्ध में इसलिए पराजित हो गया क्योंकि उसने युद्ध के लिए पर्याप्त तैयारी नहीं की थी । शाह आलम गुप्त रूप से अंग्रेजों से मिला (कुछ इतिहासकार ऐसा मानते हैं ) था तथा भारतीय सेना में अनेक प्रकार के दोष अंतर्निहित थे ।
बक्सर के युद्ध में पराजित होने के बाद शाह आलम जहां पहले ही अंग्रेजों के शरण में आ गया था वही अवध के नवाब ने कुछ दिन तक अंग्रेजों के विरुद्ध सैनिक सहायता हेतु भटकने के बाद मई, 1765 में अंग्रेजों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया ।
5 फरवरी 1765 को मीर जाफर की मृत्यु के बाद कंपनी ने उसके पुत्र नाज्मुद्दौला को अपने संरक्षण में बंगाल का नवाब बनाया ।
Incorrect
व्याख्या-
बक्सर का युद्ध,1764-
1764 ई. के बक्सर के युद्ध ने भारतीयों के भाग्य का अंत कर दिया | इस युद्ध में एक ओर थीं तत्कालीन भारत की 3 प्रमुख शक्तियां और दूसरी ओर थे अंग्रेज ।
बक्सर (जो बनारस के पूर्व में स्थित है) के मैदान में अवध के नवाब, मुगल सम्राट तथा मीर कासिम की संयुक्त सेना अक्टूबर 1764 ई. को पहुंची और दूसरी ओर हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ।
22/23 अक्टूबर 1764 को निर्णायक बक्सर का युद्ध प्रारंभ हुआ युद्ध प्रारंभ होने से पूर्व ही अंग्रेजों ने अवध के नवाब की सेना से असद खान, साहूमल (रोहतास का सूबेदार) और जैनुल आबदीन को धन का लालच देकर अपनी ओर कर लिया ।
शीघ्र ही हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ने बक्सर के युद्ध को जीत लिया ।
इस युद्ध के बाद अंग्रेजों ने न केवल मुगल सम्राट से बंगाल, बिहार और उड़ीसा की दीवानी प्राप्त की बल्कि इस बात का भी संकेत स्पष्ट रूप से दिया कि अब भारत की संपूर्ण सत्ता अंग्रेजों के हाथों में स्थानांतरित हो जाएगी और भारतीयों को स्वाधीन रखने की शक्ति किसी में नहीं है।
मीर कासिम का संयुक्त गठबंधन बक्सर के युद्ध में इसलिए पराजित हो गया क्योंकि उसने युद्ध के लिए पर्याप्त तैयारी नहीं की थी । शाह आलम गुप्त रूप से अंग्रेजों से मिला (कुछ इतिहासकार ऐसा मानते हैं ) था तथा भारतीय सेना में अनेक प्रकार के दोष अंतर्निहित थे ।
बक्सर के युद्ध में पराजित होने के बाद शाह आलम जहां पहले ही अंग्रेजों के शरण में आ गया था वही अवध के नवाब ने कुछ दिन तक अंग्रेजों के विरुद्ध सैनिक सहायता हेतु भटकने के बाद मई, 1765 में अंग्रेजों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया ।
5 फरवरी 1765 को मीर जाफर की मृत्यु के बाद कंपनी ने उसके पुत्र नाज्मुद्दौला को अपने संरक्षण में बंगाल का नवाब बनाया ।
Unattempted
व्याख्या-
बक्सर का युद्ध,1764-
1764 ई. के बक्सर के युद्ध ने भारतीयों के भाग्य का अंत कर दिया | इस युद्ध में एक ओर थीं तत्कालीन भारत की 3 प्रमुख शक्तियां और दूसरी ओर थे अंग्रेज ।
बक्सर (जो बनारस के पूर्व में स्थित है) के मैदान में अवध के नवाब, मुगल सम्राट तथा मीर कासिम की संयुक्त सेना अक्टूबर 1764 ई. को पहुंची और दूसरी ओर हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ।
22/23 अक्टूबर 1764 को निर्णायक बक्सर का युद्ध प्रारंभ हुआ युद्ध प्रारंभ होने से पूर्व ही अंग्रेजों ने अवध के नवाब की सेना से असद खान, साहूमल (रोहतास का सूबेदार) और जैनुल आबदीन को धन का लालच देकर अपनी ओर कर लिया ।
शीघ्र ही हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ने बक्सर के युद्ध को जीत लिया ।
इस युद्ध के बाद अंग्रेजों ने न केवल मुगल सम्राट से बंगाल, बिहार और उड़ीसा की दीवानी प्राप्त की बल्कि इस बात का भी संकेत स्पष्ट रूप से दिया कि अब भारत की संपूर्ण सत्ता अंग्रेजों के हाथों में स्थानांतरित हो जाएगी और भारतीयों को स्वाधीन रखने की शक्ति किसी में नहीं है।
मीर कासिम का संयुक्त गठबंधन बक्सर के युद्ध में इसलिए पराजित हो गया क्योंकि उसने युद्ध के लिए पर्याप्त तैयारी नहीं की थी । शाह आलम गुप्त रूप से अंग्रेजों से मिला (कुछ इतिहासकार ऐसा मानते हैं ) था तथा भारतीय सेना में अनेक प्रकार के दोष अंतर्निहित थे ।
बक्सर के युद्ध में पराजित होने के बाद शाह आलम जहां पहले ही अंग्रेजों के शरण में आ गया था वही अवध के नवाब ने कुछ दिन तक अंग्रेजों के विरुद्ध सैनिक सहायता हेतु भटकने के बाद मई, 1765 में अंग्रेजों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया ।
5 फरवरी 1765 को मीर जाफर की मृत्यु के बाद कंपनी ने उसके पुत्र नाज्मुद्दौला को अपने संरक्षण में बंगाल का नवाब बनाया ।
Question 16 of 46
16. Question
1 points
निम्नलिखित में से कौन 1764 ई० के बक्सर के युद्ध में मीर कासिम के साथी थे ?
Correct
व्याख्या-
बक्सर का युद्ध,1764
1764 ई. के बक्सर के युद्ध ने भारतीयों के भाग्य का अंत कर दिया
इस युद्ध में एक ओर थीं तत्कालीन भारत की 3 प्रमुख शक्तियां बंगाल के नवाब मीर कासिम के साथी मुगल सम्राट शाह आलम तथा अवध के नवाब शुजाउद्दौला थे।और दूसरी ओर थे अंग्रेज ।
बक्सर (जो बनारस के पूर्व में स्थित है) के मैदान में अवध के नवाब, मुगल सम्राट तथा मीर कासिम की संयुक्त सेना अक्टूबर 1764 ई. को पहुंची और दूसरी ओर हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ।
22/23 अक्टूबर 1764 को निर्णायक बक्सर का युद्ध प्रारंभ हुआ युद्ध प्रारंभ होने से पूर्व ही अंग्रेजों ने अवध के नवाब की सेना से असद खान, साहूमल (रोहतास का सूबेदार) और जैनुल आबदीन को धन का लालच देकर अपनी ओर कर लिया ।
शीघ्र ही हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ने बक्सर के युद्ध को जीत लिया ।
इस युद्ध के बाद अंग्रेजों ने न केवल मुगल सम्राट से बंगाल, बिहार और उड़ीसा की दीवानी प्राप्त की बल्कि इस बात का भी संकेत स्पष्ट रूप से दिया कि अब भारत की संपूर्ण सत्ता अंग्रेजों के हाथों में स्थानांतरित हो जाएगी और भारतीयों को स्वाधीन रखने की शक्ति किसी में नहीं है।
मीर कासिम का संयुक्त गठबंधन बक्सर के युद्ध में इसलिए पराजित हो गया क्योंकि उसने युद्ध के लिए पर्याप्त तैयारी नहीं की थी । शाह आलम गुप्त रूप से अंग्रेजों से मिला (कुछ इतिहासकार ऐसा मानते हैं ) था तथा भारतीय सेना में अनेक प्रकार के दोष अंतर्निहित थे ।
बक्सर के युद्ध में पराजित होने के बाद शाह आलम जहां पहले ही अंग्रेजों के शरण में आ गया था वही अवध के नवाब ने कुछ दिन तक अंग्रेजों के विरुद्ध सैनिक सहायता हेतु भटकने के बाद मई, 1765 में अंग्रेजों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया ।
5 फरवरी 1765 को मीर जाफर की मृत्यु के बाद कंपनी ने उसके पुत्र नाज्मुद्दौला को अपने संरक्षण में बंगाल का नवाब बनाया ।
Incorrect
व्याख्या-
बक्सर का युद्ध,1764
1764 ई. के बक्सर के युद्ध ने भारतीयों के भाग्य का अंत कर दिया
इस युद्ध में एक ओर थीं तत्कालीन भारत की 3 प्रमुख शक्तियां बंगाल के नवाब मीर कासिम के साथी मुगल सम्राट शाह आलम तथा अवध के नवाब शुजाउद्दौला थे।और दूसरी ओर थे अंग्रेज ।
बक्सर (जो बनारस के पूर्व में स्थित है) के मैदान में अवध के नवाब, मुगल सम्राट तथा मीर कासिम की संयुक्त सेना अक्टूबर 1764 ई. को पहुंची और दूसरी ओर हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ।
22/23 अक्टूबर 1764 को निर्णायक बक्सर का युद्ध प्रारंभ हुआ युद्ध प्रारंभ होने से पूर्व ही अंग्रेजों ने अवध के नवाब की सेना से असद खान, साहूमल (रोहतास का सूबेदार) और जैनुल आबदीन को धन का लालच देकर अपनी ओर कर लिया ।
शीघ्र ही हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ने बक्सर के युद्ध को जीत लिया ।
इस युद्ध के बाद अंग्रेजों ने न केवल मुगल सम्राट से बंगाल, बिहार और उड़ीसा की दीवानी प्राप्त की बल्कि इस बात का भी संकेत स्पष्ट रूप से दिया कि अब भारत की संपूर्ण सत्ता अंग्रेजों के हाथों में स्थानांतरित हो जाएगी और भारतीयों को स्वाधीन रखने की शक्ति किसी में नहीं है।
मीर कासिम का संयुक्त गठबंधन बक्सर के युद्ध में इसलिए पराजित हो गया क्योंकि उसने युद्ध के लिए पर्याप्त तैयारी नहीं की थी । शाह आलम गुप्त रूप से अंग्रेजों से मिला (कुछ इतिहासकार ऐसा मानते हैं ) था तथा भारतीय सेना में अनेक प्रकार के दोष अंतर्निहित थे ।
बक्सर के युद्ध में पराजित होने के बाद शाह आलम जहां पहले ही अंग्रेजों के शरण में आ गया था वही अवध के नवाब ने कुछ दिन तक अंग्रेजों के विरुद्ध सैनिक सहायता हेतु भटकने के बाद मई, 1765 में अंग्रेजों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया ।
5 फरवरी 1765 को मीर जाफर की मृत्यु के बाद कंपनी ने उसके पुत्र नाज्मुद्दौला को अपने संरक्षण में बंगाल का नवाब बनाया ।
Unattempted
व्याख्या-
बक्सर का युद्ध,1764
1764 ई. के बक्सर के युद्ध ने भारतीयों के भाग्य का अंत कर दिया
इस युद्ध में एक ओर थीं तत्कालीन भारत की 3 प्रमुख शक्तियां बंगाल के नवाब मीर कासिम के साथी मुगल सम्राट शाह आलम तथा अवध के नवाब शुजाउद्दौला थे।और दूसरी ओर थे अंग्रेज ।
बक्सर (जो बनारस के पूर्व में स्थित है) के मैदान में अवध के नवाब, मुगल सम्राट तथा मीर कासिम की संयुक्त सेना अक्टूबर 1764 ई. को पहुंची और दूसरी ओर हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ।
22/23 अक्टूबर 1764 को निर्णायक बक्सर का युद्ध प्रारंभ हुआ युद्ध प्रारंभ होने से पूर्व ही अंग्रेजों ने अवध के नवाब की सेना से असद खान, साहूमल (रोहतास का सूबेदार) और जैनुल आबदीन को धन का लालच देकर अपनी ओर कर लिया ।
शीघ्र ही हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ने बक्सर के युद्ध को जीत लिया ।
इस युद्ध के बाद अंग्रेजों ने न केवल मुगल सम्राट से बंगाल, बिहार और उड़ीसा की दीवानी प्राप्त की बल्कि इस बात का भी संकेत स्पष्ट रूप से दिया कि अब भारत की संपूर्ण सत्ता अंग्रेजों के हाथों में स्थानांतरित हो जाएगी और भारतीयों को स्वाधीन रखने की शक्ति किसी में नहीं है।
मीर कासिम का संयुक्त गठबंधन बक्सर के युद्ध में इसलिए पराजित हो गया क्योंकि उसने युद्ध के लिए पर्याप्त तैयारी नहीं की थी । शाह आलम गुप्त रूप से अंग्रेजों से मिला (कुछ इतिहासकार ऐसा मानते हैं ) था तथा भारतीय सेना में अनेक प्रकार के दोष अंतर्निहित थे ।
बक्सर के युद्ध में पराजित होने के बाद शाह आलम जहां पहले ही अंग्रेजों के शरण में आ गया था वही अवध के नवाब ने कुछ दिन तक अंग्रेजों के विरुद्ध सैनिक सहायता हेतु भटकने के बाद मई, 1765 में अंग्रेजों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया ।
5 फरवरी 1765 को मीर जाफर की मृत्यु के बाद कंपनी ने उसके पुत्र नाज्मुद्दौला को अपने संरक्षण में बंगाल का नवाब बनाया ।
Question 17 of 46
17. Question
1 points
किस बंगाल नवाब और ईस्ट इंडिया कम्पनी के बीच आन्तरिक व्यापार के युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न हो गयी?
Correct
व्याख्या-
बंगाल के नवाब मीर कासिम के समय ईस्ट इण्डिया कम्पनी और नवाब के मध्य युद्ध का प्रमुख कारण अंग्रेजों द्वारा निजी व्यापार हेतु दस्तक का दुरूपयोग किया जाना था।
दस्तक एक प्रकार का कर मुक्त व्यापार करने से सम्बन्धित परमिट होता था
Incorrect
व्याख्या-
बंगाल के नवाब मीर कासिम के समय ईस्ट इण्डिया कम्पनी और नवाब के मध्य युद्ध का प्रमुख कारण अंग्रेजों द्वारा निजी व्यापार हेतु दस्तक का दुरूपयोग किया जाना था।
दस्तक एक प्रकार का कर मुक्त व्यापार करने से सम्बन्धित परमिट होता था
Unattempted
व्याख्या-
बंगाल के नवाब मीर कासिम के समय ईस्ट इण्डिया कम्पनी और नवाब के मध्य युद्ध का प्रमुख कारण अंग्रेजों द्वारा निजी व्यापार हेतु दस्तक का दुरूपयोग किया जाना था।
दस्तक एक प्रकार का कर मुक्त व्यापार करने से सम्बन्धित परमिट होता था
Question 18 of 46
18. Question
1 points
बंगाल में दोहरी शासन व्यवस्था को किसने समाप्त कर दिया ?
Correct
व्याख्या-
बंगाल में दोहरी शासन व्यवस्था को बंगाल के अंग्रेज गवर्नर वारेन हेस्टिंग्स ने खत्म कर दिया था।
1765 ई. में बंगाल के प्रथम अंग्रेज गवर्नर क्लाइव ने दोहरी शासन व्यवस्था को प्रारम्भ किया था।
दोहरी शासन व्यवस्था में दीवानी अधिकार कम्पनी तथा प्रशासनिक अधिकार बंगाल के नवाब को सौंप दिये गये थे।
Incorrect
व्याख्या-
बंगाल में दोहरी शासन व्यवस्था को बंगाल के अंग्रेज गवर्नर वारेन हेस्टिंग्स ने खत्म कर दिया था।
1765 ई. में बंगाल के प्रथम अंग्रेज गवर्नर क्लाइव ने दोहरी शासन व्यवस्था को प्रारम्भ किया था।
दोहरी शासन व्यवस्था में दीवानी अधिकार कम्पनी तथा प्रशासनिक अधिकार बंगाल के नवाब को सौंप दिये गये थे।
Unattempted
व्याख्या-
बंगाल में दोहरी शासन व्यवस्था को बंगाल के अंग्रेज गवर्नर वारेन हेस्टिंग्स ने खत्म कर दिया था।
1765 ई. में बंगाल के प्रथम अंग्रेज गवर्नर क्लाइव ने दोहरी शासन व्यवस्था को प्रारम्भ किया था।
दोहरी शासन व्यवस्था में दीवानी अधिकार कम्पनी तथा प्रशासनिक अधिकार बंगाल के नवाब को सौंप दिये गये थे।
Question 19 of 46
19. Question
1 points
बक्सर का युद्ध लड़ा गया
Correct
व्याख्या-
बक्सर का युद्ध,1764-
बक्सर वर्तमान बिहार में स्थित एक जिला है।
बक्सर युद्ध के समय बंगाल का नवाब मीर जाफर था।
1764 ई. के बक्सर के युद्ध ने भारतीयों के भाग्य का अंत कर दिया
इस युद्ध में एक ओर थीं तत्कालीन भारत की 3 प्रमुख शक्तियां बंगाल के नवाब मीर कासिम के साथी मुगल सम्राट शाह आलम तथा अवध के नवाब शुजाउद्दौला थे।और दूसरी ओर थे अंग्रेज ।
बक्सर (जो बनारस के पूर्व में स्थित है) के मैदान में अवध के नवाब, मुगल सम्राट तथा मीर कासिम की संयुक्त सेना अक्टूबर 1764 ई. को पहुंची और दूसरी ओर हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ।
22/23 अक्टूबर 1764 को निर्णायक बक्सर का युद्ध प्रारंभ हुआ युद्ध प्रारंभ होने से पूर्व ही अंग्रेजों ने अवध के नवाब की सेना से असद खान, साहूमल (रोहतास का सूबेदार) और जैनुल आबदीन को धन का लालच देकर अपनी ओर कर लिया ।
शीघ्र ही हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ने बक्सर के युद्ध को जीत लिया ।
Incorrect
व्याख्या-
बक्सर का युद्ध,1764-
बक्सर वर्तमान बिहार में स्थित एक जिला है।
बक्सर युद्ध के समय बंगाल का नवाब मीर जाफर था।
1764 ई. के बक्सर के युद्ध ने भारतीयों के भाग्य का अंत कर दिया
इस युद्ध में एक ओर थीं तत्कालीन भारत की 3 प्रमुख शक्तियां बंगाल के नवाब मीर कासिम के साथी मुगल सम्राट शाह आलम तथा अवध के नवाब शुजाउद्दौला थे।और दूसरी ओर थे अंग्रेज ।
बक्सर (जो बनारस के पूर्व में स्थित है) के मैदान में अवध के नवाब, मुगल सम्राट तथा मीर कासिम की संयुक्त सेना अक्टूबर 1764 ई. को पहुंची और दूसरी ओर हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ।
22/23 अक्टूबर 1764 को निर्णायक बक्सर का युद्ध प्रारंभ हुआ युद्ध प्रारंभ होने से पूर्व ही अंग्रेजों ने अवध के नवाब की सेना से असद खान, साहूमल (रोहतास का सूबेदार) और जैनुल आबदीन को धन का लालच देकर अपनी ओर कर लिया ।
शीघ्र ही हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ने बक्सर के युद्ध को जीत लिया ।
Unattempted
व्याख्या-
बक्सर का युद्ध,1764-
बक्सर वर्तमान बिहार में स्थित एक जिला है।
बक्सर युद्ध के समय बंगाल का नवाब मीर जाफर था।
1764 ई. के बक्सर के युद्ध ने भारतीयों के भाग्य का अंत कर दिया
इस युद्ध में एक ओर थीं तत्कालीन भारत की 3 प्रमुख शक्तियां बंगाल के नवाब मीर कासिम के साथी मुगल सम्राट शाह आलम तथा अवध के नवाब शुजाउद्दौला थे।और दूसरी ओर थे अंग्रेज ।
बक्सर (जो बनारस के पूर्व में स्थित है) के मैदान में अवध के नवाब, मुगल सम्राट तथा मीर कासिम की संयुक्त सेना अक्टूबर 1764 ई. को पहुंची और दूसरी ओर हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ।
22/23 अक्टूबर 1764 को निर्णायक बक्सर का युद्ध प्रारंभ हुआ युद्ध प्रारंभ होने से पूर्व ही अंग्रेजों ने अवध के नवाब की सेना से असद खान, साहूमल (रोहतास का सूबेदार) और जैनुल आबदीन को धन का लालच देकर अपनी ओर कर लिया ।
शीघ्र ही हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ने बक्सर के युद्ध को जीत लिया ।
Question 20 of 46
20. Question
1 points
कम्पनी को बंगाल, बिहार, उड़ीसा की दीवानी प्रदान करने की शाहआलम द्वितीय के साथ 1765 ई० में सन्धि करने की बात किसने की थी?
Correct
व्याख्या-
इलाहाबाद की प्रथम संधि –
इलाहाबाद की संधि 12 अगस्त, 1765 ई० को राबर्ट क्लाइव मुगल सम्राट शाह आलम द्वितीय के मध्य हुई थी
शुजाउद्दौला को इलाहाबाद और कड़ा को शाह आलम द्वितीय को सौंपना पड़ा।
इलाहाबाद की संधि पर रॉबर्ट क्लाइव और शाह आलम- II के बीच भी हस्ताक्षर हुआ था।
शाह आलम को इलाहाबाद में निवास करने का आदेश दिया गया था, जिसे ईस्ट इंडिया कंपनी के संरक्षण के तहत शुजाउद्दौला द्वारा उन्हें सौंप दिया गया था।
बादशाह को 26 लाख रुपये के वार्षिक भुगतान के एवज में बंगाल, बिहार और उड़ीसा के दीवानी को ईआईसी को देने का फरमान जारी करना पड़ा।
शाहआलम ने नज्मुउद्दौला को बंगाल का नवाब भी स्वीकार कर लिया।
Incorrect
व्याख्या-
इलाहाबाद की प्रथम संधि –
इलाहाबाद की संधि 12 अगस्त, 1765 ई० को राबर्ट क्लाइव मुगल सम्राट शाह आलम द्वितीय के मध्य हुई थी
शुजाउद्दौला को इलाहाबाद और कड़ा को शाह आलम द्वितीय को सौंपना पड़ा।
इलाहाबाद की संधि पर रॉबर्ट क्लाइव और शाह आलम- II के बीच भी हस्ताक्षर हुआ था।
शाह आलम को इलाहाबाद में निवास करने का आदेश दिया गया था, जिसे ईस्ट इंडिया कंपनी के संरक्षण के तहत शुजाउद्दौला द्वारा उन्हें सौंप दिया गया था।
बादशाह को 26 लाख रुपये के वार्षिक भुगतान के एवज में बंगाल, बिहार और उड़ीसा के दीवानी को ईआईसी को देने का फरमान जारी करना पड़ा।
शाहआलम ने नज्मुउद्दौला को बंगाल का नवाब भी स्वीकार कर लिया।
Unattempted
व्याख्या-
इलाहाबाद की प्रथम संधि –
इलाहाबाद की संधि 12 अगस्त, 1765 ई० को राबर्ट क्लाइव मुगल सम्राट शाह आलम द्वितीय के मध्य हुई थी
शुजाउद्दौला को इलाहाबाद और कड़ा को शाह आलम द्वितीय को सौंपना पड़ा।
इलाहाबाद की संधि पर रॉबर्ट क्लाइव और शाह आलम- II के बीच भी हस्ताक्षर हुआ था।
शाह आलम को इलाहाबाद में निवास करने का आदेश दिया गया था, जिसे ईस्ट इंडिया कंपनी के संरक्षण के तहत शुजाउद्दौला द्वारा उन्हें सौंप दिया गया था।
बादशाह को 26 लाख रुपये के वार्षिक भुगतान के एवज में बंगाल, बिहार और उड़ीसा के दीवानी को ईआईसी को देने का फरमान जारी करना पड़ा।
शाहआलम ने नज्मुउद्दौला को बंगाल का नवाब भी स्वीकार कर लिया।
Question 21 of 46
21. Question
1 points
बक्सर की लड़ाई (1764) में
Correct
व्याख्या-
बक्सर का युद्ध,1764
बक्सर वर्तमान बिहार में स्थित एक जिला है।
बक्सर युद्ध के समय बंगाल का नवाब मीर जाफर था।
1764 ई. के बक्सर के युद्ध ने भारतीयों के भाग्य का अंत कर दिया
इस युद्ध में एक ओर थीं तत्कालीन भारत की 3 प्रमुख शक्तियां बंगाल के नवाब मीर कासिम के साथी मुगल सम्राट शाह आलम तथा अवध के नवाब शुजाउद्दौला थे।और दूसरी ओर थे अंग्रेज ।
बक्सर (जो बनारस के पूर्व में स्थित है) के मैदान में अवध के नवाब, मुगल सम्राट तथा मीर कासिम की संयुक्त सेना अक्टूबर 1764 ई. को पहुंची और दूसरी ओर हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ।
22/23 अक्टूबर 1764 को निर्णायक बक्सर का युद्ध प्रारंभ हुआ युद्ध प्रारंभ होने से पूर्व ही अंग्रेजों ने अवध के नवाब की सेना से असद खान, साहूमल (रोहतास का सूबेदार) और जैनुल आबदीन को धन का लालच देकर अपनी ओर कर लिया ।
शीघ्र ही हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ने बक्सर के युद्ध को जीत लिया ।
बक्सर के युद्ध में बंगाल के नवाब को हानि पहुँची।
Incorrect
व्याख्या-
बक्सर का युद्ध,1764
बक्सर वर्तमान बिहार में स्थित एक जिला है।
बक्सर युद्ध के समय बंगाल का नवाब मीर जाफर था।
1764 ई. के बक्सर के युद्ध ने भारतीयों के भाग्य का अंत कर दिया
इस युद्ध में एक ओर थीं तत्कालीन भारत की 3 प्रमुख शक्तियां बंगाल के नवाब मीर कासिम के साथी मुगल सम्राट शाह आलम तथा अवध के नवाब शुजाउद्दौला थे।और दूसरी ओर थे अंग्रेज ।
बक्सर (जो बनारस के पूर्व में स्थित है) के मैदान में अवध के नवाब, मुगल सम्राट तथा मीर कासिम की संयुक्त सेना अक्टूबर 1764 ई. को पहुंची और दूसरी ओर हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ।
22/23 अक्टूबर 1764 को निर्णायक बक्सर का युद्ध प्रारंभ हुआ युद्ध प्रारंभ होने से पूर्व ही अंग्रेजों ने अवध के नवाब की सेना से असद खान, साहूमल (रोहतास का सूबेदार) और जैनुल आबदीन को धन का लालच देकर अपनी ओर कर लिया ।
शीघ्र ही हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ने बक्सर के युद्ध को जीत लिया ।
बक्सर के युद्ध में बंगाल के नवाब को हानि पहुँची।
Unattempted
व्याख्या-
बक्सर का युद्ध,1764
बक्सर वर्तमान बिहार में स्थित एक जिला है।
बक्सर युद्ध के समय बंगाल का नवाब मीर जाफर था।
1764 ई. के बक्सर के युद्ध ने भारतीयों के भाग्य का अंत कर दिया
इस युद्ध में एक ओर थीं तत्कालीन भारत की 3 प्रमुख शक्तियां बंगाल के नवाब मीर कासिम के साथी मुगल सम्राट शाह आलम तथा अवध के नवाब शुजाउद्दौला थे।और दूसरी ओर थे अंग्रेज ।
बक्सर (जो बनारस के पूर्व में स्थित है) के मैदान में अवध के नवाब, मुगल सम्राट तथा मीर कासिम की संयुक्त सेना अक्टूबर 1764 ई. को पहुंची और दूसरी ओर हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ।
22/23 अक्टूबर 1764 को निर्णायक बक्सर का युद्ध प्रारंभ हुआ युद्ध प्रारंभ होने से पूर्व ही अंग्रेजों ने अवध के नवाब की सेना से असद खान, साहूमल (रोहतास का सूबेदार) और जैनुल आबदीन को धन का लालच देकर अपनी ओर कर लिया ।
शीघ्र ही हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ने बक्सर के युद्ध को जीत लिया ।
बक्सर के युद्ध में बंगाल के नवाब को हानि पहुँची।
Question 22 of 46
22. Question
1 points
कलकत्ता का संस्थापक कौन माना जाता है
Correct
व्याख्या-
कलकत्ता का संस्थापक -जॉब चार्नाक
बंबई का संस्थापक -जेराल्ड औंगियार
पाण्डिचेरी का संस्थापक -फ्रांसिस मार्टिन
मद्रास का संस्थापक -फ्रांसिस डे
Incorrect
व्याख्या-
कलकत्ता का संस्थापक -जॉब चार्नाक
बंबई का संस्थापक -जेराल्ड औंगियार
पाण्डिचेरी का संस्थापक -फ्रांसिस मार्टिन
मद्रास का संस्थापक -फ्रांसिस डे
Unattempted
व्याख्या-
कलकत्ता का संस्थापक -जॉब चार्नाक
बंबई का संस्थापक -जेराल्ड औंगियार
पाण्डिचेरी का संस्थापक -फ्रांसिस मार्टिन
मद्रास का संस्थापक -फ्रांसिस डे
Question 23 of 46
23. Question
1 points
अंग्रेजो से मतभेद होने पर मीरकासिम अपनी राजधानी कहाँ ले गया
Correct
व्याख्या-
1700 ई० में औरंगजेब द्वारा मुर्शीद कुली जाफर खाँ को बंगाल का दीवान एवं मर्शिदाबाद का फौजदार नियुक्त किया गया था।
1713 ई० में इसे बंगाल का उपशासक व 1717 ई० में बंगाल का नवाब बना दिया गया।
मुर्शीद कुली जाफर खाँ ने बंगाल की राजधानी ढाका से बदलकर मुर्शिदाबाद स्थानान्तरित कर दी
1760 ई० में मीरकासिम ने बंगाल की राजधानी मुंगेर में स्थानान्तरित कर दी।
Incorrect
व्याख्या-
1700 ई० में औरंगजेब द्वारा मुर्शीद कुली जाफर खाँ को बंगाल का दीवान एवं मर्शिदाबाद का फौजदार नियुक्त किया गया था।
1713 ई० में इसे बंगाल का उपशासक व 1717 ई० में बंगाल का नवाब बना दिया गया।
मुर्शीद कुली जाफर खाँ ने बंगाल की राजधानी ढाका से बदलकर मुर्शिदाबाद स्थानान्तरित कर दी
1760 ई० में मीरकासिम ने बंगाल की राजधानी मुंगेर में स्थानान्तरित कर दी।
Unattempted
व्याख्या-
1700 ई० में औरंगजेब द्वारा मुर्शीद कुली जाफर खाँ को बंगाल का दीवान एवं मर्शिदाबाद का फौजदार नियुक्त किया गया था।
1713 ई० में इसे बंगाल का उपशासक व 1717 ई० में बंगाल का नवाब बना दिया गया।
मुर्शीद कुली जाफर खाँ ने बंगाल की राजधानी ढाका से बदलकर मुर्शिदाबाद स्थानान्तरित कर दी
1760 ई० में मीरकासिम ने बंगाल की राजधानी मुंगेर में स्थानान्तरित कर दी।
Question 24 of 46
24. Question
1 points
सिराजुद्दौला ने अंग्रेजों से कौन सी संधि की
Correct
व्याख्या-
प्लासी का युद्ध –
23 जून 1757 ई० को प्लासी का युद्ध बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और क्लाइव के बीच हुआ।
बंगाल में भागीरथी नदी के तट पर प्लासी स्थित है।
कंपनी की सेना ने रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में नवाब सिराज़ुद्दौला को हरा दिया था।
इस युद्ध में नवाब के विश्वसनीय सहयोगी मीरमदान एवं मोहनलाल वीरगति को प्राप्त हुए ।
युद्ध से नवाब सिराजुद्दौला भागकर मुर्शिदाबाद चला गया जहां मीरजाफर के पुत्र मीरन ने मोहम्मद बेग के द्वारा उसकी हत्या करवा दी ।
अलीनगर संधि
यह संधि प्लासी युद्ध के पहले बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच फरवरी,1757 को हुई थी ।
इसमें अंग्रेजों का प्रतिनिधित्व क्लाइव और वाटसन ने किया था
Incorrect
व्याख्या-
प्लासी का युद्ध –
23 जून 1757 ई० को प्लासी का युद्ध बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और क्लाइव के बीच हुआ।
बंगाल में भागीरथी नदी के तट पर प्लासी स्थित है।
कंपनी की सेना ने रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में नवाब सिराज़ुद्दौला को हरा दिया था।
इस युद्ध में नवाब के विश्वसनीय सहयोगी मीरमदान एवं मोहनलाल वीरगति को प्राप्त हुए ।
युद्ध से नवाब सिराजुद्दौला भागकर मुर्शिदाबाद चला गया जहां मीरजाफर के पुत्र मीरन ने मोहम्मद बेग के द्वारा उसकी हत्या करवा दी ।
अलीनगर संधि
यह संधि प्लासी युद्ध के पहले बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच फरवरी,1757 को हुई थी ।
इसमें अंग्रेजों का प्रतिनिधित्व क्लाइव और वाटसन ने किया था
Unattempted
व्याख्या-
प्लासी का युद्ध –
23 जून 1757 ई० को प्लासी का युद्ध बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और क्लाइव के बीच हुआ।
बंगाल में भागीरथी नदी के तट पर प्लासी स्थित है।
कंपनी की सेना ने रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में नवाब सिराज़ुद्दौला को हरा दिया था।
इस युद्ध में नवाब के विश्वसनीय सहयोगी मीरमदान एवं मोहनलाल वीरगति को प्राप्त हुए ।
युद्ध से नवाब सिराजुद्दौला भागकर मुर्शिदाबाद चला गया जहां मीरजाफर के पुत्र मीरन ने मोहम्मद बेग के द्वारा उसकी हत्या करवा दी ।
अलीनगर संधि
यह संधि प्लासी युद्ध के पहले बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच फरवरी,1757 को हुई थी ।
इसमें अंग्रेजों का प्रतिनिधित्व क्लाइव और वाटसन ने किया था
Question 25 of 46
25. Question
1 points
बक्सर का युद्ध का विजेता कौन था
Correct
व्याख्या-
बक्सर का युद्ध,1764-
बक्सर वर्तमान बिहार में स्थित एक जिला है।
बक्सर युद्ध के समय बंगाल का नवाब मीर जाफर था।
1764 ई. के बक्सर के युद्ध ने भारतीयों के भाग्य का अंत कर दिया
इस युद्ध में एक ओर थीं तत्कालीन भारत की 3 प्रमुख शक्तियां बंगाल के नवाब मीर कासिम के साथी मुगल सम्राट शाह आलम तथा अवध के नवाब शुजाउद्दौला थे।और दूसरी ओर थे अंग्रेज ।
बक्सर (जो बनारस के पूर्व में स्थित है) के मैदान में अवध के नवाब, मुगल सम्राट तथा मीर कासिम की संयुक्त सेना अक्टूबर 1764 ई. को पहुंची और दूसरी ओर हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ।
22/23 अक्टूबर 1764 को निर्णायक बक्सर का युद्ध प्रारंभ हुआ युद्ध प्रारंभ होने से पूर्व ही अंग्रेजों ने अवध के नवाब की सेना से असद खान, साहूमल (रोहतास का सूबेदार) और जैनुल आबदीन को धन का लालच देकर अपनी ओर कर लिया ।
शीघ्र ही हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ने बक्सर के युद्ध को जीत लिया ।
बक्सर के युद्ध में बंगाल के नवाब को हानि पहुँची।
Incorrect
व्याख्या-
बक्सर का युद्ध,1764-
बक्सर वर्तमान बिहार में स्थित एक जिला है।
बक्सर युद्ध के समय बंगाल का नवाब मीर जाफर था।
1764 ई. के बक्सर के युद्ध ने भारतीयों के भाग्य का अंत कर दिया
इस युद्ध में एक ओर थीं तत्कालीन भारत की 3 प्रमुख शक्तियां बंगाल के नवाब मीर कासिम के साथी मुगल सम्राट शाह आलम तथा अवध के नवाब शुजाउद्दौला थे।और दूसरी ओर थे अंग्रेज ।
बक्सर (जो बनारस के पूर्व में स्थित है) के मैदान में अवध के नवाब, मुगल सम्राट तथा मीर कासिम की संयुक्त सेना अक्टूबर 1764 ई. को पहुंची और दूसरी ओर हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ।
22/23 अक्टूबर 1764 को निर्णायक बक्सर का युद्ध प्रारंभ हुआ युद्ध प्रारंभ होने से पूर्व ही अंग्रेजों ने अवध के नवाब की सेना से असद खान, साहूमल (रोहतास का सूबेदार) और जैनुल आबदीन को धन का लालच देकर अपनी ओर कर लिया ।
शीघ्र ही हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ने बक्सर के युद्ध को जीत लिया ।
बक्सर के युद्ध में बंगाल के नवाब को हानि पहुँची।
Unattempted
व्याख्या-
बक्सर का युद्ध,1764-
बक्सर वर्तमान बिहार में स्थित एक जिला है।
बक्सर युद्ध के समय बंगाल का नवाब मीर जाफर था।
1764 ई. के बक्सर के युद्ध ने भारतीयों के भाग्य का अंत कर दिया
इस युद्ध में एक ओर थीं तत्कालीन भारत की 3 प्रमुख शक्तियां बंगाल के नवाब मीर कासिम के साथी मुगल सम्राट शाह आलम तथा अवध के नवाब शुजाउद्दौला थे।और दूसरी ओर थे अंग्रेज ।
बक्सर (जो बनारस के पूर्व में स्थित है) के मैदान में अवध के नवाब, मुगल सम्राट तथा मीर कासिम की संयुक्त सेना अक्टूबर 1764 ई. को पहुंची और दूसरी ओर हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ।
22/23 अक्टूबर 1764 को निर्णायक बक्सर का युद्ध प्रारंभ हुआ युद्ध प्रारंभ होने से पूर्व ही अंग्रेजों ने अवध के नवाब की सेना से असद खान, साहूमल (रोहतास का सूबेदार) और जैनुल आबदीन को धन का लालच देकर अपनी ओर कर लिया ।
शीघ्र ही हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ने बक्सर के युद्ध को जीत लिया ।
बक्सर के युद्ध में बंगाल के नवाब को हानि पहुँची।
Question 26 of 46
26. Question
1 points
द्वैध शासन प्रणाली के विषय में कौन सा कथन असत्य है
Correct
व्याख्या-
बंगाल में द्वैध शासन-
राबर्ट क्लाइव द्वारा मुगल सम्राट शाह आलम से दीवानी प्राप्त कर लेने के बाद बंगाल में जो शासन व्यवस्था कायम हुई उसे द्वैध शासन के नाम से जाना जाता है।
द्वैध शासन में प्रशासनिक दायित्व तो बंगाल के नवाब के हाथों में था लेकिन राजस्व वसूली का दायित्व ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के पास था।
1765 ई. के अगस्त महीने में स्थापित द्वैध शासन व्यवस्था के अनुसार वित्त अर्थात कर वसूली का अधिकार कंपनी को मिला जबकि प्रशासन नवाब के हाथों में बने रहने दिया गया सबसे बड़ी बात यह है कि नवाब और कंपनी दोनों की अलग-अलग स्वतंत्रता थी।
1764 ई. के बक्सर युद्ध की समाप्ति के बाद इलाहाबाद की संधि मुगल सम्राट शाह आलम तथा अंग्रेजों के बीच संपन्न हुई, संधि के तहत कंपनी को 1765 ई. में बंगाल बिहार और उड़ीसा की दीवानी प्राप्त हुई तथा यहीं से बंगाल में द्वैध शासन की स्थापना हुई।
दीवानी का अर्थ होता है मालगुजारी वसूल करने का अधिकार। दीवानी और निजामत दोनों अधिकार प्राप्त कर लेने के बाद ही कंपनी ने बंगाल में द्वैध शासन की शुरुआत की।
द्वैध शासन जिसकी शुरुआत बंगाल में 1765 से मानी जाती है, के अंतर्गत कंपनी दीवानी और निजामत के कार्यों का निष्पादन भारतीयों के माध्यम से करती थी लेकिन वास्तविक शक्ति कंपनी के पास होती थी।।
व्यक्तिगत व्यापार के दोष चरम सीमा पर पहुँचे
किसानों पर अत्याचार हुऐ
कंपनी के कर्मचारी धनवान हो गये
1772 ई० में कोर्ट ऑफ डायरेक्टर्स ने द्वैध प्रणाली को समाप्त करने का निर्णय लिया।
Incorrect
व्याख्या-
बंगाल में द्वैध शासन-
राबर्ट क्लाइव द्वारा मुगल सम्राट शाह आलम से दीवानी प्राप्त कर लेने के बाद बंगाल में जो शासन व्यवस्था कायम हुई उसे द्वैध शासन के नाम से जाना जाता है।
द्वैध शासन में प्रशासनिक दायित्व तो बंगाल के नवाब के हाथों में था लेकिन राजस्व वसूली का दायित्व ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के पास था।
1765 ई. के अगस्त महीने में स्थापित द्वैध शासन व्यवस्था के अनुसार वित्त अर्थात कर वसूली का अधिकार कंपनी को मिला जबकि प्रशासन नवाब के हाथों में बने रहने दिया गया सबसे बड़ी बात यह है कि नवाब और कंपनी दोनों की अलग-अलग स्वतंत्रता थी।
1764 ई. के बक्सर युद्ध की समाप्ति के बाद इलाहाबाद की संधि मुगल सम्राट शाह आलम तथा अंग्रेजों के बीच संपन्न हुई, संधि के तहत कंपनी को 1765 ई. में बंगाल बिहार और उड़ीसा की दीवानी प्राप्त हुई तथा यहीं से बंगाल में द्वैध शासन की स्थापना हुई।
दीवानी का अर्थ होता है मालगुजारी वसूल करने का अधिकार। दीवानी और निजामत दोनों अधिकार प्राप्त कर लेने के बाद ही कंपनी ने बंगाल में द्वैध शासन की शुरुआत की।
द्वैध शासन जिसकी शुरुआत बंगाल में 1765 से मानी जाती है, के अंतर्गत कंपनी दीवानी और निजामत के कार्यों का निष्पादन भारतीयों के माध्यम से करती थी लेकिन वास्तविक शक्ति कंपनी के पास होती थी।।
व्यक्तिगत व्यापार के दोष चरम सीमा पर पहुँचे
किसानों पर अत्याचार हुऐ
कंपनी के कर्मचारी धनवान हो गये
1772 ई० में कोर्ट ऑफ डायरेक्टर्स ने द्वैध प्रणाली को समाप्त करने का निर्णय लिया।
Unattempted
व्याख्या-
बंगाल में द्वैध शासन-
राबर्ट क्लाइव द्वारा मुगल सम्राट शाह आलम से दीवानी प्राप्त कर लेने के बाद बंगाल में जो शासन व्यवस्था कायम हुई उसे द्वैध शासन के नाम से जाना जाता है।
द्वैध शासन में प्रशासनिक दायित्व तो बंगाल के नवाब के हाथों में था लेकिन राजस्व वसूली का दायित्व ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के पास था।
1765 ई. के अगस्त महीने में स्थापित द्वैध शासन व्यवस्था के अनुसार वित्त अर्थात कर वसूली का अधिकार कंपनी को मिला जबकि प्रशासन नवाब के हाथों में बने रहने दिया गया सबसे बड़ी बात यह है कि नवाब और कंपनी दोनों की अलग-अलग स्वतंत्रता थी।
1764 ई. के बक्सर युद्ध की समाप्ति के बाद इलाहाबाद की संधि मुगल सम्राट शाह आलम तथा अंग्रेजों के बीच संपन्न हुई, संधि के तहत कंपनी को 1765 ई. में बंगाल बिहार और उड़ीसा की दीवानी प्राप्त हुई तथा यहीं से बंगाल में द्वैध शासन की स्थापना हुई।
दीवानी का अर्थ होता है मालगुजारी वसूल करने का अधिकार। दीवानी और निजामत दोनों अधिकार प्राप्त कर लेने के बाद ही कंपनी ने बंगाल में द्वैध शासन की शुरुआत की।
द्वैध शासन जिसकी शुरुआत बंगाल में 1765 से मानी जाती है, के अंतर्गत कंपनी दीवानी और निजामत के कार्यों का निष्पादन भारतीयों के माध्यम से करती थी लेकिन वास्तविक शक्ति कंपनी के पास होती थी।।
व्यक्तिगत व्यापार के दोष चरम सीमा पर पहुँचे
किसानों पर अत्याचार हुऐ
कंपनी के कर्मचारी धनवान हो गये
1772 ई० में कोर्ट ऑफ डायरेक्टर्स ने द्वैध प्रणाली को समाप्त करने का निर्णय लिया।
Question 27 of 46
27. Question
1 points
बक्सर के युद्ध का मुख्य कारण क्या था
Correct
व्याख्या-
बक्सर के युद्ध का मुख्य कारण -1717 ई० के वाणिज्यिक फरमान का कंपनी के कर्मचारियों द्वारा दुरूपयोग था।
बक्सर का युद्ध,1764
बक्सर वर्तमान बिहार में स्थित एक जिला है।
बक्सर युद्ध के समय बंगाल का नवाब मीर जाफर था।
1764 ई. के बक्सर के युद्ध ने भारतीयों के भाग्य का अंत कर दिया
इस युद्ध में एक ओर थीं तत्कालीन भारत की 3 प्रमुख शक्तियां बंगाल के नवाब मीर कासिम के साथी मुगल सम्राट शाह आलम तथा अवध के नवाब शुजाउद्दौला थे।और दूसरी ओर थे अंग्रेज ।
बक्सर (जो बनारस के पूर्व में स्थित है) के मैदान में अवध के नवाब, मुगल सम्राट तथा मीर कासिम की संयुक्त सेना अक्टूबर 1764 ई. को पहुंची और दूसरी ओर हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ।
22/23 अक्टूबर 1764 को निर्णायक बक्सर का युद्ध प्रारंभ हुआ युद्ध प्रारंभ होने से पूर्व ही अंग्रेजों ने अवध के नवाब की सेना से असद खान, साहूमल (रोहतास का सूबेदार) और जैनुल आबदीन को धन का लालच देकर अपनी ओर कर लिया ।
शीघ्र ही हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ने बक्सर के युद्ध को जीत लिया ।
बक्सर के युद्ध में बंगाल के नवाब को हानि पहुँची।
Incorrect
व्याख्या-
बक्सर के युद्ध का मुख्य कारण -1717 ई० के वाणिज्यिक फरमान का कंपनी के कर्मचारियों द्वारा दुरूपयोग था।
बक्सर का युद्ध,1764
बक्सर वर्तमान बिहार में स्थित एक जिला है।
बक्सर युद्ध के समय बंगाल का नवाब मीर जाफर था।
1764 ई. के बक्सर के युद्ध ने भारतीयों के भाग्य का अंत कर दिया
इस युद्ध में एक ओर थीं तत्कालीन भारत की 3 प्रमुख शक्तियां बंगाल के नवाब मीर कासिम के साथी मुगल सम्राट शाह आलम तथा अवध के नवाब शुजाउद्दौला थे।और दूसरी ओर थे अंग्रेज ।
बक्सर (जो बनारस के पूर्व में स्थित है) के मैदान में अवध के नवाब, मुगल सम्राट तथा मीर कासिम की संयुक्त सेना अक्टूबर 1764 ई. को पहुंची और दूसरी ओर हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ।
22/23 अक्टूबर 1764 को निर्णायक बक्सर का युद्ध प्रारंभ हुआ युद्ध प्रारंभ होने से पूर्व ही अंग्रेजों ने अवध के नवाब की सेना से असद खान, साहूमल (रोहतास का सूबेदार) और जैनुल आबदीन को धन का लालच देकर अपनी ओर कर लिया ।
शीघ्र ही हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ने बक्सर के युद्ध को जीत लिया ।
बक्सर के युद्ध में बंगाल के नवाब को हानि पहुँची।
Unattempted
व्याख्या-
बक्सर के युद्ध का मुख्य कारण -1717 ई० के वाणिज्यिक फरमान का कंपनी के कर्मचारियों द्वारा दुरूपयोग था।
बक्सर का युद्ध,1764
बक्सर वर्तमान बिहार में स्थित एक जिला है।
बक्सर युद्ध के समय बंगाल का नवाब मीर जाफर था।
1764 ई. के बक्सर के युद्ध ने भारतीयों के भाग्य का अंत कर दिया
इस युद्ध में एक ओर थीं तत्कालीन भारत की 3 प्रमुख शक्तियां बंगाल के नवाब मीर कासिम के साथी मुगल सम्राट शाह आलम तथा अवध के नवाब शुजाउद्दौला थे।और दूसरी ओर थे अंग्रेज ।
बक्सर (जो बनारस के पूर्व में स्थित है) के मैदान में अवध के नवाब, मुगल सम्राट तथा मीर कासिम की संयुक्त सेना अक्टूबर 1764 ई. को पहुंची और दूसरी ओर हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ।
22/23 अक्टूबर 1764 को निर्णायक बक्सर का युद्ध प्रारंभ हुआ युद्ध प्रारंभ होने से पूर्व ही अंग्रेजों ने अवध के नवाब की सेना से असद खान, साहूमल (रोहतास का सूबेदार) और जैनुल आबदीन को धन का लालच देकर अपनी ओर कर लिया ।
शीघ्र ही हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में अंग्रेजी सेना ने बक्सर के युद्ध को जीत लिया ।
बक्सर के युद्ध में बंगाल के नवाब को हानि पहुँची।
Question 28 of 46
28. Question
1 points
क्लाइव के बारे में एक गलत कथन बताइये
Correct
व्याख्या-
बक्सर का युद्ध,1764 में हुआ
बक्सर वर्तमान बिहार में स्थित एक जिला है।
बक्सर युद्ध के समय बंगाल का नवाब मीर जाफर था।
बक्सर (1764 ई) के युद्ध के समय वेन्सिटार्ट बंगाल का गवर्नर था।
क्लाइव ने मीर कासिम को बक्सर के युद्ध में नहीं हराया जबकि वेंसिटार्ट ने मीर कासिम को बक्सर के युद्ध में हराया
क्लाइव ने बक्सर के युद्ध में बंगाल के नवाब मीर कासिम के साथी मुगल सम्राट शाह आलम तथा अवध के नवाब शुजाउद्दौला की सयुक्त सेना हराया।
क्लाइव ने नवाब को अवध वापस कर दिया।
क्लाइव ने शाह आलम को इलाहाबाद व कड़ा दिया।
क्लाइव को मुगल सम्राट से दीवानी प्राप्त हुई।
Incorrect
व्याख्या-
बक्सर का युद्ध,1764 में हुआ
बक्सर वर्तमान बिहार में स्थित एक जिला है।
बक्सर युद्ध के समय बंगाल का नवाब मीर जाफर था।
बक्सर (1764 ई) के युद्ध के समय वेन्सिटार्ट बंगाल का गवर्नर था।
क्लाइव ने मीर कासिम को बक्सर के युद्ध में नहीं हराया जबकि वेंसिटार्ट ने मीर कासिम को बक्सर के युद्ध में हराया
क्लाइव ने बक्सर के युद्ध में बंगाल के नवाब मीर कासिम के साथी मुगल सम्राट शाह आलम तथा अवध के नवाब शुजाउद्दौला की सयुक्त सेना हराया।
क्लाइव ने नवाब को अवध वापस कर दिया।
क्लाइव ने शाह आलम को इलाहाबाद व कड़ा दिया।
क्लाइव को मुगल सम्राट से दीवानी प्राप्त हुई।
Unattempted
व्याख्या-
बक्सर का युद्ध,1764 में हुआ
बक्सर वर्तमान बिहार में स्थित एक जिला है।
बक्सर युद्ध के समय बंगाल का नवाब मीर जाफर था।
बक्सर (1764 ई) के युद्ध के समय वेन्सिटार्ट बंगाल का गवर्नर था।
क्लाइव ने मीर कासिम को बक्सर के युद्ध में नहीं हराया जबकि वेंसिटार्ट ने मीर कासिम को बक्सर के युद्ध में हराया
क्लाइव ने बक्सर के युद्ध में बंगाल के नवाब मीर कासिम के साथी मुगल सम्राट शाह आलम तथा अवध के नवाब शुजाउद्दौला की सयुक्त सेना हराया।
क्लाइव ने नवाब को अवध वापस कर दिया।
क्लाइव ने शाह आलम को इलाहाबाद व कड़ा दिया।
क्लाइव को मुगल सम्राट से दीवानी प्राप्त हुई।
Question 29 of 46
29. Question
1 points
बक्सर के युद्ध (1764) में कौन-कौन मित्र थे.
Correct
व्याख्या-
बक्सर का युद्ध,1764 में हुआ
बक्सर वर्तमान बिहार में स्थित एक जिला है।
बक्सर युद्ध के समय बंगाल का नवाब मीर जाफर था।
बक्सर (1764 ई) के युद्ध के समय वेन्सिटार्ट बंगाल का गवर्नर था।
बक्सर युद्ध में अंग्रेजी सेना का सेनापति हेक्टर मुनरो था।
क्लाइव ने बक्सर के युद्ध में बंगाल के नवाब मीर कासिम के साथी मुगल सम्राट शाह आलम तथा अवध के नवाब शुजाउद्दौला की सयुक्त सेना हराया।
क्लाइव ने नवाब को अवध वापस कर दिया।
क्लाइव ने शाह आलम को इलाहाबाद व कड़ा दिया।
क्लाइव को मुगल सम्राट से दीवानी प्राप्त हुई।
Incorrect
व्याख्या-
बक्सर का युद्ध,1764 में हुआ
बक्सर वर्तमान बिहार में स्थित एक जिला है।
बक्सर युद्ध के समय बंगाल का नवाब मीर जाफर था।
बक्सर (1764 ई) के युद्ध के समय वेन्सिटार्ट बंगाल का गवर्नर था।
बक्सर युद्ध में अंग्रेजी सेना का सेनापति हेक्टर मुनरो था।
क्लाइव ने बक्सर के युद्ध में बंगाल के नवाब मीर कासिम के साथी मुगल सम्राट शाह आलम तथा अवध के नवाब शुजाउद्दौला की सयुक्त सेना हराया।
क्लाइव ने नवाब को अवध वापस कर दिया।
क्लाइव ने शाह आलम को इलाहाबाद व कड़ा दिया।
क्लाइव को मुगल सम्राट से दीवानी प्राप्त हुई।
Unattempted
व्याख्या-
बक्सर का युद्ध,1764 में हुआ
बक्सर वर्तमान बिहार में स्थित एक जिला है।
बक्सर युद्ध के समय बंगाल का नवाब मीर जाफर था।
बक्सर (1764 ई) के युद्ध के समय वेन्सिटार्ट बंगाल का गवर्नर था।
बक्सर युद्ध में अंग्रेजी सेना का सेनापति हेक्टर मुनरो था।
क्लाइव ने बक्सर के युद्ध में बंगाल के नवाब मीर कासिम के साथी मुगल सम्राट शाह आलम तथा अवध के नवाब शुजाउद्दौला की सयुक्त सेना हराया।
क्लाइव ने नवाब को अवध वापस कर दिया।
क्लाइव ने शाह आलम को इलाहाबाद व कड़ा दिया।
क्लाइव को मुगल सम्राट से दीवानी प्राप्त हुई।
Question 30 of 46
30. Question
1 points
क्लाइव ने कौन सा युद्ध जीता
Correct
व्याख्या-
प्लासी का युद्ध –
23 जून 1757 ई० को प्लासी का युद्ध बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और क्लाइव के बीच हुआ।
बंगाल में भागीरथी नदी के तट पर प्लासी स्थित है।
कंपनी की सेना ने रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में नवाब सिराज़ुद्दौला को हरा दिया था।
इस युद्ध में नवाब के विश्वसनीय सहयोगी मीरमदान एवं मोहनलाल वीरगति को प्राप्त हुए ।
युद्ध से नवाब सिराजुद्दौला भागकर मुर्शिदाबाद चला गया जहां मीरजाफर के पुत्र मीरन ने मोहम्मद बेग के द्वारा उसकी हत्या करवा दी ।
सिराजुद्दौला के बाद मीरजाफर को बंगाल का नवाब बनाया।
अलीनगर संधि
यह संधि प्लासी युद्ध के पहले बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच फरवरी,1757 को हुई थी ।
इसमें अंग्रेजों का प्रतिनिधित्व क्लाइव और वाटसन ने किया था
Incorrect
व्याख्या-
प्लासी का युद्ध –
23 जून 1757 ई० को प्लासी का युद्ध बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और क्लाइव के बीच हुआ।
बंगाल में भागीरथी नदी के तट पर प्लासी स्थित है।
कंपनी की सेना ने रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में नवाब सिराज़ुद्दौला को हरा दिया था।
इस युद्ध में नवाब के विश्वसनीय सहयोगी मीरमदान एवं मोहनलाल वीरगति को प्राप्त हुए ।
युद्ध से नवाब सिराजुद्दौला भागकर मुर्शिदाबाद चला गया जहां मीरजाफर के पुत्र मीरन ने मोहम्मद बेग के द्वारा उसकी हत्या करवा दी ।
सिराजुद्दौला के बाद मीरजाफर को बंगाल का नवाब बनाया।
अलीनगर संधि
यह संधि प्लासी युद्ध के पहले बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच फरवरी,1757 को हुई थी ।
इसमें अंग्रेजों का प्रतिनिधित्व क्लाइव और वाटसन ने किया था
Unattempted
व्याख्या-
प्लासी का युद्ध –
23 जून 1757 ई० को प्लासी का युद्ध बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और क्लाइव के बीच हुआ।
बंगाल में भागीरथी नदी के तट पर प्लासी स्थित है।
कंपनी की सेना ने रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में नवाब सिराज़ुद्दौला को हरा दिया था।
इस युद्ध में नवाब के विश्वसनीय सहयोगी मीरमदान एवं मोहनलाल वीरगति को प्राप्त हुए ।
युद्ध से नवाब सिराजुद्दौला भागकर मुर्शिदाबाद चला गया जहां मीरजाफर के पुत्र मीरन ने मोहम्मद बेग के द्वारा उसकी हत्या करवा दी ।
सिराजुद्दौला के बाद मीरजाफर को बंगाल का नवाब बनाया।
अलीनगर संधि
यह संधि प्लासी युद्ध के पहले बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और ईस्ट इंडिया कंपनी के बीच फरवरी,1757 को हुई थी ।
इसमें अंग्रेजों का प्रतिनिधित्व क्लाइव और वाटसन ने किया था
Question 31 of 46
31. Question
1 points
बक्सर के युद्ध के बाद अंग्रेजों को लाभ हुआ-
Correct
व्याख्या-
बक्सर का युद्ध-
बक्सर का युद्ध,1764 में हुआ
बक्सर वर्तमान बिहार में स्थित एक जिला है।
बक्सर युद्ध के समय बंगाल का नवाब मीर जाफर था।
बक्सर (1764 ई) के युद्ध के समय वेन्सिटार्ट बंगाल का गवर्नर था।
बक्सर युद्ध में अंग्रेजी सेना का सेनापति हेक्टर मुनरो था।
क्लाइव ने बक्सर के युद्ध में बंगाल के नवाब मीर कासिम के साथी मुगल सम्राट शाह आलम तथा अवध के नवाब शुजाउद्दौला की सयुक्त सेना हराया।
क्लाइव ने नवाब को अवध वापस कर दिया।
क्लाइव ने शाह आलम को इलाहाबाद व कड़ा दिया।
क्लाइव को मुगल सम्राट से दीवानी प्राप्त हुई।
बक्सर के युद्ध के बाद अंग्रेजों को बंगाल, बिहार और उड़ीसा के दीवानी का अधिकार प्राप्त हुआ।
Incorrect
व्याख्या-
बक्सर का युद्ध-
बक्सर का युद्ध,1764 में हुआ
बक्सर वर्तमान बिहार में स्थित एक जिला है।
बक्सर युद्ध के समय बंगाल का नवाब मीर जाफर था।
बक्सर (1764 ई) के युद्ध के समय वेन्सिटार्ट बंगाल का गवर्नर था।
बक्सर युद्ध में अंग्रेजी सेना का सेनापति हेक्टर मुनरो था।
क्लाइव ने बक्सर के युद्ध में बंगाल के नवाब मीर कासिम के साथी मुगल सम्राट शाह आलम तथा अवध के नवाब शुजाउद्दौला की सयुक्त सेना हराया।
क्लाइव ने नवाब को अवध वापस कर दिया।
क्लाइव ने शाह आलम को इलाहाबाद व कड़ा दिया।
क्लाइव को मुगल सम्राट से दीवानी प्राप्त हुई।
बक्सर के युद्ध के बाद अंग्रेजों को बंगाल, बिहार और उड़ीसा के दीवानी का अधिकार प्राप्त हुआ।
Unattempted
व्याख्या-
बक्सर का युद्ध-
बक्सर का युद्ध,1764 में हुआ
बक्सर वर्तमान बिहार में स्थित एक जिला है।
बक्सर युद्ध के समय बंगाल का नवाब मीर जाफर था।
बक्सर (1764 ई) के युद्ध के समय वेन्सिटार्ट बंगाल का गवर्नर था।
बक्सर युद्ध में अंग्रेजी सेना का सेनापति हेक्टर मुनरो था।
क्लाइव ने बक्सर के युद्ध में बंगाल के नवाब मीर कासिम के साथी मुगल सम्राट शाह आलम तथा अवध के नवाब शुजाउद्दौला की सयुक्त सेना हराया।
क्लाइव ने नवाब को अवध वापस कर दिया।
क्लाइव ने शाह आलम को इलाहाबाद व कड़ा दिया।
क्लाइव को मुगल सम्राट से दीवानी प्राप्त हुई।
बक्सर के युद्ध के बाद अंग्रेजों को बंगाल, बिहार और उड़ीसा के दीवानी का अधिकार प्राप्त हुआ।
Question 32 of 46
32. Question
1 points
मीर कासिम से अंग्रेजों से मतभेद का मुख्य कारण क्या था
Correct
व्याख्या-
मीर कासिम से अंग्रेजों से मतभेद कारण-
मुख्य कारण -1717 ई० के वाणिज्यिक फरमान का कंपनी के कर्मचारियों द्वारा दुरूपयोग था।
1762 ई० में बंगाल के नवाब मीर कासिम ने समूचे बंगाल में सभी के लिये व्यापारिक चुंगी समाप्त कर दी।
व्यापारिक चुंगी समाप्त को लेकर मीर कासिम और कंपनी के बीच राजस्व को लेकर विवाद आरंभ हो गया।
Incorrect
व्याख्या-
मीर कासिम से अंग्रेजों से मतभेद कारण-
मुख्य कारण -1717 ई० के वाणिज्यिक फरमान का कंपनी के कर्मचारियों द्वारा दुरूपयोग था।
1762 ई० में बंगाल के नवाब मीर कासिम ने समूचे बंगाल में सभी के लिये व्यापारिक चुंगी समाप्त कर दी।
व्यापारिक चुंगी समाप्त को लेकर मीर कासिम और कंपनी के बीच राजस्व को लेकर विवाद आरंभ हो गया।
Unattempted
व्याख्या-
मीर कासिम से अंग्रेजों से मतभेद कारण-
मुख्य कारण -1717 ई० के वाणिज्यिक फरमान का कंपनी के कर्मचारियों द्वारा दुरूपयोग था।
1762 ई० में बंगाल के नवाब मीर कासिम ने समूचे बंगाल में सभी के लिये व्यापारिक चुंगी समाप्त कर दी।
व्यापारिक चुंगी समाप्त को लेकर मीर कासिम और कंपनी के बीच राजस्व को लेकर विवाद आरंभ हो गया।
Question 33 of 46
33. Question
1 points
प्लासी के युद्ध में क्लाइव को क्या मिला
Correct
व्याख्या-
प्लासी का युद्ध –
23 जून 1757 ई० को प्लासी का युद्ध बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और क्लाइव के बीच हुआ।
बंगाल में भागीरथी नदी के तट पर प्लासी स्थित है।
कंपनी की सेना ने रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में नवाब सिराज़ुद्दौला को हरा दिया था।
इस युद्ध में नवाब के विश्वसनीय सहयोगी मीरमदान एवं मोहनलाल वीरगति को प्राप्त हुए ।
युद्ध से नवाब सिराजुद्दौला भागकर मुर्शिदाबाद चला गया जहां मीरजाफर के पुत्र मीरन ने मोहम्मद बेग के द्वारा उसकी हत्या करवा दी ।
सिराजुद्दौला के बाद मीरजाफर को बंगाल का नवाब बनाया।
प्लासी युद्ध के बाद क्लाइव को बंगाल का प्रथम गवर्नर बनाया गया
Incorrect
व्याख्या-
प्लासी का युद्ध –
23 जून 1757 ई० को प्लासी का युद्ध बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और क्लाइव के बीच हुआ।
बंगाल में भागीरथी नदी के तट पर प्लासी स्थित है।
कंपनी की सेना ने रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में नवाब सिराज़ुद्दौला को हरा दिया था।
इस युद्ध में नवाब के विश्वसनीय सहयोगी मीरमदान एवं मोहनलाल वीरगति को प्राप्त हुए ।
युद्ध से नवाब सिराजुद्दौला भागकर मुर्शिदाबाद चला गया जहां मीरजाफर के पुत्र मीरन ने मोहम्मद बेग के द्वारा उसकी हत्या करवा दी ।
सिराजुद्दौला के बाद मीरजाफर को बंगाल का नवाब बनाया।
प्लासी युद्ध के बाद क्लाइव को बंगाल का प्रथम गवर्नर बनाया गया
Unattempted
व्याख्या-
प्लासी का युद्ध –
23 जून 1757 ई० को प्लासी का युद्ध बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और क्लाइव के बीच हुआ।
बंगाल में भागीरथी नदी के तट पर प्लासी स्थित है।
कंपनी की सेना ने रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में नवाब सिराज़ुद्दौला को हरा दिया था।
इस युद्ध में नवाब के विश्वसनीय सहयोगी मीरमदान एवं मोहनलाल वीरगति को प्राप्त हुए ।
युद्ध से नवाब सिराजुद्दौला भागकर मुर्शिदाबाद चला गया जहां मीरजाफर के पुत्र मीरन ने मोहम्मद बेग के द्वारा उसकी हत्या करवा दी ।
सिराजुद्दौला के बाद मीरजाफर को बंगाल का नवाब बनाया।
प्लासी युद्ध के बाद क्लाइव को बंगाल का प्रथम गवर्नर बनाया गया
Question 34 of 46
34. Question
1 points
सिराजुद्दौला के बाद कौन गद्दी पर बैठा
Correct
व्याख्या-
प्लासी का युद्ध –
23 जून 1757 ई० को प्लासी का युद्ध बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और क्लाइव के बीच हुआ।
बंगाल में भागीरथी नदी के तट पर प्लासी स्थित है।
कंपनी की सेना ने रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में नवाब सिराज़ुद्दौला को हरा दिया था।
सिराजुद्दौला के बाद मीरजाफर को बंगाल का नवाब बनाया।
प्लासी युद्ध के बाद क्लाइव को बंगाल का प्रथम गवर्नर बनाया
Incorrect
व्याख्या-
प्लासी का युद्ध –
23 जून 1757 ई० को प्लासी का युद्ध बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और क्लाइव के बीच हुआ।
बंगाल में भागीरथी नदी के तट पर प्लासी स्थित है।
कंपनी की सेना ने रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में नवाब सिराज़ुद्दौला को हरा दिया था।
सिराजुद्दौला के बाद मीरजाफर को बंगाल का नवाब बनाया।
प्लासी युद्ध के बाद क्लाइव को बंगाल का प्रथम गवर्नर बनाया
Unattempted
व्याख्या-
प्लासी का युद्ध –
23 जून 1757 ई० को प्लासी का युद्ध बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और क्लाइव के बीच हुआ।
बंगाल में भागीरथी नदी के तट पर प्लासी स्थित है।
कंपनी की सेना ने रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में नवाब सिराज़ुद्दौला को हरा दिया था।
सिराजुद्दौला के बाद मीरजाफर को बंगाल का नवाब बनाया।
प्लासी युद्ध के बाद क्लाइव को बंगाल का प्रथम गवर्नर बनाया
Question 35 of 46
35. Question
1 points
सिराजुद्दौला की प्लासी के युद्ध में पराजय के क्या कारण थे.
Correct
व्याख्या-
प्लासी का युद्ध –
23 जून 1757 ई० को प्लासी का युद्ध बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और क्लाइव के बीच हुआ।
बंगाल में भागीरथी नदी के तट पर प्लासी स्थित है।
कंपनी की सेना ने रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में नवाब सिराज़ुद्दौला को हरा दिया था।
सिराजुद्दौला के बाद मीरजाफर को बंगाल का नवाब बनाया।
प्लासी युद्ध के बाद क्लाइव को बंगाल का प्रथम गवर्नर बनाया
सिराजुद्दौला की प्लासी के युद्ध में पराजय का कारण क्लाइव की कूट नीति थी
क्लाइव ने नवाब सिराजुद्दौला से असन्तुष्ट अधिकारियों को – लालच देकर क्लाइव ने एक षडयंत्र रचा जिसमें नवाब के प्रधान सेनापति मीरजाफर, सेना के अन्य अधिकारी यार लतीफ, दीवान राज्यदुर्लभ, बंगाल के सबसे बड़े बैंकर जगत सेठ, सबसे अमीर व्यापारी अमीचन्द्र और कासिम बाजार के प्रमुख वट्सन को अपनी और मिला लिया
Incorrect
व्याख्या-
प्लासी का युद्ध –
23 जून 1757 ई० को प्लासी का युद्ध बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और क्लाइव के बीच हुआ।
बंगाल में भागीरथी नदी के तट पर प्लासी स्थित है।
कंपनी की सेना ने रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में नवाब सिराज़ुद्दौला को हरा दिया था।
सिराजुद्दौला के बाद मीरजाफर को बंगाल का नवाब बनाया।
प्लासी युद्ध के बाद क्लाइव को बंगाल का प्रथम गवर्नर बनाया
सिराजुद्दौला की प्लासी के युद्ध में पराजय का कारण क्लाइव की कूट नीति थी
क्लाइव ने नवाब सिराजुद्दौला से असन्तुष्ट अधिकारियों को – लालच देकर क्लाइव ने एक षडयंत्र रचा जिसमें नवाब के प्रधान सेनापति मीरजाफर, सेना के अन्य अधिकारी यार लतीफ, दीवान राज्यदुर्लभ, बंगाल के सबसे बड़े बैंकर जगत सेठ, सबसे अमीर व्यापारी अमीचन्द्र और कासिम बाजार के प्रमुख वट्सन को अपनी और मिला लिया
Unattempted
व्याख्या-
प्लासी का युद्ध –
23 जून 1757 ई० को प्लासी का युद्ध बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और क्लाइव के बीच हुआ।
बंगाल में भागीरथी नदी के तट पर प्लासी स्थित है।
कंपनी की सेना ने रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में नवाब सिराज़ुद्दौला को हरा दिया था।
सिराजुद्दौला के बाद मीरजाफर को बंगाल का नवाब बनाया।
प्लासी युद्ध के बाद क्लाइव को बंगाल का प्रथम गवर्नर बनाया
सिराजुद्दौला की प्लासी के युद्ध में पराजय का कारण क्लाइव की कूट नीति थी
क्लाइव ने नवाब सिराजुद्दौला से असन्तुष्ट अधिकारियों को – लालच देकर क्लाइव ने एक षडयंत्र रचा जिसमें नवाब के प्रधान सेनापति मीरजाफर, सेना के अन्य अधिकारी यार लतीफ, दीवान राज्यदुर्लभ, बंगाल के सबसे बड़े बैंकर जगत सेठ, सबसे अमीर व्यापारी अमीचन्द्र और कासिम बाजार के प्रमुख वट्सन को अपनी और मिला लिया
Question 36 of 46
36. Question
1 points
बंगाल में द्वैध शासन का अंत किसके काल में हुआ
Correct
व्याख्या-
बंगाल में द्वैध शासन-
बक्सर के युद्ध में सफलता के बाद क्लाइव पुनः बंगाल का गवर्नर बनकर आया।
राबर्ट क्लाइव द्वारा मुगल सम्राट शाह आलम से दीवानी प्राप्त कर लेने के बाद बंगाल में जो शासन व्यवस्था कायम हुई उसे द्वैध शासन के नाम से जाना जाता है।
द्वैध शासन में प्रशासनिक दायित्व तो बंगाल के नवाब के हाथों में था लेकिन राजस्व वसूली का दायित्व ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के पास था।
1765 ई. के अगस्त महीने में स्थापित द्वैध शासन व्यवस्था के अनुसार वित्त अर्थात कर वसूली का अधिकार कंपनी को मिला जबकि प्रशासन नवाब के हाथों में बने रहने दिया गया सबसे बड़ी बात यह है कि नवाब और कंपनी दोनों की अलग-अलग स्वतंत्रता थी।
1764 ई. के बक्सर युद्ध की समाप्ति के बाद इलाहाबाद की संधि मुगल सम्राट शाह आलम तथा अंग्रेजों के बीच संपन्न हुई, संधि के तहत कंपनी को 1765 ई. में बंगाल बिहार और उड़ीसा की दीवानी प्राप्त हुई तथा यहीं से बंगाल में द्वैध शासन की स्थापना हुई।
दीवानी का अर्थ होता है मालगुजारी वसूल करने का अधिकार। दीवानी और निजामत दोनों अधिकार प्राप्त कर लेने के बाद ही कंपनी ने बंगाल में द्वैध शासन की शुरुआत की।
द्वैध शासन जिसकी शुरुआत बंगाल में 1765 से मानी जाती है, के अंतर्गत कंपनी दीवानी और निजामत के कार्यों का निष्पादन भारतीयों के माध्यम से करती थी लेकिन वास्तविक शक्ति कंपनी के पास होती थी।।
व्यक्तिगत व्यापार के दोष चरम सीमा पर पहुँचे
किसानों पर अत्याचार हुऐ
कंपनी के कर्मचारी धनवान हो गये
1772 ई० में कोर्ट ऑफ डायरेक्टरी द्वारा वारेन हेस्टिंग्स ने द्वैध प्रणाली को समाप्त करने का निर्णय लिया।
Incorrect
व्याख्या-
बंगाल में द्वैध शासन-
बक्सर के युद्ध में सफलता के बाद क्लाइव पुनः बंगाल का गवर्नर बनकर आया।
राबर्ट क्लाइव द्वारा मुगल सम्राट शाह आलम से दीवानी प्राप्त कर लेने के बाद बंगाल में जो शासन व्यवस्था कायम हुई उसे द्वैध शासन के नाम से जाना जाता है।
द्वैध शासन में प्रशासनिक दायित्व तो बंगाल के नवाब के हाथों में था लेकिन राजस्व वसूली का दायित्व ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के पास था।
1765 ई. के अगस्त महीने में स्थापित द्वैध शासन व्यवस्था के अनुसार वित्त अर्थात कर वसूली का अधिकार कंपनी को मिला जबकि प्रशासन नवाब के हाथों में बने रहने दिया गया सबसे बड़ी बात यह है कि नवाब और कंपनी दोनों की अलग-अलग स्वतंत्रता थी।
1764 ई. के बक्सर युद्ध की समाप्ति के बाद इलाहाबाद की संधि मुगल सम्राट शाह आलम तथा अंग्रेजों के बीच संपन्न हुई, संधि के तहत कंपनी को 1765 ई. में बंगाल बिहार और उड़ीसा की दीवानी प्राप्त हुई तथा यहीं से बंगाल में द्वैध शासन की स्थापना हुई।
दीवानी का अर्थ होता है मालगुजारी वसूल करने का अधिकार। दीवानी और निजामत दोनों अधिकार प्राप्त कर लेने के बाद ही कंपनी ने बंगाल में द्वैध शासन की शुरुआत की।
द्वैध शासन जिसकी शुरुआत बंगाल में 1765 से मानी जाती है, के अंतर्गत कंपनी दीवानी और निजामत के कार्यों का निष्पादन भारतीयों के माध्यम से करती थी लेकिन वास्तविक शक्ति कंपनी के पास होती थी।।
व्यक्तिगत व्यापार के दोष चरम सीमा पर पहुँचे
किसानों पर अत्याचार हुऐ
कंपनी के कर्मचारी धनवान हो गये
1772 ई० में कोर्ट ऑफ डायरेक्टरी द्वारा वारेन हेस्टिंग्स ने द्वैध प्रणाली को समाप्त करने का निर्णय लिया।
Unattempted
व्याख्या-
बंगाल में द्वैध शासन-
बक्सर के युद्ध में सफलता के बाद क्लाइव पुनः बंगाल का गवर्नर बनकर आया।
राबर्ट क्लाइव द्वारा मुगल सम्राट शाह आलम से दीवानी प्राप्त कर लेने के बाद बंगाल में जो शासन व्यवस्था कायम हुई उसे द्वैध शासन के नाम से जाना जाता है।
द्वैध शासन में प्रशासनिक दायित्व तो बंगाल के नवाब के हाथों में था लेकिन राजस्व वसूली का दायित्व ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के पास था।
1765 ई. के अगस्त महीने में स्थापित द्वैध शासन व्यवस्था के अनुसार वित्त अर्थात कर वसूली का अधिकार कंपनी को मिला जबकि प्रशासन नवाब के हाथों में बने रहने दिया गया सबसे बड़ी बात यह है कि नवाब और कंपनी दोनों की अलग-अलग स्वतंत्रता थी।
1764 ई. के बक्सर युद्ध की समाप्ति के बाद इलाहाबाद की संधि मुगल सम्राट शाह आलम तथा अंग्रेजों के बीच संपन्न हुई, संधि के तहत कंपनी को 1765 ई. में बंगाल बिहार और उड़ीसा की दीवानी प्राप्त हुई तथा यहीं से बंगाल में द्वैध शासन की स्थापना हुई।
दीवानी का अर्थ होता है मालगुजारी वसूल करने का अधिकार। दीवानी और निजामत दोनों अधिकार प्राप्त कर लेने के बाद ही कंपनी ने बंगाल में द्वैध शासन की शुरुआत की।
द्वैध शासन जिसकी शुरुआत बंगाल में 1765 से मानी जाती है, के अंतर्गत कंपनी दीवानी और निजामत के कार्यों का निष्पादन भारतीयों के माध्यम से करती थी लेकिन वास्तविक शक्ति कंपनी के पास होती थी।।
व्यक्तिगत व्यापार के दोष चरम सीमा पर पहुँचे
किसानों पर अत्याचार हुऐ
कंपनी के कर्मचारी धनवान हो गये
1772 ई० में कोर्ट ऑफ डायरेक्टरी द्वारा वारेन हेस्टिंग्स ने द्वैध प्रणाली को समाप्त करने का निर्णय लिया।
Question 37 of 46
37. Question
1 points
बंगाल में स्वतंत्र राज्य की स्थापना किसने की थी?
Correct
व्याख्या-
मुर्शिद कुली खां (1700-1727 ई०)
बंगाल में स्वतंत्र राज्य की स्थापना मुर्शिद कुली खान ने की थी।
औरंगजेब ने 1700 ई० में मुर्शिद कुली खां(पहले हिन्दु ब्राह्मण था) को बंगाल का दीवान बनाया था।
1707 ई० में औरंगजेब की मृत्य के बाद मुर्शिद कुली खां एवं अजीमुश्शान (औरंगजेब का पोता) के बीच विवाद शुरू हो गया। इस विवाद के चलते मुर्शिद कुली खां ने अपनी राजधानी को ढाका से मुर्शिदाबाद स्थानांतरित कर लिया। इसके साथ ही इसने मुगल सल्तनत को दिया जाने वाला वार्षिक कर भी बन्द कर दिया।
इसके समय में तीन प्रमुख विद्रोह हुए थे –
उदय नारायण, सीता नारायण का विद्रोह।
सुजाद खां का विद्रोह।
नजाद खां का विद्रोह।
1717 ई० में मुगल बादशाह फारूखशियर ने इसे बंगाल का सुबेदार बना दिया।
1719 ई० में उड़ीसा को बंगाल में मिला दिया एवं उड़ीसा की दीवानी भी मुर्शिद कुली खां के अंतर्गत आ गयी।
मुर्शिद कुली खां इजारेदारी प्रथा का जनक था। इस प्रथा के अन्तर्गत किसानों को उनकी आय बढ़ाने हेतु ऋण दिया जाता था।
इसी के काल से बंगाल में शासन की वंशानुगत प्रथा की शुरुआत हुयी।
Incorrect
व्याख्या-
मुर्शिद कुली खां (1700-1727 ई०)
बंगाल में स्वतंत्र राज्य की स्थापना मुर्शिद कुली खान ने की थी।
औरंगजेब ने 1700 ई० में मुर्शिद कुली खां(पहले हिन्दु ब्राह्मण था) को बंगाल का दीवान बनाया था।
1707 ई० में औरंगजेब की मृत्य के बाद मुर्शिद कुली खां एवं अजीमुश्शान (औरंगजेब का पोता) के बीच विवाद शुरू हो गया। इस विवाद के चलते मुर्शिद कुली खां ने अपनी राजधानी को ढाका से मुर्शिदाबाद स्थानांतरित कर लिया। इसके साथ ही इसने मुगल सल्तनत को दिया जाने वाला वार्षिक कर भी बन्द कर दिया।
इसके समय में तीन प्रमुख विद्रोह हुए थे –
उदय नारायण, सीता नारायण का विद्रोह।
सुजाद खां का विद्रोह।
नजाद खां का विद्रोह।
1717 ई० में मुगल बादशाह फारूखशियर ने इसे बंगाल का सुबेदार बना दिया।
1719 ई० में उड़ीसा को बंगाल में मिला दिया एवं उड़ीसा की दीवानी भी मुर्शिद कुली खां के अंतर्गत आ गयी।
मुर्शिद कुली खां इजारेदारी प्रथा का जनक था। इस प्रथा के अन्तर्गत किसानों को उनकी आय बढ़ाने हेतु ऋण दिया जाता था।
इसी के काल से बंगाल में शासन की वंशानुगत प्रथा की शुरुआत हुयी।
Unattempted
व्याख्या-
मुर्शिद कुली खां (1700-1727 ई०)
बंगाल में स्वतंत्र राज्य की स्थापना मुर्शिद कुली खान ने की थी।
औरंगजेब ने 1700 ई० में मुर्शिद कुली खां(पहले हिन्दु ब्राह्मण था) को बंगाल का दीवान बनाया था।
1707 ई० में औरंगजेब की मृत्य के बाद मुर्शिद कुली खां एवं अजीमुश्शान (औरंगजेब का पोता) के बीच विवाद शुरू हो गया। इस विवाद के चलते मुर्शिद कुली खां ने अपनी राजधानी को ढाका से मुर्शिदाबाद स्थानांतरित कर लिया। इसके साथ ही इसने मुगल सल्तनत को दिया जाने वाला वार्षिक कर भी बन्द कर दिया।
इसके समय में तीन प्रमुख विद्रोह हुए थे –
उदय नारायण, सीता नारायण का विद्रोह।
सुजाद खां का विद्रोह।
नजाद खां का विद्रोह।
1717 ई० में मुगल बादशाह फारूखशियर ने इसे बंगाल का सुबेदार बना दिया।
1719 ई० में उड़ीसा को बंगाल में मिला दिया एवं उड़ीसा की दीवानी भी मुर्शिद कुली खां के अंतर्गत आ गयी।
मुर्शिद कुली खां इजारेदारी प्रथा का जनक था। इस प्रथा के अन्तर्गत किसानों को उनकी आय बढ़ाने हेतु ऋण दिया जाता था।
इसी के काल से बंगाल में शासन की वंशानुगत प्रथा की शुरुआत हुयी।
Question 38 of 46
38. Question
1 points
प्लासी कहाँ है
Correct
व्याख्या-
प्लासी का युद्ध –
प्लासी पश्चिमी बंगाल में भागीरथी नदी के किनारे स्थित है।
23 जून 1757 ई० को प्लासी का युद्ध बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और क्लाइव के बीच हुआ।
बंगाल में भागीरथी नदी के तट पर प्लासी स्थित है।
कंपनी की सेना ने रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में नवाब सिराज़ुद्दौला को हरा दिया था।
सिराजुद्दौला के बाद मीरजाफर को बंगाल का नवाब बनाया।
प्लासी युद्ध के बाद क्लाइव को बंगाल का प्रथम गवर्नर बनाया
Incorrect
व्याख्या-
प्लासी का युद्ध –
प्लासी पश्चिमी बंगाल में भागीरथी नदी के किनारे स्थित है।
23 जून 1757 ई० को प्लासी का युद्ध बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और क्लाइव के बीच हुआ।
बंगाल में भागीरथी नदी के तट पर प्लासी स्थित है।
कंपनी की सेना ने रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में नवाब सिराज़ुद्दौला को हरा दिया था।
सिराजुद्दौला के बाद मीरजाफर को बंगाल का नवाब बनाया।
प्लासी युद्ध के बाद क्लाइव को बंगाल का प्रथम गवर्नर बनाया
Unattempted
व्याख्या-
प्लासी का युद्ध –
प्लासी पश्चिमी बंगाल में भागीरथी नदी के किनारे स्थित है।
23 जून 1757 ई० को प्लासी का युद्ध बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और क्लाइव के बीच हुआ।
बंगाल में भागीरथी नदी के तट पर प्लासी स्थित है।
कंपनी की सेना ने रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में नवाब सिराज़ुद्दौला को हरा दिया था।
सिराजुद्दौला के बाद मीरजाफर को बंगाल का नवाब बनाया।
प्लासी युद्ध के बाद क्लाइव को बंगाल का प्रथम गवर्नर बनाया
Question 39 of 46
39. Question
1 points
1717 में मुर्शिदकुली खान कहाँ का गवर्नर था
Correct
व्याख्या-
मुर्शिद कुली खां (1700-1727 ई०)
बंगाल में स्वतंत्र राज्य की स्थापना मुर्शिद कुली खान ने की थी।
औरंगजेब ने 1700 ई० में मुर्शिद कुली खां(पहले हिन्दु ब्राह्मण था) को बंगाल का दीवान बनाया था।
1707 ई० में औरंगजेब की मृत्य के बाद मुर्शिद कुली खां एवं अजीमुश्शान (औरंगजेब का पोता) के बीच विवाद शुरू हो गया। इस विवाद के चलते मुर्शिद कुली खां ने अपनी राजधानी को ढाका से मुर्शिदाबाद स्थानांतरित कर लिया। इसके साथ ही इसने मुगल सल्तनत को दिया जाने वाला वार्षिक कर भी बन्द कर दिया।
इसके समय में तीन प्रमुख विद्रोह हुए थे –
उदय नारायण, सीता नारायण का विद्रोह।
सुजाद खां का विद्रोह।
नजाद खां का विद्रोह।
1717 ई० में मुगल बादशाह फारूखशियर ने इसे बंगाल का सुबेदार बना दिया।
1719 ई० में उड़ीसा को बंगाल में मिला दिया एवं उड़ीसा की दीवानी भी मुर्शिद कुली खां के अंतर्गत आ गयी।
मुर्शिद कुली खां इजारेदारी प्रथा का जनक था। इस प्रथा के अन्तर्गत किसानों को उनकी आय बढ़ाने हेतु ऋण दिया जाता था।
इसी के काल से बंगाल में शासन की वंशानुगत प्रथा की शुरुआत हुयी।
1760 ई० में मीरकासिम ने बंगाल की राजधानी मुंगेर में स्थानान्तरित कर दी।
Incorrect
व्याख्या-
मुर्शिद कुली खां (1700-1727 ई०)
बंगाल में स्वतंत्र राज्य की स्थापना मुर्शिद कुली खान ने की थी।
औरंगजेब ने 1700 ई० में मुर्शिद कुली खां(पहले हिन्दु ब्राह्मण था) को बंगाल का दीवान बनाया था।
1707 ई० में औरंगजेब की मृत्य के बाद मुर्शिद कुली खां एवं अजीमुश्शान (औरंगजेब का पोता) के बीच विवाद शुरू हो गया। इस विवाद के चलते मुर्शिद कुली खां ने अपनी राजधानी को ढाका से मुर्शिदाबाद स्थानांतरित कर लिया। इसके साथ ही इसने मुगल सल्तनत को दिया जाने वाला वार्षिक कर भी बन्द कर दिया।
इसके समय में तीन प्रमुख विद्रोह हुए थे –
उदय नारायण, सीता नारायण का विद्रोह।
सुजाद खां का विद्रोह।
नजाद खां का विद्रोह।
1717 ई० में मुगल बादशाह फारूखशियर ने इसे बंगाल का सुबेदार बना दिया।
1719 ई० में उड़ीसा को बंगाल में मिला दिया एवं उड़ीसा की दीवानी भी मुर्शिद कुली खां के अंतर्गत आ गयी।
मुर्शिद कुली खां इजारेदारी प्रथा का जनक था। इस प्रथा के अन्तर्गत किसानों को उनकी आय बढ़ाने हेतु ऋण दिया जाता था।
इसी के काल से बंगाल में शासन की वंशानुगत प्रथा की शुरुआत हुयी।
1760 ई० में मीरकासिम ने बंगाल की राजधानी मुंगेर में स्थानान्तरित कर दी।
Unattempted
व्याख्या-
मुर्शिद कुली खां (1700-1727 ई०)
बंगाल में स्वतंत्र राज्य की स्थापना मुर्शिद कुली खान ने की थी।
औरंगजेब ने 1700 ई० में मुर्शिद कुली खां(पहले हिन्दु ब्राह्मण था) को बंगाल का दीवान बनाया था।
1707 ई० में औरंगजेब की मृत्य के बाद मुर्शिद कुली खां एवं अजीमुश्शान (औरंगजेब का पोता) के बीच विवाद शुरू हो गया। इस विवाद के चलते मुर्शिद कुली खां ने अपनी राजधानी को ढाका से मुर्शिदाबाद स्थानांतरित कर लिया। इसके साथ ही इसने मुगल सल्तनत को दिया जाने वाला वार्षिक कर भी बन्द कर दिया।
इसके समय में तीन प्रमुख विद्रोह हुए थे –
उदय नारायण, सीता नारायण का विद्रोह।
सुजाद खां का विद्रोह।
नजाद खां का विद्रोह।
1717 ई० में मुगल बादशाह फारूखशियर ने इसे बंगाल का सुबेदार बना दिया।
1719 ई० में उड़ीसा को बंगाल में मिला दिया एवं उड़ीसा की दीवानी भी मुर्शिद कुली खां के अंतर्गत आ गयी।
मुर्शिद कुली खां इजारेदारी प्रथा का जनक था। इस प्रथा के अन्तर्गत किसानों को उनकी आय बढ़ाने हेतु ऋण दिया जाता था।
इसी के काल से बंगाल में शासन की वंशानुगत प्रथा की शुरुआत हुयी।
1760 ई० में मीरकासिम ने बंगाल की राजधानी मुंगेर में स्थानान्तरित कर दी।
Question 40 of 46
40. Question
1 points
बक्सर के संग्राम का महत्व था
Correct
व्याख्या-
बक्सर का युद्ध-
बक्सर का युद्ध,1764 में हुआ
बक्सर वर्तमान बिहार में स्थित एक जिला है।
बक्सर युद्ध के समय बंगाल का नवाब मीर जाफर था।
बक्सर (1764 ई) के युद्ध के समय वेन्सिटार्ट बंगाल का गवर्नर था।
बक्सर युद्ध में अंग्रेजी सेना का सेनापति हेक्टर मुनरो था।
क्लाइव ने बक्सर के युद्ध में बंगाल के नवाब मीर कासिम के साथी मुगल सम्राट शाह आलम तथा अवध के नवाब शुजाउद्दौला की सयुक्त सेना हराया।
क्लाइव ने नवाब को अवध वापस कर दिया।
क्लाइव ने शाह आलम को इलाहाबाद व कड़ा दिया।
क्लाइव को मुगल सम्राट से दीवानी प्राप्त हुई।
बक्सर के युद्ध के बाद अंग्रेजों को बंगाल, बिहार और उड़ीसा के दीवानी का अधिकार प्राप्त हुआ।
बक्सर के संग्राम का महत्व- कंपनी का बंगाल पर प्रभुत्व स्थापित हो गया |
Incorrect
व्याख्या-
बक्सर का युद्ध-
बक्सर का युद्ध,1764 में हुआ
बक्सर वर्तमान बिहार में स्थित एक जिला है।
बक्सर युद्ध के समय बंगाल का नवाब मीर जाफर था।
बक्सर (1764 ई) के युद्ध के समय वेन्सिटार्ट बंगाल का गवर्नर था।
बक्सर युद्ध में अंग्रेजी सेना का सेनापति हेक्टर मुनरो था।
क्लाइव ने बक्सर के युद्ध में बंगाल के नवाब मीर कासिम के साथी मुगल सम्राट शाह आलम तथा अवध के नवाब शुजाउद्दौला की सयुक्त सेना हराया।
क्लाइव ने नवाब को अवध वापस कर दिया।
क्लाइव ने शाह आलम को इलाहाबाद व कड़ा दिया।
क्लाइव को मुगल सम्राट से दीवानी प्राप्त हुई।
बक्सर के युद्ध के बाद अंग्रेजों को बंगाल, बिहार और उड़ीसा के दीवानी का अधिकार प्राप्त हुआ।
बक्सर के संग्राम का महत्व- कंपनी का बंगाल पर प्रभुत्व स्थापित हो गया |
Unattempted
व्याख्या-
बक्सर का युद्ध-
बक्सर का युद्ध,1764 में हुआ
बक्सर वर्तमान बिहार में स्थित एक जिला है।
बक्सर युद्ध के समय बंगाल का नवाब मीर जाफर था।
बक्सर (1764 ई) के युद्ध के समय वेन्सिटार्ट बंगाल का गवर्नर था।
बक्सर युद्ध में अंग्रेजी सेना का सेनापति हेक्टर मुनरो था।
क्लाइव ने बक्सर के युद्ध में बंगाल के नवाब मीर कासिम के साथी मुगल सम्राट शाह आलम तथा अवध के नवाब शुजाउद्दौला की सयुक्त सेना हराया।
क्लाइव ने नवाब को अवध वापस कर दिया।
क्लाइव ने शाह आलम को इलाहाबाद व कड़ा दिया।
क्लाइव को मुगल सम्राट से दीवानी प्राप्त हुई।
बक्सर के युद्ध के बाद अंग्रेजों को बंगाल, बिहार और उड़ीसा के दीवानी का अधिकार प्राप्त हुआ।
बक्सर के संग्राम का महत्व- कंपनी का बंगाल पर प्रभुत्व स्थापित हो गया |
Question 41 of 46
41. Question
1 points
प्लासी के युद्ध का मुख्य परिणाम था
Correct
व्याख्या-
प्लासी का युद्ध –
प्लासी पश्चिमी बंगाल में भागीरथी नदी के किनारे स्थित है।
23 जून 1757 ई० को प्लासी का युद्ध बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और क्लाइव के बीच हुआ।
बंगाल में भागीरथी नदी के तट पर प्लासी स्थित है।
कंपनी की सेना ने रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में नवाब सिराज़ुद्दौला को हरा दिया था।
सिराजुद्दौला के बाद मीरजाफर को बंगाल का नवाब बनाया।
प्लासी युद्ध के बाद क्लाइव को बंगाल का प्रथम गवर्नर बनाया
प्लासी के युद्ध का मुख्य परिणाम-बंगाल पर ब्रिटिश प्रभुत्व स्थापित हो गया |
Incorrect
व्याख्या-
प्लासी का युद्ध –
प्लासी पश्चिमी बंगाल में भागीरथी नदी के किनारे स्थित है।
23 जून 1757 ई० को प्लासी का युद्ध बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और क्लाइव के बीच हुआ।
बंगाल में भागीरथी नदी के तट पर प्लासी स्थित है।
कंपनी की सेना ने रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में नवाब सिराज़ुद्दौला को हरा दिया था।
सिराजुद्दौला के बाद मीरजाफर को बंगाल का नवाब बनाया।
प्लासी युद्ध के बाद क्लाइव को बंगाल का प्रथम गवर्नर बनाया
प्लासी के युद्ध का मुख्य परिणाम-बंगाल पर ब्रिटिश प्रभुत्व स्थापित हो गया |
Unattempted
व्याख्या-
प्लासी का युद्ध –
प्लासी पश्चिमी बंगाल में भागीरथी नदी के किनारे स्थित है।
23 जून 1757 ई० को प्लासी का युद्ध बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और क्लाइव के बीच हुआ।
बंगाल में भागीरथी नदी के तट पर प्लासी स्थित है।
कंपनी की सेना ने रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में नवाब सिराज़ुद्दौला को हरा दिया था।
सिराजुद्दौला के बाद मीरजाफर को बंगाल का नवाब बनाया।
प्लासी युद्ध के बाद क्लाइव को बंगाल का प्रथम गवर्नर बनाया
प्लासी के युद्ध का मुख्य परिणाम-बंगाल पर ब्रिटिश प्रभुत्व स्थापित हो गया |
Question 42 of 46
42. Question
1 points
प्रसिद्ध काल कोठरी की दुर्घटना कब घटित हुई
Correct
व्याख्या-
प्रसिद्ध काल कोठरी ब्लैक होल’ की घटना 20 जून, 1756 ई० को कलकत्ता में घटित हुई।
बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला ने एक कमरे में 146 अंग्रेजो को रात्रि में बन्द कर दिया।
146 अंग्रेजो ने से दुसरे दिन 23 व्यक्ति जीवित निकले
काल कोठरी ब्लैक होल’ की घटना उल्लेख करने वाला इतिहासकार -हालवैल था
हालवैल-23 व्यक्ति जीवित निकले जिन में से एक था
Incorrect
व्याख्या-
प्रसिद्ध काल कोठरी ब्लैक होल’ की घटना 20 जून, 1756 ई० को कलकत्ता में घटित हुई।
बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला ने एक कमरे में 146 अंग्रेजो को रात्रि में बन्द कर दिया।
146 अंग्रेजो ने से दुसरे दिन 23 व्यक्ति जीवित निकले
काल कोठरी ब्लैक होल’ की घटना उल्लेख करने वाला इतिहासकार -हालवैल था
हालवैल-23 व्यक्ति जीवित निकले जिन में से एक था
Unattempted
व्याख्या-
प्रसिद्ध काल कोठरी ब्लैक होल’ की घटना 20 जून, 1756 ई० को कलकत्ता में घटित हुई।
बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला ने एक कमरे में 146 अंग्रेजो को रात्रि में बन्द कर दिया।
146 अंग्रेजो ने से दुसरे दिन 23 व्यक्ति जीवित निकले
काल कोठरी ब्लैक होल’ की घटना उल्लेख करने वाला इतिहासकार -हालवैल था
हालवैल-23 व्यक्ति जीवित निकले जिन में से एक था
Question 43 of 46
43. Question
1 points
प्लासी का युद्ध हुआ था
Correct
व्याख्या-
प्लासी का युद्ध –
प्लासी पश्चिमी बंगाल में भागीरथी नदी के किनारे स्थित है।
23 जून 1757 ई० को प्लासी का युद्ध बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और क्लाइव के बीच हुआ।
बंगाल में भागीरथी नदी के तट पर प्लासी स्थित है।
कंपनी की सेना ने रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में नवाब सिराज़ुद्दौला को हरा दिया था।
सिराजुद्दौला के बाद मीरजाफर को बंगाल का नवाब बनाया।
प्लासी युद्ध के बाद क्लाइव को बंगाल का प्रथम गवर्नर बनाया
प्लासी के युद्ध का मुख्य परिणाम-बंगाल पर ब्रिटिश प्रभुत्व स्थापित हो गया |
Incorrect
व्याख्या-
प्लासी का युद्ध –
प्लासी पश्चिमी बंगाल में भागीरथी नदी के किनारे स्थित है।
23 जून 1757 ई० को प्लासी का युद्ध बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और क्लाइव के बीच हुआ।
बंगाल में भागीरथी नदी के तट पर प्लासी स्थित है।
कंपनी की सेना ने रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में नवाब सिराज़ुद्दौला को हरा दिया था।
सिराजुद्दौला के बाद मीरजाफर को बंगाल का नवाब बनाया।
प्लासी युद्ध के बाद क्लाइव को बंगाल का प्रथम गवर्नर बनाया
प्लासी के युद्ध का मुख्य परिणाम-बंगाल पर ब्रिटिश प्रभुत्व स्थापित हो गया |
Unattempted
व्याख्या-
प्लासी का युद्ध –
प्लासी पश्चिमी बंगाल में भागीरथी नदी के किनारे स्थित है।
23 जून 1757 ई० को प्लासी का युद्ध बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और क्लाइव के बीच हुआ।
बंगाल में भागीरथी नदी के तट पर प्लासी स्थित है।
कंपनी की सेना ने रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में नवाब सिराज़ुद्दौला को हरा दिया था।
सिराजुद्दौला के बाद मीरजाफर को बंगाल का नवाब बनाया।
प्लासी युद्ध के बाद क्लाइव को बंगाल का प्रथम गवर्नर बनाया
प्लासी के युद्ध का मुख्य परिणाम-बंगाल पर ब्रिटिश प्रभुत्व स्थापित हो गया |
Question 44 of 46
44. Question
1 points
बक्सर का युद्ध किस वर्ष हुआ
Correct
व्याख्या-
बक्सर का युद्ध-
बक्सर का युद्ध,1764 में हुआ
बक्सर वर्तमान बिहार में स्थित एक जिला है।
बक्सर युद्ध के समय बंगाल का नवाब मीर जाफर था।
बक्सर (1764 ई) के युद्ध के समय वेन्सिटार्ट बंगाल का गवर्नर था।
बक्सर युद्ध में अंग्रेजी सेना का सेनापति हेक्टर मुनरो था।
क्लाइव ने बक्सर के युद्ध में बंगाल के नवाब मीर कासिम के साथी मुगल सम्राट शाह आलम तथा अवध के नवाब शुजाउद्दौला की सयुक्त सेना हराया।
क्लाइव ने नवाब को अवध वापस कर दिया।
क्लाइव ने शाह आलम को इलाहाबाद व कड़ा दिया।
क्लाइव को मुगल सम्राट से दीवानी प्राप्त हुई।
बक्सर के युद्ध के बाद अंग्रेजों को बंगाल, बिहार और उड़ीसा के दीवानी का अधिकार प्राप्त हुआ।
बक्सर के संग्राम का महत्व- कंपनी का बंगाल पर प्रभुत्व स्थापित हो गया |
Incorrect
व्याख्या-
बक्सर का युद्ध-
बक्सर का युद्ध,1764 में हुआ
बक्सर वर्तमान बिहार में स्थित एक जिला है।
बक्सर युद्ध के समय बंगाल का नवाब मीर जाफर था।
बक्सर (1764 ई) के युद्ध के समय वेन्सिटार्ट बंगाल का गवर्नर था।
बक्सर युद्ध में अंग्रेजी सेना का सेनापति हेक्टर मुनरो था।
क्लाइव ने बक्सर के युद्ध में बंगाल के नवाब मीर कासिम के साथी मुगल सम्राट शाह आलम तथा अवध के नवाब शुजाउद्दौला की सयुक्त सेना हराया।
क्लाइव ने नवाब को अवध वापस कर दिया।
क्लाइव ने शाह आलम को इलाहाबाद व कड़ा दिया।
क्लाइव को मुगल सम्राट से दीवानी प्राप्त हुई।
बक्सर के युद्ध के बाद अंग्रेजों को बंगाल, बिहार और उड़ीसा के दीवानी का अधिकार प्राप्त हुआ।
बक्सर के संग्राम का महत्व- कंपनी का बंगाल पर प्रभुत्व स्थापित हो गया |
Unattempted
व्याख्या-
बक्सर का युद्ध-
बक्सर का युद्ध,1764 में हुआ
बक्सर वर्तमान बिहार में स्थित एक जिला है।
बक्सर युद्ध के समय बंगाल का नवाब मीर जाफर था।
बक्सर (1764 ई) के युद्ध के समय वेन्सिटार्ट बंगाल का गवर्नर था।
बक्सर युद्ध में अंग्रेजी सेना का सेनापति हेक्टर मुनरो था।
क्लाइव ने बक्सर के युद्ध में बंगाल के नवाब मीर कासिम के साथी मुगल सम्राट शाह आलम तथा अवध के नवाब शुजाउद्दौला की सयुक्त सेना हराया।
क्लाइव ने नवाब को अवध वापस कर दिया।
क्लाइव ने शाह आलम को इलाहाबाद व कड़ा दिया।
क्लाइव को मुगल सम्राट से दीवानी प्राप्त हुई।
बक्सर के युद्ध के बाद अंग्रेजों को बंगाल, बिहार और उड़ीसा के दीवानी का अधिकार प्राप्त हुआ।
बक्सर के संग्राम का महत्व- कंपनी का बंगाल पर प्रभुत्व स्थापित हो गया |
Question 45 of 46
45. Question
1 points
प्लासी की विजय (सन् 1757) ने ……. में अंग्रेजों का वर्चस्व स्थापित कर दिया था.
Correct
व्याख्या-
प्लासी का युद्ध –
प्लासी पश्चिमी बंगाल में भागीरथी नदी के किनारे स्थित है।
23 जून 1757 ई० को प्लासी का युद्ध बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और क्लाइव के बीच हुआ।
बंगाल में भागीरथी नदी के तट पर प्लासी स्थित है।
कंपनी की सेना ने रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में नवाब सिराज़ुद्दौला को हरा दिया था।
सिराजुद्दौला के बाद मीरजाफर को बंगाल का नवाब बनाया।
प्लासी युद्ध के बाद क्लाइव को बंगाल का प्रथम गवर्नर बनाया
प्लासी के युद्ध का मुख्य परिणाम-बंगाल पर ब्रिटिश प्रभुत्व/वर्चस्व स्थापित हो गया |
Incorrect
व्याख्या-
प्लासी का युद्ध –
प्लासी पश्चिमी बंगाल में भागीरथी नदी के किनारे स्थित है।
23 जून 1757 ई० को प्लासी का युद्ध बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और क्लाइव के बीच हुआ।
बंगाल में भागीरथी नदी के तट पर प्लासी स्थित है।
कंपनी की सेना ने रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में नवाब सिराज़ुद्दौला को हरा दिया था।
सिराजुद्दौला के बाद मीरजाफर को बंगाल का नवाब बनाया।
प्लासी युद्ध के बाद क्लाइव को बंगाल का प्रथम गवर्नर बनाया
प्लासी के युद्ध का मुख्य परिणाम-बंगाल पर ब्रिटिश प्रभुत्व/वर्चस्व स्थापित हो गया |
Unattempted
व्याख्या-
प्लासी का युद्ध –
प्लासी पश्चिमी बंगाल में भागीरथी नदी के किनारे स्थित है।
23 जून 1757 ई० को प्लासी का युद्ध बंगाल के नवाब सिराजुद्दौला और क्लाइव के बीच हुआ।
बंगाल में भागीरथी नदी के तट पर प्लासी स्थित है।
कंपनी की सेना ने रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में नवाब सिराज़ुद्दौला को हरा दिया था।
सिराजुद्दौला के बाद मीरजाफर को बंगाल का नवाब बनाया।
प्लासी युद्ध के बाद क्लाइव को बंगाल का प्रथम गवर्नर बनाया
प्लासी के युद्ध का मुख्य परिणाम-बंगाल पर ब्रिटिश प्रभुत्व/वर्चस्व स्थापित हो गया |
Question 46 of 46
46. Question
1 points
बक्सर के युद्ध में अंग्रेज सेना का नेतृत्व ….. कर रहा था
Correct
व्याख्या-
बक्सर का युद्ध-
बक्सर का युद्ध,1764 में हुआ
बक्सर वर्तमान बिहार में स्थित एक जिला है।
बक्सर युद्ध के समय बंगाल का नवाब मीर जाफर था।
बक्सर (1764 ई) के युद्ध के समय वेन्सिटार्ट बंगाल का गवर्नर था।
बक्सर युद्ध में अंग्रेजी सेना का सेनापति हेक्टर मुनरो था।
क्लाइव ने बक्सर के युद्ध में बंगाल के नवाब मीर कासिम के साथी मुगल सम्राट शाह आलम तथा अवध के नवाब शुजाउद्दौला की सयुक्त सेना हराया।
क्लाइव ने नवाब को अवध वापस कर दिया।
क्लाइव ने शाह आलम को इलाहाबाद व कड़ा दिया।
क्लाइव को मुगल सम्राट से दीवानी प्राप्त हुई।
बक्सर के युद्ध के बाद अंग्रेजों को बंगाल, बिहार और उड़ीसा के दीवानी का अधिकार प्राप्त हुआ।
बक्सर के संग्राम का महत्व- कंपनी का बंगाल पर प्रभुत्व स्थापित हो गया |
Incorrect
व्याख्या-
बक्सर का युद्ध-
बक्सर का युद्ध,1764 में हुआ
बक्सर वर्तमान बिहार में स्थित एक जिला है।
बक्सर युद्ध के समय बंगाल का नवाब मीर जाफर था।
बक्सर (1764 ई) के युद्ध के समय वेन्सिटार्ट बंगाल का गवर्नर था।
बक्सर युद्ध में अंग्रेजी सेना का सेनापति हेक्टर मुनरो था।
क्लाइव ने बक्सर के युद्ध में बंगाल के नवाब मीर कासिम के साथी मुगल सम्राट शाह आलम तथा अवध के नवाब शुजाउद्दौला की सयुक्त सेना हराया।
क्लाइव ने नवाब को अवध वापस कर दिया।
क्लाइव ने शाह आलम को इलाहाबाद व कड़ा दिया।
क्लाइव को मुगल सम्राट से दीवानी प्राप्त हुई।
बक्सर के युद्ध के बाद अंग्रेजों को बंगाल, बिहार और उड़ीसा के दीवानी का अधिकार प्राप्त हुआ।
बक्सर के संग्राम का महत्व- कंपनी का बंगाल पर प्रभुत्व स्थापित हो गया |
Unattempted
व्याख्या-
बक्सर का युद्ध-
बक्सर का युद्ध,1764 में हुआ
बक्सर वर्तमान बिहार में स्थित एक जिला है।
बक्सर युद्ध के समय बंगाल का नवाब मीर जाफर था।
बक्सर (1764 ई) के युद्ध के समय वेन्सिटार्ट बंगाल का गवर्नर था।
बक्सर युद्ध में अंग्रेजी सेना का सेनापति हेक्टर मुनरो था।
क्लाइव ने बक्सर के युद्ध में बंगाल के नवाब मीर कासिम के साथी मुगल सम्राट शाह आलम तथा अवध के नवाब शुजाउद्दौला की सयुक्त सेना हराया।
क्लाइव ने नवाब को अवध वापस कर दिया।
क्लाइव ने शाह आलम को इलाहाबाद व कड़ा दिया।
क्लाइव को मुगल सम्राट से दीवानी प्राप्त हुई।
बक्सर के युद्ध के बाद अंग्रेजों को बंगाल, बिहार और उड़ीसा के दीवानी का अधिकार प्राप्त हुआ।
बक्सर के संग्राम का महत्व- कंपनी का बंगाल पर प्रभुत्व स्थापित हो गया |