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उतर मुगलकालीन शासक
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Question 1 of 30
1. Question
1 points
उत्तर-औरंगजेब कालीन मुगल राज्य से संबंधित निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
फर्रुखसियर को राजगद्दी जुल्फिकार खान तथा इमाद-उल मुल्क के कारण मिली थी।
औरंगजेब ने अपनी वसीयत छोड़ी थी जिसके अनुसार उसकी मृत्यु के उपरान्त मुगल साम्राज्य को उसके तीन जीवित पुत्रों के बीच बांटा जाना था।
मुहम्मद शाह को दक्कन के निजाम-उल मुल्क ने सहायता दी थी।
उपर्युक्त कथनों में से कौनसा/से सही है/है?.
Correct
व्याख्या-
जहाँदार शाह जुल्फिकार खान की सहायता से शासक बना था
जहाँदार शाह की हत्या बाद में फर्रुखसियर ने करवा दी थी।
सैयद बन्धुओं अब्दुल्ला खाँ और हुसैन अली खाँ की सहायता से 1713 ई0 में फर्रुखसियर को राजगद्दी प्राप्त हुई फर्रुखसियर ने अब्दुल्ला खाँ को वजीर का पद एवं कुतुबुलमुल्क’ की उपाधि दी
फर्रुखसियर ने हुसैन अली को अमीर-उल-उमरा तथा मीर बख्शी का पद प्रदान किया था।
औरंगजेब ने अपनी मृत्यु से पहले अपने जीवित पुत्रों में साम्राज्य को विभाजित करने की वसीयत की थी
मुहम्मद शाह के शासन काल में ही निजामुल-मुल्क ने हैदराबाद राज्य की स्थापना की थी।
‘मुगल शासक अहमदशाह (1748-54 ई0) का वजीर “इमाद-उल-मुल्क था।
Incorrect
व्याख्या-
जहाँदार शाह जुल्फिकार खान की सहायता से शासक बना था
जहाँदार शाह की हत्या बाद में फर्रुखसियर ने करवा दी थी।
सैयद बन्धुओं अब्दुल्ला खाँ और हुसैन अली खाँ की सहायता से 1713 ई0 में फर्रुखसियर को राजगद्दी प्राप्त हुई फर्रुखसियर ने अब्दुल्ला खाँ को वजीर का पद एवं कुतुबुलमुल्क’ की उपाधि दी
फर्रुखसियर ने हुसैन अली को अमीर-उल-उमरा तथा मीर बख्शी का पद प्रदान किया था।
औरंगजेब ने अपनी मृत्यु से पहले अपने जीवित पुत्रों में साम्राज्य को विभाजित करने की वसीयत की थी
मुहम्मद शाह के शासन काल में ही निजामुल-मुल्क ने हैदराबाद राज्य की स्थापना की थी।
‘मुगल शासक अहमदशाह (1748-54 ई0) का वजीर “इमाद-उल-मुल्क था।
Unattempted
व्याख्या-
जहाँदार शाह जुल्फिकार खान की सहायता से शासक बना था
जहाँदार शाह की हत्या बाद में फर्रुखसियर ने करवा दी थी।
सैयद बन्धुओं अब्दुल्ला खाँ और हुसैन अली खाँ की सहायता से 1713 ई0 में फर्रुखसियर को राजगद्दी प्राप्त हुई फर्रुखसियर ने अब्दुल्ला खाँ को वजीर का पद एवं कुतुबुलमुल्क’ की उपाधि दी
फर्रुखसियर ने हुसैन अली को अमीर-उल-उमरा तथा मीर बख्शी का पद प्रदान किया था।
औरंगजेब ने अपनी मृत्यु से पहले अपने जीवित पुत्रों में साम्राज्य को विभाजित करने की वसीयत की थी
मुहम्मद शाह के शासन काल में ही निजामुल-मुल्क ने हैदराबाद राज्य की स्थापना की थी।
‘मुगल शासक अहमदशाह (1748-54 ई0) का वजीर “इमाद-उल-मुल्क था।
Question 2 of 30
2. Question
1 points
जब फर्रुखसियर ने राजगद्दी के लिए युद्ध किया तब निम्नलिखित में से किसने जहाँदार शाह के साथ विश्वासघात किया?
Correct
व्याख्या-
जहाँदार शाह के काल में बंगाल का सह-सूबेदार फर्रुखसियर ने सिंहासन पर दावा किया।
फर्रुखसियर को पटना के सुबेदार सैयद हुसैन अली और इलाहाबाद के सूबेदार अब्दुल्ला खाँ की सहायता प्राप्त हो गयी।
फर्रुखसियर ने सैयद बन्धुओं के सहयोग से आगरा के निकट जहाँदार शाह को पराजित किया
जहाँदार शाह भाग कर दिल्ली में वकील-ए-मुतलक असद खाँ के घर में शरण ली |
असद खाँ के विश्वासघात से जहाँदार शाह को पकड़कर मार डाला गया।
Incorrect
व्याख्या-
जहाँदार शाह के काल में बंगाल का सह-सूबेदार फर्रुखसियर ने सिंहासन पर दावा किया।
फर्रुखसियर को पटना के सुबेदार सैयद हुसैन अली और इलाहाबाद के सूबेदार अब्दुल्ला खाँ की सहायता प्राप्त हो गयी।
फर्रुखसियर ने सैयद बन्धुओं के सहयोग से आगरा के निकट जहाँदार शाह को पराजित किया
जहाँदार शाह भाग कर दिल्ली में वकील-ए-मुतलक असद खाँ के घर में शरण ली |
असद खाँ के विश्वासघात से जहाँदार शाह को पकड़कर मार डाला गया।
Unattempted
व्याख्या-
जहाँदार शाह के काल में बंगाल का सह-सूबेदार फर्रुखसियर ने सिंहासन पर दावा किया।
फर्रुखसियर को पटना के सुबेदार सैयद हुसैन अली और इलाहाबाद के सूबेदार अब्दुल्ला खाँ की सहायता प्राप्त हो गयी।
फर्रुखसियर ने सैयद बन्धुओं के सहयोग से आगरा के निकट जहाँदार शाह को पराजित किया
जहाँदार शाह भाग कर दिल्ली में वकील-ए-मुतलक असद खाँ के घर में शरण ली |
असद खाँ के विश्वासघात से जहाँदार शाह को पकड़कर मार डाला गया।
Question 3 of 30
3. Question
1 points
बहादुरशाह प्रथम ने नहीं किया
Correct
व्याख्या-
जजिया एक प्रकार का धार्मिक कर था जिसे गैर मुसलमानों (जिम्मियों) से वसूल किया जाता था
भारत में जजिया कर लगाने का प्रथम साक्ष्य मुहम्मद बिन कासिम के आक्रमण के बाद देखने को मिलता है।
दिल्ली सल्तनत का प्रथम सुल्तान फिरोज तुगलक था। इसने जजिया को खराज (भूराजस्व) से निकालकर पृथक कर के रूप में वसूला।
फिरोज तुगलक ने ब्राह्मणों पर भी जजिया कर लगा दिया।
कश्मीर में सर्वप्रथम जजिया कर सिकंदर शाह द्वारा लगाया गया।
जैनुल आबदीन (1420-70 ईo) शासक बना और सिकन्दर द्वारा लगाए गए कश्मीर में जजिया को समाप्त कर दिया।
गुजरात में जजिया सर्वप्रथम अहमदशाह (1411-42 ईo) के समय लगाया गया।
जजिया कर को समाप्त करने वाला पहला मुगल शासक अकबर था। अकबर ने 1564 ईo में जज़िया कर समाप्त किया,
औरंगजेब ने 1679 ईo में जजिया कर लगाया।
औरंगजेब की मृत्यु के बाद बहादुर शाह प्रथम गददी पर बैठा।
बहादुर शाह प्रथम के समय राजदरबार में फिर से होली खेलने की शुरूआत हुई।
बहादुर शाह प्रथम ने सती प्रथा का समर्थन भी किया परन्तु जजिया का खत्म नहीं किया।
औरंगजेब के बाद में जजिया को समाप्त सर्वप्रथम जहाँदार शाह ने किया,
जजिया को अंतिम रूप से समाप्त करने का श्रेय मुहम्मद शाह रंगीला को दिया जाता है
Incorrect
व्याख्या-
जजिया एक प्रकार का धार्मिक कर था जिसे गैर मुसलमानों (जिम्मियों) से वसूल किया जाता था
भारत में जजिया कर लगाने का प्रथम साक्ष्य मुहम्मद बिन कासिम के आक्रमण के बाद देखने को मिलता है।
दिल्ली सल्तनत का प्रथम सुल्तान फिरोज तुगलक था। इसने जजिया को खराज (भूराजस्व) से निकालकर पृथक कर के रूप में वसूला।
फिरोज तुगलक ने ब्राह्मणों पर भी जजिया कर लगा दिया।
कश्मीर में सर्वप्रथम जजिया कर सिकंदर शाह द्वारा लगाया गया।
जैनुल आबदीन (1420-70 ईo) शासक बना और सिकन्दर द्वारा लगाए गए कश्मीर में जजिया को समाप्त कर दिया।
गुजरात में जजिया सर्वप्रथम अहमदशाह (1411-42 ईo) के समय लगाया गया।
जजिया कर को समाप्त करने वाला पहला मुगल शासक अकबर था। अकबर ने 1564 ईo में जज़िया कर समाप्त किया,
औरंगजेब ने 1679 ईo में जजिया कर लगाया।
औरंगजेब की मृत्यु के बाद बहादुर शाह प्रथम गददी पर बैठा।
बहादुर शाह प्रथम के समय राजदरबार में फिर से होली खेलने की शुरूआत हुई।
बहादुर शाह प्रथम ने सती प्रथा का समर्थन भी किया परन्तु जजिया का खत्म नहीं किया।
औरंगजेब के बाद में जजिया को समाप्त सर्वप्रथम जहाँदार शाह ने किया,
जजिया को अंतिम रूप से समाप्त करने का श्रेय मुहम्मद शाह रंगीला को दिया जाता है
Unattempted
व्याख्या-
जजिया एक प्रकार का धार्मिक कर था जिसे गैर मुसलमानों (जिम्मियों) से वसूल किया जाता था
भारत में जजिया कर लगाने का प्रथम साक्ष्य मुहम्मद बिन कासिम के आक्रमण के बाद देखने को मिलता है।
दिल्ली सल्तनत का प्रथम सुल्तान फिरोज तुगलक था। इसने जजिया को खराज (भूराजस्व) से निकालकर पृथक कर के रूप में वसूला।
फिरोज तुगलक ने ब्राह्मणों पर भी जजिया कर लगा दिया।
कश्मीर में सर्वप्रथम जजिया कर सिकंदर शाह द्वारा लगाया गया।
जैनुल आबदीन (1420-70 ईo) शासक बना और सिकन्दर द्वारा लगाए गए कश्मीर में जजिया को समाप्त कर दिया।
गुजरात में जजिया सर्वप्रथम अहमदशाह (1411-42 ईo) के समय लगाया गया।
जजिया कर को समाप्त करने वाला पहला मुगल शासक अकबर था। अकबर ने 1564 ईo में जज़िया कर समाप्त किया,
औरंगजेब ने 1679 ईo में जजिया कर लगाया।
औरंगजेब की मृत्यु के बाद बहादुर शाह प्रथम गददी पर बैठा।
बहादुर शाह प्रथम के समय राजदरबार में फिर से होली खेलने की शुरूआत हुई।
बहादुर शाह प्रथम ने सती प्रथा का समर्थन भी किया परन्तु जजिया का खत्म नहीं किया।
औरंगजेब के बाद में जजिया को समाप्त सर्वप्रथम जहाँदार शाह ने किया,
जजिया को अंतिम रूप से समाप्त करने का श्रेय मुहम्मद शाह रंगीला को दिया जाता है
Question 4 of 30
4. Question
1 points
कथन (A) : शाह आलम के 1765 के फरमान का प्रत्यक्ष परिणाम था बंगाल में दोहरी सरकार की स्थापना।
कारण (R) : 1770 का अकाल, ईस्ट इंडिया कम्पनी के शिताब राय और रजा खान के माध्यम से किए गए कुशासन का परिणाम था।
Correct
व्याख्या-
बक्सर के युद्ध में पराजय के बाद इलाहाबाद की प्रथम संधि द्वारा शाह आलम द्वितीय ने ईस्ट इंडिया कम्पनी को बंगाल, बिहार एवं उड़ीसा की दीवानी प्रदान की।
1765 ई0 में क्लाइव ने बंगाल पर द्वैध शासन लागू किया
1770 ई0 में द्वैध शासन के समय में आधुनिक बंगाल का पहला अकाल पड़ा।
यह अकाल बंगाल के उपदीवान मुहम्मद रजा खाँ एवं बिहार के उपदीवान शिताब राय के कुशासन का परिणाम माना जाता है।
Incorrect
व्याख्या-
बक्सर के युद्ध में पराजय के बाद इलाहाबाद की प्रथम संधि द्वारा शाह आलम द्वितीय ने ईस्ट इंडिया कम्पनी को बंगाल, बिहार एवं उड़ीसा की दीवानी प्रदान की।
1765 ई0 में क्लाइव ने बंगाल पर द्वैध शासन लागू किया
1770 ई0 में द्वैध शासन के समय में आधुनिक बंगाल का पहला अकाल पड़ा।
यह अकाल बंगाल के उपदीवान मुहम्मद रजा खाँ एवं बिहार के उपदीवान शिताब राय के कुशासन का परिणाम माना जाता है।
Unattempted
व्याख्या-
बक्सर के युद्ध में पराजय के बाद इलाहाबाद की प्रथम संधि द्वारा शाह आलम द्वितीय ने ईस्ट इंडिया कम्पनी को बंगाल, बिहार एवं उड़ीसा की दीवानी प्रदान की।
1765 ई0 में क्लाइव ने बंगाल पर द्वैध शासन लागू किया
1770 ई0 में द्वैध शासन के समय में आधुनिक बंगाल का पहला अकाल पड़ा।
यह अकाल बंगाल के उपदीवान मुहम्मद रजा खाँ एवं बिहार के उपदीवान शिताब राय के कुशासन का परिणाम माना जाता है।
Question 5 of 30
5. Question
1 points
निम्नलिखित में से कौन क्षेत्र अंग्रेजों ने मुगल सम्राट शाहआलम II को प्रदान किये
Correct
बक्सर के युद्ध में विजय के बाद क्लाइव व मुगल सम्राट शाहआलम द्वितीय के मध्य 12 अगस्त 1765 ई0 को इलाहाबाद की प्रथम संधि की।
इलाहाबाद की प्रथम संधि द्वारा शाह आलम द्वितीय ने ईस्ट इंडिया कम्पनी को बंगाल, बिहार एवं उड़ीसा की दीवानी प्रदान की।
इलाहाबाद की प्रथम संधि के द्वारा कड़ा और इलाहाबाद के क्षेत्रों को अवध के नवाब शुजाउद्दौला से लेकर शाहआलम द्वितीय को दे दिये गये।
Incorrect
बक्सर के युद्ध में विजय के बाद क्लाइव व मुगल सम्राट शाहआलम द्वितीय के मध्य 12 अगस्त 1765 ई0 को इलाहाबाद की प्रथम संधि की।
इलाहाबाद की प्रथम संधि द्वारा शाह आलम द्वितीय ने ईस्ट इंडिया कम्पनी को बंगाल, बिहार एवं उड़ीसा की दीवानी प्रदान की।
इलाहाबाद की प्रथम संधि के द्वारा कड़ा और इलाहाबाद के क्षेत्रों को अवध के नवाब शुजाउद्दौला से लेकर शाहआलम द्वितीय को दे दिये गये।
Unattempted
बक्सर के युद्ध में विजय के बाद क्लाइव व मुगल सम्राट शाहआलम द्वितीय के मध्य 12 अगस्त 1765 ई0 को इलाहाबाद की प्रथम संधि की।
इलाहाबाद की प्रथम संधि द्वारा शाह आलम द्वितीय ने ईस्ट इंडिया कम्पनी को बंगाल, बिहार एवं उड़ीसा की दीवानी प्रदान की।
इलाहाबाद की प्रथम संधि के द्वारा कड़ा और इलाहाबाद के क्षेत्रों को अवध के नवाब शुजाउद्दौला से लेकर शाहआलम द्वितीय को दे दिये गये।
Question 6 of 30
6. Question
1 points
रौशन अख्तर ने सिंहासन रूढ़ होने पर कौन सी उपाधि धारण की
Correct
व्याख्या-
रोशन अख्तर दिसम्बर, 1719 ई को मुहम्मद शाह के नाम से सिंहासन पर बैठा हुआ।
मुहम्मद शाह अत्यधिक विलासितापूर्ण जीवन व्यतीत करने के कारण इसे ‘रंगीला’ की उपाधि मिली थी।
मुहम्मद शाह के समय फारस के शासक नादिरशाह ने 1739 ई0 ने दिल्ली पर आक्रमण किया था।
मुहम्मद शाह के समय अवध और हैदराबाद स्वतंत्र राज्य की स्थापना हुई।
Incorrect
व्याख्या-
रोशन अख्तर दिसम्बर, 1719 ई को मुहम्मद शाह के नाम से सिंहासन पर बैठा हुआ।
मुहम्मद शाह अत्यधिक विलासितापूर्ण जीवन व्यतीत करने के कारण इसे ‘रंगीला’ की उपाधि मिली थी।
मुहम्मद शाह के समय फारस के शासक नादिरशाह ने 1739 ई0 ने दिल्ली पर आक्रमण किया था।
मुहम्मद शाह के समय अवध और हैदराबाद स्वतंत्र राज्य की स्थापना हुई।
Unattempted
व्याख्या-
रोशन अख्तर दिसम्बर, 1719 ई को मुहम्मद शाह के नाम से सिंहासन पर बैठा हुआ।
मुहम्मद शाह अत्यधिक विलासितापूर्ण जीवन व्यतीत करने के कारण इसे ‘रंगीला’ की उपाधि मिली थी।
मुहम्मद शाह के समय फारस के शासक नादिरशाह ने 1739 ई0 ने दिल्ली पर आक्रमण किया था।
मुहम्मद शाह के समय अवध और हैदराबाद स्वतंत्र राज्य की स्थापना हुई।
Question 7 of 30
7. Question
1 points
निम्नलिखित में से कौन बहादुर शाह द्वितीय के पुत्र और पौत्र थे जो 1857 ई0 के विद्रोह में प्रमुख भूमिका निभाकर बन्दी हुए और गोली मार दिए गयी
Correct
व्याख्या-
अंग्रेज सेनापति हडसन ने सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर अधिकार करा लिया
बहादुरशाह द्वितीय के दो पुत्रों मिर्जा मुगल एवं मिर्जा ख्वाजा सुल्तान एवं पोते अबूवक्र को दिल्ली के लाल किले के सामने गोली से मार डाला
बहादुरशाह को हुमायूँ के मकबरे से गिरफ्तार कर उसे रंगून निर्वासित कर दिया गया
1862 ई0 में बहादुरशाह द्वितीय की रंगून में मृत्यु हो गयी।
Incorrect
व्याख्या-
अंग्रेज सेनापति हडसन ने सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर अधिकार करा लिया
बहादुरशाह द्वितीय के दो पुत्रों मिर्जा मुगल एवं मिर्जा ख्वाजा सुल्तान एवं पोते अबूवक्र को दिल्ली के लाल किले के सामने गोली से मार डाला
बहादुरशाह को हुमायूँ के मकबरे से गिरफ्तार कर उसे रंगून निर्वासित कर दिया गया
1862 ई0 में बहादुरशाह द्वितीय की रंगून में मृत्यु हो गयी।
Unattempted
व्याख्या-
अंग्रेज सेनापति हडसन ने सितम्बर, 1857 को दिल्ली पर अधिकार करा लिया
बहादुरशाह द्वितीय के दो पुत्रों मिर्जा मुगल एवं मिर्जा ख्वाजा सुल्तान एवं पोते अबूवक्र को दिल्ली के लाल किले के सामने गोली से मार डाला
बहादुरशाह को हुमायूँ के मकबरे से गिरफ्तार कर उसे रंगून निर्वासित कर दिया गया
1862 ई0 में बहादुरशाह द्वितीय की रंगून में मृत्यु हो गयी।
Question 8 of 30
8. Question
1 points
बंगाल में स्वतंत्र रूप से व्यापार करने हेतु 1717 में इंग्लिश ईस्ट इंडिया कम्पनी को फरमान देने वाला मुगल बादशाह था
Correct
व्याख्या-
1715 ई0 में मुगल सम्राट फर्रुखसियर के दरबार में, जान सर्मन की अध्यक्षता में ईस्ट इंडिया कंपनी ने कलकत्ता से एक प्रतिनिधिमंडल भेजा।
हेमिल्टन नामक एक चिकित्सक जिसने सम्राट की एक दर्दनाक बीमारी छुड़ाने में सफलता प्राप्त की।
1717 ई0 में फर्रुखसियर ने अंग्रेजी कम्पनी को 3000 रुपये वार्षिक शुल्क के बदले में व्यापार करने, कलकत्ता के निकट 38 गांव खरीदने एवं बंगाल में शाही मुद्रणालय के प्रयोग की अनुमति दी।
Incorrect
व्याख्या-
1715 ई0 में मुगल सम्राट फर्रुखसियर के दरबार में, जान सर्मन की अध्यक्षता में ईस्ट इंडिया कंपनी ने कलकत्ता से एक प्रतिनिधिमंडल भेजा।
हेमिल्टन नामक एक चिकित्सक जिसने सम्राट की एक दर्दनाक बीमारी छुड़ाने में सफलता प्राप्त की।
1717 ई0 में फर्रुखसियर ने अंग्रेजी कम्पनी को 3000 रुपये वार्षिक शुल्क के बदले में व्यापार करने, कलकत्ता के निकट 38 गांव खरीदने एवं बंगाल में शाही मुद्रणालय के प्रयोग की अनुमति दी।
Unattempted
व्याख्या-
1715 ई0 में मुगल सम्राट फर्रुखसियर के दरबार में, जान सर्मन की अध्यक्षता में ईस्ट इंडिया कंपनी ने कलकत्ता से एक प्रतिनिधिमंडल भेजा।
हेमिल्टन नामक एक चिकित्सक जिसने सम्राट की एक दर्दनाक बीमारी छुड़ाने में सफलता प्राप्त की।
1717 ई0 में फर्रुखसियर ने अंग्रेजी कम्पनी को 3000 रुपये वार्षिक शुल्क के बदले में व्यापार करने, कलकत्ता के निकट 38 गांव खरीदने एवं बंगाल में शाही मुद्रणालय के प्रयोग की अनुमति दी।
Question 9 of 30
9. Question
1 points
नादिरशाह द्वारा बन्दी बनाया गया मुगल बादशाह था
Correct
व्याख्या-
1739 ई0 में ‘फारस के नेपोलियन’ के नाम से विख्यात नादिरशाह ने करनाल पर आक्रमण किया
नादिरशाह ने मुगल बादशाह मुहम्मद शाह ‘रंगीला’ को बन्दी बना लिया था।
निजाम उल-मुल्क के कहने पर सम्राट को छोड़ दिया गया।
मुहम्मद शाह के समय फारस के शासक नादिरशाह ने 1739 ई0 ने दिल्ली पर आक्रमण किया था।
Incorrect
व्याख्या-
1739 ई0 में ‘फारस के नेपोलियन’ के नाम से विख्यात नादिरशाह ने करनाल पर आक्रमण किया
नादिरशाह ने मुगल बादशाह मुहम्मद शाह ‘रंगीला’ को बन्दी बना लिया था।
निजाम उल-मुल्क के कहने पर सम्राट को छोड़ दिया गया।
मुहम्मद शाह के समय फारस के शासक नादिरशाह ने 1739 ई0 ने दिल्ली पर आक्रमण किया था।
Unattempted
व्याख्या-
1739 ई0 में ‘फारस के नेपोलियन’ के नाम से विख्यात नादिरशाह ने करनाल पर आक्रमण किया
नादिरशाह ने मुगल बादशाह मुहम्मद शाह ‘रंगीला’ को बन्दी बना लिया था।
निजाम उल-मुल्क के कहने पर सम्राट को छोड़ दिया गया।
मुहम्मद शाह के समय फारस के शासक नादिरशाह ने 1739 ई0 ने दिल्ली पर आक्रमण किया था।
Question 10 of 30
10. Question
1 points
निम्नलिखित मुगल बादशाहों का सही कालक्रम है
अहमदशाह
शाहआलम द्वितीय
अलमगीर द्वितीय
अकबर द्वितीय
Correct
उत्तरकालीन मुगल शासकों का क्रम-
क्रम
नाम
समय
अन्य नाम
1.
बहादुर शाह प्रथम
1707-12 ई.
शाह ए बेखबर
2.
जहांदार शाह
1712-13 ई.
लम्पट मुर्ख
3.
फर्रूखसियर
1713-19 ई.
घृणित कायर
4.
रफी उद-दरजात
1719 ई. (फरवरी-जून)
5.
रफी उद-दौला
1719 ई. (जून-सितम्बर)
6.
मुहम्मदशाह
1719-48 ई.
रंगीला बादशाह
7.
अहमदशाह
1748-54 ई.
8.
आलममीर-II
1754-59 ई.
9.
शाह आलम-II
1759-1806 ई.
10.
अकबर-II
1806-1837 ई.
11.
बहादुर शाह-II(जफर)
1837-1858 ई.
Incorrect
उत्तरकालीन मुगल शासकों का क्रम-
क्रम
नाम
समय
अन्य नाम
1.
बहादुर शाह प्रथम
1707-12 ई.
शाह ए बेखबर
2.
जहांदार शाह
1712-13 ई.
लम्पट मुर्ख
3.
फर्रूखसियर
1713-19 ई.
घृणित कायर
4.
रफी उद-दरजात
1719 ई. (फरवरी-जून)
5.
रफी उद-दौला
1719 ई. (जून-सितम्बर)
6.
मुहम्मदशाह
1719-48 ई.
रंगीला बादशाह
7.
अहमदशाह
1748-54 ई.
8.
आलममीर-II
1754-59 ई.
9.
शाह आलम-II
1759-1806 ई.
10.
अकबर-II
1806-1837 ई.
11.
बहादुर शाह-II(जफर)
1837-1858 ई.
Unattempted
उत्तरकालीन मुगल शासकों का क्रम-
क्रम
नाम
समय
अन्य नाम
1.
बहादुर शाह प्रथम
1707-12 ई.
शाह ए बेखबर
2.
जहांदार शाह
1712-13 ई.
लम्पट मुर्ख
3.
फर्रूखसियर
1713-19 ई.
घृणित कायर
4.
रफी उद-दरजात
1719 ई. (फरवरी-जून)
5.
रफी उद-दौला
1719 ई. (जून-सितम्बर)
6.
मुहम्मदशाह
1719-48 ई.
रंगीला बादशाह
7.
अहमदशाह
1748-54 ई.
8.
आलममीर-II
1754-59 ई.
9.
शाह आलम-II
1759-1806 ई.
10.
अकबर-II
1806-1837 ई.
11.
बहादुर शाह-II(जफर)
1837-1858 ई.
Question 11 of 30
11. Question
1 points
निम्नलिखित में से कौन एक सामान्यतया राजा बनाने वाले सैय्यद भाइयों के रुप में विख्यात था
Correct
व्याख्या-
मुगल साम्राज्य के अन्तर्गत 1713 से 1720 ई0 तक का काल मुगल दरबार में सैयद बन्धुओं के वर्चस्व का था।
अबदुल्ला खाँ उर्फ हसन अली एवं हुसेन अली हिन्दुस्तानी दल सैयद बन्धुओं के नेता थे
सैयद बन्धुओं इतिहास में किंग मेकर के नाम से विख्यात है
सैयद बन्धुओं ने फर्रुखसियर, रफीउद्दरजात, रफीउद्दौला और मुहम्मदशाह को गद्दी पर बैठाया।
Incorrect
व्याख्या-
मुगल साम्राज्य के अन्तर्गत 1713 से 1720 ई0 तक का काल मुगल दरबार में सैयद बन्धुओं के वर्चस्व का था।
अबदुल्ला खाँ उर्फ हसन अली एवं हुसेन अली हिन्दुस्तानी दल सैयद बन्धुओं के नेता थे
सैयद बन्धुओं इतिहास में किंग मेकर के नाम से विख्यात है
सैयद बन्धुओं ने फर्रुखसियर, रफीउद्दरजात, रफीउद्दौला और मुहम्मदशाह को गद्दी पर बैठाया।
Unattempted
व्याख्या-
मुगल साम्राज्य के अन्तर्गत 1713 से 1720 ई0 तक का काल मुगल दरबार में सैयद बन्धुओं के वर्चस्व का था।
अबदुल्ला खाँ उर्फ हसन अली एवं हुसेन अली हिन्दुस्तानी दल सैयद बन्धुओं के नेता थे
सैयद बन्धुओं इतिहास में किंग मेकर के नाम से विख्यात है
सैयद बन्धुओं ने फर्रुखसियर, रफीउद्दरजात, रफीउद्दौला और मुहम्मदशाह को गद्दी पर बैठाया।
Question 12 of 30
12. Question
1 points
मध्य अठाहरवीं शताब्दी में मुगल दरबार के निम्नलिखित तीन वजीरों का कालक्रम क्या है
सफदर जंग
इमाद-उल-मुल्क
जाविद खाँ
नीचे दिए गए कूटों से सही उत्तर का चयन कीजिए.
Correct
व्याख्या-
अहमदशाह (1748-54 ई.)
जन्म – 1725
शासनकाल – 1748 से 1754 ई.
मृत्यु – 1775
इमादुलमुल्क की अहमदशाह को गददी से हटाकर अन्धा कर जेल में डाल दिया तथा आलमगीर द्वितीय को गददी पर बिठाया।
अहमदशाह के वजीरो का क्रम –
जाविद खाँ (हिजड़ा)
नवाब सफदरजंग
इमादुलमुल्क
Incorrect
व्याख्या-
अहमदशाह (1748-54 ई.)
जन्म – 1725
शासनकाल – 1748 से 1754 ई.
मृत्यु – 1775
इमादुलमुल्क की अहमदशाह को गददी से हटाकर अन्धा कर जेल में डाल दिया तथा आलमगीर द्वितीय को गददी पर बिठाया।
अहमदशाह के वजीरो का क्रम –
जाविद खाँ (हिजड़ा)
नवाब सफदरजंग
इमादुलमुल्क
Unattempted
व्याख्या-
अहमदशाह (1748-54 ई.)
जन्म – 1725
शासनकाल – 1748 से 1754 ई.
मृत्यु – 1775
इमादुलमुल्क की अहमदशाह को गददी से हटाकर अन्धा कर जेल में डाल दिया तथा आलमगीर द्वितीय को गददी पर बिठाया।
अहमदशाह के वजीरो का क्रम –
जाविद खाँ (हिजड़ा)
नवाब सफदरजंग
इमादुलमुल्क
Question 13 of 30
13. Question
1 points
सूची। को सूची ॥ से सुमेलित कीजिए –
सूची। सूची ॥
A 1748 ई० 1. नादिरशाह का भारत पर आक्रमण
B 1719 ई०. 2. स्वतन्त्र हैदराबाद की स्थापना
C 1724 ई० 3. मुहम्मद शाह का राज्यारोहण
D 1739 ई0. 4. अहमदशाह अब्दाली का भारत पर आक्रमण
Correct
व्याख्या.
भारत पर नादिरशाह का आक्रमण 16 फ़रवरी, 1739 को हुआ था
नादिरशाह (ईरान का नेपोलियन) फारस का शासक था।
मुग़ल सेना के साथ हुए नादिरशाह के युद्ध को ‘करनाल के युद्ध’ के नाम से जाना जाता है।
चिनकिलिच खां /’निजाम-उल-मुल्क’द्वारा 1724 में स्वतंत्र हैदराबाद राज्य की स्थापना
मुहम्मद शाह सैयद बन्धुओं की सहायता से 1719 ई0 में मुगल साम्राज्य की गद्दी पर बैठा था।
अहमद शाह अब्दाली के विशाल साम्राज्य का दायरा पश्चिम में ईरान से लेकर पूरब में हिंदुस्तान के सरहिंद तक था। उसकी बादशाहत उत्तर में मध्य एशिया के अमू दरिया के किनारे से लेकर दक्षिण में हिंद महासागर के तट तक फैली हुई थी। उसने भारत पर सन् 1748 तथा 1767 ई. के बीच सात बार चढ़ाई की।
Incorrect
व्याख्या.
भारत पर नादिरशाह का आक्रमण 16 फ़रवरी, 1739 को हुआ था
नादिरशाह (ईरान का नेपोलियन) फारस का शासक था।
मुग़ल सेना के साथ हुए नादिरशाह के युद्ध को ‘करनाल के युद्ध’ के नाम से जाना जाता है।
चिनकिलिच खां /’निजाम-उल-मुल्क’द्वारा 1724 में स्वतंत्र हैदराबाद राज्य की स्थापना
मुहम्मद शाह सैयद बन्धुओं की सहायता से 1719 ई0 में मुगल साम्राज्य की गद्दी पर बैठा था।
अहमद शाह अब्दाली के विशाल साम्राज्य का दायरा पश्चिम में ईरान से लेकर पूरब में हिंदुस्तान के सरहिंद तक था। उसकी बादशाहत उत्तर में मध्य एशिया के अमू दरिया के किनारे से लेकर दक्षिण में हिंद महासागर के तट तक फैली हुई थी। उसने भारत पर सन् 1748 तथा 1767 ई. के बीच सात बार चढ़ाई की।
Unattempted
व्याख्या.
भारत पर नादिरशाह का आक्रमण 16 फ़रवरी, 1739 को हुआ था
नादिरशाह (ईरान का नेपोलियन) फारस का शासक था।
मुग़ल सेना के साथ हुए नादिरशाह के युद्ध को ‘करनाल के युद्ध’ के नाम से जाना जाता है।
चिनकिलिच खां /’निजाम-उल-मुल्क’द्वारा 1724 में स्वतंत्र हैदराबाद राज्य की स्थापना
मुहम्मद शाह सैयद बन्धुओं की सहायता से 1719 ई0 में मुगल साम्राज्य की गद्दी पर बैठा था।
अहमद शाह अब्दाली के विशाल साम्राज्य का दायरा पश्चिम में ईरान से लेकर पूरब में हिंदुस्तान के सरहिंद तक था। उसकी बादशाहत उत्तर में मध्य एशिया के अमू दरिया के किनारे से लेकर दक्षिण में हिंद महासागर के तट तक फैली हुई थी। उसने भारत पर सन् 1748 तथा 1767 ई. के बीच सात बार चढ़ाई की।
Question 14 of 30
14. Question
1 points
नादिरशाह का आक्रमण किस मुगल सम्राट के काल में हुआ
Correct
व्याख्या-
भारत पर नादिरशाह का आक्रमण फ़रवरी, 1739 को हुआ था
नादिरशाह (ईरान का नेपोलियन) फारस का शासक था।
मुग़ल सेना के साथ हुए नादिरशाह के युद्ध को ‘करनाल के युद्ध’ के नाम से जाना जाता है।
करनाल के युद्ध में मुहम्मद शाह को पराजित किया।
नादिरशाह ने 1739 ई0 में भारत पर आक्रमण किया तथा
नादिर शाह ने दिल्ली से तख्त-ए-ताउस, कोहिनूर हीरा तथा अपार धन-संपदा ले गया।
Incorrect
व्याख्या-
भारत पर नादिरशाह का आक्रमण फ़रवरी, 1739 को हुआ था
नादिरशाह (ईरान का नेपोलियन) फारस का शासक था।
मुग़ल सेना के साथ हुए नादिरशाह के युद्ध को ‘करनाल के युद्ध’ के नाम से जाना जाता है।
करनाल के युद्ध में मुहम्मद शाह को पराजित किया।
नादिरशाह ने 1739 ई0 में भारत पर आक्रमण किया तथा
नादिर शाह ने दिल्ली से तख्त-ए-ताउस, कोहिनूर हीरा तथा अपार धन-संपदा ले गया।
Unattempted
व्याख्या-
भारत पर नादिरशाह का आक्रमण फ़रवरी, 1739 को हुआ था
नादिरशाह (ईरान का नेपोलियन) फारस का शासक था।
मुग़ल सेना के साथ हुए नादिरशाह के युद्ध को ‘करनाल के युद्ध’ के नाम से जाना जाता है।
करनाल के युद्ध में मुहम्मद शाह को पराजित किया।
नादिरशाह ने 1739 ई0 में भारत पर आक्रमण किया तथा
नादिर शाह ने दिल्ली से तख्त-ए-ताउस, कोहिनूर हीरा तथा अपार धन-संपदा ले गया।
Question 15 of 30
15. Question
1 points
नादिरशाह का भारत पर आक्रमण किस वर्ष हुआ
Correct
व्याख्या-
भारत पर नादिरशाह का आक्रमण 16 फ़रवरी, 1739 को हुआ था
नादिरशाह (ईरान का नेपोलियन) फारस का शासक था।
मुग़ल सेना के साथ हुए नादिरशाह के युद्ध को ‘करनाल के युद्ध’ के नाम से जाना जाता है।
करनाल के युद्ध में मुहम्मद शाह को पराजित किया।
नादिरशाह ने 1739 ई0 में भारत पर आक्रमण किया तथा
नादिर शाह ने दिल्ली से तख्त-ए-ताउस, कोहिनूर हीरा तथा अपार धन-संपदा ले गया।
Incorrect
व्याख्या-
भारत पर नादिरशाह का आक्रमण 16 फ़रवरी, 1739 को हुआ था
नादिरशाह (ईरान का नेपोलियन) फारस का शासक था।
मुग़ल सेना के साथ हुए नादिरशाह के युद्ध को ‘करनाल के युद्ध’ के नाम से जाना जाता है।
करनाल के युद्ध में मुहम्मद शाह को पराजित किया।
नादिरशाह ने 1739 ई0 में भारत पर आक्रमण किया तथा
नादिर शाह ने दिल्ली से तख्त-ए-ताउस, कोहिनूर हीरा तथा अपार धन-संपदा ले गया।
Unattempted
व्याख्या-
भारत पर नादिरशाह का आक्रमण 16 फ़रवरी, 1739 को हुआ था
नादिरशाह (ईरान का नेपोलियन) फारस का शासक था।
मुग़ल सेना के साथ हुए नादिरशाह के युद्ध को ‘करनाल के युद्ध’ के नाम से जाना जाता है।
करनाल के युद्ध में मुहम्मद शाह को पराजित किया।
नादिरशाह ने 1739 ई0 में भारत पर आक्रमण किया तथा
नादिर शाह ने दिल्ली से तख्त-ए-ताउस, कोहिनूर हीरा तथा अपार धन-संपदा ले गया।
Question 16 of 30
16. Question
1 points
तख्ते-ताउस को किसने छिना
Correct
व्याख्या-
भारत पर नादिरशाह का आक्रमण फ़रवरी, 1739 को हुआ था
नादिरशाह के आक्रमण के समय मुगल शासक मुहम्मद शाह था।
नादिरशाह (ईरान का नेपोलियन) फारस का शासक था।
मुग़ल सेना के साथ हुए नादिरशाह के युद्ध को ‘करनाल के युद्ध’ के नाम से जाना जाता है।
करनाल के युद्ध में मुहम्मद शाह को पराजित किया।
नादिरशाह ने 1739 ई0 में भारत पर आक्रमण किया तथा
नादिर शाह ने दिल्ली से तख्त-ए-ताउस(शाहजहाँ द्वारा निर्मित), कोहिनूर हीरा तथा अपार धन-संपदा ले गया।
Incorrect
व्याख्या-
भारत पर नादिरशाह का आक्रमण फ़रवरी, 1739 को हुआ था
नादिरशाह के आक्रमण के समय मुगल शासक मुहम्मद शाह था।
नादिरशाह (ईरान का नेपोलियन) फारस का शासक था।
मुग़ल सेना के साथ हुए नादिरशाह के युद्ध को ‘करनाल के युद्ध’ के नाम से जाना जाता है।
करनाल के युद्ध में मुहम्मद शाह को पराजित किया।
नादिरशाह ने 1739 ई0 में भारत पर आक्रमण किया तथा
नादिर शाह ने दिल्ली से तख्त-ए-ताउस(शाहजहाँ द्वारा निर्मित), कोहिनूर हीरा तथा अपार धन-संपदा ले गया।
Unattempted
व्याख्या-
भारत पर नादिरशाह का आक्रमण फ़रवरी, 1739 को हुआ था
नादिरशाह के आक्रमण के समय मुगल शासक मुहम्मद शाह था।
नादिरशाह (ईरान का नेपोलियन) फारस का शासक था।
मुग़ल सेना के साथ हुए नादिरशाह के युद्ध को ‘करनाल के युद्ध’ के नाम से जाना जाता है।
करनाल के युद्ध में मुहम्मद शाह को पराजित किया।
नादिरशाह ने 1739 ई0 में भारत पर आक्रमण किया तथा
नादिर शाह ने दिल्ली से तख्त-ए-ताउस(शाहजहाँ द्वारा निर्मित), कोहिनूर हीरा तथा अपार धन-संपदा ले गया।
Question 17 of 30
17. Question
1 points
निम्न में से कौन गलत है
Correct
फर्रुखशियर का शाही फरमान –
फर्रुखशियर के 1717 के फरमान द्वारा अंग्रेजों को कहीं भी रहने की आज्ञा दी गई, जहाँ वे रहना चुने ।
फर्रुखशियर के फरमान 1717 द्वारा ईस्ट इंडिया कंपनी को 3000 रुपये के बदले बंगाल में शुल्क के बिना व्यापार करने की अनुमति प्रदान की गयी
फर्रुखशियर के 1717 के फरमान द्वारा अंग्रेजों को कलकत्ता के आस-पास अतिरिक्त जमीन प्राप्त करने की आज्ञा दी गई
कम्पनी को हैदराबाद में भी व्यापार का अधिकार मिल गया।
कम्पनी को कहीं भी रहने की छूट तथा 10 हजार रुपये के बदले सूरत में नि:शुल्क व्यापार करने का अधिकार भी मिल गया।
कम्पनी द्वारा बम्बई टकसाल में ढाले गये सिक्कों को मुगल साम्राज्य में मान्यता मिल गयी।
फर्रुखशियर के 1717 के फरमान द्वारा अंग्रेजों को अपनी फैक्टरियों में किले बन्दी करने की आज्ञा नहीं दी गई
Incorrect
फर्रुखशियर का शाही फरमान –
फर्रुखशियर के 1717 के फरमान द्वारा अंग्रेजों को कहीं भी रहने की आज्ञा दी गई, जहाँ वे रहना चुने ।
फर्रुखशियर के फरमान 1717 द्वारा ईस्ट इंडिया कंपनी को 3000 रुपये के बदले बंगाल में शुल्क के बिना व्यापार करने की अनुमति प्रदान की गयी
फर्रुखशियर के 1717 के फरमान द्वारा अंग्रेजों को कलकत्ता के आस-पास अतिरिक्त जमीन प्राप्त करने की आज्ञा दी गई
कम्पनी को हैदराबाद में भी व्यापार का अधिकार मिल गया।
कम्पनी को कहीं भी रहने की छूट तथा 10 हजार रुपये के बदले सूरत में नि:शुल्क व्यापार करने का अधिकार भी मिल गया।
कम्पनी द्वारा बम्बई टकसाल में ढाले गये सिक्कों को मुगल साम्राज्य में मान्यता मिल गयी।
फर्रुखशियर के 1717 के फरमान द्वारा अंग्रेजों को अपनी फैक्टरियों में किले बन्दी करने की आज्ञा नहीं दी गई
Unattempted
फर्रुखशियर का शाही फरमान –
फर्रुखशियर के 1717 के फरमान द्वारा अंग्रेजों को कहीं भी रहने की आज्ञा दी गई, जहाँ वे रहना चुने ।
फर्रुखशियर के फरमान 1717 द्वारा ईस्ट इंडिया कंपनी को 3000 रुपये के बदले बंगाल में शुल्क के बिना व्यापार करने की अनुमति प्रदान की गयी
फर्रुखशियर के 1717 के फरमान द्वारा अंग्रेजों को कलकत्ता के आस-पास अतिरिक्त जमीन प्राप्त करने की आज्ञा दी गई
कम्पनी को हैदराबाद में भी व्यापार का अधिकार मिल गया।
कम्पनी को कहीं भी रहने की छूट तथा 10 हजार रुपये के बदले सूरत में नि:शुल्क व्यापार करने का अधिकार भी मिल गया।
कम्पनी द्वारा बम्बई टकसाल में ढाले गये सिक्कों को मुगल साम्राज्य में मान्यता मिल गयी।
फर्रुखशियर के 1717 के फरमान द्वारा अंग्रेजों को अपनी फैक्टरियों में किले बन्दी करने की आज्ञा नहीं दी गई
Question 18 of 30
18. Question
1 points
रोशन अख्तर किसका दूसरा नाम था?
Correct
व्याख्या-
रोशन अख्तर दिसम्बर, 1719 ई को मुहम्मद शाह(1719-48 ई०) के नाम से सिंहासन पर बैठा हुआ।
मुहम्मद शाह अत्यधिक विलासितापूर्ण जीवन व्यतीत करने के कारण इसे ‘रंगीला’ की उपाधि मिली थी।
मुहम्मद शाह के समय फारस के शासक नादिरशाह ने 1739 ई0 ने दिल्ली पर आक्रमण किया था।
मुहम्मद शाह के समय अवध और हैदराबाद स्वतंत्र राज्य की स्थापना हुई।
मुहम्मद शाह ने सैय्यद बन्धुओं का अन्त अंत करवा दिया
Incorrect
व्याख्या-
रोशन अख्तर दिसम्बर, 1719 ई को मुहम्मद शाह(1719-48 ई०) के नाम से सिंहासन पर बैठा हुआ।
मुहम्मद शाह अत्यधिक विलासितापूर्ण जीवन व्यतीत करने के कारण इसे ‘रंगीला’ की उपाधि मिली थी।
मुहम्मद शाह के समय फारस के शासक नादिरशाह ने 1739 ई0 ने दिल्ली पर आक्रमण किया था।
मुहम्मद शाह के समय अवध और हैदराबाद स्वतंत्र राज्य की स्थापना हुई।
मुहम्मद शाह ने सैय्यद बन्धुओं का अन्त अंत करवा दिया
Unattempted
व्याख्या-
रोशन अख्तर दिसम्बर, 1719 ई को मुहम्मद शाह(1719-48 ई०) के नाम से सिंहासन पर बैठा हुआ।
मुहम्मद शाह अत्यधिक विलासितापूर्ण जीवन व्यतीत करने के कारण इसे ‘रंगीला’ की उपाधि मिली थी।
मुहम्मद शाह के समय फारस के शासक नादिरशाह ने 1739 ई0 ने दिल्ली पर आक्रमण किया था।
मुहम्मद शाह के समय अवध और हैदराबाद स्वतंत्र राज्य की स्थापना हुई।
मुहम्मद शाह ने सैय्यद बन्धुओं का अन्त अंत करवा दिया
Question 19 of 30
19. Question
1 points
अफजल खाँ का मूल नाम क्या था?
Correct
व्याख्या-
अफजल खाँ का मूल नाम हब्दुल्ला भतारीया था
Incorrect
व्याख्या-
अफजल खाँ का मूल नाम हब्दुल्ला भतारीया था
Unattempted
व्याख्या-
अफजल खाँ का मूल नाम हब्दुल्ला भतारीया था
Question 20 of 30
20. Question
1 points
बहादुरशाह जफर को विषय में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है?
Correct
व्याख्या-
बहादुरशाह जफर-
बहादुर शाह द्वितीय 1837 ई० में गददी पर बैठा।
वह बिना साम्राज्य के सम्राट था।
वह बिना युद्ध के अनुभव का योद्धा था।
सन 1857 की क्रान्ति के बाद इन्हें बन्दी बना लिया गया था
हसन अस्करी उसका आध्यात्मिक मार्गदर्शक था।
1862 ई० रंगून में इसकी मृत्यु हो गयी।
Incorrect
व्याख्या-
बहादुरशाह जफर-
बहादुर शाह द्वितीय 1837 ई० में गददी पर बैठा।
वह बिना साम्राज्य के सम्राट था।
वह बिना युद्ध के अनुभव का योद्धा था।
सन 1857 की क्रान्ति के बाद इन्हें बन्दी बना लिया गया था
हसन अस्करी उसका आध्यात्मिक मार्गदर्शक था।
1862 ई० रंगून में इसकी मृत्यु हो गयी।
Unattempted
व्याख्या-
बहादुरशाह जफर-
बहादुर शाह द्वितीय 1837 ई० में गददी पर बैठा।
वह बिना साम्राज्य के सम्राट था।
वह बिना युद्ध के अनुभव का योद्धा था।
सन 1857 की क्रान्ति के बाद इन्हें बन्दी बना लिया गया था
हसन अस्करी उसका आध्यात्मिक मार्गदर्शक था।
1862 ई० रंगून में इसकी मृत्यु हो गयी।
Question 21 of 30
21. Question
1 points
निम्नलिखित में से किस मुगल बादशाह ने राजा राम मोहन राय को अपने दूत के रूप में लन्दन भेजा था?
Correct
व्याख्या –
अकबर द्वितीय (1806-37 ई.)-
पूरा नाम – अबु नासिर मुईन उद-दिन मुहम्मद अकबर शाह द्वितीय
जन्म -22 अप्रॅल, 1760 (मुकुंदपुर)
शासनकाल – 1806-1837
मृत्यु – 28 सितम्बर, 1837 (दिल्ली)
अकबर द्वितीय को भी अकबर शाह द्वितीय के रूप में जाना जाता है, भारत के अंतिम द्वितीय मुगल सम्राट थे। वह शाह आलम द्वितीय के दूसरे पुत्र और बहादुर शाह ज़फ़र के पिता थे।
अकबर द्वितीय को ही अकबर शाह द्वितीय के नाम से जाना जाता हैं। जब उनके पिता शाह आलम द्वितीय दिल्ली से भाग गए थे और पूरे भारत में थे और वापस सम्राट बनने का सपना देख रहे थे।
1781 में होने वाले वारिस का दर्जा प्राप्त हुआ। और अकबर द्वितीय को मुगल सम्राट का वारिस घोषित किया गया।
1830 में राजाराम मोहन राय समकालीन मुगल “बादशाह अकबर द्वितीय के राजदूत के रूप में ब्रिटिश सम्राट विलियम चतुर्थ के दरबार में इंग्लैण्ड गये।
Incorrect
व्याख्या –
अकबर द्वितीय (1806-37 ई.)-
पूरा नाम – अबु नासिर मुईन उद-दिन मुहम्मद अकबर शाह द्वितीय
जन्म -22 अप्रॅल, 1760 (मुकुंदपुर)
शासनकाल – 1806-1837
मृत्यु – 28 सितम्बर, 1837 (दिल्ली)
अकबर द्वितीय को भी अकबर शाह द्वितीय के रूप में जाना जाता है, भारत के अंतिम द्वितीय मुगल सम्राट थे। वह शाह आलम द्वितीय के दूसरे पुत्र और बहादुर शाह ज़फ़र के पिता थे।
अकबर द्वितीय को ही अकबर शाह द्वितीय के नाम से जाना जाता हैं। जब उनके पिता शाह आलम द्वितीय दिल्ली से भाग गए थे और पूरे भारत में थे और वापस सम्राट बनने का सपना देख रहे थे।
1781 में होने वाले वारिस का दर्जा प्राप्त हुआ। और अकबर द्वितीय को मुगल सम्राट का वारिस घोषित किया गया।
1830 में राजाराम मोहन राय समकालीन मुगल “बादशाह अकबर द्वितीय के राजदूत के रूप में ब्रिटिश सम्राट विलियम चतुर्थ के दरबार में इंग्लैण्ड गये।
Unattempted
व्याख्या –
अकबर द्वितीय (1806-37 ई.)-
पूरा नाम – अबु नासिर मुईन उद-दिन मुहम्मद अकबर शाह द्वितीय
जन्म -22 अप्रॅल, 1760 (मुकुंदपुर)
शासनकाल – 1806-1837
मृत्यु – 28 सितम्बर, 1837 (दिल्ली)
अकबर द्वितीय को भी अकबर शाह द्वितीय के रूप में जाना जाता है, भारत के अंतिम द्वितीय मुगल सम्राट थे। वह शाह आलम द्वितीय के दूसरे पुत्र और बहादुर शाह ज़फ़र के पिता थे।
अकबर द्वितीय को ही अकबर शाह द्वितीय के नाम से जाना जाता हैं। जब उनके पिता शाह आलम द्वितीय दिल्ली से भाग गए थे और पूरे भारत में थे और वापस सम्राट बनने का सपना देख रहे थे।
1781 में होने वाले वारिस का दर्जा प्राप्त हुआ। और अकबर द्वितीय को मुगल सम्राट का वारिस घोषित किया गया।
1830 में राजाराम मोहन राय समकालीन मुगल “बादशाह अकबर द्वितीय के राजदूत के रूप में ब्रिटिश सम्राट विलियम चतुर्थ के दरबार में इंग्लैण्ड गये।
Question 22 of 30
22. Question
1 points
निम्नलिखित में से किस मुगल बादशाह ने ‘आलमगीर द्वितीय’ की उपाधि धारण की थी?
Correct
व्याख्या –
आलममीर द्वितीय (1754-59 ई.)-
पूरा नाम – अज़ीज़ उद-दीन आलमगीर द्वितीय
जन्म -6 जून, 1699 (मुल्तान)
शासनकाल – 1754 से 1759 ई.
मृत्यु -29 नवम्बर, 1759 (कोटला, फतेहशाह)
आलमगीर द्वितीय आठवें मुग़ल बादशाह जहाँदारशाह का पुत्र था।
अहमदशाह को गद्दी से उतार दिये जाने के बाद आलमगीर द्वितीय को मुग़ल वंश का उत्तराधिकारी घोषित किया गया था।
इसे प्रशासन का कोई अनुभव नहीं था। वह बड़ा कमज़ोर व्यक्ति था, और वह अपने वज़ीर ग़ाज़ीउद्दीन इमादुलमुल्क के हाथों की कठपुतली था। आलमगीर द्वितीय को ‘अजीजुद्दीन‘ के नाम से भी जाना जाता है।
वज़ीर ग़ाज़ीउद्दीन ने 1759 ई. में आलमगीर द्वितीय की हत्या करवा दी थी।
इसके समय की प्रमुख दो घटनाएं –
ब्लैक होल की घटना (20 जून, 1756 ई.)
प्लासी का युद्ध (23 जून, 1757 ई.)
Incorrect
व्याख्या –
आलममीर द्वितीय (1754-59 ई.)-
पूरा नाम – अज़ीज़ उद-दीन आलमगीर द्वितीय
जन्म -6 जून, 1699 (मुल्तान)
शासनकाल – 1754 से 1759 ई.
मृत्यु -29 नवम्बर, 1759 (कोटला, फतेहशाह)
आलमगीर द्वितीय आठवें मुग़ल बादशाह जहाँदारशाह का पुत्र था।
अहमदशाह को गद्दी से उतार दिये जाने के बाद आलमगीर द्वितीय को मुग़ल वंश का उत्तराधिकारी घोषित किया गया था।
इसे प्रशासन का कोई अनुभव नहीं था। वह बड़ा कमज़ोर व्यक्ति था, और वह अपने वज़ीर ग़ाज़ीउद्दीन इमादुलमुल्क के हाथों की कठपुतली था। आलमगीर द्वितीय को ‘अजीजुद्दीन‘ के नाम से भी जाना जाता है।
वज़ीर ग़ाज़ीउद्दीन ने 1759 ई. में आलमगीर द्वितीय की हत्या करवा दी थी।
इसके समय की प्रमुख दो घटनाएं –
ब्लैक होल की घटना (20 जून, 1756 ई.)
प्लासी का युद्ध (23 जून, 1757 ई.)
Unattempted
व्याख्या –
आलममीर द्वितीय (1754-59 ई.)-
पूरा नाम – अज़ीज़ उद-दीन आलमगीर द्वितीय
जन्म -6 जून, 1699 (मुल्तान)
शासनकाल – 1754 से 1759 ई.
मृत्यु -29 नवम्बर, 1759 (कोटला, फतेहशाह)
आलमगीर द्वितीय आठवें मुग़ल बादशाह जहाँदारशाह का पुत्र था।
अहमदशाह को गद्दी से उतार दिये जाने के बाद आलमगीर द्वितीय को मुग़ल वंश का उत्तराधिकारी घोषित किया गया था।
इसे प्रशासन का कोई अनुभव नहीं था। वह बड़ा कमज़ोर व्यक्ति था, और वह अपने वज़ीर ग़ाज़ीउद्दीन इमादुलमुल्क के हाथों की कठपुतली था। आलमगीर द्वितीय को ‘अजीजुद्दीन‘ के नाम से भी जाना जाता है।
वज़ीर ग़ाज़ीउद्दीन ने 1759 ई. में आलमगीर द्वितीय की हत्या करवा दी थी।
इसके समय की प्रमुख दो घटनाएं –
ब्लैक होल की घटना (20 जून, 1756 ई.)
प्लासी का युद्ध (23 जून, 1757 ई.)
Question 23 of 30
23. Question
1 points
निम्न में से किस शासक ने उर्दू को राजकीय संरक्षण प्रदान किया था?
Correct
व्याख्या –
मुहम्मद शाह (1719-48 ई.)-
जन्म – 7 अगस्त 1702
शासनकाल – 1719 से 1748
मृत्यु – 6 अप्रैल 1748
मुहम्मद शाह रंगीला के समय में उर्दू साहित्य का सर्वाधिक विकास हुआ।
उर्दू भाषा की शुरूआत दिल्ली सल्तनत में इल्तुतमिश के समय में हुई थी।
शाहजहाँ II या जहाँशाह का पुत्र रौशन अख्तर मुहम्मदशाह के नाम से 28 सितम्बर, 1719 ई. को गद्दी पर बैठा।
प्रशासन के प्रति लापरवाह तथा युवतियों का शौकीन होने के कारण इसे ‘रंगीला’ कहा गया।
तूरानी दल, जो सैयद बंधुओं के खिलाफ उठ खड़ा हुआ था, के नेता चिकिलिच खाँ को सैयद बंधुओं का पतन करने की खुशी में मुहम्मदशाह ने अपना प्रधानमंत्री (21 फरवरी 1722 ई. को) नियुक्त किया।
Incorrect
व्याख्या –
मुहम्मद शाह (1719-48 ई.)-
जन्म – 7 अगस्त 1702
शासनकाल – 1719 से 1748
मृत्यु – 6 अप्रैल 1748
मुहम्मद शाह रंगीला के समय में उर्दू साहित्य का सर्वाधिक विकास हुआ।
उर्दू भाषा की शुरूआत दिल्ली सल्तनत में इल्तुतमिश के समय में हुई थी।
शाहजहाँ II या जहाँशाह का पुत्र रौशन अख्तर मुहम्मदशाह के नाम से 28 सितम्बर, 1719 ई. को गद्दी पर बैठा।
प्रशासन के प्रति लापरवाह तथा युवतियों का शौकीन होने के कारण इसे ‘रंगीला’ कहा गया।
तूरानी दल, जो सैयद बंधुओं के खिलाफ उठ खड़ा हुआ था, के नेता चिकिलिच खाँ को सैयद बंधुओं का पतन करने की खुशी में मुहम्मदशाह ने अपना प्रधानमंत्री (21 फरवरी 1722 ई. को) नियुक्त किया।
Unattempted
व्याख्या –
मुहम्मद शाह (1719-48 ई.)-
जन्म – 7 अगस्त 1702
शासनकाल – 1719 से 1748
मृत्यु – 6 अप्रैल 1748
मुहम्मद शाह रंगीला के समय में उर्दू साहित्य का सर्वाधिक विकास हुआ।
उर्दू भाषा की शुरूआत दिल्ली सल्तनत में इल्तुतमिश के समय में हुई थी।
शाहजहाँ II या जहाँशाह का पुत्र रौशन अख्तर मुहम्मदशाह के नाम से 28 सितम्बर, 1719 ई. को गद्दी पर बैठा।
प्रशासन के प्रति लापरवाह तथा युवतियों का शौकीन होने के कारण इसे ‘रंगीला’ कहा गया।
तूरानी दल, जो सैयद बंधुओं के खिलाफ उठ खड़ा हुआ था, के नेता चिकिलिच खाँ को सैयद बंधुओं का पतन करने की खुशी में मुहम्मदशाह ने अपना प्रधानमंत्री (21 फरवरी 1722 ई. को) नियुक्त किया।
Question 24 of 30
24. Question
1 points
जहाँदार शाह राजसिंहासन पर बैठा मरणोपरान्त
Correct
व्याख्या-
जहांदार शाह (1712-13 ई.)-
जन्म- 9 मई, 1661
जन्म स्थान – दक्कन
राज्याभिषेक- 29 मार्च, 1712
शासनकाल – 1712 से 1713 ई. तक
मृत्यु- 12 फ़रवरी, 1713
स्थान – दिल्ली
जहांदार शाह बहादुर शाह प्रथम की म्रत्यु के बाद सिंहासन पर बैठा
जहांदार शाह के समय सारी शक्तियां उसके वजीर जुल्फिकार खां (ईरान का रहने वाला) के हाथों में थी।
जहांदार शाह लाल कुमारी नामक वेश्या पर आसक्त रहता था
जहांदार शाह को लम्पट मूर्ख भी कहा जाता है।
सैयद बंधु अब्दुल खां तथा हुसैन अली ने अजीम-उस-शान के पुत्र फर्रूखसियर के द्वारा 1713 ई. में जहांदार शाह की हत्या करवा दी।
फर्रुखशियर ने जहांदार शाह कि हत्या करवाकर मुग़ल सिहासन पर बैठा
बहादुर शाह प्रथम (1707-12 ई.)
जन्म – 4 अक्टूबर 1643 ई.
स्थान – बुरहानपुर, भारत
बहादुर शाह प्रथम – दिल्ली का सातवाँ मुग़ल बादशाह
शासनकाल – 1707-1712 ई.
मृत्यु – 26 फ़रवरी, 1712
‘शहज़ादा मुअज्ज़म’ कहलाने वाले बहादुरशाह, बादशाह औरंगज़ेब का दूसरा पुत्र था। अपने पिता के भाई और प्रतिद्वंद्वी शाहशुजा के साथ बड़े भाई के मिल जाने के बाद शहज़ादा मुअज्ज़म ही औरंगज़ेब के संभावी उत्तराधिकारी बना। बहादुर शाह प्रथम को ‘शाहआलम प्रथम‘ या ‘आलमशाह प्रथम‘ के नाम से भी जाना जाता है।
Incorrect
व्याख्या-
जहांदार शाह (1712-13 ई.)-
जन्म- 9 मई, 1661
जन्म स्थान – दक्कन
राज्याभिषेक- 29 मार्च, 1712
शासनकाल – 1712 से 1713 ई. तक
मृत्यु- 12 फ़रवरी, 1713
स्थान – दिल्ली
जहांदार शाह बहादुर शाह प्रथम की म्रत्यु के बाद सिंहासन पर बैठा
जहांदार शाह के समय सारी शक्तियां उसके वजीर जुल्फिकार खां (ईरान का रहने वाला) के हाथों में थी।
जहांदार शाह लाल कुमारी नामक वेश्या पर आसक्त रहता था
जहांदार शाह को लम्पट मूर्ख भी कहा जाता है।
सैयद बंधु अब्दुल खां तथा हुसैन अली ने अजीम-उस-शान के पुत्र फर्रूखसियर के द्वारा 1713 ई. में जहांदार शाह की हत्या करवा दी।
फर्रुखशियर ने जहांदार शाह कि हत्या करवाकर मुग़ल सिहासन पर बैठा
बहादुर शाह प्रथम (1707-12 ई.)
जन्म – 4 अक्टूबर 1643 ई.
स्थान – बुरहानपुर, भारत
बहादुर शाह प्रथम – दिल्ली का सातवाँ मुग़ल बादशाह
शासनकाल – 1707-1712 ई.
मृत्यु – 26 फ़रवरी, 1712
‘शहज़ादा मुअज्ज़म’ कहलाने वाले बहादुरशाह, बादशाह औरंगज़ेब का दूसरा पुत्र था। अपने पिता के भाई और प्रतिद्वंद्वी शाहशुजा के साथ बड़े भाई के मिल जाने के बाद शहज़ादा मुअज्ज़म ही औरंगज़ेब के संभावी उत्तराधिकारी बना। बहादुर शाह प्रथम को ‘शाहआलम प्रथम‘ या ‘आलमशाह प्रथम‘ के नाम से भी जाना जाता है।
Unattempted
व्याख्या-
जहांदार शाह (1712-13 ई.)-
जन्म- 9 मई, 1661
जन्म स्थान – दक्कन
राज्याभिषेक- 29 मार्च, 1712
शासनकाल – 1712 से 1713 ई. तक
मृत्यु- 12 फ़रवरी, 1713
स्थान – दिल्ली
जहांदार शाह बहादुर शाह प्रथम की म्रत्यु के बाद सिंहासन पर बैठा
जहांदार शाह के समय सारी शक्तियां उसके वजीर जुल्फिकार खां (ईरान का रहने वाला) के हाथों में थी।
जहांदार शाह लाल कुमारी नामक वेश्या पर आसक्त रहता था
जहांदार शाह को लम्पट मूर्ख भी कहा जाता है।
सैयद बंधु अब्दुल खां तथा हुसैन अली ने अजीम-उस-शान के पुत्र फर्रूखसियर के द्वारा 1713 ई. में जहांदार शाह की हत्या करवा दी।
फर्रुखशियर ने जहांदार शाह कि हत्या करवाकर मुग़ल सिहासन पर बैठा
बहादुर शाह प्रथम (1707-12 ई.)
जन्म – 4 अक्टूबर 1643 ई.
स्थान – बुरहानपुर, भारत
बहादुर शाह प्रथम – दिल्ली का सातवाँ मुग़ल बादशाह
शासनकाल – 1707-1712 ई.
मृत्यु – 26 फ़रवरी, 1712
‘शहज़ादा मुअज्ज़म’ कहलाने वाले बहादुरशाह, बादशाह औरंगज़ेब का दूसरा पुत्र था। अपने पिता के भाई और प्रतिद्वंद्वी शाहशुजा के साथ बड़े भाई के मिल जाने के बाद शहज़ादा मुअज्ज़म ही औरंगज़ेब के संभावी उत्तराधिकारी बना। बहादुर शाह प्रथम को ‘शाहआलम प्रथम‘ या ‘आलमशाह प्रथम‘ के नाम से भी जाना जाता है।
Question 25 of 30
25. Question
1 points
मुगल साम्राज्य के पतन के लिए ‘जागीर संकट’ के सिद्धान्त को प्रतिपादित करने वाले प्रथम इतिहासकार थे
Correct
व्याख्या-
सतीश चन्द्र के अनुसार –
औरंगजेब के शासन के अंतिम वर्षों में मुगल प्रशासन मनसबदार-जागीरदार व्यवस्था को बनाये रखने में असफल सिद्ध हुआ। जैसे ही यह व्यवस्था अव्यवस्थित होने लगी वैसे ही साम्राज्य का अंत सुनिश्चित हो गया।
सतीश चन्द्र की पुस्तक -पार्टीज एण्ड पॉलिटिक्स एट द मुगल कोर्ट
Incorrect
व्याख्या-
सतीश चन्द्र के अनुसार –
औरंगजेब के शासन के अंतिम वर्षों में मुगल प्रशासन मनसबदार-जागीरदार व्यवस्था को बनाये रखने में असफल सिद्ध हुआ। जैसे ही यह व्यवस्था अव्यवस्थित होने लगी वैसे ही साम्राज्य का अंत सुनिश्चित हो गया।
सतीश चन्द्र की पुस्तक -पार्टीज एण्ड पॉलिटिक्स एट द मुगल कोर्ट
Unattempted
व्याख्या-
सतीश चन्द्र के अनुसार –
औरंगजेब के शासन के अंतिम वर्षों में मुगल प्रशासन मनसबदार-जागीरदार व्यवस्था को बनाये रखने में असफल सिद्ध हुआ। जैसे ही यह व्यवस्था अव्यवस्थित होने लगी वैसे ही साम्राज्य का अंत सुनिश्चित हो गया।
सतीश चन्द्र की पुस्तक -पार्टीज एण्ड पॉलिटिक्स एट द मुगल कोर्ट
Question 26 of 30
26. Question
1 points
18वीं शताब्दी का वह कौन हिन्दू शासक था जिसने दो अश्वमेध यज्ञों का आयोजन किया था :
Correct
व्याख्या-
सवाई जयसिंह-
‘सवाई जयसिंह’ आमेर का कछवाहा नरेश तथा जयपुर नगर का संस्थापक था।
फर्रुखसियर द्वारा इसे ‘सवाई’ उपाधि प्रदान की गयी थी।
‘सवाई जयसिंह’ ने जयपुर सहित पाँच नगरों (मथुरा, बनारस, दिल्ली व उज्जैन ) में वेधशालाओं का निर्माण करवाया था।
सवाई जयसिंह’ ने दो अश्वमेघ यज्ञ भी करवाए
सवाई जयसिंह’ ने जयपुर में जयगढ़ नामक दुर्ग बनवाया
सवाई जयसिंह’ के दरबार में शास्त्री शिवानंद, रत्नाकर भट्ट आदि विद्वान रहते थे।
Incorrect
व्याख्या-
सवाई जयसिंह-
‘सवाई जयसिंह’ आमेर का कछवाहा नरेश तथा जयपुर नगर का संस्थापक था।
फर्रुखसियर द्वारा इसे ‘सवाई’ उपाधि प्रदान की गयी थी।
‘सवाई जयसिंह’ ने जयपुर सहित पाँच नगरों (मथुरा, बनारस, दिल्ली व उज्जैन ) में वेधशालाओं का निर्माण करवाया था।
सवाई जयसिंह’ ने दो अश्वमेघ यज्ञ भी करवाए
सवाई जयसिंह’ ने जयपुर में जयगढ़ नामक दुर्ग बनवाया
सवाई जयसिंह’ के दरबार में शास्त्री शिवानंद, रत्नाकर भट्ट आदि विद्वान रहते थे।
Unattempted
व्याख्या-
सवाई जयसिंह-
‘सवाई जयसिंह’ आमेर का कछवाहा नरेश तथा जयपुर नगर का संस्थापक था।
फर्रुखसियर द्वारा इसे ‘सवाई’ उपाधि प्रदान की गयी थी।
‘सवाई जयसिंह’ ने जयपुर सहित पाँच नगरों (मथुरा, बनारस, दिल्ली व उज्जैन ) में वेधशालाओं का निर्माण करवाया था।
सवाई जयसिंह’ ने दो अश्वमेघ यज्ञ भी करवाए
सवाई जयसिंह’ ने जयपुर में जयगढ़ नामक दुर्ग बनवाया
सवाई जयसिंह’ के दरबार में शास्त्री शिवानंद, रत्नाकर भट्ट आदि विद्वान रहते थे।
Question 27 of 30
27. Question
1 points
किसने 1771 ई0 में शाह आलम को इलाहाबाद छोड़कर अपनी पैतृक राजधानी दिल्ली से शासन करने में सहायता की
Correct
व्याख्या-
मराठा नेता महादजी सिंधिया ने 1771-72 ई0 में मुगल सम्राट शाह आलम को इलाहाबाद से दिल्ली लाकर पुनः दिल्ली तख्त पर बैठाया।
मुगल सम्राट शाह आलम ने मराठों की अधीनता स्वीकार कर ली।
शाह आलम इलाहाबाद में अंग्रेजों की कैद में रहा।
Incorrect
व्याख्या-
मराठा नेता महादजी सिंधिया ने 1771-72 ई0 में मुगल सम्राट शाह आलम को इलाहाबाद से दिल्ली लाकर पुनः दिल्ली तख्त पर बैठाया।
मुगल सम्राट शाह आलम ने मराठों की अधीनता स्वीकार कर ली।
शाह आलम इलाहाबाद में अंग्रेजों की कैद में रहा।
Unattempted
व्याख्या-
मराठा नेता महादजी सिंधिया ने 1771-72 ई0 में मुगल सम्राट शाह आलम को इलाहाबाद से दिल्ली लाकर पुनः दिल्ली तख्त पर बैठाया।
मुगल सम्राट शाह आलम ने मराठों की अधीनता स्वीकार कर ली।
शाह आलम इलाहाबाद में अंग्रेजों की कैद में रहा।
Question 28 of 30
28. Question
1 points
किस मराठा सरदार ने 1719 में मुगल बादशाह को अपदस्थ (Dethroning) करने में सैय्यद बंधुओं की सहायता की
Correct
व्याख्या-
बालाजी विश्वनाथ (1713-20 ई0) ने 1719 ई0 में मुगल बादशाह को अपदस्थ करने में सैयद बन्धुओं की सहायता की थी।
बालाजी विश्वनाथ को मराठा साम्राज्य का द्वितीय संस्थापक माना जाता है।
बालाजी विश्वनाथ को 1713 ई0 में शाहू ने पेशवा नियुक्त किया था।
बालाजी की मुख्य सफलता 1719 में मुगल बादशाह की ओर से सैयद हुसैन अली द्वारा मराठों से की गयी संधि थी।
1719 की संधि के अनुसार मुगल बादशाह ने शाहू को महाराष्ट्र तथा शाहू द्वारा विजित प्रदेशों का स्वामी मान लिया।
मराठों दक्षिण भारत के 6 सूबों से चौथ गया और सरदेशमुखी वसूल करने की अनुमति दे दी गयी।
रिचर्ड टेम्पल ने इस संधि को ‘मराठों का मैग्नाकार्टा’ कहा है।
1719 ई0 में बालाजी विश्वनाथ ने सैयद बन्धुओं की मदद कर बादशाह फर्रुखसियर को हटा कर रफीउदरजात को बादशाह बनाया
Incorrect
व्याख्या-
बालाजी विश्वनाथ (1713-20 ई0) ने 1719 ई0 में मुगल बादशाह को अपदस्थ करने में सैयद बन्धुओं की सहायता की थी।
बालाजी विश्वनाथ को मराठा साम्राज्य का द्वितीय संस्थापक माना जाता है।
बालाजी विश्वनाथ को 1713 ई0 में शाहू ने पेशवा नियुक्त किया था।
बालाजी की मुख्य सफलता 1719 में मुगल बादशाह की ओर से सैयद हुसैन अली द्वारा मराठों से की गयी संधि थी।
1719 की संधि के अनुसार मुगल बादशाह ने शाहू को महाराष्ट्र तथा शाहू द्वारा विजित प्रदेशों का स्वामी मान लिया।
मराठों दक्षिण भारत के 6 सूबों से चौथ गया और सरदेशमुखी वसूल करने की अनुमति दे दी गयी।
रिचर्ड टेम्पल ने इस संधि को ‘मराठों का मैग्नाकार्टा’ कहा है।
1719 ई0 में बालाजी विश्वनाथ ने सैयद बन्धुओं की मदद कर बादशाह फर्रुखसियर को हटा कर रफीउदरजात को बादशाह बनाया
Unattempted
व्याख्या-
बालाजी विश्वनाथ (1713-20 ई0) ने 1719 ई0 में मुगल बादशाह को अपदस्थ करने में सैयद बन्धुओं की सहायता की थी।
बालाजी विश्वनाथ को मराठा साम्राज्य का द्वितीय संस्थापक माना जाता है।
बालाजी विश्वनाथ को 1713 ई0 में शाहू ने पेशवा नियुक्त किया था।
बालाजी की मुख्य सफलता 1719 में मुगल बादशाह की ओर से सैयद हुसैन अली द्वारा मराठों से की गयी संधि थी।
1719 की संधि के अनुसार मुगल बादशाह ने शाहू को महाराष्ट्र तथा शाहू द्वारा विजित प्रदेशों का स्वामी मान लिया।
मराठों दक्षिण भारत के 6 सूबों से चौथ गया और सरदेशमुखी वसूल करने की अनुमति दे दी गयी।
रिचर्ड टेम्पल ने इस संधि को ‘मराठों का मैग्नाकार्टा’ कहा है।
1719 ई0 में बालाजी विश्वनाथ ने सैयद बन्धुओं की मदद कर बादशाह फर्रुखसियर को हटा कर रफीउदरजात को बादशाह बनाया
Question 29 of 30
29. Question
1 points
निम्नलिखित में से किस अवध के शासक को मुगल सम्राट का प्रथम वजीर नियुक्त किया गया
Correct
व्याख्या-
अवध के स्वतंत्र राज्य के संस्थापक सआदत खाँ की
सआदत खाँ की मृत्यु के बाद उसका भतीजा और दामाद सफदरजंग नबाब बना।
1748 ई0 में सफदरजंग को मुगल सम्राट अहमद शाह ने अपना वजीर नियुक्त किया तथा इलाहाबाद का प्रांत दे दिया।
अवध के शासक सफदरजंग मुगल सम्राट का प्रथम वजीर बना
Incorrect
व्याख्या-
अवध के स्वतंत्र राज्य के संस्थापक सआदत खाँ की
सआदत खाँ की मृत्यु के बाद उसका भतीजा और दामाद सफदरजंग नबाब बना।
1748 ई0 में सफदरजंग को मुगल सम्राट अहमद शाह ने अपना वजीर नियुक्त किया तथा इलाहाबाद का प्रांत दे दिया।
अवध के शासक सफदरजंग मुगल सम्राट का प्रथम वजीर बना
Unattempted
व्याख्या-
अवध के स्वतंत्र राज्य के संस्थापक सआदत खाँ की
सआदत खाँ की मृत्यु के बाद उसका भतीजा और दामाद सफदरजंग नबाब बना।
1748 ई0 में सफदरजंग को मुगल सम्राट अहमद शाह ने अपना वजीर नियुक्त किया तथा इलाहाबाद का प्रांत दे दिया।
अवध के शासक सफदरजंग मुगल सम्राट का प्रथम वजीर बना
Question 30 of 30
30. Question
1 points
अठारहवीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध में निम्न में किसका शासनकाल न्यूनतम रहा